दो चूत दो लंड मिलकर करें प्यार

(Hot Indian Sex Kahani)

हॉट इंडियन सेक्स कहानी में मैं पड़ोस की लड़की को चोदा करता था. उसकी माँ को भी पता था. एक दिन उसने मुझे चुदाई के लिए बुलाया. मैं उसे चोद रहा था कि उसकी माँ आ गयी.

दोस्तो, मेरा नाम नन्द किशोर है.
मेरे दोस्त मुझे लंड के चोर कहते हैं.
मेरी आयु 37 साल है.

मैं अपनी हॉट इंडियन सेक्स कहानी बता रहा हूँ.

यह 13 मई की बात है, मैं अपने घर में था.

घर में मेरी माँ और मेरी 32 साल की पत्नी कोमल थी.

मैं अक्सर शाम को बाहर घूमने और दोस्तों से मिलने जाता हूँ.
मैं बाहर निकलने वाला ही था कि अचानक हल्की बारिश होने लगी इसलिए मैं घर में ही रुक गया.

तभी मुझे अपनी खास दोस्त रूही का फोन आया.
रूही मेरे घर के पास रहने वाले व्यास जी की बेटी है.

व्यास जी की मौत तीन साल पहले हो चुकी थी इसलिए एक साल पहले रूही की शादी उसकी माँ मीना ने अपने दोस्त के लडके से करवा दी थी.
लेकिन शादी से पहले मैं रूही की चूत की सील तोड़ चुका था और कई बार रूही को चोद चुका था.

यही नहीं शादी के एक दिन पहले ही मैंने रूही को जम कर चोदा था.

यह बात रूही की मां को पता थी लेकिन उसने कुछ नहीं कहा.
वह कहा करती थी कि रूही शादी के बाद भी चुदवायेगी. अगर आज लंड ले लेगी तो सेक्स में और अनुभवी हो जाएगी.

इसलिए जैसे ही रूही का फोन आया, मैं तुरंत उसके घर पहुँच गया.

लेकिन कोमल को इस बात का पता नहीं चला.
मैं दबे पैर उसके कमरे में घुस गया जो ऊपर की मंजिल पर था.

जैसे ही मैं अंदर गया तो देखा कि रूही केवल पेटीकोट और ब्लाउज पहने खड़ी थी.
वह शायद नहा कर आयी थी.

मैं उसे देख कर एकदम चकित होकर खड़े रहा.
रूही बोली- ऐसे क्या देख रहे हो? पहले तो तुम मुझे देखते ही बाहों में भर लेते थे, शायद तुम सोच रहे हो कि मेरी शादी के बाद मेरी फ़ुद्दी अशुद्ध हो गयी है क्योंकि मेरे पति ने इतने समय इस्तेमाल करके फुद्दी को बेकार और अशुद्ध कर दिया होगा.

मैंने कहा- ऐसा नहीं है क्योंकि यह छह चीजें सदा पवित्र रहती हैं, इनका कितना भी और कहीं पर इस्तेमाल कर लो. इनके नाम हैं लण्ड, लट्ठ, तुम्मा, चूत, चाक़ू, चुम्मा!

यह सुनते ही रूही आगे बढ़ी और कमर से पेटीकोट निकाल कर मेरी पैन्ट से मेरा औजार निकाल कर चूसने लगी.

मैंने भी उसे पलंग पर लिटा दिया और उसकी फुद्दी से निकलने वाले रस को चाटने लगा.

महीनों बाद ऐसा टेस्टी रस मिला था.
रूही ने अपनी टांगों को फैला दिया ताकि रस पूरा निकल सके.
क्योंकि यह रस बहुत पौष्टिक होता है. अगर कोई रोज फुद्दी का रस पियेगा तो हमेशा जवान रहेगा, चाहे अपनी पत्नी का हो या और किसी भी जवान औरत का हो.
लेकिन मुंह लगा कर फुद्दी से ताजा रस निकलना जरूरी है.

एक तरफ मैं रूही का रस पी रहा था, रूही मेरा लम्बा औजार मुंह में ले कर चूस कर वासना के युद्ध के लिए तैयार कर रही थी.

थोड़ी देर बाद रूही ने अपनी टांगें फैला कर कहा- नंदू आ जाओ मेरी गरम फ़ुद्दी में अपना फौलादी औजार डाल कर समुद्र मंथन शुरू कर दो. अब मेरा भी पानी निकाल दो. एक महीने से किसी का औजार नहीं मिला. मेरा पति तो तीन महीने बाद आएगा. तब तक तुम ही हमारी फुद्दी का जम कर जैसे चाहे इस्तेमाल करना!

यह सुनते ही मैं भूखे शेर की तरह रूही की फुद्दी पर सवार हो गया और एक ही झटके में पूरा औजार अंदर ठोक दिया.

रूही के मुंह से ‘अरे मर गयी … मर गयी’ की आवाज निकल गयी.
लेकिन लगातार झटके लगाने से उसे मजा आने लगा और बोली- लगे रहो … और जोर से डालो. मेरी बच्चेदानी तक चला जाये. बड़ा मजा आ रहा है. ऐसा लग रहा है. इसी तरह रोज तुम्हारे औजार का मजा लेती रहूं!

औरत को क्या चाहिए पेट भर कर भोजन और चूत भर कर चोदन!
बाकी सब बेकार!
औरत को न तो ताज चाहिए, न तख़्त चाहिए.
उसे केवल लौड़ा सख्त चाहिए.

इस तरह मैंने करीब आधा घंटे तक रूही की ठुकाई की और अपना पानी उसके मुंह में डाल दिया जिसे वह पी गयी और निढाल होकर पलंग पर लेट गई.

हॉट इंडियन सेक्स करते करते रात के आठ बज गए.

मैंने रूही से कहा- देर हो गयी है. अब घर जाना होगा. घर में पत्नी इंतजार कर रही होगी. उसकी भी तो गर्मी शांत करना है.

और जैसे ही मैं जाने लगा, रूही ने मेरा औजार जोर से पकड़ कर कहा- मैं तुम्हें अभी नहीं जाने दूंगी. अभी कामलीला पूरी नहीं हुई, क्या तुम नहीं जानते कि ‘कामकला का एक ही भेद, लंड से भऱ दो तीनों छेद!’ अभी मेरा एक छेद बाकी है मेरे मुंह को और चूत तुमने अपने वीर्य से भर दिया लेकिन तीसरा छेद मेरी गांड बाकी है. जब तक तुम इसे चौड़ी करके पोली नहीं कर दोगे जाने नहीं दूंगी मैं!

मैं बोला- वास्तव में मैं भी यही चाहता था. मुझे डर था कि शायद तुम मना कर दोगी.
रूही बोली- ऐसा नहीं है. मेरे पति ने मेरी गांड मार कर मार गांड मरवाने की ऐसी आदत लगा दी कि मुझे इसके बिना सेक्स अधूरा लगता है.

यह सुनते ही मैं रूही को घोड़ी बना कर उसकी गांड में औजार घुसाने का प्रयास करने लगा.
लेकिन गांड संकरी होने से औजार का टोपा ही घुस रहा था.

मैंने कई बार प्रयास किया.
मैं घुसाने की कोशिश कर रहा था, तभी बाहर से घंटी की आवाज आयी.
रूही बोली- शायद मम्मी और छोटा भाई आ गये हैं.

मैंने रूही से कहा- अब क्या होगा?
रूही बोली- दरवाजा खुला है. तुम लगे रहो. मैं मम्मी को संभाल लूंगी. वह कुछ नहीं बोलेगी क्योंकि मम्मी के कहने पर ही मैंने तुम्हें बुलाया है.

और नंगी हालत में ही रूही ने कमरे का दरवाजा खोल दिया.

जैसे ही रूही की मम्मी मीना और उसका छोटा भाई विनोद अंदर आये तो रूही अपनी मम्मी से बोली- आपके कहने से काम चल रहा था. लेकिन नंदू का मोटा औजार मेरी गांड में ठीक से नहीं घुस रहा है.

तब रूही की मम्मी बोली- ठहरो, मैं वही क्रीम लगाती हूँ जो मैं मरवाने के लिए अपनी गांड में लगाती हूँ. इस से गांड इतनी चौड़ी हो जाती है कि गधे जैसा लंड भी आराम से घुस जायेगा.

इसके बाद मीना ने वह क्रीम रूही की गांड और मेरे औजार पर लगा दी और जैसे लंड रूही की गांड में घुस गया तो मैंने मीना को थैंक कहा.
मीना बोली- नंदू, तुम बिना कोई रहम के झटके मरते रहो. चाहे तुम्हारे औजार के हमले से मेरी बेटी रूही की गांड फट जाये!

इतना सुनते ही मैंने रूही की गांड में अपना पिस्टन दनादन चलाना शुरू कर दिया.
और मेरे हरेक धक्के पर रूही ओह ओह करने लगी.

रूही की मम्मी बड़े ध्यान से देखती रही और कहने लगी- बेटी, दर्द सहन कर लो, फिर मजा आएगा.

थोड़ी देर बाद रूही मेरे धक्के के जवाब में अपनी गांड मेरे औजार की तफ तरफ धकेल देती थी.
जिससे मेरा लंड जड़ तक पूरा अंदर बाहर आने लगा.

लेकिन जब रूही की ठुकाई हो रही थी तो बगल में खड़ा हुआ रूही का छोटा भाई नजारा देख कर अपने लंड को हाथों से मसल रहा था.

तभी रूही बोली- विनोद देखो, मम्मी की फुद्दी गरम हो गयी है, उससे पानी निकल रहा है. जब तक मेरी गांड मारी जा रही है, तुम भी अपने लम्बे मोटे औजार से मम्मी की चुदाई चालू कर दो!

इस पर विनोद बोला- दीदी, तुम तो जानती हो कि भले ही मेरा औजार लम्बा और मोटा है. लेकिन जब तक कोई मेरी गांड में अपना औजार नहीं घुसा देता, मेरा लंड तैयार नहीं होता.

इतनी देर में मैंने रूही की गांड को खुश कर दिया और विनोद से बोला- आओ तुम्हारी भी इच्छा पूरी कर दूँ, लेकिन क्या तुम अपनी सगी मम्मी की चुदाई करोगे?
तब नंदू ने कहा- मैं अक्सर अपनी दीदी और मम्मी की चुदाई करता हूँ. मेरी मम्मी कहती हैं कि रिश्ते सिर्फ दिन में रहते हैं और जैसे ही सूरज डूब जाता है सभी पुरुष लंड और औरतें चूत बन जाती है. इसलिए इनका मिलाप करना कोई गलत नहीं है.

तब रूही की मम्मी मुझ से बोली- नंदू, अब तो तुम सब कुछ समझ गए हो. मैं अभी कोमल को फोन करती हूँ. वह भी इस सेक्स ग्रुप में शामिल हो जाएगी, वह बेचारी भी मेरे बेटे के ताजे लंड मजा ले लेगी. जिस तरह मर्द नयी नयी चूत चाहते हैं, उसी तरह औरतों को भी नए नए लंड मिलना चाहिए.

यह कहके रूही ने मेरी पत्नी को फोन कर के कहा- कोमल जी, नंदू हमारे पास है. चिंता नहीं करो और जल्दी हमारे घर आ जाओ. तुम्हारे लिए ऐसा सरप्राइज है जिसे जान कर तुम इतनी खुश हो जाओगी क़ि जैसे दूसरी सुहागरात हो रही है.

खबर मिलते ही कोमल आ गयी.
और जब अंदर जाकर उसने सबको नंगा देखा तो चकित हो गयी.

तभी रूही उठी और कोमल के कपड़े निकलने लगी.
मैंने कोमल से कहा- डरो नहीं, सभी कपडे निकाल दो, तभी दूसरी हनीमून का मजा आएगा. क्योंकि तुम ही कहती थी कि तुम तो कई औरतों की फुद्दी का मजा ले लेते हो और मुझे सिर्फ तुम्हारे लंड का मजा मिलता है. मेरी भी तरह तरह के लंड लेने की इच्छा होती है.

यह सुनते रूही की मम्मी ने विनोद को कोमल के सामने खड़ा कर दिया और कहा- कोमल, तुम विनोद के लंड को अच्छी तरह पकड़ कर दबा कर बताओ कि क्या तुम इस लंड से मजा लेना चाहोगी?
कोमल बोली- अगर यह लम्बा मोटा सख्त नया लंड मेरी चूत में जायेगा तो मैं सब काम छोड़ कर रोज इसका मजा लिया करुँगी. मैं तो तैयार हूँ.

मैंने कोमल से कहा- विनोद के लंड में जोश भरना बाकी है. जो तुम्हारे सामने करूँगा, तुम्हें भी मजा आएगा.

यह कहके मैंने विनोद की गांड में अपना औजार ठोक दिया.
और जैसे जैसे मेरे औजार का धक्का लगता गया, स्प्रिंग की तरह विनोद का लंड जोश में आता गया.

कोमल ने उसे पकड़ कहा- तैयार हो गया, घुसा दो. मेरी चूत गीली हो गयी, आसानी से चला जायेगा.

इसके बाद करीब 15 मिनट मेरे सामने ही विनोद ने कोमल को जम कर चोदा.

कोमल को खुश करके विनोद ने एक एक करके अपनी मम्मी और दीदी को भी चोदा.

ऐसी चुदाई देख कर कोमल बोली- मुझे आज पता चला कि किसी लड़के की केवल एक बार गांड मारने से इतनी शक्ति आ जाती है कि गांड मरवाने वाला तीन तीन चूतों की चुदाई कर सकता है. मैं तो चाहती हूँ सभी लड़के आपस में एक दूसरे की गांड मारा करें.

उस रात मैंने रूही और उसकी मम्मी की दो बार चुदाई की.
और मैंने विनोद के साथ कोमल की एक बार चुदाई की.

बाद में रूही की मम्मी ने सभी लोगों से कहा- लड़के लड़कियों की चूतों को अच्छी तरह कर चाटें और उसके स्वाद को याद रखें कि किसकी चूत का कैसा स्वाद है. और लड़कियाँ हाथों में लेकर और चूस कर दोस्तों के लंड को ठीक से पहचान ले कि अगर अँधेरे भी लंड हाथ में दिया तो समझ जाएँ किसका लंड है.

और इसके बाद हम लोगों एक ग्रुप बन गया.
आप भी ऐसा ग्रुप बना लीजिये और मजे करिये.

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