मंत्रियों की शयनसंगिनी -2

(Mantriyon Ki Shayansangini-2)

अर्चना जैन 2014-08-27 Comments

This story is part of a series:

मैं आपकी प्रिय लेखिका अर्चना आपका अन्तर्वासना पर स्वागत करती हूँ और उम्मीद करती हूँ कि मेरी पिछली कहानियों की तरह यह कहानी भी आपको जरूर पसंद आएगी।

कृपया इस भाग को पढ़ने से पहले इस कहानी के पहला  भाग ‘मंत्रियों की शयनसंगिनी-1’ को पढ़ें, अन्यथा यह भाग आपको समझ नहीं आएगा।

मैं अपनी कहानी वहीं से शुरू करती हूँ जहाँ पर मैंने इसे छोड़ा था।
अपनी और अपनी नौकरानी की चुदाई से मैं इतना गुस्सा थी कि मैं खुशदिल से बदला लेना चाहती थी लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं उससे बदला कैसे लूँ।

तभी मुझे उसकी बेटी अर्चना की याद आई जिससे मैं खुशदिल के घर पर मिली थी। मैं नहीं चाहती थी कि मैं खुशदिल की बेटी अर्चना का गलत फायदा उठाऊँ लेकिन मुझे और कुछ समझ नहीं आ रहा था इसलिए मैंने अर्चना को फोन लगाया।

जैसे ही उसने फोन उठाया, मैंने उससे कहा कि मैं उससे मिलना चाहती हूँ।
उसने मुझसे मिलने का कारण पूछा तो मैंने उसे कुछ नहीं बताया और मिलने को कहा।

लगभग 2 घंटे के बाद अर्चना अपनी कार में मेरे घर पहुँच गई। उसने उस वक्त सफ़ेद रंग का स्लीवलेस टॉप पहन रखा था और नीचे जींस डाल रखी थी।
उसने मुझे कहा- दीदी आपने मुझे यहाँ क्यूँ बुलाया, आपने तो कहा था कि जब मेरा चुदने का मन हो तो मैं आपको कॉल करूँगी।

मैंने कहा- मेरे पति बाहर गए हुए हैं और मुझे चुदास लगी हुई है इसलिए मैं चाहती हूँ कि मैं तुम्हारे साथ लेस्बो सेक्स के मजे लूँ।
तो अर्चना बोली- दीदी आप तो जिस चाहे से चुद सकती हैं अगर आप रास्ते में किसी को भी इशारे से बुलाए तो वो आपको बीच बाजार ही चोद डाले तो मैं क्यों?
मैंने कहा- मैं चाहती हूँ कि मेरा लड़कियों का काम तुम संभालो तो इसके लिए तुम्हें इसका तजुर्बा भी होना चाहिए।
अर्चना बोली- लेकिन दीदी मैंने आज तक सेक्स नहीं किया।
मैंने कहा- मैं तुम्हे बताऊँगी कि कैसे करते हैं और क्या-क्या करना होता है।

मैंने इसके बाद उसे एक सिगरेट ऑफर की चूँकि मैं जानती थी कि वो सिगरेट की शोकीन है, मैंने भी अपने लिए एक सिगरेट जला ली और हम दोनों गप-शप करने लगे।

मैंने पूछा कि ‘स्कूल कैसा चल रहा है’ तो वह बोली- मेरा एक टीचर हमेशा मुझको चोदने की फ़िराक में रहता है और कभी मेरी पीठ पर हाथ लगा देता है और कई बार तो मेरे बूब्स दबा चुका है मगर मेरे पापा एक अच्छी जान-पहचान वाले आदमी हैं इसलिए आगे नहीं बढ़ता।

तो मैंने पूछा- क्या तुम उससे चुदवाना चाहती हो?
तो उसने कहा- दीदी, चूत तो मेरी भी खुजलाती रहती है लेकिन कोई ऐसा मिला नहीं जो इस चूत का उदघाटन कर सके्।
तो मैंने कहा- तुमने मुझे बताया क्यों नहीं, मैं इंतजाम करवा देती।
ऐसा कहकर मैंने अपनी सिगरेट एशट्रे में बुझाई और अर्चना के सोफे पर जाकर और उसका चेहरा पकड़कर उसको एक जोरदार चुम्बन किया।

अर्चना ने भी अपनी सिगरेट बुझाई और मेरे साथ हो ली।
चूँकि मैं सिर्फ नाइटी में थी तो अर्चना को मेरे कपड़े उतारने में टाइम नहीं लगा। मैंने उसकी टी-शर्ट उतारी और जींस बहुत टाईट होने कि वजह से थोड़ी सी फट गई तो अर्चना बोली- दीदी, अब मैं घर कैसे जाऊँगी।
तो मैंने कहा- मेरी जींस ले लेना यार।
मैंने अपनी ब्रा उतारी और उसके हाथ अपने बूब्स पर रखे।

चूँकि मेरे बूब्स 38 के थे उसके हाथ में आये ही नहीं और छलक गए उसके हाथ से।
मैंने उसकी ब्रा खोली, उसके बूब्स भी काफी अच्छे थे, इस कच्ची उम्र में ऐसी चूचियाँ तो आगे जाकर तो क़यामत ही ढाने वाली थी। मैंने उसकी पेंटी खोली तो उसकी चूत एकदम साफ़, उसकी चूत पर कहीं कोई बाल नहीं था।
मैंने पूछा- आज ही साफ़ की है क्या?
तो उसने कहा- दीदी, यहाँ आने से पहले ही साफ़ की है, मुझे लगा आप मेरी चुदाई का इंतजाम करवाओगी।
मैंने कहा- मैं कल तुम्हारी चुदाई करवा दूँगी।

ऐसा कहकर मैंने अपनी उंगली उसकी चूत में डाली तो उसने एकसाथ पानी छोड़ दिया और चिल्ला उठी क्यूंकि वो अभी कुँवारी थी और उसकी अभी तक चुदाई नहीं हुई थी तो दर्द होना ही था।
मैंने उसकी चूत चाटी और खड़े होकर तैयार होने को कहा।

मैंने उसे कल आने को कह दिया। मैंने कहा- कल मैं तुम्हारे लिए लौड़े का इंतजाम करके रखूँगी।
अर्चना के जाते ही मैंने प्रेम एरिवाल को फोन लगाया, मेरा नंबर देखकर एरिवाल ने तुरंत फोन उठा लिया और बोला- खुशदिल ने जो किया उसके लिए मैं माफ़ी मांगता हूँ।
बोला- अभी भी तुम्हारे पति को आने में दो दिन बाकी हैं। अगर तुम मुझे इजाजत दो तो मैं तुम्हें खुश कर दूँगा और तुम्हें पार्टी का टिकट भी दिलवा दूँगा।
मैंने कहा- मैंने आपके लिए एक नई और कुंवारी चूत का इंतजाम करके रखा है, मगर आप किसी को मत बताना वर्ना वो कुंवारी चूत चोदने से महरूम रह जाओगे।

यह सुनते ही एरिवाल खुश हो गया, मैंने इसी तरह बजाज, अरोरा और दशवेदी को फोन लगाया और किसी को बताने से मना किया।
मैंने उन सब को अगले दिन का शाम 4 बजे का समय दिया और मेरे घर बुलाया।
इसके बाद मैंने खुशदिल को फोन मिलाया और उसे भी मैंने बुलाया मगर 7 बजे।
अगली सुबह मैंने अर्चना को फोन किया और 1 बजे तक आने को कहा।

अर्चना बिलकुल सही समय पर मेरे घर पहुँच गई।
मैंने कहा- तुम मेरे कोई कपड़े ले लो और तैयार हो जाओ।
अर्चना बोली- दीदी, मुझे अजीब लग रहा है, क्या चुदना सही है?
मैंने कहा- वैसे भी तुम्हें तुम्हारे घर पर कोई इज्जत नहीं मिलती, तुम्हारे पापा सबके सामने तुम्हे चांटा मार देते हैं और तुम सबके सामने एन्जॉय नहीं कर सकती।
मेरा इतना कहने के बाद अर्चना चुदाई के लिए मान गई।

मैंने उसे अपनी एक गुलाबी रंग की पारदर्शी नाइटी दे दी और एक अपनी ब्रा-पैन्टी का जोड़ा भी दे दिया जो मैं असल में अर्चना के लिए ही लाई थी।
अर्चना को तैयार करने के बाद मैं खुद भी साड़ी पहन कर तैयार हो गई। मैंने अर्चना के होंठो पर गुलाबी रंग की लिपस्टिक लगाई और उसे तैयार कर दिया।

दोपहर के तीन बज चुके थे और चारों के आने का समय भी लगभग हो चुका था, तभी अर्चना ने पूछा- दीदी, मुझे जो चोदेगा वो कितने साल का है?
मैंने उसे बताया कि एरिवाल उसे चोदेगा और साथ में बजाज, अरोरा और दशवेदी भी होंगे तो उसके होश उड़ गए, उसने चुदाई से मना कर दिया तो मैंने अर्चना को बताया कि कैसे उसके पापा ने मुझे और मेरी नौकरानी को चोदा।

मेरी बात सुनकर अर्चना बोली- जब पापा ऐसे किसी को चोद सकते हैं तो मैं अपनी मर्जी से चुदाई तो कर ही सकती हूँ।
मगर वो इस बात से घबरा रही थी कि एक तो यह उसकी पहली चुदाई है, एक साथ 4 लोग उसको चोदेंगे।
मैंने उसको यह नहीं बताया कि मैंने उसके पापा खुशदिल को भी 7 बजे बुलाया है।
मैंने उसे एक दवाई दे दी जिससे उसे दर्द कम हो और एक क्रीम भी चूत पर लगाने को दी ताकि लौड़ा आराम से अंदर घुस जाए।

सबसे पहले एरिवाल 3:30 बजे मेरे घर पहुँच गया, मैंने अर्चना को एक कमरे में भेज दिया ताकि कोई उसे अभी देख न सके।
एक-एक करके चारों 4 बजे तक मेरे घर पहुँच गए, फिर अरोरा बोला- तुमने तो बाकियों को बताने से मना किया था तब चारों को बुलाना ही था तो बाकियों को बताने से मना क्यूँ किया?
मैंने कोई जवाब नहीं दिया, मैंने कहा- तुम लड़की चोदने आये हो या बकवास चोदने।
फिर बजाज बोला- लड़की कहाँ है?
मैंने कमरे की तरफ इशारा करते हुए कहा- लड़की अंदर है, एकदम कुंवारी है और अभी तक उसकी चूत की सील भी नहीं खुली है।
यह सुनते ही चारों के मुंह और लौड़े में पानी आ गया।

मैंने कहा- फ्री में तो आपको लड़की चोदने को मिलेगी नहीं, वैसे तो मैं हर लड़की की कीमत लेती हूँ लेकिन यह लड़की कुछ खास है तो इसकी कीमत बहुत ज्यादा है।
एरिवाल ने पूछा- कितनी ज्यादा?
मैंने कहा- मेरे पति के जो तीन काम अटके हुए है या आप लोगों ने जान-बूझकर रोके हुए हैं, वो पूरे करने होंगे तभी लड़की मिलेगी। चूँकि वो सब एरिवाल के हाथ में था वो तुरंत राजी हो गया और बाकी सब भी उस पर जोर डालने लगे।
मैंने कुछ पेपर्स पर उनके दस्तखत लिए और करीब 20 करोड़ के प्रोजेक्ट जो अटके हुए थे उन पर दस्तखत ले लिए।
फिर बोले- अब तो दिखाओ लड़की कहाँ है और उसमें अलग क्या है?

मैंने खिड़की से अर्चना को दिखाते हुए कहा- यही वो लड़की है।
अर्चना को देखते ही उनके होश उड़ गए और बोले- यह तो अपने खुशदिल की बेटी है।
मैंने कहा- मैं भी तो आपके दोस्त साहिल की बीवी थी फिर भी आप लोगों को एक बार भी ध्यान नहीं आया और आप लोगों ने मुझे चोदा तो इस अर्चना को भी चोद लीजिए। और वो तो खुद ही खुशी खुशी यहाँ अपनी चूत का उदघाटण करवाने ही आई है।

बजाज बोला- बात तो ठीक है… और हमें तो चूत से मतलब है चाहे वो किसी की भी हो।
एरिवाल बोला- क्या यह हमसे चुदवायेगी, मतलब यह हमें जानती है और हमारी गोद में बड़ी हुई है।
मैंने कहा- यह अब फिर से आपकी गोद में खेलना चाहती है, और मैंने इसे बता दिया है कि कौन-कौन इसे चोदेगा और यह चुदाई के लिए पागल बैठी है।
मैंने अर्चना को बाहर बुलाया, जैसे ही वो बाहर आई तो एरिवाल बोला- यह तो जवान हो चुकी है, इसकी चूत तो लौड़ा खाने के लिए मचल रही होगी।

एरिवाल का इतना कहना था कि अर्चना ने परिपक्वता दिखाते हुए अपने हाथों को खोलकर अपने आपको एरिवाल को सौंप दिया और बोली- जानू, आज मैं सिर्फ तुम लोगों की हूँ और मैं यहाँ पूरी तरह जवान होने आई हूँ।
अर्चना के इस रूप को देखकर मैं भी हैरान रह गई, मैंने चारों को कहा- आप लोग अंदर चलिए, मैं अर्चना को भेजती हूँ।

मैंने एक सिगरेट जलाई और अर्चना को दे दी, सिगरेट के कश लेती हुई अर्चना ने अंदर प्रवेश किया।
अर्चना ने खुद अपनी नाइटी उतारी और अपने मोबाइल में एक गाना चालू किया और एक भड़कीला नाच दिखाने लगी।
मैंने जो सोचा था अर्चना उससे भी बीस कदम आगे निकली।

इसी बीच दशवेदी उसकी तरफ बढ़ा और अपनी बाहों में जकड़ कर उसकी चुम्मियाँ लेने लगा।
मैंने एक अच्छे मेजबान की तरह उन्हें शराब परोसी। इसके बाद एरिवाल एक ग्लास लेकर अर्चना की तरफ बढ़ा और अर्चना को पिला दी, शायद अर्चना शराब की भी आदी थी तो एक पैग में उसे कोई फ़र्क नहीं पड़ा और अपना नृत्य करती रही।

अरोरा ने आगे बढ़ते हुए उसकी ब्रा खींच कर फाड़ दी और उसके चूचे अपनी मुटठी में भींच लिए, चूँकि चूचे बड़े थे तो वो छलक गए। अर्चना के नृत्य के साथ उसके चूचे भी ऊपर नीचे कूद रहे थे और उसके आजाद चूचे सबका मन मोह रहे थे।

एरिवाल ने आगे बढ़ते हुए अर्चना को पकड़ा और पेंटी फाड़ते हुए अपना लौड़ा उसकी चूत के मुहाने पर सेट किया और एक ही शोट में घुसाने की कोशिश की।
क्यूंकि एरिवाल का लौड़ा बहुत बड़ा था और चूत कुँवारी तो अर्चना चिल्ला उठी और दर्द के मारे बेहोश हो गई।

मैंने उससे थोड़ा कम वहशीपन दिखाने को कहा, मैंने कहा कि मैंने तुम्हें बताया था कि लड़की कुँवारी है तो तुम्हें भी ध्यान रखना चाहिए।
करीब 6 बज चुके थे, मैं चाहती थी कि जब खुशदिल आये तो अर्चना चुद चुकी हो।
मैंने अर्चना को होश में लाने के लिए पानी छिड़का और फिर सब बारी-बारी से शोट लेने लगे।
मैं ज्यादा विस्तार में नहीं जाना चाहती क्यूंकि फिर वही हुआ जो हर चुदाई में होता है।

करीब 7 बजे खुशदिल ने मेरे घर में प्रवेश किया मैंने उसे बैठने को कहा। मैंने अंदर का हाल देखा तो अर्चना नंगी लेटी हुई थी और एरिवाल का लौड़ा अभी भी अर्चना चूस रही थी और बाकी चारों भी नंगे थे।
मैंने खुशदिल से कहा- अंदर एक लड़की मैंने तुम्हारे लिए बुला रखी है इसलिए अपने सारे कपड़े उतार कर अंदर जाओ।
खुशदिल ने अपने सारे कपड़े उतारे और नंगा ही अंदर जाने लगा।

जैसे ही वो अंदर घुसने लगा, उसकी नजर एरिवाल का लौड़ा चूसती अपनी बेटी अर्चना पर पड़ी तो वो वहीं बिफर गया और बाहर आकर मेरी गर्दन पकड़ ली।
मैंने कहा- जिस तरह तुमने मुझे और मेरी नौकरानी को चोदा उसी तरह मैंने तुम्हारी बेटी को चुदवाया… हिसाब बराबर !!!

खुशदिल वहीं सोफे पर गिर गया और अपनी की हुई गलती के बारे में सोचने लगा।
मैंने कहा- अगर लड़की खुद खुशी से चुदवाना चाहे तो ठीक मगर उस पर दबाव डालना गलत है।
मेरी बात सुनकर उसकी आँखों से आँसू आ गए।
कुछ देर के बाद पाँचों बाहर आये और खुशदिल को बैठा देखकर हैरान रह गए और बोले- तुमने खुशदिल को क्यों बुलाया?

मैंने उन्हें सब कुछ बताया और इसके बाद सभी लोग मेरे घर से चले गए।
यह थी एक मंत्री की करतूत और कैसे उसकी वजह से उसकी बेटी की चुदाई करवाई मैंने।

आपको यह कहानी और मेरी सोच कि लड़की अगर खुद अपनी खुशी से चुदना चाहे तो ही ठीक है, यह ठीक लगे तो मुझे मेल करके बताये ताकि मैं आगे भी कहानियाँ लिख सकूँ।
[email protected]

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