मतवाला देवर राजू और भाभी की चुदाई-6
(Matwala Devar Raju Aur Bhabhi Ki Chudai- part 6)
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काफी देर से चुदाई करते रहने के बाद हमने थोड़ा सा आराम करने के बाद दुबारा कमर कस ली.
इस बार राजू ने अपने लंड के ऊपर भाभी की गांड पहना दी और सोफे पर बैठ कर भाभी को अधलेटा कर उसकी गांड में अपना लंड पेलने लगा.
तोली भी सामने से आकर अपना लंड मेरी पत्नी की चूत से रगड़ने लगा तो मुझे चैन की साँस आई. मुझे आशंका हो रही थी कि राजू के लंड से ढीली सी चुदती हुई गांड में कहीं तोली अपना खूंटा ना गाड़ दे!
तोली ने अपना टोपा चूत में घुसा कर दो-चार धक्के लगाए, और सत्यानाश!!! उसने अपना लंड बाहर निकाल कर उसके टोपे से राजू के लंड की बगल में मेरी प्राणप्यारी पत्नी की गांड को टहोका, और दबाव डाल दिया!
नताशा का चेहरा तनावपूर्ण होकर सपाट हो गया और वो बिना हिले अनहोनी की आशंका में फ्रीज हो गई. राजू ने भी लंड चलाना बंद कर दिया और तोली रफ्ता-2 अपने लंड को कसी हुई गांड के अन्दर ले जाने लगा.
कुछ पलों बाद नताशा का चेहरा थोड़ा सा बदला, लेकिन तनाव अभी भी उसके चेहरे पर नजर आ रहा था. तोली हँसता हुआ मेरी वाइफ से मजाक करने लगा- सब ठीक हो जाएगा.. तुम्हारी गांड लाखों में एक है.. गजब की गर्मी है इसके अन्दर और अभी तो इतनी जगह बाकी है अन्दर कि तुम्हारा पति भी आराम से अन्दर घुस सकता है..
उसकी बातों में गजब का जादू था, नताशा के चेहरे की मुस्कान लौट आई.
भाभी के नीचे लेटे राजू ने भी अपने लंड को चलाना शुरू कर दिया और तोली भी हौले-2 लंड को गहरे उतारने लगा.
कुछ देर की गति के बाद असुविधाजनक स्थिति होने के कारण तोली का मुश्किल से मेरी पत्नी की गांड में फंसा लंड बाहर निकल गया, जिसे उसने दुबारा गांड से रगड़ कर अन्दर उतार दिया.
हालाँकि दोनों लड़कों के आधे-अधूरे लंड ही मेरी पतिव्रता पत्नी की गांड में घुस पा रहे थे, लेकिन उसके चेहरे के तनाव को देखकर ऐसा लग रहा था मानो लंड उसकी छाती तक वार कर रहे हों.
मैंने अपनी जानेमन की मदद के लिए तिगडी के नजदीक जाकर तेल के डिब्बे से थोड़ा तेल निकाल कर अनातोली के लंड, और नीचे राजू के लंड पर मल दिया, जिसका प्रभाव दो-चार धक्कों के बाद ही नजर आने लगा, अलग-2 दोनों लंड ज्यादा गहराई तक अन्दर घुसने लगे और नताली ने भी अपनी टांगें और चौड़ी कर दी.
कुछ देर की कशमकश के बाद अब दोनों लंड काफी हद तक गांड की चुदाई करने में कामयाब हो गए थे, अब तो दढ़ियल तोली अपने लंड को कुछ धक्कों के बाद बाहर निकाल कर नताशा की खुली चूत के होठों पर उसकी थपकियाँ देता था, और दोबारा राजू के लंड से बंद गांड को कुरेदकर अन्दर घुसेड़ देता था!
पूरी प्रक्रिया के दौरान नताशा के मुख से सिर्फ आनंदमयी सिसकारियाँ ही निक़ल रही थी.
‘अरे बहुत हुआ डबल एनल भाई लोगों.. अब जरा अपनी हमवतन की चूत भी तो मार लो अनातोली भाई!’ काफी देर तक द्विलंड गुदाचोदन कार्यक्रम चलते रहने के पश्चात् सोफे पर बैठे-2 ही मैंने रूसी दढ़ियल को रूसी भाषा में आदेश दिया.
मेरे कहते ही तोली मेरी पत्नी को सोफे पर मेरी बगल में ले आया और खुद सोफे पर कमर लगा कर बैठते हुए नताशा की चूत को अपने लंड पर पहना कर उसे अपनी छाती पर झुका लिया.
राजू ने आगे को झुकी हुई नताशा की उभरी हुई गांड में अपना लंड पेल दिया, और दोनों हथेलियाँ भाभी की कमर पर टिका कर उसे गपागप चोदने लगा.
दो-चार धक्के लगाने के बाद ही उसे अपने लंड के सूखेपन का अहसास हुआ, उसने लंड बाहर निकाल लिया, और तेल उठाने चल दिया. जब तक राजू ने अपने लंड को तारो-ताजा किया, तोली अकेला ही अपनी रूसी बहन की चूत बजाता रहा.
राजू का लंड तेल लगने के पश्चात् उसकी भाभी की गांड में सरपट भागने लगा. तोली का वीभत्स लंड नीचे से नताशा की चूत में घुसता हुआ उसकी पूरी बच्चेदानी को लपेटे में लिए आग उगल रहा था, तो भाभी के चूतड़ों के पीछे से राजू उसकी कमर पर जोर से अपनी हथेलियाँ टिकाए उसकी गांड को तोली के लंड से भरी चूत से मिलाने को तत्पर था.
चुदाई की गति और ताक़त अब काफी बढ़ चुकी थी, नताशा के मुंह से काफी तेज सिसकारियां निकल रही थी.
अब राजू ने भाभी की गांड से अपना लंड निकाल लिया और अपने लंड को हाथ से सहलाता हुआ सोफे पर बैठ कर तोली की चुदाई देखने लगा. राजू द्वारा खाली की गई गांड में देर से चूत मारते तोली ने अपना लंड ट्रान्सफर कर दिया और दुगने जोश के साथ लंड को मेरी पत्नी की गांड में काफी गहरे घुसाने लगा!
इतने हैवी लंड द्वारा अपनी गांड में गहरे धक्के लगने पर नताशा की चीखें तेज हो गई, वो मस्ती और दर्द की मिली-जुली, बच्चों सरीखी पतली आवाज में चीखने लगी.
मैं आशंकित हो उठा, कहीं कोई उसकी आवाज न सुन ले और मैंने सोफे से उठते हुए दरवाजे को पूरा बंद कर उसकी सिटकनी भी लगा दी. फिर पक्के भरोसे की खातिर पर्दा भी खींच दिया.
नताली इंतजाम देख कर मुस्कुराई, फिर मुझे आंख मार कर बनावटी तौर पर उह-आह करने लगी.
उसकी इस बच्चों वाली हरकत पर हम तीनों लड़के हंसने लगे और मैंने उनके नजदीक जाकर अपना लंड नताशा के मुंह में ठूंस दिया. नताली पूरे उत्साह के साथ प्रेमियों के लंडों के साथ-2 अपने पति का लंड भी अपने सबसे बड़े छेद में प्राप्त करने में जुट गई.
मुखचोदन करते हुए मुझे रह-2 कर यह बात उत्तेजित कर रही थी कि मेरी पत्नी के सबसे छोटे छेद में सबसे बड़ा लंड, और सबसे बड़े छेद में सबसे छोटा लंड चुदाई कर रहा था!
नताशा की गांड मारता अनातोली भी पूरा मस्त हो चुका था, वो रह-2 कर अपने लंड को अपनी रूसी बहन की चौड़ी हो चुकी गांड से पूरा बाहर निकाल कर गांड को हाथों से चौड़ा कर देता था और साथ-साथ मस्ती भरी आवाज में चीखने भी लगता था- ओह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… ये ए ए ए ओओओओह!
जब एक बार उसका लंड रपट कर गांड की जगह मेरी पत्नी की चूत में जा घुसा, तो राजू ने मौका देखकर पीछे से अपनी भाभी की खाली हुई गांड में अपना तरोताजा लंड पेल दिया और दुगने उत्साह और रफ़्तार से अपनी माँ समान भाभी की गांड मारने लगा.
खरबूजे को देखकर खरबूजे ने भी रंग बदला, अनातोली ने भी अपने धक्कों की गति बढ़ा दी और इसके साथ ही वो उसके चेहरे पर लटक आए नताशा के स्तनों को भी चूसने लगा.
एकाएक न जाने क्या हुआ कि नताशा ने अपना हाथ पीछे ले जाकर अनातोली का लंड धक्के लगाने से रोक दिया और उसे अपनी चूत से बाहर निकालते हुए वो तन कर बैठ गई.
‘क्या हुआ जानेमन! दर्द हो गया क्या?’ मैंने घबराकर अपनी धर्मपत्नी से पूछा तो उसने मुस्कुरा कर जवाब दिया- कोई बात नहीं, सब ठीक है.. थोड़ा सा ठहराव जरूरी था..
और वो दुबारा रिलेक्स हो गई.
अचानक रुक गए प्रेमियों ने दुबारा अपने हथियार उठाए, इस बार रूसी दढ़ियल ने पहले मौका पाते ही अपने लंड को अपनी रशियन बहन की गांड में ऊपर की ओर चढ़ा दिया. राजू ने भी बिना देरी किए भरी गांड में अपना लंड झोंक दिया. राजू बिना किसी परेशानी के अपना लंड पूरा बाहर निकाल कर तेज रफ़्तार के साथ भाभी के चूतड़ों में घुसाने लगा, जबकि मेरी वाइफ के नीचे लेटा अनातोली अब धीरे- 2 धक्के लगा पा रहा था.
राजू के शरीर में अचानक जैसे बिजली भर गई हो, वो ताबड़तोड़ धक्के लगाने लगा. 200 किमी/घंटा की रफ़्तार से नताशा भाभी की नाजुक गांड में राजू का लंड रेल इंजन के पिस्टन की भांति दौड़ने लगा.
नताशा के हलक से चीखें उबलने लगी, वो गला फाड़-फाड़ कर चीखने लगी- आआ आआअ.. ऊऊऊऊ ऊऊह्ह्ह.. फ़ास्ट.. कम फ़ास्ट! फार दो मेरी गांड!! माय डिअर राजू.. आआआ.. खूब जोर से चोदो मुजे!
मैं एक बार फिर डरते हुए दरवाजे की तरफ बढ़ा, खोल कर कमरे से बाहर हॉल में निकल आया और अपने पीछे दरवाजा मजबूती से बंद कर दिया, अपने सुइट के मेन डोर से बाहर झाँका तो पूरा कॉरिडोर खाली पड़ा था.
मेरी जान में जान आई और मैं वापस अपने कमरे की तरफ चल दिया.
कमरे का दरवाजा खोला तो मेरे कानों में नताशा की तेज चीखें सुनाई पड़ी. मैं खुश हो गया, इसका मतलब है कि हमारा रूम पूरी तरह से साउंड प्रूफ था.
जब मैं वापस लौट कर रूम में आया तो हमारी तिगड़ी अजीब से पोज़ में थी.. कमर से नीचे की ओर झुकी नताशा के पीछे खड़ा उसका रूसी भाई पीछे से जमीन पर खड़ा होकर उसकी चूत में अपना भुसंड लंड डाले चुदाई कर रहा था, और उसकी कमर के ऊपर सवारी किए बेड पर पैरों को टिका कर खड़ा राजू उसकी गांड में अपना लंड पेल रहा था.
ये तो वाकई में बड़ा कठिन पोज़ था, और सिर्फ दुबले-पतले लड़के ही इसको कर सकने में समर्थ हो सकते थे, क्योंकि पीछे खड़े होकर चूत मारने वाले वाले की तोंद उससे आगे लड़की की सवारी कर थोड़े से स्पेस में ही खड़े होकर गांड में धक्के लगाने वाले लड़के के चूतड़ों से टकरा कर उसे खड़े होने की जगह भी नहीं देगी, धक्के मारने की बात तो दूर है! इसी प्रकार गांड मारने वाला लड़का यदि मोटा होगा, तो उसकी तोंद ही लड़की के चूतड़ों से टकराती रहेगी, लंड तो उसकी गांड को छू भी नहीं पाएगा!!!
इस शानदार कलाबाजी वाली चुदाई को देखकर मुझे पहली बार दोनों लड़कों से जलन होने लगी! लेकिन दोनों शारीरिक रूप से फिट लड़के भी ज्यादा देर तक कठिन पोज़ में सुन्दर ब्लॉन्ड लड़की की चुदाई नहीं कर सके, और उन्होंने जल्दी ही पोजीशन बदल दी.
अब घुटनों के बल लेटी नताली सोफे पर अधलेटे राजू का लंड पकड़ कर चूसने लगी, तोली नीचे खड़ा होकर पसंदीदा गांड मारने लगा. उसके खूंटे जैसे लौड़े का गोलगप्पे जैसा टोपा नताली की गांड में घुसते और बाहर निकलते हुए भचा-भच की मधुर ध्वनि कर रहा था, जिसको सुन कर मैं इतना उत्तेजित हो उठा, कि मैंने अपना लंड पकड़ कर राजू का लंड चूसती उसकी भाभी के मुंह में घुसेड़ दिया.
मेरी प्रियतमा मुस्कुराते हुए राजू के साथ-2 मेरा लंड भी चूसने लगी. उधर पीछे तोली का गोलगप्पा भकाभक गांड में घुस-निकल रहा था और ऐसे ही एक बार फिसल कर गोरी रशियन लड़की की चूत में जा घुसा.
अनातोली ने 2-4 धक्के चूत में मारने के उपरांत पुनः अपने खूंटे को अपनी रूसी बहन की गांड में स्थानांतरित कर दिया. मैं इस समय सारे कमरे में वासना की तीखी गंध महसूस कर रहा था, यह मेरी सबसे पसंदीदा खुशबू है! खासतौर से तोली का गांड घिसता लंड मदहोश कर देने वाली गंध छोड़ रहा था.
मुझे महसूस होने लगा था कि अब लड़के झड़ना चाहते हैं, मैंने अपनी पत्नी को इकट्ठे दोनों के लंड चूसने का इशारा किया तो दोनों लड़के अपने बीच में साझी प्रेमिका को बैठा कर अपने-2 लंड उसके मुंह की ओर ताने खड़े हो गए. किसी हाई क्लास वेश्या की तरह मेरी अप्सरा जैसी पत्नी दोनों हाथों से दोनों के लंड पकड़ कर सहलाए और फिर अनातोली का लंड चूसने लगी. दूसरे हाथ से वो मेरे भाई का लंड सहलाती रही, फिर उसने राजू का लंड अपने मुंह में डाल लिया और दाएं हाथ से अपने रूसी भाई के लंड पर मुठ मारती रही.
दुबारा तोली के लंड को चूसना शुरू किया तो राजू अधीर हो उठा और लंड से उसका भरा मुंह टहोकने लगा!
मरती, क्या न करती.. मेरी मेहनती बीवी ने दोनों लंड एक दूसरे से चिपका कर अपनी जीभ से चाटने-चूसने शुरू कर दिए.
लेकिन लड़कों को इतने से भी सब्र नहीं आ रहा था, वो लंडों को चाटती मेरी पत्नी के मुंह में धक्के मारने में लगे थे! किसी तरह मेरी बेचारी पत्नी मैनेज करते हुए काम को अंजाम तक पहुँचाने में लगी हुई थी.
उधर अनातोली ने खुद ही अपने लंड को दाएं हाथ से मुठ मारनी शुरू कर दी तो राजू खाली हुए मुंह को भकाभक चोदने लगा.
चरम उत्तेजना पर पहुँच कर रूसी दढ़ियल ने मेरी बीवी का सिर पकड़ कर अपने लंड की तरफ मोड़ लिया और नताशा राजू का लंड मुंह से निकाल कर दढ़ियल के नीचे को लटकते अंडे चाटने लगी. तोली ने कस कर नताशा के सिर को अपने अण्डों से चिपका लिया, नताशा तेजी से जीभ चलाते हुए उसके अंडे चाटने लगी.
उधर राजू ने भी मुठ मारनी शुरू कर दी थी, इधर तोली ने अपने मुठ मारते लंड को नताशा के मुंह के सामने कर दिया. नताशा ने अपना मुंह पूरा खोल लिया और अनातोली भयानक रफ़्तार के साथ मुठ मारने लगा, चरम की ओर दौड़ते हुए तोली चिल्लाने लगा- मुंह खोलो.. जीभ बाहर निकालो!
नताशा ने अपने मुंह को पूरा फाड़ दिया, और अपनी जीभ भी बाहर निकाल दी.. अनातोली तेजी के साथ मुठ मारता हुआ अपने टोपे को नताशा की नर्म-गर्म-गुलाबी जीभ से टकराने लगा, जब तोली के अमेरिकन हैट जैसे विशाल सुपाड़े पर नताशा की जीभ के गर्म घस्से लगे तो वो दहाड़ते हुए अपने लंड से वीर्य उगलने लगा!!
उसने अपना सारा वीर्य नताशा के मुंह में ही झाड़ा, जिसे मेरी परिश्रमी पत्नी ने जरा भी बेकार नहीं जाने दिया, और वो सारा का सारा वीर्य पीती रही.
अनातोली देर तक अपने लंड को दबा-2 कर मेरी परिश्रमी पत्नी के मुंह में निचोड़ता रहा और वो उसे आँखें बंद कर पीती रही!
उधर राजू भी झड़ने को था और उसके द्वारा भाभी के मुंह को टहोके जाने पर नताली ने ढीले पड़ चुके तोली के लंड को छोड़ा और बाएँ हाथ से अपने इंडियन देवर का लंड पकड़ कर चूसना शुरू कर दिया.
अच्छी तरह से चुसवाने के बाद राजू ने लंड को मुंह से बाहर निकाल लिया और तेजी से मुठ मारने लगा. उसकी भाभी ने अपना मुंह खोल कर जीभ बाहर निकाल ली और इसी के साथ राजू झड़ने लगा.
वो अपने सुपारे को भींच कर तेज धार के साथ भाभी के मुंह-जीभ पर वीर्य उगलने लगा.
नताशा भी बड़े प्यार के साथ अपने देवर के वीर्य को अपने मुंह में लेकर सटकती रही. जितना वीर्य मेरी प्यारी पत्नी के मुंह या जीभ पर गिरा, उसने सारा का सारा सटक लिया लेकिन इसके अतिरिक्त उसके चेहरा भी वीर्य से सना पड़ा था और बहुत ही सुन्दर लग रहा था.
यह हिंदी चुदाई की कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
मेरा नंबर भी आ चुका था, मैं अपने लंड को पकड़े दो आदमियों के वीर्य से सने चेहरे और मुंह वाली अपनी पत्नी के सामने आकर लंड को उसके मुंह में घुसेड़ दिया. दो-दो लड़कों के वीर्य से चिपचिपे हो चुके मेरी पत्नी के मुंह में घुसते ही मेरा लंड उत्तेजना के आधिक्य में टनटना कर नताशा की जीभ से टक्करें मारने लगा और कमरे में चपड़-2 की वासना से भरपूर अवाजें गूंजने लगी.
मेरा निकलने को था.. और मैं अपनी पूरी ताकत लगाकर अपनी जीवनसंगिनी के मुंह और जीभ को चोदने लगा था!!
आखिर मैं भी फट पड़ा, मेरे लंड से गाढ़े वीर्य की बूंदे भल-भल करके निकल पड़ी जिन्हें मेरी अर्धांगिनी ने बड़े प्यार से पीना शुरू कर दिया!
मैं अभी पूरा नहीं झड़ा था और मैंने लंड को अपनी गोरी चमड़ी वाली वाइफ के मुंह से निकाल कर उसके साफ-गोरे चेहरे पर झड़ना जारी रखा. मेरे लंड से इतना वीर्य निकला कि नताशा का पूरा चेहरा वीर्य से ढक गया, बह-बह कर नताशा के मुंह में टपकते वीर्य को वो पूरे मनोयोग से पीती जा रही थी..
इतनी प्यारी चुदाई पहली बार की थी.. मेरे विचार में ये दुनिया की सबसे बेहतरीन सामूहिक चुदाई थी. सबसे बड़ी बात तो ये थी कि अभी तो हमारी पहाड़ों की ट्रिप की सिर्फ शुरुआत ही हुई थी, अभी आगे तो बहुत कुछ आना बाकी था.. वो फिर कभी!
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