जवान लड़की की प्यासी चूत और तीन लंड- 5
(Hot Group Xxx Kahani)
हॉट ग्रुप Xxx कहानी में एक लड़की तीन लड़कों से चुद रही है. लड़की पूरी गर्म होकर बिंदास चुदाई करवा रही है. उसने तीनों छेद 2 लंड से भरे हुए हैं.
यह कहानी सुनें.
दोस्तो, मैं नव्या अपनी सेक्स कहानी का अंतिम भाग लेकर हाजिर हूँ.
कहानी के चौथे भाग
जवान लड़की की प्यासी चूत और तीन लंड
में अब तक आपने पढ़ा था कि वो तीनों मुस्टंडे मेरी नंगी जवानी से मस्ती से खेल रहे थे और मेरे मुँह में अपने अपने लंड का पानी छोड़ने की बात कह रहे थे. जिस पर मैंने भी अपना रंडीपना खुल कर दिखाना शुरू कर दिया और उन तीनों से मुझे खुल कर चोदने का कह दिया.
अब आगे हॉट ग्रुप Xxx कहानी:
मुझे तब ऐसा लग रहा था कि अगर यह तीनों के तीनों एक साथ ही मेरी चूत के अन्दर अपने लौड़े घुसा देंगे, तब भी मैं इन सभी के लंड को अपने अन्दर घुसवा सकती हूं. मुझे बस अपने पूरे बदन के सभी छेदों के अन्दर बस इनके लौड़े चाहिए थे.
मैं इस चीज के लिए अब कुछ भी कर सकती थी. ऐसी मेरी हालत हो गई थी.
अगर यह तीनों मुझे इसके बाद बोलते कि भरे पूरे रास्ते के सामने बीच चौराहे पर अगर यह मेरी चूत चुदायी करने वाले हैं, तब भी मैं इन तीनों को मना नहीं करती.
पता नहीं मैं इतनी ज्यादा चुदासी कैसे हो चुकी थी क्योंकि मैंने आज तक इतनी ज्यादा खुजली अपने अन्दर कभी भी महसूस नहीं की थी.
पहले तो मेरे ब्वॉयफ्रेंड ने आने से मना कर दिया था, शायद उस बात की खुजली थी और दूसरे तो यह मुस्टंडे अपने लौड़ों के साथ मेरे सारे बदन को सहला रहे थे और उसके साथ खेल रहे थे.
उससे मेरी वासना इस स्थिति में आ गई थी.
तभी पता नहीं मुझे अचानक से क्या हो गया, मैंने सीधे राकेश का लौड़ा पकड़ लिया और उसको लेटा कर उस पर जाकर बैठ गई.
मैंने पूरी ताकत लगाकर एक ही बार में वह लौड़ा अपनी चूत में अन्दर ले लिया था.
जिससे राकेश के मुँह से आह निकल गई.
पर मुझे इस बात की कोई फिक्र नहीं थी कि किसको कितना दर्द हो रहा है या फिर कितनी तकलीफ हो रही है.
मुझे बस अपनी खुजली मिटाने से मतलब था. इसलिए मैं जानवर बन चुकी थी और मैं राकेश के मुँह को और उसकी छाती को भी नौंच रही थी. उस वक्त मैं उसके लौड़े पर नंगी नाच रही थी.
उस वक्त जैसी मेरी हालत थी, उस पर मुझे एक गाना याद आ गया. जो बहुत सालों पहले कॉलेज में चला था. उसको ‘चूत वॉल्यूम वन …’ कहते थे.
पूरा गाना तो याद नहीं है, पर उसमें एक लाइन थी कि ‘लौड़ा लेकर नाच मेरा …’ मैं बिल्कुल वही कर रही थी और मेरे ऊपर अब चुदाई का मानो भूत सवार हो गया था.
मैंने आगे पीछे कुछ नहीं देखा कि ये लोग मुझे अपनी रखैल बनाएं चाहें यह मुझे अपनी रंडी बनाकर रखें.
मैं ऐसे मस्ती से लंड पर उछल रही थी जैसे कभी कोई लौड़ा चूत में घुसते ही शताब्दी एक्सप्रेस की तरह स्पीड पकड़ लेता हो.
मुझे तो अपने आप पर गर्व हो रहा था कि मैं इतनी तेजी से उछल कूद भी कर सकती हूं.
बाकी देखने वाले दोनों को यह लग रहा था कि राकेश मुझे नहीं, मैं राकेश को चोद रही हूं.
तभी अमित खड़ा हो गया.
पता ही नहीं चला कि कब उसने पीछे से अपना पूरा लौड़ा मेरी गांड के अन्दर पूरी तरह से घुसा दिया.
उस कुत्ते ने तो मुझे समझो मार ही दिया था.
दो मिनट तक तो मुझे समझ ही नहीं आया कि ये क्या हुआ.
पर ऐसी हालत में उसका लंड अन्दर घुसा था कि मेरे मुँह से पूरी तरह से चीख निकल गई थी.
मैं एक मिनट के लिए पूरी तरह से बेहोश हो गई थी.
मैं अब तक चूंकि बहुत बार झड़ चुकी थी, जिससे मैं अन्दर से थकी हुई थी.
उस पर अमित के लौड़े के वार से मैं अपने आपको सम्भाल ही नहीं पाई.
उसके हमले से मेरी सुध-बुध खो चुकी थी.
पर शायद इन दोनों को कुछ फर्क ही नहीं पड़ रहा था और यह दोनों सटासट सटासट मेरे दोनों छेदों के अन्दर अपने तगड़े लंड घुसा रहे थे.
तब तक सुरेश जाकर पानी ले आया और उसने मेरे मुँह पर पानी की कुछ छींटे मार दिए.
जिससे मैं थोड़ा चेतन हो गई और मैं फिर से होश में आ गई.
पर यह अभी हुआ ही था कि तब तक सुरेश ने अपना लौड़ा मेरे मुँह के अन्दर घुसा दिया. जिससे ना मुझे सांस आ पा रही थी और ना ही मेरी हालत ऐसी थी कि मैं उन तीनों को अपने से दूर धकेल पाऊं.
कुछ वक्त बीतने के बाद पता नहीं मुझ पर फिर से कौन सी भूतनी सवार हो चुकी थी कि मैं उन तीनों के लौड़े अपने तीनों छेदों के अन्दर घुसवा कर भी आराम से चुदवा रही थी.
मैं उनके लौड़ों पर उछल उछल कर नाच सी रही थी.
इससे उन तीनों के भी मुँह से सिसकारियां निकल रही थीं और तीनों के लंड भी मेरी चूत, गांड और मुँह के अन्दर मुझे सुखद अहसास दे रहे थे.
अब मेरी हालत ऐसी थी कि न मैं पूरी तरह से बोल ही नहीं पा रही थी क्योंकि सुरेश का लौड़ा मेरे मुँह के अन्दर ही घुसा था और बाकी दोनों छेदों में भी मेरे दो लौड़े थे.
इस वजह से मैं बस इस चीज को बहुत ही सुकून भरे अंदाज से ले रही थी.
शायद आप में से कुछ औरतों ने इस चीज को अनुभव किया होगा कि तीन लौड़े जब एक साथ आपके सभी छेदों में घुसते हैं, तो कितना मजा आता है.
यह ऐसा शायद मैं जिंदगी भर कभी भी नहीं भुला पाऊंगी और ना ही इस अहसास को मैं शब्दों में बयान कर सकती हूं कि वह मजा कैसे होता है.
बस आप इतना समझ लीजिए कि वह एक बेइंतहा खूबसूरत लम्हा होता है, जब आप इतनी बार झड़ जाती हैं, पर फिर भी आपके अन्दर इतनी हिम्मत बची होती है कि तीन लौड़े तीनों छेदों के अन्दर घुसा कर मजेदार तरीके से अपनी प्यास बुझा रही होती हैं.
उन तीनों लोगों के मुँह से भी सिसकारियां बहुत तेज होती जा रही थीं.
तभी अमित ने कह दिया कि अब वह मेरी गांड के अन्दर ही झड़ने वाला है.
मुझे तो वक्त का कोई अंदाजा ही नहीं था कि कितना देर से मैं उनके लौड़े पर उछल कूद कर रही थी और मजे से अपनी प्यास बुझा रही थी.
पर मुझे इतना तो अंदाजा था कि यह सब करते हुए लगभग आधा घंटा से ऊपर हो चुका था.
अमित की बात सुनकर मैंने सुरेश का लौड़ा अपने मुँह से निकाल कर कह दिया कि वह मेरी गांड के अन्दर ही झड़ सकता है और वह एक बूंद भी बाहर न गिराए.
यह कह कर मैंने सुरेश के लंड को फिर से अपने मुँह में घुसा लिया.
तब तक अमित बहुत ही ज्यादा सिसकारियों की तरह आह आह कहते हुए अपने पूरे लावा को मेरी गांड के छेद के अन्दर छोड़ने लगा.
तब तक राकेश ने भी अपना चरम हासिल कर लिया था. वो बहुत ही ज्यादा उत्तेजना से मुझे चोद रहा था और अपने दांतों से मेरे बूब्स को खाते हुए उनपर निशान बना रहा था.
मेरे अन्दर थोड़ी सी भी जान नहीं बची थी कि मैं उसको मना कर दूं कि वह मेरे अन्दर ही ना झड़े.
मैं चाहती भी थी कि जैसे मेरी गांड की खुजली मिट गई, वैसे ही मेरी चूत की खुजली भी उसके पानी से मिट जाए.
इसलिए मैंने उसको अपने अन्दर ही झड़ने के लिए बोल दिया.
तभी सुरेश भी अपना लौड़ा मेरी गांड में घुसाने के लिए मेरे पीछे खड़ा हो गया.
पर तभी अमित ने उससे कहा कि वह अपना लौड़ा मेरी गांड में घुसाने की जगह मेरी चूत में ही घुसा दे.
यह सुनते ही मेरी आंखें बाहर आ गई कि राकेश का भी लौड़ा मेरी चूत के अन्दर पहले से ही था और उसी के साथ सुरेश का भी लवड़ा भी मेरी चूत के अन्दर ही घुसेगा.
मतलब एक ही वक्त में मेरी चूत में दो लौड़े एक ही साथ घुस जाएंगे जिनकी मोटाई लगभग ढाई इंच थी और जिनकी लंबाई लगभग सात इंच की थी.
मैंने सुरेश को यह करने से मना कर दिया, पर तब तक बहुत देर हो चुकी थी.
वह अपना लौड़ा गांड के छेद से आगे आकर चूत तक बढ़ा चुका था.
तभी अमित मेरे ऊपर आया और उसने मुझे राकेश के ऊपर थोड़ा सा और झुका दिया.
उसी वक्त राकेश ने मुझे अपनी तगड़ी बाजुओं से जकड़ लिया, जिससे मैं हिल भी नहीं पा रही थी.
फिर अमित मेरे बदन के ऊपर बैठ गया और तब जाकर राकेश ने अपनी अपने लौड़े को एक ही झटके में मेरी चूत के अन्दर इस तरह घुसाया कि मैं उन दोनों के लंड को लेकर फिर से एक बार बेहोश हो गई.
पर यह साले हरामखोर लोग तो मेरी चुदाई में इतने ज्यादा मशगूल थे कि ना उन्होंने मुझे देखा कि मैं जिंदा हूं और ना ये देखा कि मैं मर रही हूं या बेहोश हूं.
इन तीनों का तो बस एक ही मकसद था कि यह मेरे सारे छेदों में अपने माल को भर दें और मुझे वैसे ही नंगी छोड़कर चले जाएं.
अगर इनका बस चलता तो यह मुझे आज कुत्तों से भी चुदवा देते.
मैं कुछ मिनट बाद फिर से होश में आई.
तब तक तीनों के लंड का पानी मेरी चूत और गांड के अन्दर निकल चुका था.
साथ ही मेरे मुँह के अन्दर, मुँह के ऊपर, मेरे पूरे बदन पर इन तीनों के लंड का पानी था.
हरामखोरों ने मुझे अपनी मूत से नहला भी दिया था, जिससे मैं बेहोशी से जाग जाऊं.
इन तीनों को भी मुझ पर कोई रहम नहीं आ रहा था.
जब वह मेरे मुँह पर और मेरे पूरे बदन पर मूत रहे थे, तब यह लोग ऐसे हंस रहे थे, जैसे मैं उनका कोई सेक्स स्लेव हूं.
मुझे बिल्कुल उसी तरह की फीलिंग आ रही थी कि मैं सेक्स स्लेव हूं और इन तीनों की हवस मिटाने की डॉल हूँ.
पर मैं ना उनको रोक सकती थी और ना ही कुछ कर सकती थी.
आज मैं इतनी बार झड़ चुकी थी कि मैंने गिनती भी नहीं कि मैं कितनी बार झड़ी हूं.
झड़ने की वजह से मैं निढाल पड़ी थी और यह सब मेरे ऊपर हंस रहे थे.
मैं उठने की कोशिश करने लगी, तो इन तीनों ने मुझे अपनी इस जगह से उठने तक नहीं दिया.
मुझसे अमित ने बोला- क्यों साली रंडी, मजा आया?
राकेश- हम तीनों को तूने बहुत ज्यादा सताया था न. आज हम तीनों ने उसका बदला ले लिया.
मैं उसकी इस बात का कुछ भी जवाब नहीं दे पाई.
मैंने उस वक्त भी कुछ ना बोलते हुए बस अपने सिर को हिलाना और सर को हिला कर बस हां कहना जरूरी समझा. मैंने किया जो मुझे उस वक्त सही लगा. मैं कर भी क्या सकती थी.
मैं तो उन सबके चंगुल में पूरी तरह से फंस चुकी थी. वैसे भी मुझे अपनी खुजली मिटाने का शौक बहुत ज्यादा था, तो यह सब मेरे लिए एक तरह से अच्छी बात हो गई थी कि मैं अब जब चाहे उन तीनों से अपनी खुजली मिटा सकती थी.
मैंने भी अब उन तीनों का फायदा लेने का सोचा, जिससे मैं अपने अन्दर की वो आग मिटा सकूं, जो मेरा ब्वॉयफ्रेंड इतनी दूर रहने के बाद सॉल्व नहीं कर सकता था.
इसलिए मैंने भी मुस्कुराकर हां में जवाब दे दिया.
उसके बाद अमित मुझे सहारा देकर बाथरूम तक ले गया.
उधर पानी नहीं था तो मैंने सूसू की और बिना चूत धोए बाहर आ गई.
अमित ने एक सिगरेट सुलगाई तो मैंने हाथ बढ़ा दिया.
हम सभी ने रात का प्रोगाम बनाया.
रात को मैं उन तीनों के कमरे में चली गई. उधर दारू और चकना के साथ मेरी चूत गांड का जोर शोर से बाजा बजाया गया.
पूरी रात भर मेरी चुदाई हुई.
अगले दिन और पूरी रात तक इन तीनों ने मेरे सारे छेदों का इतना बुरा हाल कर दिया था कि ना मुझसे चला जा रहा था, ना मुझसे सोया जा रहा था और ना ही मुझसे खड़ा हुआ जा रहा था.
मेरी ऐसी हालत थी कि मेरी चूत, गांड, चूतड़, बूब्स, हाथ, पेट और मेरे फेस पर काटने और नौंचने के निशान बन गए थे और मेरे पूरे बदन में बहुत जलन हो रही थी.
पर अब मैं कर भी क्या सकती थी. मेरी चूत की खुजली ने मुझे इन तीनों की रखैल बना दिया था.
यह हॉट ग्रुप Xxx कहानी मैं अभी यहां पर खत्म कर रही हूं. पर यह आपकी मेल आने पर, मैं आगे भी लिख सकती हूँ.
यह मेरी सच्ची आपबीती थी, जो मैंने आपके सामने परोसी. जिसमें मैं भी बहुत सी मदद चार्ली ने की. उससे मैं ऑनलाइन मिली थी.
उसके बाद मैंने उसको अपना सब कुछ बता दिया. जिससे उसने मेरी बहुत सी मदद की और इन तीनों जानवरों के चंगुल से मुझे छुटकारा दिला दिया.
मैं यह बिल्कुल नहीं बोल रही कि मैंने उनके साथ सेक्स एंजॉय नहीं किया था. मैं भी बिल्कुल रंडियों की तरह अपने मजे को लूट रही थी.
मैं सच कह रही हूँ कि मुझे इस सबमें बहुत ज्यादा मजा आया था, पर कहीं ना कहीं एक अच्छे घर की लड़की होने की वजह से मुझे अपने आप से बुरा भी लग रहा था.
दोस्तो, आपको मेरी हॉट ग्रुप Xxx कहानी अच्छी लगी होगी. प्लीज नीचे दिए गए चार्ली जोजेफ की मेल आईडी पर मुझे ईमेल करें.
धन्यवाद.
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