शर्मीला की ननद-3

(Sharmila Ki Nanad- Part 3)

कहानी का पहला भाग : शर्मीला की ननद-1
कहानी का दूसरा भाग : शर्मीला की ननद-2

मैंने ऋतु की गाण्ड में धीरे धीरे लौड़ा पेलना शुरू किया तो ऋतु की चीख निकल गई पर मैंने लंड निकाला नहीं। शर्मीला ने दो ऊँगलियाँ ऋतु की चूत में घुसा दी और उसके गांड के मुहाने पर थूक कर मेरे लौड़े को चिकनाई दे रही थी। थोड़ी देर में मैं ऋतु की गांड बेरहमी से चोद रहा था और शर्मीला के मम्मे भी मसल रहा था। शर्मीला ने भी ऋतु की चूत से उंगली निकाल मेरी गांड में घुसा दी। शर्मीला ने मेरी गांड में उंगली की तो मेरा जोश दुगना हो गया, मैं ऋतु की गांड तेज तेज मारने लगा। अत्यधिक तेज़ी के कारण ऋतु की सूसू निकल गई। उसकी मूत से मेरी और शर्मीला की जांघें गीली हो गई। मेरा भी सारा वीर्य ऋतु की गांड में छुट गया। लंड निकालने पर शर्मीला ने ऋतु की गांड से रिसते वीर्य को चाटा और मेरा लौड़ा भी चाट कर साफ़ किया।

ऋतु दस मिनट बाद बोली- भाभी, इतनी जोरदार गांड मारी है कि मेरी मूत निकल गई। मुझसे तो उठा भी नहीं जा रहा है।
ऋतु वहीं सो गई।
“आज तुमने मेरी गांड मारी, बहुत मजा आया। पहली बार मरवाई, कैरोल ने भी कभी उंगली नहीं की थी।” मैंने कहा।
शर्मीला बोली- पर मेरी गांड तो प्यासी है।”

मैंने शर्मीला को ऐसे उठाया कि उसके पैर मेरी कमर पर लिपट गए और हाथ मेरे गले का हार बन गए, उसके चूचे मेरी छाती से भिंचे हुए थे। ऐसा करने से उसकी गांड चौड़ी हो गई और मैं ऊँगलियाँ घुसा कर अंदर-बाहर करने लगा, उसे चूमते हुए बोला- कल सवेरे सिर्फ तुम्हें चोदूँगा, जैसे तुम बोलोगी, जब तक तुम बोलोगी।”

“चल झूठे… चलो जानू, अब सो जाते हैं।” शर्मीला बोली और चूमने लगी। हम वहीं ऋतु के पास चिपट कर सो गए।

सवेरे आँख खुली तो देखा ऋतु अभी भी बेसुध सो रही है। रात को ऋतु ने दारु भी बहुत पी और मैंने चोदा भी जोर से। मेरा लंड ऐसे गांड भी मार सकता है पता नहीं था। बालकनी में शर्मीला नंग धडंग सुबह की ठंडी हवा का मजा लेते हुए सिगरेट पी रही थी। डोरी पर कोहनियाँ टिकाये कमर के बल झुक कर खड़ी थी। खुले बाल लहरा रहे थे। बहुत सेक्सी नज़ारा था। मेरा शेर जागने लगा तो मैंने शर्मीला को पीछे से जकड़ लिया, दोनों हाथों से मम्मे मसलते हुए गर्दन और कान पर चूमने और चाटने लगा। दोनों ने एक सिगरेट और पी फिर बाथरूम में चले गए।

बाथरूम में मैंने शर्मीला की एक टांग बेसिन पर टिका नीचे बैठ गया और जैसे बछड़ा गाय का दूध पीता है, मैं शर्मीला की चूत चाटने लगा। मैंने जुबान घुमा घुमा कर चूत की दीवार पर लगे रस को पीया। फिर शर्मीला कमोड पर बैठ गई और सुसु करने लगी, साथ ही मेरा लवडा चूस कर गीला कर दिया। मेरा लवडा तन कर बम्बू हो गया तो मेरे टट्टे चूसने लगी। नीचे से शुरू हो शिखर तक चाटती।

हम बहुत उत्तेजित हो गए तो मैं बाथरूम की ज़मीन पर लेट गया और शर्मीला मेरे ऊपर बैठ मेरे लंड को चूत के हवाले कर उचकने लगी। मैं भी कमर उचका उचका कर चोद रहा था, शर्मीला के बोबे उछल कर मुझे और गरम कर रहे थे। बाथरूम में नलका पकड़े शर्मीला चुद रही थी और सीत्कारें गूंज रही थी। थोड़ी देर के बाद हम उठे और उसे कमोड पर झुका कर गांड मारने के लिए अपनी हथेली पर थूका और हथेली आगे कर उसे भी थूकने बोला। दोनों के थूक से उसकी गांड चिकनी की और लंड गांड में घुसाने लगा।

“धीरे… धीरे… राजा!” शर्मीला होंठ काटते हुए बोली।

जब लंड आधे से ज्यादा घुस गया तो एक जोर का झटका मारा, शर्मीला की चीख निकल गई। दो मिनट का आराम देने के पश्चात् मैंने अन्दर बाहर करना शुरू किया। अपने दोनों हाथों से उसके झूलते मम्मों को संभाला और मर्दन करने लगा। शर्मीला की चीखें सिसकी में परिवर्तित हो गई। अब शर्मीला मज़े से गांड मरवा रही थी। कभी चूतड़ भींच लेती कभी ढीला छोड़ देती। अन्दर बाहर करते हुए उसकी गांड में पिचकारी चल गई। वो तुरंत मुड़ी और बाकी वीर्य मुँह में ले लिया।

फिर हम शावर चालू कर नहाने लगे, एक दूसरे को साबुन लगाते और सहलाते हुए चूमा चाटी भी करते।

जब नहा कर बाहर निकले तो ऋतु सिगरेट पीते हुए इंतज़ार कर रही थी, बोली- चलो, नए दूल्हा दुल्हन की चुदम चुदाई हो गई हो तो मुझे भी चोद दो!
“मुझे ऑफिस जाना है।” मैंने कहा।

ऋतु ने आदेश दिया- तुम कहीं नहीं जा सकते, मैंने कहा था जब तक दिनेश नहीं आ जाते तुम मेरी और भाभी की वासना को शांत करोगे। तुम्हें क्या लगता है, कल रात मेरी गांड मारी तो मैं डर गई?”

“पर मैं ऑफिस नहीं गया तो पैसे कटेंगे और नौकरी भी जा सकती है।” मैंने प्रतिकार किया।
“एक काम करो, मैसेज कर दो कि तबियत बहुत ख़राब है और तुम एक दूर के रिश्तेदार के यहाँ गए हो!” शर्मीला ने सुझाया।

मैसेज कर हम फिर काम क्रीड़ा में लग गए।

दोस्तो, बहुत मजे किये और अनगिनत बार सेक्स किया वो भी भिन्न भिन्न मुद्राओं में।

वो फ़िर कभी… कीप चोदिंग!

अब तक की आपबीती कैसी लगी?
[email protected] पर मेल करके बतायें।

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