चूत एक पहेली -91

(Chut Ek Paheli- Part 91)

पिंकी सेन 2016-05-11 Comments

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अब तक आपने पढ़ा..

टोनी- ले भाई पुनीत तेरी बहन की चूत फट गई.. गाड़ दिया झन्डा किले पर सन्नी ने.. हो गया उसकी चूत का मुहूरत.. हा हा हा हा!
पुनीत- रॉनी प्लीज़.. मुझे खोल दे इन कुत्तों के हवाले पायल को मत कर.. देख वो कैसे चिल्ला रही है।
रॉनी- चुप साला.. बहनचोद कहीं का.. जिस दिन तूने उसकी सील तोड़ी थी.. उस दिन नहीं सोचा उसको कितना दर्द हुआ होगा.. जो आज उसके लिए रहम की भीख माँग रहा है।

रॉनी एक के बाद एक झटके पुनीत को दे रहा था और साथ ही साथ बाकी सब भी यह सुनकर चौंक गए थे।
पुनीत- तत..तू यह क्या बकवास कर रहा है… हाँ?

अब आगे..

रॉनी- बताऊँगा सब बताऊँगा.. मगर उस रंडी के सामने बताऊँगा.. पहले उसको ठीक से चुद तो जाने दे।
उधर पायल दर्द से कराह रही थी और सन्नी स्पीड से उसको चोद रहा था।

पायल- आह्ह.. सन्नी आह्ह.. आराम से.. करो ना.. उफ़फ्फ़ एक साथ ही पूरा घुसा दिया.. आह्ह.. मेरी जान निकाल दी।
सन्नी- तू कौन सी कुँवारी है… तेरी चूत तो खुली हुई है.. अब यह नाटक बन्द कर और पनी चूत चुदाई का मज़ा ले।

पायल समझ गई कि सन्नी को पता लग गया है.. अब वो ज़्यादा बोलेगी तो उसका और पुनीत का भांडा फूट जाएगा। इसलिए वो बस चुपचाप लौड़े के मज़े लेने लगी। कोई 20 मिनट तक सन्नी ने उसको अलग-अलग पोज़ में चोदा तब जाकर वो ठंडा हुआ।

पायल- आह.. मज़ा आ गया.. सच्ची.. तुम्हारा लौड़ा बहुत मजेदार है.. मोटा भी और लंबा भी है.. आह्ह.. अब प्लीज़ कुछ ऐसा करो वो तीन कुत्ते मुझे ना चोद पाएं..
सन्नी- नो बेबी.. ऐसा नहीं हो सकता.. चुदाई तो तुम्हें करवानी होगी.. अब प्यार से या जबरदस्ती से.. यह फैसला तुम्हारा है.. ओके बाय..

सन्नी ने कपड़े पहने और कमरे के बाहर आ गया।

टोनी- अरे वाह बॉस.. क्या झटका मारा आपने.. साली की चीख बाहर तक आई थी.. सुन कर ही मज़ा आ गया।
पुनीत- कुत्तों मैं तुम्हें जिंदा नहीं छोड़ूंगा.. और सन्नी तू तो मेरा दोस्त है.. फिर भी इनका साथ दे रहा है?
सन्नी- चुप साले.. किसका दोस्त कैसा दोस्त.. हाँ रॉनी, तूने इसे बताया नहीं क्या.. ये सब हमने क्यों किया है?
रॉनी- थोड़ा सा बताया है.. बाकी तू बता दे.. बड़ी जल्दी है इसे हा हा हा..

सन्नी- साले, आशा याद है ना तुझे.. उसका इंतक़ाम लेने के लिए मैं तड़प रहा था.. एक दिन नशे में मैंने ये सब रॉनी के सामने बोल दिया और ये भी किसी ऐसे मौके की तलाश में था। बस उसी दिन हमने सोचा कि मिलकर तुमसे और पायल से बदला लेंगे और प्लान के मुताबिक मैंने हॉस्टल में जाल बिछाया कि पायल को थोड़ा बिगाड़ कर उसका वीडियो बना लेंगे.. बाद में उस वीडियो के जरिए उससे बदला लेंगे.. मगर वो रंडी हाथ नहीं आई.. तो रॉनी ने दूसरा प्लान बनाया.. जिससे सबका बदला एक साथ पूरा हो जाए। बस ये टोनी को तैयार किया.. ये गेम सब कुछ हमारे हिसाब से फिक्स किया हमने.. और तू साला चूतिया इसमें फँस गया.. हा हा हा हा हा..

रॉनी- ना ना.. तू कुछ मत बोल.. मैं जानता हूँ तेरे दिमाग़ में क्या चल रहा है.. मैं किस बात का बदला लेना चाहता हूँ.. यही ना.. तो साले ये तेरे उस कुत्ते बाप और रंडी बहन से पूछना तू… तेरे हरामी बाप ने मेरी माँ की लाइफ बर्बाद कर दी और इस रंडी ने मेरी माँ को बार-बार जलील किया.. उसको रंडी कहा.. तभी मैंने सोच लिया था कि इसको रंडी का मतलब में समझाऊँगा.. इसीलिए ये सब किया..

पुनीत- इसका मतलब ये गेम भी फिक्स था.. मुझे सबने मिलकर हराया है.. और ये कोमल भी शायद नकली है..
टोनी- हाँ रे.. मेरे भोले दोस्त ये कोई मेरी बहन नहीं है.. कॉलगर्ल है और तू इसके लिए अपनी सग़ी बहन को ले आया.. हा हा हा हा..
सन्नी- जाओ टोनी तुम तीनों साथ जाओ एक-एक करके टाइम खराब मत करो..

टोनी- ठीक है बॉस.. जैसा आपका हुकुम मगर ये रॉनी साथ था.. ये बात हमको क्यों नहीं बताई..
सन्नी- तुम्हें याद है.. मैंने कहा था ताश में 4 इक्के होते हैं और हम चारों वो इक्के हैं।
टोनी- हाँ बॉस याद है अच्छे से..
सन्नी- तो बस हम चार इक्के हैं और इस गेम का असली खिलाड़ी रॉनी है.. ये सब इसके दिमाग़ का खेल है..

सन्नी ने शुरू से अब तक की सारी कहानी बताई कि कैसे पायल को नशा देकर पुनीत के करीब ले गया.. वो एसी खराब होना रॉनी का पुनीत को बार-बार मना करना ताकि इसको जरा भी शक ना हो.. सब कुछ एक प्लान था इनका..
पुनीत की तो गाण्ड फट गई ये सब सुनकर… वो कुछ बोलने की हालत में नहीं था..

मुनिया उसके पास आई और एक तमाचा उसके गाल पर जड़ दिया।
मुनिया- आशा को मारा तुमने कुत्ते.. अब भुगत अपने किए की सज़ा..
अर्जुन- अरे बस कर.. मेरी बुलबुल अभी नहीं.. पहले इसकी बहन को चुद जाने दे.. उसके बाद मार लेना इसको अभी तो मेरा लौड़ा तुझे देख कर मचल रहा है.. चल थोड़ा चूस दे..

रॉनी- जाओ तुम लोग और मज़ा करो.. तब तक मैं कोमल के साथ थोड़ी मस्ती कर लेता हूँ.. बहुत सुना है इसके बारे में आज उसको भी टेस्ट करके देख लेता हूँ..
टोनी- ठीक है भाई.. आप भी मज़ा करो तब तक उस रंडी को हम मसल कर आते हैं।
सन्नी- यार अर्जुन बुरा ना लगे तो मैं भी मुनिया को थोड़ा सा प्यार करना चाहूँगा।

अर्जुन- अरे इसमें बुरा क्या लगना.. ये कौन सी मेरी बीवी है.. आ जा तू भी साथ में मज़ा करेंगे..
सन्नी- बहुत खूब यार.. चल चल.. और तुम लोग सुनो.. पायल को अभी कुछ मत बताना.. पहले सब मिलकर उसका मज़ा ले लो.. उसके बाद ही बताएँगे कि उसके साथ क्या हो रहा है.. और इस कुत्ते के मुँह पर पट्टी बाँध दो.. ताकि ये साला शोर ना मचा सके..

पायल बिस्तर पर लेटी हुई सोच रही थी कि अब टोनी आएगा.. तो उसके साथ वो कैसे पेश आएगी.. तभी वो तीनों अन्दर आ गए..

पायल- आह्ह.. हैलो.. ये क्या है तुम एक साथ क्यों आए हो? हाँ?
टोनी- सुना है तू बहुत बड़ी रंडी है.. तो हमने सोचा एक-एक करके तुझे मज़ा नहीं दे पाएँगे.. इसी लिए एक साथ आ गए..
पायल- जाओ यहाँ से.. नहीं मैं किसी को हाथ लगाने नहीं दूँगी हाँ।

टोनी उसके पास गया बोला- चुप साली छिनाल.. अब यहाँ तेरी नहीं.. हमारी मर्ज़ी चलेगी.. प्यार से चुदवा ले.. नहीं साली तुझको हम तड़पा-तड़पा कर चोदेंगे..
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पायल भी जिद्दी थी वो कहाँ मानने वाली थी.. मगर वो अकेली उन तीन के सामने कहाँ टिक पाती.. विवेक और सुनील ने उसके हाथ पकड़ लिए और टोनी ने उसकी चूत को चूसना शुरू कर दिया। वो जानता था.. एक बार ये गर्म हो जाए तो अपने आप लाइन पर आ जाएगी और हुआ भी वैसा ही.. थोड़ी देर बाद पायल उत्तेजित हो गई..

पायल- आह्ह.. इससस्स.. आह.. मेरे हाथ छोड़ो आह्ह.. चूसो आह्ह.. मेरी चूत में आह्ह.. कुछ हो रहा है.. आह्ह.. तुम दोनों क्या बैठे हो.. मेरे मुँह में लौड़ा घुसा दो.. आह्ह..ईईइ आह..
अब सुनील और विवेक भी शुरू हो गए..

तीनों नंगे होकर पायल के इर्द-गिर्द लेट गए.. कोई उसके मम्मों को चूस रहा था तो किसी का लौड़ा वो चूस रही थी।

लगभग 25 मिनट तक ये तीनों बारी-बारी से पायल को चोद कर ठंडे हो गए। इस दौरान टोनी ने पायल की गाण्ड भी मारी और उसको ज़ोर-ज़ोर से चोदा ताकि वो तेज आवाज में चीखे.. और बाहर पुनीत तड़पे..

जब तीनों का हो गया.. तो वो बाहर आ गए.. अन्दर इन्होंने पायल का हाल बेहाल कर दिया था.. इनके लौड़े भले ही बड़े नहीं थे.. मगर इन्होंने उसको काट कर.. चूस कर बहुत परेशान किया था।

जब ये तीनों बाहर आए.. तो इनके चेहरे पर जीत की ख़ुशी साफ नज़र आ रही थी.. जिसे देख कर पुनीत आग-बबूला हो गया।

टोनी ने उसका मुँह खोला और उसके मुँह पर थूक दिया- साला बहनचोद कहीं का.. पहले ही चूत और गाण्ड को ढीला कर दिया.. मज़ा ही नहीं आया..
विवेक- बॉस आपने साली को चोद-चोद कर लाल कर दिया.. उसमें कुछ तो मज़ा आया ही होगा ना आपको.. हा हा हा हा..
पुनीत- सालों में किसी को जिंदा नहीं रहने दूँगा.. मैं एक-एक को चुन-चुन कर मारूँगा..

टोनी- अरे.. अरे.. कुत्ते को गुस्सा आ गया.. देखो कैसे भौंक रहा है.. साले तेरी बहन की अभी चूत गाण्ड और मुँह को चोद कर आ रहे हैं.. ये तो पहला राउंड है.. अभी तो पूरी रात बाकी है.. उसके बाद सुबह तेरे साथ क्या करेंगे.. तू सोच भी नहीं सकता.. फिर चुन-चुन कर हमें अपना जीजा बोलना.. हा हा हा हा हा..

पुनीत गुस्से में था.. मगर वो कर भी क्या सकता था.. बस वो खून के घूँट पीकर रह गया।

ये तीनों अन्दर थे तो अर्जुन और रॉनी ने क्या गुल खिलाए.. हम वो भी देख लेते हैं।

रॉनी ने कोमल को अलग कमरे में ले जाना ठीक समझा क्योंकि दूसरे कमरे में सन्नी और अर्जुन साथ में मुनिया को ले गए थे।

रॉनी- आ जा मेरी जान.. पहले लौड़ा चूस कर मज़ा दे.. उसके बाद मैं तेरी चूत का मज़ा लूँगा।
कोमल- क्यों क्या तुम पायल के साथ चुदाई नहीं करोगे?

आप मुझे अपनी प्यारी ईमेल लिखो, मुझे बताओ कि आपको कहानी कैसी लग रही है।
कहानी जारी है।
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