पापा के दोस्त के घर में चूत चुदाई का घमासान- 2
(Mom Hot Friend Sex Kahani)
मॉम हॉट फ्रेंड सेक्स कहानी में पढ़ें कि हम पापा के दोस्त के घर गए तो वहां सबने मिल कर कैसे फैमिली सेक्स का मजा लिया. मैंने पापा के दोस्त की बेटी और बीवी को चोदा.
हैलो फ्रेंड्स, मैं सन्नी आपको आपको अपने मम्मी पापा की ग्रुप सेक्स वाली चुदाई की कहानी सुना रहा था.
कहानी के पहले भाग
पापा के दोस्त की बीवी ने मेरे पापा का लंड लिया
में अब तक आपने पढ़ा था कि मेरे पापा के दोस्त इन्द्रेश और उनकी बीवी रूचिका आंटी, मेरे मम्मी पापा के साथ सेक्स कर रहे थे.
पापा ने आंटी को चोदना चालू कर दिया था और मम्मी ने इन्द्रेश अंकल का लंड सहलाना शुरू कर दिया था.
अब आगे मॉम हॉट फ्रेंड सेक्स कहानी:
मेरी मम्मी ने इन्द्रेश अंकल को सोफे पर बैठा कर उनको कंडोम पहनाया
और उनके लौड़े के ऊपर चढ़ कर घोड़े की सवारी की तरह उन्हें चोदने लगीं.
वो नज़ारा वाकयी देखने लायक था.
मम्मी की बड़ी बड़ी चूचियां उनके हर धक्के के साथ ज़ोर ज़ोर से हिल रही थीं.
मेरा लंड ये नजारा देख कर खड़ा हो गया और मुझे मुठ मारने का मन हो गया.
इन्द्रेश अंकल लगभग रोते हुए अपने लंड को मां बहन करवा रहे थे- आह सन्ध्या भाभी, प्लीज़ थोड़ा आहिस्ता करो … मेरा लौड़ा दु:ख रहा है.
उधर मम्मी पूरे मूड में थीं. वो आज अंकल के लंड को बख्शने के मूड में नहीं दिख रही थीं.
मम्मी ने गाली दी- चुप रह साले … तेरी भड़वी बीवी मेरे पति के बड़े लंड से मज़े से चुद रही है. तुझे तो शर्म आनी चाहिए मादरचोद.
यह कह कर मम्मी किसी चुदासी रांड की तरह अपनी गांड हिलाने की रफ़्तार बढ़ाने लगीं.
थोड़ी ही देर में इन्द्रेश अंकल ने अपना सारा माल मम्मी की चूत में छोड़ दिया.
लंड पर कंडोम लगा था तो उन्हें कोई डर नहीं था.
दूसरी तरफ रूचिका आंटी- प्रभात डार्लिंग, आज आप मेरी गांड भी मार दो प्लीज. मेरा गांडू पति कभी मेरी गांड नहीं मारता.
उन्होंने पापा का लंड अपनी चूत से बाहर निकाल दिया और खड़ी हो गईं.
वो नंगी ही जाकर थोड़ी वैसलीन और तेल ले आईं. उन्होंने अपने हाथ से ही तेल को पापा के लंड पर मला और वैसलीन को उंगली में भर कर अपनी गांड के छेद में लगा लिया.
रूचिका आंटी ने पापा को एक लिपकिस करते हुए कहा- मेरी गांड तैयार है मेरे जानू … बस जरा आहिस्ते से मेरी गांड में अपना लंड पेलना.
पापा ने रूचिका आंटी की गांड में थूक कर अपना लंड उनकी गांड के छेद पर लगा दिया.
अभी आंटी सम्भल पातीं कि पापा ने एक जबरदस्त धक्का लगा दिया.
रूचिका आंटी की गांड फट गई.
वो चीखती हुई कराहीं- आह मर गई भोसड़ी के … मैंने कहा था ना … धीरे से डालना … मादरचोद … मेरी फाड़ दी कमीने ने … आह थोड़ा प्यार से गांड चोद न!
पापा- आह साली भड़वी रंडी रूचिका, तेरी गांड तो बहुत टाइट है. लगता है तेरी गांड कोई नहीं मारता है. तुम्हारी कुंवारी जैसी गांड का तो आज मैं भोसड़ा बना दूँगा.
तभी मैंने ध्यान दिया कि उनके रूम की तरफ किसी की चलने की आवाज़ सुनाई पड़ने लगी.
मैं जल्दी से उतरा और अपने कंबल में आकर सोने का नाटक करने लगा.
दूसरी तरफ से आवाज़ आ रही थी.
कशिश दीदी, पापा और इन्द्रेश अंकल के रूम में चली आई थीं- अरे वाह, इधर तो गजब की चुदाई लीला चल रही है. मेरे बिना चोदा चोदी खेल रहे हो आप लोग!
वो मेरे पापा को एक फ्रेंच किस देती हुई बीच में आ गईं.
‘क्यों मम्मी, अंकल से अकेले मज़े ले रही हो?’
रूचिका आंटी हंसती हुई बोलीं- हां बेटा, तू भी आ जा … और रुखसार क्या कर रही है … उसे भी बुला ला.
कशिश- रुखसार भाभी तो अपनी चूत में उंगली कर रही हैं … आज भैया नहीं है ना!
रूचिका आंटी- अरे उसे ऐसा करने की क्या ज़रूरत है. चल जल्दी से जा और उसे भी बुला ला. आज घर में नए नए लंड आए हैं.
कशिश दीदी मेरी मम्मी के पास जाती हुई बोलीं- सन्ध्या आंटी, मेरे पापा पर थोड़ा रहम खाओ.
मम्मी- आ जा कशिश … आ जा बेटा, अपने पापा का लंड चूस ले.
कशिश दीदी इन्द्रेश अंकल का लंड अपने मुँह में लेकर ज़ोर ज़ोर से चूसने लगीं.
इन्द्रेश अंकल थोड़ा कसमसाते हुए- हाय बेटी आह छोड़ दे … ये क्या कर रही हो?
कशिश- रूको न पापा, आपका लंड टाइट हो गया है. मैं इसे ढीला करने के लिए आपकी बहू रुखसार को बुला कर लाती हूँ. आज आप उसको चोद डालना.
इन्द्रेश- चल हट साली.
फिर इन्द्रेश अंकल रूचिका आंटी के पास आ गए.
मेरे पापा आंटी की गांड मार रहे थे.
इन्द्रेश अंकल ने अपनी बीवी रूचिका आंटी को लिप किस करते हुए कहा- डार्लिंग, हमारी बेटी और बहू भी चुदने के लिए आ रही हैं … क्या करें? लंड तो कम पड़ जाएंगे.
रूचिका- बात तो सही है. प्रभात और सन्ध्या तुम बताओ क्या करें?
मम्मी- सन्नी दूसरे कमरे में सोया है. वो साला चुदाई के खेल में सब जानता है, लेकिन बेचारा आजकल इंटरव्यू के चक्कर में काफ़ी टेंशन में रहता है. तुम उसे बुला लो, शायद वो हमारी मदद कर दे.
रूचिका- हां मैं कोशिश करके देखती हूँ.
मम्मी पापा दोनों एक साथ बोले- हां ठीक है.
मेरे रूम का दरवाज़ा अन्दर से लॉक नहीं था. मैं जल्दी से कंबल के अन्दर घुसा और सोने का ढोंग करने लगा था.
रूम की लाइट ऑफ थी.
तभी मेरे रूम का दरवाजा खुला और रूचिका आंटी अन्दर आ गईं- सन्नी बेटा सो गए हो क्या?
मैंने जागने का नाटक करते हुए कहा- क्या हुआ आंटी?
रूचिका- बेटा मैंने एक बुरा सपना देखा और मेरी नींद खुल गई. फिर देखा कि तेरे इन्द्रेश अंकल ज़ोर ज़ोर से खर्राटे मार रहे हैं. मैं उनके साथ सो नहीं पा रही थी. फ़िर मैंने सोचा कि आज मैं तेरे साथ यहां पर सो जाती हूँ.
मैं- ठीक है आंटी.
मुझे थोड़ा अटपटा सा लग रहा था क्योंकि मैं कंबल के अन्दर सिर्फ़ अंडरवियर में था.
आंटी मेरे कंबल के अन्दर आ गईं और मेरे जिस्म से चिपक गईं.
रूचिका आंटी पूरी नंगी ही थीं.
मेरे शरीर में करेंट दौड़ गया.
वो मेरे लंड पर हाथ फेरने लगीं.
रूचिका आंटी- बेटा ये क्या है, मैं नंगी आई हूँ और तू अंडरवियर पहन कर सो रहा है.
ये कह कर वो मेरे अंडरवियर को निकालने की कोशिश करने लगीं.
मैंने भी मेरी गांड ऊंची उठा दी, जिससे उन्होंने मेरे अंडरवियर को निकाल कर फैंक दिया.
मैंने कहा- आंटी, आप ये क्या कर रही हैं?
रूचिका आंटी मुझे लिप किस करती हुई और मेरे लंड को पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से हिलाती हुई बोलीं- बेटा, मुझे तुम्हारा ये लंड बहुत पसंद है. आज मुझे इसे अपनी चूत में लेने का मन है.
ये कह कर वो मेरे ऊपर आ गईं और मेरे पूरे शरीर को चाटने लगीं.
मैं पूरा गर्म हो उठा.
रूचिका- सन्नी बेटा तुझे बुखार है क्या?
मैं- आंटी इतनी ओवेरक्टिंग भी मत करो. आपको सब कुछ पता है.
रूचिका- तो चलो हम लोगों के साथ चुदाई करो.
मैं कुछ सोच कर उनके साथ चला गया.
उधर मम्मी, पापा की गोद में बैठ कर चुद रही थीं.
रूचिका आंटी भी इन्द्रेश अंकल से जाकर लिपट गईं.
मैं- ये क्या है आंटी … मुझे यहां लाकर खुद अंकल से चिपक गईं?
कशिश- मैं और भाभी हैं न तेरे लौड़े के लिए सन्नी.
मैंने देखा कि बगल वाले रूम से कशिश दीदी और रुखसार भाभी मेरे पास आ गईं.
कशिश- सन्नी तुम लेट जाओ … मैं तुम्हारे लंड की सवारी करूंगी.
रुखसार- आह देख तो कशिश, कितना बड़ा लंड है इसका!
ये कह कर वो ज़ोर ज़ोर से मेरा लंड चूसने लगी.
मैं तो मानो सातवें आसमान पर था.
कशिश- भाभी, मैं पहले चुदवाऊंगी.
रुखसार- थोड़ा तो रहम कर कशिश … आज ही तो तू अपने पति से चुद कर आई है. मुझे देख, तेरे भैया तो कब के गए हुए हैं. मैं तेरी तरह रोज़ रोज़ थोड़ी चुदवा पाती हूँ.
ये कहकर रुखसार भाभी मेरे लंड के ऊपर चढ़ गईं.
उन्होंने अपना अनारकली सूट उतारा नहीं था.
भाभी ने अपनी सलवार और चड्डी थोड़ी नीचे खिसकाई और मेरे खड़े लंड के ऊपर अपनी चूत को लगा कर बैठ गईं.
लेकिन बाहर से उनके शरीर का एक भी अंग नहीं दिख रहा था.
शायद अपने ससुर जी और सासू मां के वहां पर होने की वजह से उन्होंने ये तरीका अपनाया था.
रुखसार भाभी की चूत काफ़ी टाइट थी. वो एक प्यासी और चुदासी बाघिन की तरह मेरी लंड की सवारी कर रही थीं.
मैं – भाभी मुझे आपकी चूची देखनी हैं.
रुखसार- छी: देवर जी, आपको शर्म नहीं आती.
मैं- ओहहो भाभी जान … शर्म की बात तो आप करो ही मत. आप अपनी सलवार हटा कर नीचे जो कारनामा कर रही हैं… वो क्या है?
कशिश- चलो भाभी अब ज्यादा नाटक नहीं करो. उसे आप अपनी बड़ी बड़ी चूचियों का दर्शन करवा ही दो.
रुखसार- मैं ये सवारी नहीं रोकने वाली … कशिश, तू ही मेरे कपड़े उतार दे.
कशिश दीदी ने रुखसार भाभी का कुर्ता उतारा और उनकी सिल्की ब्रा खोल कर दूर फैंक दी.
हैरानी की बात यह थी कि भाभी ब्रा वहां से सीधे इन्द्रेश अंकल के मुँह के ऊपर जा पड़ी.
रूचिका आंटी- ये लो जी अपनी बहू की ब्रा सूँघो.
इन्द्रेश अंकल रुखसार की ब्रा को सूंघते हुए मूड में आ गए और रूचिका आंटी की चूत में धक्कों की बारिश करने लगे.
रूचिका- आह मेरे दल्ले पति … भोसड़ी के अपनी बहू को चोदना है क्या?
इन्द्रेश अंकल- हां मेरी रंडी.
मैं रुखसार भाभी की स्पीड के साथ मैच नहीं कर पाया और झड़ गया.
फिर कशिश दीदी ने मेरा लंड चूस कर कुछ ही मिनट में खड़ा कर दिया.
कशिश- चल सन्नी, हम लोग खड़े खड़े चुदाई करते हैं.
उन्होंने सबको आवाज़ देते हुए कहा- देखो मम्मी पापा, सन्ध्या आंटी, प्रभात अंकल … अब सन्नी और मैं कैसे खड़े खड़े चोदने का खेल खेल रहे हैं.
मैं अपने खड़े लंड के साथ खड़ा था और कशिश दीदी मेरे सामने की तरफ खड़ी थीं.
उन्होंने मेरा लंड अपनी चूत में लिया. मेरे पीछे रुखसार भाभी आ गईं और मुझे पीछे से हग करके हल्का सा धक्का दे डाला. मेरा खड़ा लंड कशिश दीदी की चूत की गहराई में घुस गया.
कशिश दीदी चिल्लाती हुई- आअह मम्मी, मैं मर गई … साली हरामन रुखसार भाभी.
मैंने हल्के हल्के स्ट्रोक देने शुरू कर दिए.
सब लोग चिल्ला रहे थे- कम ऑन सन्नी … कम ऑन कशिश.
अब मैं और कशिश दीदी खड़े खड़े ही एक दूसरे को ज़ोर ज़ोर से चोदने लगे थे.
मैं कशिश दीदी की एक टांग उठा कर उनकी चूत का भोसड़ा बनाने पर तुला था.
कुछ 15 मिनट बाद:
मैं- दीदी … आह मेरा निकलने वाला है … आअहह.
कशिश- साले आह टपका दे मेरी चूत के अन्दर अपने मूसल का माल. आह मैं तो पहले ही झड़ चुकी हूँ.
मैंने 6-7 करारे शॉट मारे और अपने लंड का सारा माल कशिश दीदी की चूत के अन्दर छोड़ दिया.
उसके बाद मैंने रुखसार भाभी की गांड भी खड़े खड़े ही मारी.
फिर भी मैं प्यासा था.
दूसरी तरफ सब लोग थक कर सो रहे थे.
मैं रूचिका आंटी के पास आ गया और बोला- चलो ना आंटी मेरी रूम में … साथ में सोते हैं.
रूचिका आंटी मेरा इशारा समझ गईं.
हम दोनों दरवाज़ा अन्दर से बंद करके कंबल के अन्दर आ गए.
मैं मेरी प्यारी रूचिका आंटी की चूत को घंटे भर पेलता रहा.
मॉम हॉट फ्रेंड कसमसाती रहीं.
रूचिका आंटी रिक्वेस्ट करती हुई बोलीं- बेटा प्लीज मैं मर जाऊंगी … थोड़ा धीरे धीरे पेलो न. इतने तेज धक्के से मेरी चूत का मलीदा बन जाएगा.
मैं रात भर रूचिका आंटी को पेलता रहा और जब मेरा पूरा माल निकल गया.
मैंने अपना लंड रूचिका आंटी के चूत में अन्दर उसी तरह पेले हुए ही सो गया.
उसके अगले दिन रूचिका आंटी ठीक से चल नहीं पा रही थीं.
इसी तरह मेरा और मेरे परिवार का शिमला ट्रिप मज़े से कटा.
यह मॉम हॉट फ्रेंड सेक्स कहानी पढ़ते पढ़ते आप लोगों ने मुठ मार ली होगी और लड़कियों ने चूत में उंगली कर ली होगी.
तो मुझे मेरी इस चुदाई कहानी पर अपने विचार भेजने के लिए मेल करें.
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