कॉलेज की मैम की अन्तर्वासना
(College Ki Mam Ki Antarvasna )
मेरे कॉलेज में एक मैडम हैं जिनका नाम विभा है. वे अच्छा हिंदी पढ़ाती हैं. उनको कोई बच्चा नहीं है. धन की कोई कमी नहीं, हस्बैंड भी सचिवालय में जॉब में हैं।
मैम अच्छी कद काठी की है और मॉडर्न भी हैं. बाल छोटे रखती हैं. चूची एकदम गोल और टाइट और शरीर भी फिट … मतलब अपनी बॉडी का पूरा ख्याल रखती हैं।
एक दिन चौकीदार की बीवी, जिन आंटी की चुदाई के बारे में मैंने आपको अपनी पिछली कहानी
कुँवारी बुर के साथ एक प्यासी चूत मिली
में बताया था.
उन आंटी ने मुझे कहा- तुझे विभा खोज रही है।
मैंने पूछा- क्या बात है?
वो बोली- तेरे लिए नया जुगाड़ लगाया है।
मैं भी खुश हो गया.
मैं हिंदी की क्लास में था. विभा मैम पढ़ा रही थी, मुझे घूर भी रही थी.
घंटी ख़त्म होने के बाद विभा मुझे बोली- थोड़ा मुझे पानी लाकर देना!
और अपनी बोतल मुझे दे दी।
मैं भी बोतल में पानी भरकर देने गया तो सब टीचर बैठे हुए थे। मैंने बोतल दी और चल दिया.
मेरे पीछे वो भी बाहर निकली और मुझे बुलाकर बोली- 5 मिनट बाद आंटी के रूम में आओ।
मैं तुरंत ही आंटी के कमरे में चला गया. तब आंटी कपड़े धो कर रही थी.
मैंने वहां पँहुच कर उनकी दोनों चूची ऊपर से ही मसल दिया और बोला- विभा मैम आ रही है।
मैं आंटी की चूची मसल ही रहा था कि तभी मैम अंदर आ गयी. उन्होंने मुझे चूची मसलते देखा. मैं भी उनको देख के खड़ा हो गया.
विभा मैम बोली- मुझे तेरी जरूरत है. क्या तुम मेरी मदद करोगे?
मैंने कहा- मुझसे आपकी कोई मदद हो सके तो क्यों नहीं करूँगा।
वो बोली- तुमको मुझे चोदना होगा।
मैम के मुँह से चोदना शब्द सुन के अचंभित हो गया।
मैं बोला- क्यों नहीं?
वो बोली- यहाँ नहीं, तुझे मेरे साथ मेरे रूम पे चलना होगा।
मैं बोला- मैं रात में नहीं रह सकता क्योंकि मैं अपने पेरेंट्स को क्या कहूँगा?
तो वो बोली- रात में नहीं रहना है। मैं कॉलेज से दो दिनों की छुट्टी ले रही हूँ। तुम कॉलेज के नाम पे घर से निकलना मेरे हस्बैंड तुम्हें रिसीव कर लेंगे, पुनः छुट्टी के टाइम पर छोड़ देंगे।
मैंने हाँ बोल दिया.
और पूछा- आपके हस्बैंड को कोई ऐतराज नहीं है इससे?
तो वो बोली- नहीं।
मैं अगले दिन स्नान करके कामसूत्र का डिओ लगा कर एकदम फिट होकर निकल गया. तय जगह से मैम के पति ने रिसीव किया और मैं उनके डेरे पे पँहुच गया।
जब मैं अंदर गया तो मैम शायद बाथरूम में थी।
तब तक उनके हस्बैंड, जिनका नाम रमेश है, उन्होंने मुझे सोफे पर बैठने को कहा. और फ्रीज़ से कोल्ड ड्रिंक भर ग्लास और नाश्ता लाये.
मैं बोला- नाश्ता नहीं, बस कोल्ड ड्रिंक ही काफी है।
वो बोले- नाश्ता तो होगा ही।
फिर रमेश सर से बात होने लगी. वो पूछने लगे- तुम कितकी लड़कियों के साथ सेक्स कर चुके हो?
तो मैं बोला- दो के साथ!
सब बात मैंने सच सच बतलाई।
तभी विभा मैम आ गयी, बोली- तुम आ गए। चलो अंदर ही डाइनिंग में आ जाओ।
हम लोग डाइनिंग में पँहुचे। वो साड़ी में थी कयामत लग रही थी.
मुझे शुरुआत करने में हिचक हो रही थी। तभी रमेश सर उठे और अपना शर्ट और पैंट उतार दिया. अब वो जांघिया में थे.
वे विभा मैम को बोले- उसको बुलाया है तो शुरू करो.
मैम मेरे पास आई और मुझे किस करने लगी. किस करते करते मेरी पैंट की चैन खोल लंड को बाहर निकाल कर चूसने लगी.
मैंने भी मैम की साड़ी को खोल कर मैम से अलग कर दिया और उनकी चूची दबाने लगा।
वो सिसकारी लेने लगी।
फिर सर भी हमारे साथ आ गए. उन्होंने मैम के पूरे कपड़े उतार दिए अपना अंडर पैंट भी उतार दिया. उनके लंड का साइज 4 इंच के करीब रहा होगा. वो मैम की चूत को चूसने लगे।
मैम की सिसकारी निकल रही थी, बोली- लण्ड बहुत तगड़ा है।
मैंने उनके मुँह से लण्ड निकाला और उनको गोद में लेकर बेड पे लिटाया। मैं सर को बोला कि वो अपना लण्ड मैम के मुँह में डालें।
अपना लंड मैंने मैम की चूत के मुँह पर लगाया और जोर से धक्का लगाया. उनके मुँह से आह निकल गयी।
फिर मैं आगे पीछे करने लगा.
15 मिनट की चुदाई के बाद मैम झड़ गयी. उसके 5 मिनट बाद मैंने भी अपना पानी निकाल दिया मैम की चूत में।
तब तक उनके हस्बैंड भी मैम के मुंह में झड़ चुके थे।
उसके बाड मैम नंगी ही बाथरूम में गयी और अपने को साफ़ करके आई.
हम सब नंगे ही टेबल पे नाश्ता करने लगे।
आखिर में मैम फ्रीज़ से आइसक्रीम लायी. वो प्लेट में डालने लगी तो मैंने मना किया कि आइसक्रीम मैं परोसूंगा.
मैं मैम हाथ से डब्बा ले लिया. मैंने एक टुकड़ा रमेश बाबू की छाती पे रख दिया और विभा मैम को सर की छाती पर से आइसक्रीम खाने को कहा.
मैम अपने पति की छाती पर झुक कर आइसक्रीम खाने लगी. मैं मैम के पीछे उनके चूतड़ों पर आइसक्रीम रख कर खाने लगा.
फिर मैंने सर को मैम की जाँघों पर आइसक्रीम रख कर खिलायी. इस तरह से हम तीनों ने सेक्सी तरीके से चाट के आइस क्रीम ख़त्म की.
मेरा लंड फिर खड़ा हो गया. इस बार मैम झुक कर मेरा लण्ड चूस रही थी कि तभी रमेश सर ने लंड उनकी गांड में डाल दिया.
मैम आह आह करने लगी. 5 मिनट की चुदाई के बाद सर का पानी निकल गया।
फिर मैंने उन्हें गोद में उठाया और मैम की चूत में लंड डाल कर मैम की चुदाई करने लगा।
उसके बाद उनके दोनों पैरों को कंधे पे रख कर चुदाई चालू रखी. फिर 15 मिनट बाद मैंने वीर्य मैम की चूत में छोड़ दिया और वो लेटी रही.
मैंने घड़ी देकही तो 2:30 बज चुके थे. मैंने जल्दी से अपने कपड़े पहने और सर ने मुझे मेरे घर के पास छोड़ दिया।
फिर अगले दिन मैं तय जगह पर पँहुचा तो रमेश सर आये हुए थे. मैं उनके साथ उनके घर पँहुच गया।
मैं अंदर गया तो देखा कि एक और लड़की अंदर थी.
मैंने मैम से पूछा तो मैम ने मेरा परिचय उनसे कराया- ये नाज़िमा बेगम हैं. मेरी सहेली हैं. शादीशुदा है।
विभा मैम उन्ही नाज़िमा के साथ लेस्बियन सेक्स भी करती थी कभी कभी।
मैम बोली- आज हम अलग तरह से चुदाई का आनंद लेंगे.
उन्होंने मुझे पूछा- ताश (कार्ड) खेलने आता है?
मैंने कहा- थोड़ा मोरा!
बोली- ठीक है।
सब लोग डाइनिंग हॉल में आ गए. ताश के पत्ते बांटे गए।
पते बाँटने से पहले रमेश सर बोले- जो हारेगा, उसे एक एक कपड़ा उतारना पड़ेगा. जिसके पूरे कपड़े पहले उतर जायेंगे, सब मिलके उसकी चुदाई करेंगे।
मैं सोचने लगा कि सब मिलके कैसे चुदाई करेंगे? लण्ड तो दो ही के पास है, मेरे और रमेश सर के पास!
मैं डर गया कि कहीं मैं हार गया तो गांड न मरवानी पड़े सर से।
फिर सोचा, जो होगा देखा जायेगा।
पहला राउंड मैं हर गया तो मैंने शर्ट उतार दिया।
दूसरा और तीसरा राउंड विभा मैम हार गई और केवल वो ब्रा और पैंटी में बच गयी।
अगला राउंड नाज़िमा हारी उन्होंने अपनी टॉप उतार दी। ब्रा में उनकी चूची देख के मेरा लण्ड खड़ा हो गया।
फिर रमेश सर हारे उन्होंने भी शर्ट उतरा।
अगले राउंड में नाज़िमा फिर हारी और उन्होंने नीचे की पायजामी उतारी. आह … नाज़िमा ने मस्त पारदर्शी पैंटी पहनी हुई थी.
फिर विभा मैम हार गई, उन्होंने ब्रा उतार दी. मैंने मैम की चूची को जोर से दबा दिया।
अंत में फिर मैम ही हार गई पूरी नंगी हो गयी।
अब वो उठकर सबके कपड़े उतारने लगी।
मैं उठ के नाज़िमा की चूत चाटने लगा.
वो बोली- नहीं, अभी नहीं!
मैं जबरदस्ती करने लगा.
तभी सर बोले- विभा हारी है, पहले इसकी चूत का बाजा बजाओ.
सब विभा मैम पर टूट पड़े मैं और सर मैम की दोनों चूची चूस रहे थे, मैम की सहेली नाज़िमा मैम की चूत चाट रही थी।
फिर सर ने अपना लण्ड विभा मैम के मुँह में डाल दिया. मैंने भी अपना लण्ड लेकर नाज़िमा को हटा मैम की चूत में पेल दिया.
अब मैम की सहेली मेरे टट्टे चाट रही थी।
फिर मैं नीचे आ गया, मैम मेरे ऊपर … मेरा लंड मैम की चूत में था और मैम अपने पति का लण्ड चूस रही थी।
तभी मैंने देखा कि नाज़िमा उठी और दूसरे रूम में गयी, एक डब्बा उठा लायी।
उसको खोला तो मैंने देखा कि उसमें रबर के दो लण्ड थे बेल्ट लगे हुए।
नाज़िमा ने एक लंड पहन लिया और उसे विभा मैम की गांड में घुसा दिया और धीरे धीरे आगे पीछे करने लगी. मैम थोड़े दर्द और थोड़े आनन्द से कराह रही थी।
मैंने माम की चूत चुदाई की गति बढ़ा दी तो मैम ने अपने पति का लंड चूसने की स्पीड बढ़ा दी।
तब तक रमेश बाबू का पानी निकल गया था. मैंने अपना लण्ड मैम की चूत में से निकाला और मैम की गांड मार रही नाज़िमा के पीछे जाकर उसकी चूत में जोर से डाल दिया. नाज़िमा के मुंह से चीख निकल गयी।
मैं मैम की सहेली की चूत को चोद रहा था, वो डिल्डो से अपनी सहेली विभा मैम की गांड को चोद रही थी।
जब नाज़िमा झड़ गयी मैंने लण्ड निकाल पुनः विभा मैम की चूत में डाल कर अपना पानी निकाल दिया। तब तक दो बार झड़ चुकी थी मैम।
फिर मैंने और रमेश सर ने कपड़े पहने और हम दोनों बाजार गये। उन्होंने कुछ दवाएं खरीदी।
फिर वापस आये तो नाश्ते के साथ सबको एक एक गोली खिला दी। फिर सब ताश खेलने बैठ गए।
इस बार सबसे पहले पूरे कपड़े रमेश बाबू के उतरे। रमेश बाबू की गर्दन में कुत्तों वाली बेल्ट बांधी गयी क्योंकि अब उनकी चुदाई होने वाली थी।
हम सबने अपने कपड़े उतार लिए.
विभा मैम मेरा लंड पकड़ कर खींचते हुए ले गयी और रमेश सर के मुंह में डाल दिया, वो चूसने लगे।
इधर नाज़िमा हाथ से उनकी गांड पे थप्पड़ मारने लगी जिससे सर के चूतड़ लाल हो गये।
तभी विभा मैम ने डिल्डो पहन लिया और मुझे हटा कर रमेश सर के मुँह में डाल दिया।
मेरा ध्यान तो नाज़िमा की गांड पे था लेकिन विभा मैम बोली- इस कुत्ते की गांड मारो!
मैंने लंड को रमेश सर कि गांड पे रखा तो उनकी देह सिहर गयी।
मैंने लुब्रीकेंट माँगा तो नाज़िमा जी ने कोई क्रीम लाकर दी. मैंने सर की गांड पे और अपने लण्ड पे क्रीम लगा ली और मैं धीरे धीरे सर की गांड में लंड डालने लगा.
वो दर्द से चीखने लगे तो मैं रुक गया।
फिर धीरे धीरे मैंने सर की गांड को चोदना शुरू किया. मेरा लंड करीब आधा अंदर जा चुका था.
मैंने जोर से धक्का मारा तो वो आहः आह करने लगे।
5 मिनट के बाद नाज़िमा जी दूसरी डिल्डो पहन के आयी, मुझे हटा कर खुद सर की गांड चोदने लगी।
मैं अपना लण्ड रमेश सर से चुसवाने लगा।
विभा मैम अपना डिल्डो अपनी सहेली की गांड में डाल के चोदने लगी। मैंने भी लण्ड निकाला और विभा मैम की गांड में डाल दिया और चुदाई करने लगा।
10 मिनट के बाद सब अलग हुए, मेरा लण्ड अभी तक खड़ा था। रमेश सर भी झड़े नहीं थे।
तभी नाज़िमा बोली- सबकी चुदाई हो गयी पर ये तो बच गया।
मैं बोला- नहीं, मुझसे नहीं होगा।
तभी विभा मैम और नाज़िमा मुझ पर झपट पड़ी, मेरा हाथ पकड़ लिया और रमेश सर ने मेरे हाथ पीछे करके बांध दिये.
मैं कुछ नहीं कर सकता था, नंगा था भाग भी नहीं सकता था।
नाज़िमा ने उंगली मेरे गांड में डाली। मैंने आह किया. वो अब क्रीम लगा कर दो अंगुली मेरी गांड में करने लगी. मुझे दर्द हो रहा था.
इधर रमेश सर ने अपना लण्ड मेरे मुंह में डाल दिया और विभा मैम मेरा लण्ड चूसने लगी.
अब नाज़िमा जी ने डिल्डो मेरी गांड में डालना शुरू किया. वो धीरे धीरे डिल्डो अंदर करने लगी.
5 मिनट करने के बाद मेरा पानी निकलने वाला था तो मैंने नाज़िमा जी अपनी गांड पर से हटाया और बिस्तर पर पटक कर उनकी चूत पर पानी छोड़ दिया।
मैंने घड़ी देखी तो 4 बज चुके थे. हमने समय का पता ही नहीं चला।
जल्दी से मैंने कपड़े पहने और आते समय मैंने मैम और नाज़िमा को किस किया. सर ने मुझे मेरे घर के पास छोड़ दिया और मैं अपने घर आ गया।
अगले महीने पता चला दोनों विभा मैम और नाज़िमा प्रेग्नेंट है।
मैम ने कॉलेज में मुझे बताया।
यह ग्रुप सेक्स कहानी तो यहीं समाप्त हुई। फिर कभी मौका मिला तो लिखूंगा। तब तक मुझे मेल करें, बताएं कि मेरी कहानी में आपको मजा आया या नहीं?
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