गाँव से आये देवर से मरवाई चूत गांड
(Desi Lund Xxx Kahani)
देसी लंड Xxx कहानी मेरी है मुझे सेक्स का बहुत शौक है. मेरा पति कुछ दिन के लिए विदेश गया तो मेरी चुदाई नहीं हुई. तभी गाँव से मेरा चचेरा देवर आया अपने दोस्त के साथ.
मेरा नाम मिसेज माला सिन्हा है दोस्तो!
मैं मिडल क्लास फैमिली को बिलोंग करती हूँ। मैं 26 साल की एक बेहद खूबसूरत पढ़ी लिखी और सेक्सी औरत हूँ। मैं एक वर्किंग गर्ल हूँ और एक बड़े ऑफिस में काम करती हूँ.
मुझे साड़ी और ब्रा पहनने का बड़ा शौक है।
ब्रा भी केवल निपल्स छिपाने के लिए पहनती हूँ बाकी चूचियाँ तो चूत चोदी पूरी खुली ही रहती है। आते जाते समय पल्लू से उन्हें भी ढक लेती हूँ।
जब मौक़ा मिलता है तो किसी न किसी बहाने अपना पल्लू नीचे गिरा कर मर्दों को अपनी चूचियाँ दिखा देती हूँ।
मर्द सब भोसड़ी वाले उन्हें देख कर मज़ा लेते हैं।
मेरे मम्मे दूसरों की तुलना में बड़े बड़े भी हैं और सुडौल भी!
इसके अलावा मुझे टॉप और लो वेस्ट की जींस पहनने का भी शौक है।
मैं पढ़ने में बड़ी तेज थी और सेक्स में भी बड़ी तेज थी।
सेक्स करना भी अच्छा लगता है और सेक्स की बातें भी करना अच्छा लगता है।
मैं कॉलेज के दिनों में रोज़ ही अपनी सहेलियों से सेक्स की बातें, चुदाई की बातें और लण्ड चूत चूत भोसड़ा की बातें खुल्लम खुल्ला करती थी।
मेरी दोस्त भी सब की सब मेरी ही जैसी थीं, एकदम बेशरम, बेहया और बेधड़क।
मेरी गिनती बोल्ड लड़कियों में की जाती थी।
मैं गन्दी गन्दी बातें खूब करती थी और गालियां भी खूब देती थी मगर प्यार से!
मेरी दोस्ती सबसे थी लड़कियों से भी और लड़कों से भी।
इसी बीच मैं लड़कों के लण्ड पकड़ने लगी, लण्ड मुंह में लेने लगी, लण्ड का मुठ्ठ भी मारने लगी और फिर एक ऐसा मौक़ा आया जब की मैंने लण्ड अपनी चूत में पेलवा लिया। मुझे पहले तो हिचक हुई लेकिन फिर मज़ा आने लगा।
सच्चाई यह है दोस्तो कि मैं अपनी शादी के पहले खूब चुदी हुई थी।
अब मेरी शादी के बाद देसी लंड Xxx कहानी का मजा लें.
मेरी शादी मनू अग्रवाल नाम के लड़के से हो गई।
वह पटना का रहने वाला है और मैं भागलपुर की हूँ।
लड़का बहुत पढ़ा लिखा था, अच्छी नौकरी थी, देखने में स्मार्ट और हैंडसम भी था तो मैंने भी कोई आपत्ति नहीं की।
मेरी शादी हो गई, मैं पटना अपनी ससुराल में आ गयी।
सुहागरात में मैंने इतने नखरे और अदा से चुदवाया कि उसे पता ही नहीं चला कि मैं पहले से ही चुदी हुई हूँ।
वह तो यही समझता रहा की वह एक कुवांरी चूत चोद रहा है; वही पहली बार मेरी चूत की सील तोड़ रहा है।
इसीलिए कहा गया है की औरत के चरित्र को कोई आजतक समझ नहीं पाया।
जब तक वह रहा, मुझे रात में कम से कम एक बार तो चोदता ही था।
इत्तिफाक से अभी कल ही एक हफ्ते के लिए वह विदेश चला गया है.
और मैं यहाँ लण्ड के लिए परेशान होने लगी; तड़पने लगी लण्ड के लिए।
मैं ईश्वर से प्रार्थना करने लगी कि हे भगवान कोई लण्ड भेज दे मेरे पास! मेरे 7 दिन बिना लण्ड के कैसे कटेंगे?
मेरी चूत चूत चोदी बिना लण्ड के एक दिन भी नहीं रह सकती।
जैसे तैसे मैंने रात गुज़ारी।
अगले दिन शाम को किसी ने डोर बेल बजाई।
मैंने फ़ौरन दरवाजा खोला तो सामने मेरी चचिया सास का बेटा सनी खड़ा था।
तो मैंने कहा- अरे तू … सनी कब आया गाँव से? गाँव में सब ठीक हैं न?
वह बोला- हां भाभी जी, सब ठीक है.
उसने झुक कर मेरे पैर छुए.
तब तक एक लड़का और आ गया।
सनी बोला- भाभी, ये गन्नू है मेरा दोस्त। इसका भी कुछ काम पटना में है तो मेरे साथ आ गया।
गन्नू ने भी मेरे पैर छुए।
मैंने दोनों को अंदर बड़े प्यार से बैठाया।
मैं उस समय घाघरा और चोली में थी। चोली माने एक छोटी सी ब्रा जिसके अंदर से मेरे बड़े बड़े मम्मे झांक रहे थे।
मेरे लम्बे लम्बे बाल बिल्कुल पीछे थे।
उन दोनों को मेरे मम्मों का मज़ा पूरा का पूरा मिल रहा था।
दोनों बड़ी उत्सुकता से मेरे मम्मों पर नज़रें गड़ाए हुए थे।
सनी बोल पड़ा- भाभी, तुम पहले से ज्यादा खूबसूरत हो गयी हो। बहुत अच्छी लग रही हो। बड़ी हसीन हो तुम!
मैंने मुस्कराकर कहा- बड़ी मक्खन बाजी कर रहे हो? बोलो क्या चाहिए तुम्हें?
वह मजाक में बोला- जो चाहिए वो दे दोगी भाभी जी?
मैंने कहा- क्यों नहीं दूँगी। तू मेरा देवर है मैं तेरी भाभी हूँ, कुछ क्या … सब कुछ दे सकती हूँ तुम्हें, मांग करके तो देखो.
वह बोला- ठीक है, सही समय पर मागूंगा.
मैंने कहा- फिर जो मैं मागूंगी वो तुम्हें भी देना होगा सनी.
वह बोला- बिल्कुल दूंगा।
बात आयी गई हो गई।
मैंने कहा- तुम लोग जल्दी से नहा धो लो, तब तक नाश्ता तैयार कर देती हूँ।
वो दोनों जब नहा धोकर एक एक तौलिया लपेट कर बाहर निकले तो मैं उनके नंगे बदन देख कर उन पर मोहित हो गई।
मेरी चूत में पानी आ गया।
मेरा मन हुआ कि मैं अभी इन दोनों को तौलियां खींच कर नंगा कर दूँ और इनके लण्ड पकड़ कर हिलाने लगूं।
मुझे दोनों की चौड़ी चौड़ी छाती और बलिष्ठ भुजाएं बड़ी सेक्सी लग रहीं थीं।
ख़ैर मैंने टेबल पर नाश्ता लगा दिया और फिर वो दोनों नाश्ता करके अपने काम से निकल गए।
इधर मैं भी बाथरूम गई और अपनी झांटें ट्रिम कर लीं, चूत के अगल बगल की झांटें एकदम साफ कर दीं।
ऊपर चूत के चबूतरे पर छोटी छोटी झांटें सबको बड़ी सेक्सी लगतीं हैं।
फिर मैं भी अच्छी तरह नहा धोकर तैयार हो गई; थोड़ा मेकअप कर लिया तो चेहरे पर ग्रेस आ गया।
मैंने एक नेकर पहन ली। मेरे घुटने मेरी जांघें एकदम खुली हुई हुई थीं।
ऊपर मेरी छोटी सी चोली सिर्फ मेरे निपल्स ही छिपा पा रही है और कुछ भी नहीं।
मेरा तो मन था कि मैं कुछ भी न पहनूं बस नंगी नंगी दोनों के आगे बैठ जाऊं।
लगभग शाम को 8 बजे वो दोनों वापस आ गए।
उनके साथ में बहुत सारा सामान भी था।
मैंने बड़े प्यार से उन्हें एक एक कप चाय पिला दी।
दोनों ने थोड़ा आराम किया और फिर हम सब बैठ कर बातें करने लगे।
मैंने कहा- तुम लोग कितने गहरे दोस्त हो सनी?
सनी बोला- बहुत गहरे दोस्त है हम लोग, भाभी जी। हम लोग एक दूसरे से कुछ भी नहीं छिपाते!
मैंने कहा- अच्छा तो क्या अपना अपना लण्ड भी नहीं छिपाते एक दूसरे से?
सनी थोड़ा शर्मा गया.
गन्नू ने भी अपनी आँखें नीचीं कर लीं।
मैंने कहा- अच्छा बताने में क्या तुम लोगों की गांड फट रही है। अरे मैं तुम्हारी बुरचोदी भाभी हूँ। भाभी के सामने क्या शर्माना … मैं खुल कर बोल रही हूँ तो तुम लोग भी खुल कर बोलो। इतना शरमाओगे तो फिर मैं तुम लोगों के लण्ड कैसे पकड़ूँगी?
मैं जानबूझ कर उन्हें ललकार रही थी। आग लगा रहा थी मैं उनके लण्ड में!
मैंने कहा- अब सच सच बताओ कि तुमने कभी एक दूसरे का लण्ड पकड़ा है?
सनी बोला- हां पकड़ा है भाभी … जब हम लोग कॉलेज में पढ़ते थे। हम लोग पटना में ही पढ़ते थे। लड़कियां भी पटाते थे और मौक़ा मिलने पर उन्हें चोद भी लेते थे।
मैंने कहा- अच्छा तो तुम्हें चोदना आता है? क्या पटना की लड़कियां तुमसे चुदवा लेतीं थीं।
गन्नू बोला- पटना की लड़कियां तो चुदवाने में दिल्ली की लड़कियों से आगे हैं, भाभी जी।
सनी ने कहा- हां भाभी जी, पटना की लड़कियां लण्ड खूब मस्ती से चूसती हैं और बड़ी ईमानदार होती हैं। कभी धोखा नहीं देती। दिल्ली की लड़कियां धोखा बहुत देती हैं।
मैंने पूछा- कितनी लड़कियां चोदी हैं तुम दोनों ने?
सनी ने बताया- 2 – 3 लड़कियां ही चोदी हैं हमने!
मैंने कहा- तो क्या अब चोदना बंद कर दिया है?
गन्नू ने कहा- मिल जाए तो आज भी चोद लूंगा।
इसी बात पर सब लोग हंसने लगे।
हमारी उत्तेजना बढ़ती जा रही थी।
मेरा मन हो रहा था कि मैं जल्दी से इन्हें नंगा कर दूँ और लण्ड पकड़ लूँ।
मेरी नज़रें उनके नंगे लण्ड देखना चाहती थी और वो दोनों भी मेरी चूचियों पर नज़रें गड़ाए हुए बैठे थे।
मैं समझ गयी कि मेरा इशारा पाते ही ये लोग मेरी चूचियाँ नौच डालेंगे।
आग दोनों तरफ की लगी हुई थी।
इतने में मैं उठी और किचेन में जाकर थोड़ा नाश्ते का सामान लेकर आ गयी.
फिर उठी पानी ले आयी।
बार बार आने जाने से मैं उन्हें अपने शरीर का एक एक मादक अंग दिखाने लगी।
मैंने सोचा कि कुछ देर और इसी तरह की सेक्सी बातें होती रहें तो अच्छा है।
मुझे तो बड़ा मज़ा आ रहा था।
मैं बार बार अपने दोनों हाथ ऊपर करके अपने बाल पीछे करने लगी और इस तरह अपने चिकने चिकने आर्मपिट उन्हें दिखाने लगी।
कभी मैं अपनी नेकर ठीक करने लगती, कभी अपनी एक टांग दूसरी टांग पर रखने लगती, कभी अपनी चोली ठीक करने लगती तो कभी अपनी नाभि पर हाथ फिराने लगती।
मेरी आँखें उनके लण्ड देखने के लिए बेताब हो रहीं थीं और वो लोग भी मुझे नंगी देखने के लिए उतावले हो रहे थे।
इतने में मैंने पूछा- सनी, तुमने कभी किसी का भोसड़ा चोदा है?
सनी बोला- चोदा तो नहीं है पर अपने दोस्त की माँ का भोसड़ा देखा जरूर है। अगर थोड़ी देर रुक जाता तो शायद चोदने का मौका भी मिल जाता क्योंकि उसकी माँ ने अपने बेटे से कहा था अरे बेटा तेरा दोस्त सनी आया था पर फ़ौरन चला गया. अगर थोड़ा रुक जाता तो और अच्छा होता!
बस फिर मुझसे न रहा गया.
मैं खड़ी हुई, मैंने सनी को अपनी बाहों में भर लिया और बोली- हाय मेरे देवर राजा, आज तो तेरे पास मौक़ा ही मौक़ा है। आज जो चाहे वो कर ले भोसड़ी के सनी!
मैंने गन्नू के भी गाल चूम लिए।
मैंने अपनी मंशा ज़ाहिर कर दी तो सनी ने फ़ौरन मेरी चूचियाँ दबा दीं और गन्नू ने मेरी कमर में हाथ डाल दिया, बोला- भाभी जी तुम बहुत सुन्दर हो। बहुत सेक्सी हो, बहुत हॉट हो।
सनी बोला- हां भाभी, मैंने तुमसे ज्यादा हॉट लड़की कभी नहीं देखा। तुम सच में बहुत खूबसूरत हो।
उसने मेरे मम्मे खूब दबाये और गन्नू ने मेरे चूतड़ सहलाए और मेरी गांड पर मस्ती से हाथ फेरा।
सनी ने चुपके से मेरी चोली का हुक खोल दिया तो मेरे दोनों मम्मी छलक पड़े।
वह बोला- वाह वाह भाभी … कितने मस्ताने, प्यारे और रसीले हैं तेरे मम्मे! जी करता है इन्हें कच्चा चबा जाऊं।
सनी अपने दोनों हाथों से मेरे मम्मे मसलने लगा।
गन्नू भी मजे से उन्हें चूमने लगा।
मैंने कहा- तुम लोग मेरे मम्मे मुंह में लेकर पियो। मेरे निप्पल चाटो।
फिर क्या … दोनों लड़के मेरी एक एक निप्पल चाटने लगे।
मैं मस्त होने लगी।
फिर मैंने देर नहीं लगाई।
मैंने दोनों की कमीज खोल डाली, पैंट खोल कर फेंक दी और फिर चड्डी उतारती हुई बोली- लो अब मैं तुम दोनों मादरचोदों को नंगा करती हूँ।
जब मैंने दोनों की चड्ढियाँ खोली तो दोनों लण्ड साले तन कर खड़े हो गए मेरे आगे।
मेरे मुंह से निकला- अरे वॉव … इतने बड़े बड़े लण्ड? इतने मोटे मोटे लण्ड? इतने जबरदस्त हक्कानी लण्ड? तुम लोग अभी तक गांड मरा रहे थे क्या अपनी? इतने बढ़िया लण्ड लिए बैठे हो तुम्हें तो पहले ही खोल कर खड़े हो जाना चाहिए था भोसड़ी वालों, तेरी माँ की चूत … तेरी बहन की चूत सालों … खूब तड़पाया है तुम लोगों ने मुझे लण्ड के लिए!
मेरा दोनों लण्ड पर प्यार उमड़ पड़ा।
मैं ताबड़तोड़ चूमने लगी दोनों लण्ड, उन्हें अपने चेहरे पर रगड़ने लगी, अपने माथे पर, आँखों पर, नाक पर, अपने गालों पर, होंठों पर और अपनी गर्दन से होते हुए अपने बड़े बड़े मम्मों पर भी।
मेरी ख़ुशी का ठिकाना न था।
सच में मैं ख़ुशी के मारे सातवें आसमान पर चढ़ गयी।
कहाँ मैं एक चूहे जैसे लण्ड के लिए तरस रही थी और कहाँ ये दोनों घोड़े के लण्ड जैसे लण्ड मुझे मिल गए।
तब तक सनी ने मेरी नेकर खोल कर फेंक दी और मेरी चूत उसके सामने नंगी नाचने लगी।
उसने बड़े प्यार से मेरी चूत सहलाई और बोला- तुमने भी मुझे खूब तड़पाया है मेरी जानेमन भाभी अपनी चूत दिखाने में! इतनी मस्तानी चूत का क्या अचार डालोगी बुरचोदी माला भाभी। आज मैं तेरी का हलवा बनाऊंगा। तेरी बहन की चूत … तू माँ की लौड़ी, बड़ी चालू चीज है। अब तू तुझे इसे हमारे चोदने के लिए संभाल कर रख। आज आएगा असली मज़ा तेरी चूत चोदने में माला भाभी।
मुझे उसकी मस्त मस्त गालियों ने पागल बना दिया।
मैं बहुत ज्यादा गरमा उठी। मैं यही चाहती थी की मुझे कोई गालियां दे दे कर चोदे, मुझे पटक पटक के चोदे।
आज मेरी तमन्ना पूरी होगी।
अब हम तीनों हो गए एकदम नंग धड़ंग।
मैंने सोच लिया कि आज मैं थ्रीसम का पूरा मज़ा लूंगी। मतलब दो लण्ड और एक चूत का मज़ा!
बेड पर नंगी लेटी हुई मैं सनी का लण्ड चाटने लगी और दूसरे हाथ से गन्नू का लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी।
लण्ड मुठ्ठी में लेकर आगे पीछे करने लगी।
गन्नू बड़े प्यार से मेरी चूत चाटने लगा, मेरी गांड भी चाटने लगा।
अपनी गांड चटाने का यह मेरा पहला अवसर था।
मुझे सच में गांड चटाने का खूब मज़ा आने लगा।
उधर मैं कभी सनी का लण्ड मुंह में डालती तो कभी गन्नू का लण्ड।
इस तरह मैं दोनों लण्ड का मज़ा एक साथ लेने लगी।
लण्ड दोनों 8″ थे और मोटे भी 5″ से कम न थे।
फर्क सिर्फ इतना था की सनी के लण्ड का टोपा गोल था और गन्नू के लण्ड का टोपा अंडाकार।
टोपे दोनों ही बड़े जबरदस्त थे।
मुझे तो आम की गुठली की तरह दोनों लण्ड चूसने में मज़ा आ रहा था।
मैं टोपा बार बार मुंह में डालती और फिर बाहर निकालती।
मेरी चूत ससुरी भट्ठी की तरह जल रही थी।
उधर गन्नू ताव में आ गया।
उसने मेरी दोनों टांगें फैलाई और अपना देसी लण्ड मेरी खुली हुई चूत पर रख कर खूब रगड़ा।
मुझे बड़ा अच्छा लगा फिर अचानक गच्च से पेल दिया पूरा लण्ड!
लण्ड बहनचोद सरसराता हुआ अंदर घुस गया तो मेरे मुंह से निकला- उई माँ … मर गयी मैं, फट गई मेरी चूत, चली गयी मेरी इज़्ज़त। हाय दईया कितना मोटा है तेरा भोसड़ी का लण्ड गन्नू! बड़ा बेरहम है तू … एक ही बार में घुसा दिया पूरा लण्ड!
जब उसने लण्ड 10 / 12 बार अंदर बाहर किया तो मुंह से फिर निकला- हाय रे … अब खूब घपाघप चोदो। मज़ा आने लगा है। पूरा पेल दो लण्ड। ये चूत चोदी चूत बहुत देर से लण्ड मांग रही थी। अब इसे तसल्ली मिली है। गन्नू तू सच में चूत चोद लेता है। तुझे चोदने का अनुभव है।
मैं सनी का लण्ड चूस चूस कर मज़ा ले रही थी।
मुझे दोनों लण्ड अलग अलग जगह पर मज़ा दे रहे थे।
मैं तो गाँव के लण्ड की दीवानी होती जा रही थी।
मैंने कहा- यार गन्नू, तेरे लण्ड में बड़ी ताकत है।
वह बोला- अरे माला भाभी, मैं गाँव का शुद्ध दूध पीता हूँ।
मैंने कहा- मेरा भी दूध पियो मेरे देवर राजा, तेरा लण्ड और मोटा हो जाएगा।
कुछ देर तक गन्नू मेरी चूत मारता रहा।
फिर उधर से सनी आया और वह मुझे चोदने लगा.
मैं फिर गन्नू का लण्ड चूसने लगी।
मुझे चुदाने का एक नया मज़ा मिलने लगा। जितने तरह के लण्ड उतने तरह का मज़ा!
मैं आज थ्रीसम का पूरा मज़ा लूट रही थी। बिल्कुल ब्लू फिल्म की हेरोइन बनी हुई दोनों लण्ड का मज़ा एकसाथ ले रही थी।
मेरी चूत को आज मन माफिक Xxx लण्ड मिले थे।
फिर सनी ने मुझे घोड़ी बनाकर लण्ड पीछे से मेरी चूत में घुसा दिया।
वह मुझे पीछे से चोदने लगा और गन्नू मेरे मुंह के सामने नंगा लेट गया मैं झुक कर उसका लण्ड चाटने लगी।
सनी बीच बीच में मेरी गांड में उंगली भी करने लगा।
गांड भी चूत के माफिक गीली थी बहनचोद।
इतने में सनी ने चुपके से लण्ड चूत से निकाल कर गांड में ठोक दिया।
मैंने कहा- भोसड़ी के, यह क्या कर रहे हो?
वह बोला- माला भाभी, कुछ नहीं कर रहा हूँ. बस गांड मार रहा हूँ तेरी! तेरी गांड बड़ी प्यारी लग रही थी भाभी. बस मैंने उसी में लण्ड पेल दिया है।
मैंने कहा- यार, आज तक मेरी गांड किसी ने नहीं मारी। तू पहला आदमी है जो मेरी गांड मार रहा है।
वह बोला- हम गाँव वाले औरतों की गांड भी मारते हैं माला भाभी।
वैसे मुझे गांड मरवाने में मज़ा आ रहा था।
एक लण्ड मुंह में एक लण्ड गांड में!
मैंने सोचा कि एक लण्ड और होता तो वह चूत में घुस जाता।
औरत को जितने लण्ड मिलें वह सारे लण्ड का मज़ा एक साथ ले लेती है।
कुछ देर बाद गन्नू बाहर आया तो उसने भी लण्ड मेरी गांड में ठोक दिया।
मैंने कहा- यार तुम दोनों गांड मारने में बड़े एक्सपर्ट हो?
वह बोला- सच बताओ माला भाभी, मज़ा आ रहा है न गांड मरवाने में?
मैंने कहा- हां यार, मज़ा तो आ रहा है। मुझे क्या मालूम था कि गांड मरवाना इतना अच्छा होता है।
सनी ज़मीन पर चित लेट गया और मुझे अपने लण्ड पर बैठा लिया।
लण्ड साला पूरा मेरी गांड में घुस गया.
मैं उसकी तरफ पीठ करके अपने दोनों हाथ ज़मीन पर रखे हुए अपने चूतड़ उठा उठा कर गांड चुदवाने लगी।
सामने से मेरी चूत खुली हुई थी तो गन्नू ने उसी में अपना लण्ड घुसेड़ दिया और चोदने लगा।
अब मेरी चूत और गांड दोनों एक साथ चुदने लगीं।
एक देसी लण्ड मेरी गांड चोद रहा था और दूसरा Xxx लण्ड मेरी चूत चोद रहा था।
गाँव के दोनों लड़के जी जान से और बड़ी मस्ती से मेरी चूत भी चोद रहे थे और गांड भी।
इस तरह की चुदाई मैं पहली बार कर रही थी और मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था।
मैंने कहा- हाय मेरे भोसड़ी वालो, तुम मेरी गांड भी चोदो और मेरी चूत भी चोदो। खूब झमाझम चोदो। फाड़ डालो मेरी चूत भी और मेरी गांड भी।
बस थोड़ी ही देर में मैं खलास हो गयी।
मेरी चूत ढीली हो गई और वो दोनों भी झड़ने लगे।
मैंने दोनों झड़ते हुए लण्ड बड़े प्रेम से चाटे।
मैंने दोनों लड़कों को दो दिन के लिए रोक लिया और फिर दिन रात दोनों से जी भर कर चुदवाया और मरवाई गांड।
और मैंने मन ही मन ठान लिया कि अब मैं दो दो लण्ड से ही चुदवाया करूंगी। गांड भी उतनी ही मस्ती से चुदवाऊंगी जितनी मस्ती से चूत चुदवाती हूँ।
देसी लंड Xxx कहानी कैसी लगी? मेल और कमेंट्स में बतायें.
[email protected]
लेखिका की पिछली कहानी थी: मैं अकेली हूँ अंकल, मुझे चोदो
What did you think of this story??
Comments