सपना और एकता की बजा दी-1
Sapna Aur Ekta ki Baja Di-1
सबसे पहले मैं अन्तर्वासना डॉट कॉम का शुक्रिया अदा करता हूँ कि इस मंच ने मुझे मौका दिया अपनी कहानियों को आपके सामने लाने का!
मेरी पिछली कहानियाँ ‘रोज रोज सेक्स करते देखता हूँ’ और ‘एकता बजाज की बजा दी’, आपने पढ़ी, और ढेर सारी प्रतिक्रियाएँ मुझे मिली।
मैंने पूरी कोशिश की है कि सबको जवाब दे सकूँ, लेकिन हो सकता है, कुछ को मैं जवाब नहीं दे सका हूँ।
अब मैंने जैसा वादा किया था कि एकता और सपना दोनों की चुदाई की दास्तान आपके सामने लाऊँगा, तो मैं वो आपके सामने लेकर हाजिर हूँ।
मैंने सपना और एकता दोनों की चूत चोदा है, लेकिन उन दोनों को यह नहीं पता था कि मैं दोनों को चोदता हूँ।
मुझे दो दो चूतें मिल रही हैं, जब मौका मिला चूत सामने… सपना या एकता जहाँ भी मिलती, अगर कभी सीढ़ियों में मिलती या फिर गैलरी में मिलती मैं कभी उनके चूचियों को दबा देता, कभी चूत पर हाथ लगा देता।
एक दिन मैंने सपना को बोला- मुझे एकता की चूत लेनी है।
पहले तो वो मना करती रही, लेकिन मेरे बार बार बोलने पर वो बोली- इसमें मैं क्या कर सकती हूँ? खुद कोशिश करो… अगर वो तैयार हो तो मुझे कोई परेशानी नहीं है।
इस पर मैं बोला- मैं एकता को तुम्हारे सामने चोदूँगा।
सपना बोली- यह कैसे संभव है? एकता कभी तैयार नहीं होगी।
इस पर मैं बोला- यह तुम मेरे ऊपर छोड़ दो।
वो बोली- चलो ठीक है, जब तैयार होगी तो देखूँगी।
एक दिन एकता मेरे कमरे में कंप्यूटर पर बैठी थी, मैं उसके चूचियों को सहला रहा था, मैंने उससे बोला- यार, तेरी बहन बड़ी मस्त माल है, मजा आ जाये उसकी चूत मिल जाये तो!
तो वो बोली- मैं क्या करूँ, उससे पूछो।
मैंने उससे कहा- मुझे तेरी और सपना दोनों की चूत एक साथ मारनी है।
एकता बोली- यह नहीं हो सकता!
मैंने कहा- यह तुम मेरे ऊपर छोड़ दो।
इस तरह कुछ दिन निकल गए और सपना से बात करने का मौका नहीं मिला।
एक दिन जब मैं ऑफिस से वापिस आया तो एकता मेरे पास आई और कंप्यूटर पर कुछ करने लगी।
मैं सपना के कमरे में गया और उसे अपनी बाँहों में भर लिया, उसकी चूचियाँ दबाने लगा और उसके होंठ चूसने लगा।
मैंने उसे बोला- एकता तैयार हो गई है।
पहले तो उसे यकीन नहीं हुआ, लेकिन मैंने जब उसे बताया कि मैंने उसकी चूत मार ली है तो वो बोली- उसके सामने मुझे तो बहुत शर्म आएगी।
मैं सपना को अपने कमरे में ले गया, जहाँ एकता बैठी थी।
मैंने जाते ही एकता की चूचियों को हाथ लगा दिया, तो वो गुस्सा करने लगी और बोली- यह क्या बदतमीजी है।
मैं कुछ बोला नहीं और सपना की चूचियों को मसल दिया।
सपना भी गुस्सा हो गई।
फिर मैंने कहा- गुस्सा मत करो, तुम दोनों को एक दूसरी के बारे में यह नहीं पता कि मैं तुम दोनों को चोद चुका हूँ, इसलिए तुम दोनों गुस्सा कर रही हो।
यह सुन कर दोनों चुप हो गई।
मैंने फिर एकता को उठाया और एक हाथ एकता की कमर पर और दूसरा सपना की कमर पर रख दिया और बोला- देखो, मैं तुम दोनों के साथ अलग अलग चुदाई कर चुका हूँ और अब मेरा मन है कि दोनों के साथ एक साथ सेक्स करूँ।
दोनों कुछ नहीं बोली।
तो फिर मैं बोला- आज बुधवार है, शनिवार को मेरी छुट्टी होगी तो उस दिन हम मजे करेंगे।
इस तरह मैं इन्तजार करने लगा शनिवार का।
आखिर शनिवार आ गया और मैं इन्तजार करने लगा कि कब सपना का पति ऑफिस जाये।
दस बजे वो चला गया।
मैं थोड़ी देर के बाद सपना के कमरे में गया।
सपना और एकता दोनों बैठी थी।
मैंने पूछा- तैयार हो ना?
तो दोनों मुस्कुरा दी।
सपना नाइटी पहने थी और एकता सूट।
मैंने एकता को अपने गोद में बिठा लिया और उसकी चूचियों को दबाने लगा, वो थोड़ा शर्मा रही थी तो मैंने सपना को पास खींच लिया और उसकी चूचियाँ भी दबाने लगा।
धीरे धीरे वो आपस में खुल रही थी, सामान्य हो रही थी।
मैंने एकता की पजामी का नाड़ा खोल दिया, उसकी पैंटी में हाथ डाल दिया और उसकी चूत सहलाने लगा।
उसे भी मजा आ रहा था, वो गर्म भी हो गई थी।
अब मैंने उसकी ब्रा और पैंटी छोड़ कर सारे कपड़े उतार दिए।
अब एकता ब्रा और पैंटी में थी।
अब मैंने सपना को अपनी तरफ खींचा और उसकी नाईटी उतार दी।
अब दोनों बहनें ब्रा और पैंटी में थी।
मैंने एकता की ब्रा खोली और उसकी चूचियों को चूसने लगा और अपना लंड निकाल कर सपना को चूसने बोला।
सपना मेरा लंड चूस रही थी और मैं एकता की चूचियाँ चूस रहा था।
सपना मेरी गोद में सर रख कर मेरा लंड चूस रही थी और मेरा एक हाथ एकता की पीठ पर था और दूसरा सपना की चूत सहला रहा था।
अजीब सा रोमांच का अनुभव हो रहा था, एक बहन मेरा लंड चूस रही थी और दूसरे की चूचियाँ मेरे मुँह में थी।
अब मैंने दोनों की ब्रा और पैंटी उतार दी और दोनों को बेड पर लिटा दिया।
दोनों पैर मोड़ कर लेटी थी, क्या हसीन नजारा था, दो दो फ़ुद्दियाँ मेरे सामने थी, सपना के पास ओलिव आयल था, मैंने उसे निकाला और दोनों की चूत की मसाज की तैयारी में लग गया।
इससे आगे की कहानी मैं अगले भाग में आपको बताऊंगा। मुझे आपकी प्रतिक्रियाओं का इन्तजार रहेगा।
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