एक चूत दो लण्डों से चुदी-3
(Ek Choot Do Lundon Se Chudi-3)
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अजय ने अपना सारा माल मेरी चूत में ही छोड़ दिया और मैं भी सुस्त होकर अजय के ऊपर ही लेट गई और कहने लगी- बड़े ज़ालिम हो तुम लोग… आज पता चला कि दो मोटे लण्डों से एक साथ चुदने में कितना मजा आता है। पहली बार इतने जानदार मर्दों से चुदी हूँ।
मेरी चूत पूरी तरह फूल चुकी थी, मेरी चूत से रस नीचे बह रहा था।
तभी अजय बोला- अभी तो शुरूआत है, आज हम तुम्हें पूरी तरह से मजा देंगे, तुम आज का दिन जिंदगी भर नहीं भूल पाऊँगी… तुम्हारी चूत को पूरी तरह से फ़ाड़ कर उसका भोंसड़ा बना देंगे, आज से तुम हम दोनों की रखैल बन कर रहोगी… कुतिया… ज़िंदगी भर।
हम तीनों थक चुके थे, पता नहीं चला कि कब हमारी आँख लग गई और हम तीनों सो गए।
रात में अचानक मुझे महसूस हुआ कि मेरी चूत पर किसी का हाथ है, मैंने उठ कर देखा तो अजय मेरी चूत की दोनों पंखुड़ियों को खोल कर अपनी जीभ चूत के अंदर घुसा रहा था।
मैंने अजय से कहा- तुम यह क्या कर रहे हो?
तो वो कहने लगा- रोमा डार्लिंग, तुम्हारी चूत बहुत सुन्दर है, मैंने कहा था न कि मैं तुम्हें खूब चोदूँगा, तुम्हारी चूत का भोसड़ा बनाऊँगा, मैं वही कर रहा हूँ!
तभी अनुराग भी उठ गया।
अजय अभी भी मेरी चूत में अपनी जीभ डाल कर चूत को चूस रहा था, यह देख कर अनुराग कहने लगा- साली, लगता है तुझे अजय से चूत चटवाने में बहुत मजा आ रहा है, देखो तो कैसे अजय का सर पकड़ कर अंदर धकेल रही है?
अजय ने कहा- साली, तू क्या मस्त माल है, हम तो तेरे कायल हो गए!
अनुराग बोला- अजय, हम दोनों इसे मिल बांट कर खाएंगे और बारी बारी से चोदेंगे!
फिर अनुराग मेरे बूब्स पर मुँह लगा कर निप्पल चूसने लगा और अजय तो पहले से ही मेरी चूत चाट रहा था, मुझ पर मदहोशी छा रही थी, अजय मेरी चूत के दाने को बहुत ज़ोर से चूस रहा था, मेरी सांसें तेज हो रही थी, मेरी धड़कन की रफ़्तार दुगनी हो गई थी और मुझे लगा कि मैं अब झड़ने वाली हूँ, मेरी चूत में हरकत हुई और बिना किसी चेतावनी के मेरा पानी निकल गया तो मैंने अजय के सर को जोर से पकड़ लिया।
मैंने उसके मुँह को एक पल के लिए भी नहीं हटाया और अजय मेरी चूत का सारा रस ऐसे पी गया जैसे वो कोई गंगाजल हो!
अनुराग अभी भी मेरे बूब्स चूस रहा था, अजय ने चूत पर से अपना मुँह हटा कर मेरी चूत में अपना लण्ड रगड़ना शुरू कर दिया, फिर अजय धीरे धीरे झटके मार कर अपने लण्ड मेरी चूत में घुसाने लगा।
एक ज़ोर के झटके के साथ उसने पूरा लण्ड चूत में घुसा दिया, मुझे ज़ोर का दर्द हुआ और मैं चिल्ला उठी- साले मादरचोद… मेरी चूत फाड़ दी रे तूने हरामी! धीरे चोद… आअह्ह्ह्ह अह्ह्ह उउफ्फ्फ़… मेरी चूत फट गई!
अजय अब अपने लण्ड को आगे पीछे करने लगा और मैं नीचे पड़ी चुद रही थी, मैंने अपने दोनों पैर ऊपर की तरफ फैला दिए थे और अजय मस्ती से मुझे चोद रहा था, पूरा कमरा हमारी चुदाई की आवाज से गूंज रहा था, ठप ठप ठप लगातार मेरी चुदाई की आवाज आ रही थी।
तभी अजय ने चूत चोदने की रफ़्तार बढ़ा दी और पूरे जोश में वो मुझे चोद रहा था, अजय बोल रहा था- आज मस्त माल मिला है चोदने को… साली कितनी टाइट चूत है तेरी!
उसका लण्ड मेरी चूत पर जोर जोर से धक्के लगा रहा था, उसके चोदने से में मस्त हो गई थी, मेरी आँखों से आँसू निकल रहे थे, मुझे बहुत दर्द हो रहा था और मजा भी आ रहा था तो मैं भी नीचे से अपने चूतड़ हिलाने लगी और उसके हर धक्के के साथ मैं भी धक्के लगाने लगी।
करीब 15 मिनट चोदने के बाद उसके लण्ड में हरकत शुरू हुई, अजय एक पल के लिए थमा और फिर वो मेरी चूत में ही झड़ गया, साले ने मेरे झड़ने का इन्तजार भी नहीं किया,
‘हरामी साला…’ मैंने मन ही मन उसे खूब गालियाँ दी, उसने अपने वीर्य की आखिरी बून्द तक मेरी चूत में भर दी और उसका लण्ड फिर मुरझाकर मेरी चूत से बाहर निकल गया।
फिर अजय के हटते ही अनुराग ने अपना लण्ड मेरी चूत में डाल दिया, मैं फिर मस्त हो गई, अनुराग बहुत धीरे धीरे चोद रहा था, दो चार झटके के बाद रुकता, फिर चोदता और मैं उसकी इस हरकत से खुश हो रही थी।
धीरे धीरे मैं भी चरम सीमा पर पहुँची और अब मैं भी झड़ने का इन्तजार करने लगी, मैं मस्ती में बोलने लगी- और चोदो मुझे, मेरी सारी मस्ती निकल दो अनुराग, मुझे भी झड़ने दो… आह्ह्ह्ह माँ… कितना मजा आ रहा है ऊउईई!
फिर कुछ पल बाद ही अनुराग का बदन भी अकड़ने लगा, मैं समझ गई कि वो अब झड़ेगा, उसी पल मैं चरमसीमा पर पहुँची और उसके झड़ने के दौरान में भी झड़ गई और उसने भी अपना सारा माल मेरी चूत में ही छोड़ दिया।
अब मुझमें उठने की ताकत नहीं थी और मैं अपनी इस हालत पर रोने लगी, करीब 10 मिनट बाद मैं शांत हुई तो मैंने उन दोनों से कहा- अब मुझे जाने दो, तुम दोनों ने मेरे शरीर को कहीं का नहीं छोड़ा, मेरा बदन दर्द कर रहा है!
तो अजय बोला- अभी कहा जा रही है साली… बहन की लौड़ी, अभी तो आधी रात और बाकी है, तुझे तो अभी और चोदना है!
करीब एक घण्टे तक हम तीनों ऐसे ही लेटे रहे, घण्टे भर के बाद अनुराग और अजय का लण्ड फिर से खड़ा हो गया, अनुराग ने मेरी गांड के छेद को फैलाया और अपनी जीभ घुसा दी, अनुराग की जीभ मेरी गांड में प्रवेश कर रही थी, मुझे थोड़ा सा दर्द हुआ, तभी अजय ने वेसलिन निकाली और अनुराग को दी- ले अनुराग, इसकी गांड के छेद में इसे लगा दे इससे गांड बहुत चिकनी हो जाएगी!
उसने बहुत सारी वेसलिन ली और उसे मेरी गांड के छेद पर लगा दिया और कुछ अपने मोटे लण्ड पर भी लगा ली, फिर अनुराग ने मेरी गांड के छेद को फैलाया और उस पर लण्ड रख कर और कुछ पल रुकने के बाद एक जोर का धक्का मारा तो उसके लण्ड का सुपारा थोड़ा अंदर गया और मेरी चीख निकल गई- मर गई रे… बहुत दर्द हो रहा है… आआह्ह्ह्ह्ह उउउइइइइ आआह्ह्ह्ह्ह!
पर अनुराग नहीं रुका और वो मेरी गांड की चुदाई करने लगा। तभी अजय नीचे से हाथ डाल कर मेरी चूत रगड़ने लगा।
अनुराग मुझे अपनी गोदी में लेकर खड़ा हो गया तो फिर अजय ने मेरी चूत में अपना लण्ड घुसा दिया, मैं ऊपर हवा में थी, मेरे पीछे गांड में अनुराग का लण्ड था और आगे अजय का लण्ड मेरी चूत में था, वो दोनों मेरी चूत और गांड को चोदे जा रहे थे, मैं उन दोनों के बीच में थी, एक साथ मेरी गांड और चूत चुद रही थी, मैं एक साथ दो लण्ड के मजे ले रही थी और अब मैं भी मदहोश हो गई और अब मुझे दर्द नहीं हो रहा था बल्कि मजा आ रहा था।
फिए मैं भी अपनी चुदाई में खो गई, करीब 10-12 मिनट की चुदाई के बाद पहले अनुराग का बदन अकड़ा और बोला- मेरे लण्ड का पानी ले अपनी गांड में… मैं झड़ रहा हूँ, आआआआह्ह्ह!
फिर अजय का पानी निकला और उसी के साथ में भी झड़ गई ‘आअह्हह्हह’
वो कितना मधुर एहसास था जब हम सब पानी छोड़ रहे थे!
फिर उन दोनों ने मुझे बेड पर पटक दिया और दोनों मेरे आजु-बाजू लेट गए, मैं उन दोनों को बारी बारी से चूमने लगी, वो दोनों मेरे बूब्स दबाने लगे, मेरी चूत और गांड उन दोनों का वीर्य निकल रहा था और मुझ पर बेहोशी छाने लगी थी, उनको उस वक्त मेरी हालत पर रहम आया तो उस वक्त वो दोनों मुझे उठा कर बाथरूम ले गये और मुझ पर पानी डाल कर मेरे सारे बदन को साफ किया।
मैं बेहोशी की हालत में भी गरम हो रही थी, बाथरूम में ही उन दोनों ने मुझे एक एक बार फिर चोदा।
तो यह थी दोस्तो, मेरी आज की कहानी उम्मीद करती हूँ कि आप लोगों को पसंद आई होगी, कैसी लगी, बताइयेगा जरूर!
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