मेरा गुप्त जीवन -76
(Mera Gupt Jeewan-76 Group Sex)
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ग्रुप सेक्स
कम्मो ने कहा- अब आप अपने साथी को अपने पास ला सकते हैं और आगे का कर्यक्रम शुरू कर सकते हैं, लेकिन याद रहे कोई भी ऐसी हरकत ना करें जो आपके पार्टनर को मंज़ूर न हो।
हिना धीरे धीरे चल कर मेरे पास आई, हम दोनों ने हाथ मिलाया, फिर हिना मेरे खड़े लंड को दखने लगी।
वो हैरान थी क्यूंकि किसी लड़के का लंड अभी भी पूरा खड़ा नहीं हुआ था।
राज का लंड काफी मोटा था लेकिन वो लम्बाई में छोटा था और उधर विनी का लंड लम्बा था लेकिन पतला लग रहा था।
क्यूंकि उर्मि के हिस्से में राज आया था सो वो उसके छोटे लंड को बड़ी मायूसी से देख रही थी और उसकी आँखें तो मेरे लम्बे और मोटे लंड की तरह ही थी।
मैंने हिना को अपने पास खींच लिया और उसके लबों पर एक सॉफ्ट चुम्बन जड़ दिया। उसने भी मेरे चुम्बन का जवाब अपनी बाहों को मेरे गले में डाल कर मुझको एक बड़ा ही गहरा चुम्बन दिया।
उसका हाथ अपने आप सरकता हुआ मेरे लौड़े पर चला गया और उसके साथ खेलने लगा।
बाकी जोड़े भी एक दूसरे को लेकर बिजी हो गए। विन्नी निशि को किस कर रहा था और राज उर्मि के मम्मे चूस रहा था लेकिन वो दोनों ही अपने खड़े लंडों को लेकर दोनों लड़कियों के ऊपर टूट पड़े।
मैं और हिना एक दूसरे को बहुत ही गहरी किसिंग में लग गये, वो मेरे लंड के साथ खेल रही थी और मैं उसकी चूत में ऊँगली डाल कर उसके भग को मसल रहा था।
फिर मैंने हिना को लिटा दिया और उसके मम्मों को चूसने लगा और मेरा एक हाथ उसके भग के को सहला रहा था।
हिना की चूत भी गीली हो चुकी थी लेकिन अभी इतनी नहीं थी कि लंड को डाला जाए।
मैं उसके मम्मों के काले चुचूकों को चूसने लगा और ऊँगली से उसकी भग को रगड़ने लगा। थोड़ी देर में ही हिना ने मेरे लौड़े को खींचना शुरू किया जिसका मतलब था कि वो चुदाई के लिए तैयार है।
मैंने उसकी गोल सिल्की टांगों में बैठ कर अपने खड़े लंड को उसकी चूत के ऊपर रख कर भग को ज़ोर ज़ोर से रगड़ना शुरू किया।
अब हिना रह नहीं पा रही थी और अपनी कमर को ऊपर उठा कर लंड को अंदर डालने की कोशिश कर रही थी।
जब मैंने देखा कि वो काफ़ी उतावली हो गई है तो मैंने लंड का सिर्फ मुंह उसकी चूत पर रखा और थोड़ा भाग ही अंदर डाला कि उसके चूतड़ ने नीचे से ज़ोर से धक्का मारा और पूरा लंड अंदर ले गई।
अब मैंने अपने हाथ उसकी कमर के नीचे रखे और उसके चूतड़ों को अपने हाथ में ले लिया और धीरे धीरे धक्के मारने शुरू किये, पूरा लंड निकाल कर फिर पूरा अंदर डालना यही क्रम मैंने अपना लिया।
हिना भी नीचे से पूरी कमर उठा कर मेरे लंड का स्वागत कर रही थी।
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दूसरी तरफ देखा कि विनी तेज़ धक्कों के आखरी पड़ाव पर पहुँच चुका था और राज उर्मि के अंदर झड़ चुका था और वो उर्मि की बगल में लेट कर हाम्फ़ रहा था।
उर्मि के हाव भाव से लग रहा था कि उसका कुछ भी नहीं हुआ और वो उठ कर बाथरूम में जा रही थी।
इधर मैंने हिना की चुदाई धीरे धीरे से थोड़ी तेज़ कर दी और ऐसा करते ही हिना ज़ोर से स्खलित हो गई और उसके मुख से हाय की जोर की आवाज़ निकली।
मैं भी रुक गया और जब वो थोड़ी सी संयत हुई तो उसको उठा कर मैंने अपने ऊपर बैठा लिया।
अब वो ऊपर से मुझको धक्के मारने लगी और मैं अपने हाथों से उसके मम्मों को सहलाने लगा, ख़ास तौर से उसके चुचूकों को ऊँगली से गोल गोल घुमाने लगा।
जल्दी ही हिना फिर से तैयार हो गई और ऊपर से बैठे ही मुझको ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगी। कोई 5 मिन्ट की ऐसी चुदाई के बाद वो फिर से काम्पने लगी और फिर झड़ गई और मेरे ऊपर पूरी तरह से लेट गई।
अब मैंने उसको उठाया और उसको दीवार के सहारे खड़ा करके पीछे से चोदने लगा।
वो भी बड़े आनन्द से इस पोज़ में मुझसे चुदती रही। केवल 5 मिन्ट में फिर मैंने महसूस किया कि उसकी चूत फिर बंद और खुल रही है और थोड़ी देर में उसका ढेर सारा पानी झड़ गया और वो थक कर वहीं बैठ गई।
कम्मो जल्दी से आई और मैंने और उसने मिल कर उसको गद्दे पर लिटा दिया।
दूसरी तरफ़ दोनों निशि और उर्मि खाली हाथ बैठी थी और दोनों लड़के आराम से गद्दों पर लेटे थे।
मुझको हिना से फारिग होते देख कर निशि उठ कर आई और मेरे लंड को चूसने लगी और उधर उर्मि विनी को जगाने की कोशिश करने लगी।
मैंने निशि की चूत को टटोला तो वो बहुत ही गीली हो रही थी, मैंने उससे पूछा- क्या इरादा है निशि? मुझसे करवाना है क्या?
वो बोली- हाँ सोमू प्लीज!
मैंने उसको कहा कि वो फ़ौरन घोड़ी बन जाए।
जैसे ही वो घोड़ी बनी, मैंने अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया और उसके छोटे लेकिन सॉलिड मम्मों के साथ खेलने लगा, अपनी पुरानी घुड़चाल शुरू कर दी यानि पूरा लंड निकाल कर फिर उसको पूरा डालना पहले धीरे धीरे, फिर जल्दी ही तेज़ी से घुड़ दौड़ शुरू कर दी, साथ ही उसके चूतड़ों पर हाथ की थपकी भी देने लगा।
चूतड़ों पर पड़ती थपकी को निशि ने बहुत ही पसंद किया और उसने अपने चूतड़ों को हिला हिला कर इस का अभिवादन किया।
अब मैंने उसको गर्म होते महसूस किया तो मैं पूरी ताकत से उसको पीछे से चोदने में लग गया, मेरी बेतहाशा स्पीड से वो घबरा गई और जल्दी ही छूट गई और छूटते ही चिल्ला पड़ी- मर गई रे!
कम्मो जल्दी से आई और उसको संभालने लगी.
मुझको खाली देख उर्मि दौड़ कर आ गई और बोली- सोमू प्लीज, मेरा भी काम कर दो, प्लीज सोमू!
मैं खड़ा हो गया और उसको चूतड़ों से उठा लिया और अपने खड़े लंड का निशिना लगा कर उसकी चूत में अपना मोटा लंड घुसेड़ दिया और फिर उसको हाथों में लेकर सारे कमरे का चक्कर लगाने लगा।
उर्मि मेरे लंड पर बैठी हुई अपने चूतड़ों को आगे पीछे करने लगी और जल्दी ही वो पूरी तरह से मुझको चोदने लगी।
मैं आराम से खड़ा था और वो मेरे लंड पर नाच रही थी। जल्दी ही उसका नाच इतना तेज़ हो गया कि मैं और कम्मो उसको संभाल नहीं पा रहे थे।
जल्दी ही वो मेरे गले में अपनी बाहें डाल कर मुझ से चिपक गई और सिर्फ अपने चूतड़ों को आगे पीछे नचा रही थी।
थोड़ी देर में उसका नाचना बंद हो गया और वो मेरे मुंह से अपना मुंह जोड़ कर मेरी छाती से चिपक गई और ज़ोर ज़ोर से कांपने लगी।
जब वो पूरी तरह से झड़ गई तो वो अपने आप से मेरे लंड के ऊपर से हट गई और उसके हटते ही मेरा लंड पॉप कर बाहर आ गया। लंड का रंग एकदम लाल हो गया था जैसे बहुत ही गुस्से में हो!
एक घंटे में 3 जवान लड़कियों को चोदने के बाद कोई भी आदमी या फिर लंड लाल सुर्ख हो ही जाता।
जब सबने थोड़ी देर आराम कर लिया तो कम्मो सबके लिए रूह अफजा का शरबत ले आई।
शरबत पीने के बाद तीनों लड़कियाँ मेरे चारों तरफ खड़ी हो गई और बिना कुछ कहे ही बहुत सी बातें अपनी आँखों से कह गई जिसमें मुख्य बात थी कि अब फिर कब? तब सिर्फ़ मेरे साथ!
मेरी भी आँखें जवाब दे रही थी- देखेंगे तब की तब, फिर आ जाना सब की सब!
कम्मो बोली- चलिए खेल खत्म करें या अभी कुछ मन में बाकी है?
हिना ने सब की तरफ देख कर कहा- बोलो क्या मर्ज़ी है आप सब की?
लड़के सब चुप थे लेकिन उर्मि और निशि की मर्ज़ी अभी बाकी खेल खलने की थी.
कम्मो ने कहा- लड़के तो खेल खत्म करना चाहते है सो अच्छा हो गा अगर यह आज का शो यहीं खत्म किया जाए. चलिए लड़कियां और लड़के अलग अलग बाथरूम में अपने कपडे पहन लें.
कम्मो लड़कों को साथ वाले कमरे के बाथरूम में ले गई और तीनों लड़कियाँ वहीं बाथरूम में कपड़े पहनने लगी।
कपड़े पहन कर हम सब फिर बैठक में इकट्ठे हुए।
हिना बोली- कहो, कैसा रहा यह ग्रुप सेक्स का एक नमूना। आशा है आप सब ने इस प्रोग्राम का आनन्द लिया होगा। आगे का प्रोग्राम रखा जाए या नहीं उसके बारे में बाद में सोचेंगे। अब लड़के अपने घर जा सकते हैं लेकिन यह याद रहे कि जो कसम हम सबने खाई है उसका पूरा निर्वाह होना चाहये।
मैं विनोद और राज को कोठी के बाहर तक छोड़ आया जहाँ से उन्होंने रिक्शा कर ली थी।
वापस आया तो लड़कियों में बहस चल रही थी, उन सब का कहना था कि सिवाए मेरे बाकी दोनों लड़के बिल्कुल नौसिखिया थे, उनको काम क्रिया का ज़्यादा अनुभव नहीं था।
कम्मो बोली- मेरा भी यही ख्याल है, उसका मुख्य कारण मैं यह समझ रही हूँ कि शायद यह उनका सेक्स का पहला ही मौका था।
हिना बोली- मैं नहीं समझती कि आगे का प्रोग्राम हम अभी बना सकते हैं क्यूंकि जब तक हमको अनुभवी लड़के और लड़कियां नहीं मिल जाते, आगे के प्रोग्राम के बारे में सोचना भी बेकार है। क्यों कम्मो दीदी?
कम्मो बोली- बिल्कुल ठीक कह रही हो हिना जी!
हिना बोली- लेकिन एक बात जो साफ़ हो गई है वो है कि अपना सोमू कमाल का लड़का है यार, तीन तीन को तीन बार चोद देना और फिर तीन बार हर एक का छूटा भी देना और फिर खुद ज़रा सा भी नहीं थकना… वाह वाह… यह सब किस से सीखा तुमने सोमू? सच सच बताना?
मैं थोड़ा शरमाया और फिर बोला- सच बताऊँ, मेरी सेक्स गुरु कम्मो रानी है, ये सब दांव पेच कम्मो जी ने सिखाये हैं।
तीनो लड़कियों ने खूब तालियाँ बजाई।
हिना बोली- मुझको भी पूरा सेक्स का ज्ञान नहीं है और इन दोनों को भी शायद बहुत कम ज्ञान होगा, क्यों?
उर्मि और निशि ने हाँ में सर हिला दिया।
हिना बोली- कम्मो दीदी, क्या आप हम लड़कियों को भी सेक्स के मामले में ट्रेनिंग दे सकती हो?
कम्मो ने मेरी तरफ देखा और कहा- अगर छोटे मालिक इजाज़त दें तो यह काम हो सकता है।
मैं बोला- हाँ हाँ, ज़रूर ट्रेनिंग दो इनको भी और जो दूसरी लड़कियाँ भी ट्रेनिंग लेना चाहें, उनको भी ट्रेनिंग दो, यह तो पुण्य का काम है।
कम्मो बोली- लेकिन छोटे मालिक इसमें प्रैक्टिकल कर के भी दिखाना पड़ सकता है तो ऐसा पुरुष कहाँ से लाएँगे जो प्रैक्टिकल कर के लड़कियों को समझा सके?
मैं चुप रहा लेकिन हिना बोली- क्यों, अपना सोमू प्रैक्टिकल करके दिखा सकता है अगर ज़रूरत पड़ेगी तो!
मैं चुप रहा और फिर थोड़ी देर सोचने के बाद बोला- खैर वो मदद तो मैं करने को तैयार हूँ, बाकी जो कम्मो कहेगी वो हम सबको करना पड़ेगा। इस काम के लिए कम्मो को भी तो कुछ फीस मिलनी चाहिए न, बेचारी कॅाफ़ी मेहनत करेगी।
हिना बोली- उसकी आप चिंता छोड़ दीजिये, वो मैं संभाल लूंगी। अगले हफ्ते हम फिर यहाँ ही मिलते हैं आगे का कार्यक्रम तय करने के लिए!
कहानी जारी रहेगी।
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