उन्मुक्त वासना की मस्ती- 10

(Nude Indian Family Sex Kahani)

न्यूड इंडियन फॅमिली सेक्स कहानी में एक नवविवाहिता लड़की की सास ने विवाह की वर्षगाँठ पर सामूहिक चुदाई उत्सव का आयोजन किया जिसमें दोनों पक्ष के सभी लोग थे.

कहानी में नवम् अंश
सौतेले बाप के बाद भाई से चुदी जवान लड़की
में अब तक आपने पढ़ा कि शालू अपने सौतेले बाप से चूत चुदवा के सोई.
उसकी नींद उसके सौतेले भाई संजू द्वारा उसकी वीर्य भरी चूत चाटने से खुली।

शालू संजू से इतनी जल्दी फिर से चुदाई की इच्छा होने के बारे में पूछती है तो वह कहता है कि मां को चोदने के बाद में, यदि छोटी बहन की चुदाई नहीं करो तो उसकी चूत का अपमान होता है।

अब आगे न्यूड इंडियन फॅमिली सेक्स कहानी:

यह सुनकर संजू उत्साह से भर गया और उसके धक्कों में शक्ति और जोश आ गया।
वह शालू की चूत को फिर से रगड़ने लगा।

बाप के अनुभवी लन्ड से चुदने के बाद चुदाई का पहला अनुभव देने वाले भाई के लन्ड से चुदने के रोमांच ने शालू की चुदाई का आनन्द बढ़ा दिया था।
उस पर भी यदि पास के कमरे में उसका पति उसकी मां चोद रहा हो तो उस सनसनी को केवल अनुभव ही किया जा सकता है।

शालू सोचने लगी कि यदि उसे ऐसा कामुक परिवार नहीं मिलता तो उसकी चूत में वासना की जो अखंड ज्वाला जल रही है उसका क्या होता?
उसे लगा कि सामान्यतः किसी भी परिवार में पति पत्नी के बीच में किसी नए साथी से चुदाई को लेकर एक दूसरे से छुपाने की प्रवृत्ति होती है।
जिसके कारण दोनों चोरी छुपे किसी तरह किसी नए साथी से चुदाई का मजा भले ही ले लें लेकिन दिमाग हमेशा तनाव ग्रस्त और मन हमेशा शंकाग्रस्त रहता है।

संजू के धक्के लगातार जारी थे.
कभी वह अपने हाथों से शालू की कमर को पकड़ता और कभी उसके स्तन सहलाता। कभी उसके मांसल चूतड़ की गोलाइयों का मजा लेता और कभी मार मार के उसके चूतड़ लाल कर देता।

शालू के मुंह से अब आनन्दोत्तेजना के फूल गालियों के रूप में झरने लगे।
वह कह रही थी- संजू, तू कितना बड़ा हरामी कुत्ता है. तूने पहले मेरी मां चोदी, फिर मेरी सासू मां चोदी, अब आज फिर से अपनी बहन चोद रहा है।
इस पर संजू बोला- मेरे बारे में कुछ बोलने के पहले तू अपनी तो देख, तेरे साइड में मेरा बाप मुझसे पहले तेरी चुदाई करके नंगा पड़ा है।

शालू बोली- साले, तुझे तो मालूम है कि मैं तो बिल्कुल भोली थी, मेरी वासना को जगा के मुझे लन्डखोर किसने बनाया?
तो संजू ने कहा- बहना, वह तो अच्छा हुआ जो तूने पहली बार मुझे अपनी चूत दी। मैं तेरी सील नहीं तोड़ता तो कोई पराया लन्ड यह करता. उस समय तू छोटी भी थी, ना समझ थी, पहली बार दूसरे का लन्ड लेने में ज्यादा रिस्क रहती।

शालू ने कहा- हां यार भाई, बात तो सही है. यूं भी उस दिन तूने मुझे इतना अधिक उत्तेजित कर दिया था कि मुझे अपनी सील तुड़वाने के लिए विवश होना पड़ा। अब जरा दम लगा के रगड़ दे मादरचोद! मेरी चूत झड़ने ही वाली है। संजू ने कहा- तो फिर ये ले!

और एक के बाद एक उसके लगातार रगड़ों ने शालू की चूत को तरंगित करना प्रारंभ कर दिया।
इधर चूत में स्पंदन हो रहा था.

तभी संजू के लन्ड ने भी वीर्य की पिचकारी से शालू की चूत की अग्नि पर छिड़काव शुरू कर दिया।

चरम सुख के आनन्द को भोगने के बाद शालू और संजू दोनों बिस्तर पर निढाल पड़े थे।

कुछ ही देर में दोनों को नींद ने अपनी आगोश में ले लिया।

बहुत देर की तृप्ति भरी गहरी नींद के बाद शेखर ने देखा कि उसका बेटा संजू और बेटी शालू, चुदाई कर के, पूर्णतः नग्न एक दूसरे से लिपटे हुए पड़े हैं।

उसे आश्चर्य हुआ कि इसी कमरे में बेटे और बेटी ने रास भी रचा लिया … आखिर उसकी नींद कैसे नहीं खुली?
शायद ऐसी नींद शालू की तृप्ति भरी चुदाई के कारण आई।

वह मुस्कुराता हुआ बाथरूम में चला गया।

घर वापस लौटते समय रवि ने जिज्ञासवश शालू से पूछा- पापा ने तेरी कितनी बार ली?
इस पर शालू ने कहा- पापा ने तो एक ही बार चोदा।

रवि ने कहा- बस एक बार?
शालू ने कहा- हां, दूसरी बार लन्ड खड़ा होने के लिए पापा को थोड़ा समय चाहिए था। इसलिए वे तो नहीं चोद पाये. लेकिन मम्मी के मजे लेने के बाद में भाई आ गया था, उस साले ने मेरी चूत के चीथड़े कर दिए।

रवि के मुंह से निकला- ओह भेनचोद, पहले मेरे साथ उसने अपनी मम्मी को दोनों तरफ से बजाया, उसके बाद तेरी चुदाई करने चला गया?
इस पर शालू ने कहा- तो क्या हो गया? जवान लन्ड है एक बार की चुदाई से उसे शांति कैसे मिलती? क्यों तूने मम्मी की एक ही बार चुदाई की थी क्या?
रवि ने जवाब दिया- हां यार, मम्मी ने हम दोनों के साथ थ्रीसम में इतनी घमासान चुदाई का मजा लिया था कि उनकी भी दूसरी बार चुदने की इच्छा नहीं थी।

शालू ने हंसते हुए कहा- फिर तो तेरे खड़े लन्ड पर धोखा हो गया?
रवि बोला- मेरी प्यारी न्यारी सासू मां, मेरे लन्ड को अतृप्त कैसे छोड़ सकती थी? इसलिए फिर उन्होंने मेरा लन्ड चूस चूस के, मुंह में स्खलन करवा के और मेरा वीर्यपान कर के मुझे तृप्त किया।

शालू ने कहा- वाह यार, बहुत रंग जमा रखा है तूने और तेरे लन्ड ने मेरी मम्मी पर?
रवि शालू के प्रशंसा भरे प्रश्न पर मुग्ध हो गया।
उसने कहा- तुझे मालूम है … सपना मम्मी कहती है कि उन्होने जितने भी लन्ड अब तक लिए हैं, उनमें मेरा लन्ड सबसे अधिक लंबा, मोटा और दमदार है।

शालू मुस्कुरा कर रह गई और सोचने लगी कि अरे बुद्धू कामुक औरतें किसी भी मर्द को खुश करने के लिए इस तरह के शब्दों का प्रयोग करती रहती हैं। जिससे कि मर्द खुश होकर अच्छे से औरत को चोद कर तृप्त करे और ऐसे ही शब्दों को बार-बार सुनने के लिए औरत को कीमती उपहार भी प्रदान करता रहे।

इसी तरह मौज मस्ती में समय व्यतीत हो रहा था।

अब शालू रवि के विवाह को 1 वर्ष पूरा होने वाला था।

सोनिया के मन में पहली वर्षगांठ पर कुछ विशेष उत्सव मनाने के लिए कई तरह के विचार आ रहे थे.
पर वह अंतिम निर्णय पर नहीं पहुंच पा रही थी।

उसने अपनी हॉट, कामुक बहू शालू से मंत्रणा की.
शालू तो खुद चाह रही थी कि उसकी पहली वर्षगांठ पर कुछ ऐसा आयोजन हो कि वह यादगार हो जाए।

अपने शरीर में सनसनी पसंद करने वाली दोनों सास-बहू ने गहन विचार विमर्श किया और एक रेव पार्टी के आयोजन का निश्चय किया।
जिसमें सबको अपनी दमित इच्छाओं को पूरी करने का अवसर उपलब्ध रहेगा।

सिगरेट, शराब और वासना तीनों तरह के नशे के साथ खुल के सामूहिक चुदाई की सम्भावना भी थी क्योंकि दोनों घरों के सारे मर्द अपने अपने लौड़ों को अपनी बीवी को छोड़ के किसी भी पराई औरत की चूत, गांड या मुंह में डालने को उधार बैठे रहते हैं।

संजू तो अभी कुंआरा … नहीं नहीं … गैर शादीशुदा है.
उसको तो किसी भी कामातुर औरत के तन में कहीं भी घुसने को मिले, उसको तो पानी निकालने से मतलब रहता है।

शेखर, सपना और संजू सोनिया के बुलावे पर उत्साह से भर गये।
उनको भी कुछ-कुछ तो अनुमान था कि पार्टी कैसे शुरू होगी और क्या रूप लेती हुई खत्म होगी।

शाम को सही समय पर शेखर, सपना और संजू तीनों एक साथ अपनी उन कीमती ड्रेसों में सजे हुए सोनिया के यहां पहुंचे जो बहुत जल्दी उतरने वाली थीं।

रवि, सुधीर, शालू भी सोनिया के साथ हॉल में मौजूद थे।

सोनिया ने एक सेक्सी नाइटी पहनी हुई थी।
वह एक ऐसी कामातुर अप्सरा लग रही थी जो अपने हावभाव से, हर मर्द को आमंत्रित कर रही थी कि जिसके लन्ड में दम हो उसे पकड़े और चोद डाले।

सभी मर्दों और औरतों ने गर्मजोशी से एक दूसरे को गले लगाया, चूमा, उसमें भी हर मर्द या हर औरत ने स्पर्श सुख लेने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

सब ने यह बता दिया कि उनके अंदर वासना का खूंखार जानवर अभी जिंदा है और दहाड़ रहा है।

एक हॉल में पार्टी की व्यवस्था की गई थी जिसमें सोफे लगे थे, डबल बेड बिछे हुए थे, नीचे शानदार गलीचा था।

एक बड़ी सेंटर टेबल पर 2 – 3 तरह के सिगरेट के पैकेट एवं विभिन्न ब्रांड की महंगी वाली शराब की बोतलें रखी हुई थीं।

तीन चार प्लेटों में भुने हुए काजू, मसालेदार काबुली चने एवं नमकीन, चखना के तौर पर रखा हुआ था।
एक बड़ी टेबल पर डिनर की भी व्यवस्था की हुई थी।

मिलने की औपचारिकता के बाद सब लोगों की आम राय थी कि अपनी कामुकता को भड़काने के लिए थोड़ी ड्रिंक कर ली जाए।

सोनिया ने एक कातिल मुस्कान के साथ कहा- यह कोई शरीफों की पार्टी नहीं है. ड्रिंक तब शुरू होगी जब सभी लोग अपनी कीमती ड्रेस उतार कर एक तरफ फेंक देंगे और शॉर्ट्स में बैठेंगे।

किसी को इस बात पर क्या आपत्ति हो सकती थी … सभी ने अपनी ड्रेसें उतार दीं।
तीनों औरतें ब्रा और पैंटी में थीं और चारों मर्द केवल अपने अंडरवियर में बैठे थे।

संजू ने शरारत से कहा- हम लोग तो केवल अंडरवियर में बैठे हैं लेकिन तुम तीनों ने ब्रा भी पहन रखी है, यह गलत बात है। इनको तो कम से कम उतारना ही पड़ेगा।

सोनिया ने कहा- बड़े मियां तो बड़े मियां, छोटे मियां सुभानल्लाह … साले तेरे खून में ज्यादा ही उबाल आ रहा दिखता है?

लेकिन ब्रा उतारने में दिक्कत किसी को नहीं थी, सोनिया की बात खत्म होते-होते तीनों ने अपनी अपनी ब्रा उतार कर एक तरफ उछाल दी थी।

तीनों गर्म औरतों ने साकी बनकर जाम तैयार किये.

सबने सेंटर टेबल के इर्द-गिर्द एक साथ बैठकर पहला पैग हाथ में ले के चीयर्स किया और अपने मन पसंद ब्रांड के छोटे छोटे घूंट भरने लगे।

रवि ने उठकर सबको उनकी मनपसंद सिगरेट दी, सबने सुलगा ली।
शराब की महक के साथ सिगरेट का धुंआ वातावरण को उत्तेजक बना रहा था।

पहला पैग खत्म होते ही सोनिया ने घोषणा करी कि दूसरा पैग सब को तब मिलेगा जब सब पूरी तरह नंगे हो जाएंगे।

चारों मर्दों ने अपने अपने अंडरवियर इतनी तेजी से उतारे थे कि जैसे कि उनमें करंट दौड़ रहा हो और सब अपने असली रूप में आ गए थे यानि कि पूरी तरह बेशर्म, शराब और वासना के नशे में डूबे, चुदाई के आनन्द को लालायित।

जब चारों मर्द अपनी अंडरवियर उतार रहे थे तो औरतों का ध्यान उनके लटके हुए लौड़ों की तरफ था कि देखें सुप्तावस्था में किसकी लूल्ली सबसे लंबी और मोटी दिखती है।
नि:संदेह रवि की लुल्ली सबसे बड़ी दिख रही थी।

सभी कामुक थे, सभी की वासना उफन रही थी, रिश्तों के पर्दे पहले ही तार तार हो चुके थे।

रेव पार्टी के लिए इकट्ठा होने के पूर्व ही सबको पता था कि पार्टी में कोई किसी का कुछ नहीं लगता।

जिनके पास लंड है, वे सब मर्द हैं और जिनकी जांघों के जोड़ पर चूत है, वे सारी औरतें हैं।
उनके बीच में यही एक आदिम संबंध रहने वाला था।

“अब चलो काम सखियो, उतारो फटाफट!” कहते हुए सबसे पहले सोनिया ने अपनी पैंटी उतारी।
बाकी दोनों औरतें भी अपनी पैंटी उतारने वाली थीं।

चारों मर्दों का ध्यान उनकी तरफ ऐसे था जैसे उनको आंखें मिली ही इसलिए हैं कि वे उनकी चूतें निहार सकें।

सपना और शालू की चूतें तो बिल्कुल सफाचट चिकनी थीं लेकिन सबका ध्यान आकृष्ट किया सोनिया ने … उसकी चूत पर न केवल झांटें थी बल्कि वे झांटें भी सुनहरी रंग में रंगी हुई थीं।

सबका ध्यान अपनी सुनहरी झांटों वाली चूत की ओर पाकर सोनिया भी खुश हो गई।
कौन सी ऐसी औरत होगी जो मर्दों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर के खुश नहीं होती होगी?
आखिर वे सब मर्दों के लिए ही तो सजती संवरती हैं।

सपना और शालू सभी मर्दों का ध्यान सोनिया की सुनहरी झांटों की ओर देखकर ईर्ष्या का अनुभव कर रही थीं।

और सपना से तो रहा नहीं गया, वह पूछ बैठी- यार सोनिया, जब औरत को किसी नये लन्ड से चुदवाने का अवसर मिलता है। या ऐसे किसी विशेष फंक्शन में जाना होता है तो वह चुदाई पूर्व की तैयारी में हमेशा झांटें साफ कर के, अपनी चूत चिकनी करके जाती हैं। जिससे उनकी चूत आकर्षक एवं छोटी लगे। तुम्हारे मन में आज की पार्टी के लिए यह सुनहरी झांटों वाला आइडिया आया कैसे?

सोनिया हंसती हुई बोली- बिल्कुल यही बात तो मेरे दिमाग में आई थी। मैंने विचार किया कि सारे मर्द लोग भी चिकनी चूत देखने के तो आदि हो चुके हैं तो आज के विशेष दिन क्यों न उन्हें यह सरप्राइज दिया जाए। इसलिए मैंने पिछले कुछ दिनों से अपनी झांटें बढ़ाना शुरू किया और अतिरिक्त आकर्षण के लिए उन्हें सुनहरी रंग में रंग लिया।

शालू बोली- वाह मम्मी वाह, आज तो तुमने मैदान मार लिया।

पहला पेग सबके गले से उतर चुका था, वे सब दूसरे पैग की बाट जोह रहे थे।
दूसरा पैग भी कुछ ही देर में उनके हाथ में आना था।

सैक्सी वातावरण सातों के नशे को बढ़ा रहा था।
सैक्सी, अश्लील चुटकुले, कामुक किस्से, चूत लन्ड की बातें, आनन्द की खेती के लिए ज़मीन तैयार कर रहे थे।

न्यूड इंडियन फॅमिली सेक्स के खेल में केवल मर्दों के लंड ही नहीं तन्ना रहे थे बल्कि औरतों की चूतों में भी सरसराहट होने लगी थी।

रवि ने अगला पैग गिलास के ऊपर लंड रखकर बनाया जिससे लंड शराब में भीग गया और उसने उठकर अपना लंड अपनी सासू मां यानि सपना के मुंह में दे दिया।

सबकी आंखेँ विस्मय से यह दृश्य देख रही थीं।
सब के दिमाग तेजी से दौड़ रहे थे कि कैसे आज के सामूहिक चोदन को यादगार बनाने में वे भी अपना योगदान दे सकें।

अब शालू ने पहल की उसने अपने ‘स्तन कमल’ शराब में भिगोए और अपने बाप शेखर तथा रवि के बाप सुधीर के मुंह में दे दिए.
फिर शराब का एक बड़ा घूंट भरा और बारी बारी से अपने स्तनों पर गिरा कर दोनों बापों की कामपिपासा को भड़काने लगी।

शालू द्वारा स्तनों के जरिए मदिरा पान कराने के दृश्य ने सब के तन बदन में उत्तेजना की एक लहर उत्पन्न कर दी।

मेरे प्रिय रसिक पाठको एवं एवं मेरी कामुक लेखनी के चहेतो, मुझे विश्वास है कि मेरी न्यूड इंडियन फॅमिली सेक्स कहानी आपकी अपेक्षाओं पर खरी उतर रही होगी.

कहानी के अगले भाग को पढ़ कर आप को मस्ती, सनसनी, आनन्द मिलना निश्चित है.
उसे भी पढ़ें और अपनी अनुभूति सुझाव सहित, मुझ तक प्रेषित करें।
मेरी आईडी है
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न्यूड इंडियन फॅमिली सेक्स कहानी का अगला भाग: उन्मुक्त वासना की मस्ती- 11

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