माँ बेटी ने मिल कर लण्ड का मज़ा लिया

(Chudai Party)

चुदाई पार्टी कहानी में नानी माँ बेटी तीनों आपस में सेक्स के मामले में खुल चुकी थी. तीनों नए नए लंड की तलाश में थी. उनके एक पुराने चोदू ने तीन दोस्तों से मिलवाया उन्हें.

मेरे प्यारे दोस्तो, आज मैं फिर आपके सामने अपनी ज़िन्दगी की सच्ची कहानी लेकर उपस्थित हुई हूँ।

मेरा नाम सजनी कपूर है और आप मेरी ज़िन्दगी की सच्ची कहानी इन दो कहानियों में पढ़ चुके हैं।
पहली – माँ बेटी की एक साथ घमासान चुदाई
और दूसरी – बेटी को लण्ड का मज़ा दिलवाया

मैं इसी कहानी का दूसरा भाग आपके सामने प्रस्तुत करने जा रही हूँ.

आप जानते हैं कि मैं 42 साल की एक पढ़ी लिखी, मदमस्त, बोल्ड और बेमिसाल औरत हूँ।
मुझे सेक्स में बेहद रूचि है।

मेरी शादी एक ऐसे आदमी से हुई थी जो नामर्द था।
इसलिए मैं अपने मायके में रहने लगी थी।

काफी लम्बे समय तक मुझे एक भी लण्ड नसीब नहीं हुआ था।
मेरी जवानी बरबाद होती जा रही थी।

एक दिन जब मैंने मम्मी सुनीता को पराये मर्द से चुदवाती देखा था तो मेरी हिम्मत खुली और मैंने अपने दिल की बात मम्मी को बता दी.
वह मेरी भावनाएं समझ गई और एक दिन रात में उसने मुझे पापा का लण्ड पकड़ा दिया जो बड़ा मोटा तगड़ा था और 8″ से भी ज्यादा लम्बा था।

मैं जवानी के जोश में थी।
मेरा तन मन सब लण्ड पर केंद्रित हो गया और फिर मैं सारी दुनिया भूल गई।
मैंने जी भर के उससे चुदवाया।

लण्ड साला जब चूत के अंदर बच्चेदानी तक चोट करने लगा तो मुझे अपार आनंद आने लगा और मैं भाव विभोर हो गयी।

उसी से मेरी एक बेटी पैदा हो गई जिसका नाम माला है।
वह जब जवान हुई तो मैंने उसे भी पापा के लण्ड का सुख दिया क्योंकि मैं नहीं चाहती थी कि मेरी बेटी मेरी तरह लण्ड के लिए काफी समय तक तरसती रहे।

अब आप आगे पढ़िए चुदाई पार्टी कहानी:

अब तक एक बात तो बिलकुल साफ़ हो गई थी कि हम तीनों एक ही लण्ड से चुदवातीं हैं।

मम्मी ने पापा का लण्ड मुझे पकड़ा दिया था तो मैं चुदवाने लगी और मैंने फिर पापा का लण्ड अपनी बेटी माला को पकड़ा दिया था तो वह भी चुदवाने लगी।
हम तीनों एक दूसरे के साथ कभी एक दूसरे के सामने चुदवाने लगीं।
फलस्वरूप हमारे बीच कोई शर्म, कोई हिचक, या कोई झिझक बिलकुल नहीं रही।
बल्कि हम सब गन्दी गन्दी बातें करती हुई और एक दूसरे को प्यारी प्यारी गालियां देती हुई सेक्स का मज़ा लेने लगीं।

हम तीनों भले ही माँ बेटियां हैं मगर प्रैक्टिकली हम तीनों आपस में सहेलियां बन गईं।
एक बात और बता दूँ आपको कि हम सब एक दूसरे को नाम और गालियों से बुलाने लगीं हैं।
इससे हमें अपार आनंद आने लगा।

जैसे माँ की लौड़ी संजना, बहन की लौड़ी माला और चूत चोदी रंडी अनीता कह कह मज़ा लेने लगीं।

न कोई माँ और न कोई बेटी।
हम सब चूत वालियां हैं और लण्ड की बेहद शौक़ीन हो गयीं हैं।

एक दिन हम तीनों बड़ी सेक्सी और रोमांटिक मूड में थी.
हमारे पास कोई लण्ड नहीं था।

बातें करती करती हम तीनों उत्तेजित हो गईं और फिर नंगी हो गईं.
नंगी नंगी एक दूसरे से लिपट गईं।

फिर हम तीनों बेड पर लेटे लेटे एक दूसरी की चूत चाटने लगीं।
मैं माला की चूत चाटने लगी, माला अनीता की चूत और अनीता मेरी चूत चाटने लगी।

हमारे बीच लेस्बियन का जोश बड़ी जोरों पर था।

एक दूसरी के साथ चूची और चूत की रगड़ाई होने लगी।

इतने में अनीता बोली- अरी माँ की लौड़ी सजनी, तेरी चूत बहन चोद बड़ी स्वादिस्ट है यार!
उधर से माला ने कहा- साली कुतिया अनीता, तेरी बिटिया की बुर, तेरी चूत तो बन गई है भोसड़ा बहनचोद!

फिर मेरे मुंह से निकला- हरामजादी माला, तेरी माँ की चूत, तू साली रंडी, अनीता का भोसड़ा चाट चाट कर ही मज़ा ले ले.

इसी बीच माला एकदम से बोली- यार सजनी, अब लण्ड के बिना मज़ा नहीं आता। कुछ करो यार. मुझे लण्ड की याद आ रही है। मुझे लण्ड चाहिए लण्ड!

उधर से अनीता ने कहा- मुझे भी लण्ड चाहिए मादर चोद सजनी। तू ही कुछ कर सकती है भोसड़ी वाली!

लेस्बियन के बाद मेरे दिमाग में बस लण्ड घूमने लगा।
मैं सोचने लगी कि मुझे भी लण्ड चाहिए; अनीता को भी और माला को भी लण्ड चाहिए। पापा कब तक हम सबको चोदते रहेंगे?

बस मैं लण्ड की तलाश में निकल पड़ी और उसी नीग्रो के पास पहुंच गई जिससे मैंने माला को चुदवाया था।
वह बड़े प्रेम से मिला।

मैंने अपनी बात उसे बताई तो वह बोला- यार सजनी, यहाँ मेरे बगल के फ्लैट में 3 पठान एक साथ रहते हैं। वे बहुत अच्छे लोग हैं और तुम्हें खूब मज़ा देगें। मैं अभी उनसे बात करता हूँ।

उसने मेरे सामने ही एक से फोन पर बात की और कहा- यार, यहाँ मस्त जवान खूबसूरत और हॉट लड़कियां हैं. तुम लोग चोदना चाहो तो बताओ, मैं इंतज़ाम कर सकता हूँ।
तो वहां से आवाज़ आई- हां हम लोग तैयार हैं, तुम उनको लेकर मेरे घर आ जाओ।

मैं उनके घर पहुँच गयी।
उसने दरवाजा खोला तो मैं उसे देख कर दंग रह गई।
बड़ा हैंडसम स्मार्ट और वेल बिल्ट लड़का था, थोड़ा सांवला था पर सेक्सी और हॉट था।

मेरी चूत में आग लग गई।

बात करते करते वह बोला- हम 3 लोग एक साथ इसी फ्लैट में रहते हैं।
मैंने कहा- हम भी 3 लड़कियां हैं।

फिर क्या … बात पक्की हो गई।

उसका नाम था दानिश।

मैं जब घर लौट कर आई और सबको बताया तो सबके चेहरे खिल उठे।

मैंने कहा- माला, सुन माँ की लौड़ी … कल तुम और अनीता अपनी अपनी झांटें बनाकर सज धज कर चलना। कल तुम दोनों की खूब खुल्लम खुल्ला चुदाई करवाऊंगी। तेरे सामने तेरी माँ भी चोदी जाएगी।

उसके बाद तो हम तीनों अपने अपने काम में लग गयीं।

हमने एक छोटी सी तंग ब्रा पहन ली जिसने केवल निप्पल ही छिपे थे, बाकी सब खुला था।
माला लौ वेस्ट जींस और टॉप में थी।

अनीता भी मेरी तरह तंग ब्रा और साड़ी में थी.

इस तरह हम तीनों उनके पास पहुँच गयी।

सबसे पहले दानिश ने हमारा स्वागत किया और बड़े गौर से हम तीनों को देखता रहा.
फिर बोला- यार सजनी, तुम तीनों गज़ब की हॉट लड़कियां हो।

उसने हमें अपने दोनों दोस्तों से मिलवाया।
वे थे रुस्तम और असद।

रुस्तम दानिश की तरह सांवला था पर असद एकदम गोरा चिट्टा।
हम तीनों उनकी देख कर बेहद खुश हुई।
वे भी हमें देख कर प्रसन्न हुए।

एक बड़ा सोफा पड़ा था, उसी में हम सब बैठ गए।

इतने में दानिश ने ड्रिंक्स शुरू कर दी।

थोड़ा दारू पीने के बाद हमारी साड़ियों के पल्लू नीचे गिर पड़े और हमारी बड़ी बड़ी चूचियाँ उनके सामने दिखने लगीं।

कुछ देर में दानिश मेरे बगल में बैठ गया.
रुस्तम अनीता के बगल में और असद माला के बगल में!

दानिश बड़े प्यार से मुझे शराब पिलाने लगा तो मैं भी अपना हाथ उसकी जांघ पर रगड़ने लगी।

उधर रुस्तम अनीता की चूचियाँ दबाते हुए उसकी चुम्मी लेने लगा।

माला तो असद से एकदम चिपक गई और उसका लण्ड ऊपर से ही सहलाने लगी।

देखते ही देखते हम तीनों की ब्रा खुल गईं और हमारी चूचियाँ उनके आगे नंगी नंगी छलक पड़ीं।
असद माला की चूचियाँ चूसने लगा।

तब तक माला ने हाथ उसकी नेकर में घुसेड़ दिया।
इधर मैं भी दानिश के लण्ड का दर्शन करना चाहती थी इसलिए मैंने उसकी नेकर खींच कर उसे नंगा कर दिया।

उसका टनटनाता हुआ लण्ड मेरी आँखों के सामने दहाड़ने लगा।

मैंने फ़ौरन उसे मुठ्ठी में लिया और बोली- बाप रे बाप … इतना बड़ा लण्ड? इतना मोटा तगड़ा लण्ड? बहनचोद घोड़े के लण्ड जैसा है तेरा लण्ड दानिश। वाओ, मज़ा आ गया तेरा लण्ड देख कर यार!

तब मैंने लण्ड को प्यार से कई बार चूमा।

मैंने देखा की असद का लौड़ा भी लगभग 8 इंच का है और माला उसे बड़े प्यार से चूस रही है।
यह देख कर मेरी ख़ुशी का ठिकाना न रहा।

मैं चाहती थी कि मेरी बेटी मेरे सामने ही बड़े बड़े लण्ड का मज़ा लूटे और आज वही मेरे सामने हो रहा है।

मेरा एक हाथ माला की चूत पर चला गया।
चूत उसकी बहुत गर्म हो चुकी थी।

उधर अनीता का हाथ मेरी चूत पर चल रहा था।
वह भी चाहती थी कि उसकी बेटी सजनी बड़े बड़े पठानों के लण्ड अपनी चूत में पेलवाकर खूब चुदवाये।
मुझे जब लोग चोदते है तो मेरी माँ को देखने में बड़ा मज़ा आता है।

हम दोनों माँ अपनी अपनी बेटी घपाघप चुदवाने के लिए बेताब हो रहीं थीं।

रुस्तम का लण्ड जब अनीता ने हिलाना शुरू किया तो लण्ड मादरचोद आसमान से बातें करने लगा।
इतना लम्बा लण्ड मैं पहली बार देख रही थी।

अनीता आधा ही लण्ड अपने पूरे मुंह में ले पा रही थी।
वह लण्ड चूसने में जुटी हुई थी।

अनीता ने सोच लिया कि मैं ये लण्ड सबसे पहले अपनी बेटी सजनी की चूत में पेलूँगी, उसे पूरा मज़ा दूंगी।

उधर मैंने भी मन बना लिया था कि मैं दानिश का लण्ड अपनी बेटी माला की चूत में ठोकूंगी ताकि मेरी बेटी को ज़न्नत का मज़ा मिले।

इतने में मैंने देखा कि मेरी चारों उंगली माला की चूत में घुस गयी हैं.

तब मैंने दानिश का लण्ड उसकी चूत पर सेट कर दिया और दानिश को इशारा किया.
तो उसने एक ही बार में पूरा लौड़ा माला की चूत में पेल दिया।

माला की चीख निकल पड़ी- उई माँ … फट गयी मेरी चूत! तू चूतचोदी सजनी मेरी चूत फड़वा रही है. साली कुतिया तेरी बिटिया की चूत फटवाऊँगी मैं इसी तरह!
मुझे उसकी गालियां सुनकर बड़ा मज़ा आया।

मैंने कहा- तू माँ की लौड़ी मज़ा ले ले भोसड़ी वाली बड़े बड़े लण्ड का! अभी तो तेरी गांड में भी ठोकूंगी लण्ड!

इधर ये सब बातें कर ही रही थी कि उधर अनीता ने रुस्तम का लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया।
उसका बहनचोद मोटा लण्ड मेरी बच्चेदानी तक घुस गया।
बार बार रुस्तम वहीं चोट करने लगा।

मेरी सिसकारियां निकलने लगीं- हहहह उउउ हहह उउ हाय रे फटी जा रही है मेरी चूत! तेरी बहन का भोसड़ा अनीता … तू साली बड़ी बेरहम है।

इतने में असद आया और अनीता गांड में लौड़ा ठोक दिया।
अनीता की गांड सच में फटने लगी।
वह चिल्लाने लगी- हाय दईया, तूने क्या किया माला की बच्ची! तूने इतना बड़ा लण्ड मेरी गांड में पेलवा दिया। तेरी माँ की चूत साली कुतिया रंडी!

इस तरह मेरी और माला की चूत चुदने लगी तो उधर अनीता की गांड़ का बाज़ा बजने लगा।

मैं माला को चुदती हुई देख कर खुश हो रही थी और अनीता मुझे चुदती हुई देख कर!

पूरे घर में धच्च धच्च फच्च फच्च गच्च गच्च की आवाज़ें आ रही थीं जो सबको बड़ी मनमोहक लग रही थीं।

दोनों माँ, दोनों बेटियां बड़ी मस्ती से चुदवा रही थीं.
और यही मैं चाहती थी।
लण्ड बहन चोद सभी की बच्चेदानी तक चोट कर रहे थे।

अचानक मैंने देखा कि असद अब अनीता का भोसड़ा चोदने लगा है.
वह बोला- यार अनीता, मुझे तेरा भोसड़ा चोदने में मज़ा आ रहा है।
रुस्तम बोला- हां यार, मुझे सजनी बड़ा मज़ा दे रही है. साली बिलकुल रंडी की तरह चुदवा रही है।

दानिश के मुंह से निकला- यार, माला चूत चोदी की चूत अभी भी बड़ी टाइट है। लण्ड मेरा उसकी चूत चीरता हुआ घुस रहा है।

वह उसकी चूचियाँ दबाने लगी, माला अनिता की चूतड़ों पर हाथ मारने लगी और अनीता मेरे गाल पे थप्पड़ मार कर बोली- सजनी, तेरी माँ का भोसड़ा … तेरी बेटी की चूत! तूने ही हम सबको रंडी बना दिया माँ की लौड़ी।
मैंने कहा- अरी मेरी बड़े भोसड़े वाली … तूने ही तो सबसे पहले मुझे लौड़ा पकड़ाया था साली कुतिया, बहन की लौड़ी।

फिर सबने अचानक पैंतरा बदल दिया।
मैंने रुस्तम का लण्ड अपनी चूत से निकाल कर अनीता की भोसड़ी में पेल दिया।
अनीता ने असद का लण्ड निकाल कर माला की चूत में घुसेड़ दिया.
और माला ने दानिश का लण्ड मेरी चूत में सेट करके पेल दिया।

हम तीनों के लण्ड बदल गए तो एक नया मज़ा सबको मिलने लगा.
चोदने वालों को भी और चुदने वालियों को भी।

इस तरह माँ अपनी बेटियां चुदवाने लगीं और अब बेटियां अपनी माँ चुदवाने लगीं।
यही तो मज़ा है इस सामूहिक माँ बेटी की चुदाई के खेल का!

तीनों लण्ड बहन चोद बच्चे दानी पर चोट कर कर के चोदने लगे।
कोई किसी से कम न था।
सब मादरचोद धक्के पे धक्के मारे चले जा रहे थे और हम सब भी धक्के का जवाब धक्के से देती जा रही थीं।

दानिश बोला- यार सजनी, अब तेरी चूत का भोसड़ा बनाऊंगा।
असद बोला- हां, मैं अब माला को रोज़ चोदा करूंगा। बड़ी अच्छी तरह चुदवाती है भोसड़ी वाली!
रुस्तम लण्ड अनिता की चूत में पेलते हुए बोला- साली कुतिया, तेरी चूत बहुत गहरी है साली … मैं आज इसे फाड़ डालूंगा।

हम तीनों की इस तरह घपाघप चुदाई पहली बार हो रही थी।

फिर क्या … मैं भी झड़ गयी और माला, अनीता भी!

उसके बाद जब लण्ड एक एक करके झड़ने लगे तो हमें झड़ते हुए लण्ड चाटने में बड़ा मज़ा आया।

चुदाई पार्टी करके बाथरूम जाकर हम सबने खूब मस्ती की एक दूसरे को नंगी नंगी ही नहलाया।

हम लोगों को नंगे नंगे डिनर करने में भी बड़ा मज़ा आया.

फिर जब हम सब नंगे लेटे थे तो मेरी नज़र असद के गोरे चिट्टे लण्ड पर पड़ी।
मेरा हाथ अपने आप उसके लण्ड पर चला गया।

मैंने जैसे ही लण्ड पकड़ा तो लण्ड फनफनाकर कर खड़ा हो गया और मैंने उसकी चुम्मी ले ली।

तब मैंने देखा कि माला रुस्तम के लण्ड से खेल रही है और अनीता दानिश के लण्ड से!

तीनों मादरचोद लण्ड फिर से चोदने के लिए तैयार हो गए।

इस बार दानिश ने लण्ड अनीता की चूचियों में पेल दिया।
उसे देख कर असद ने भी मेरी चूचियाँ चोदना शुरू कर दिया.

और रुस्तम भी माला की चूचियों के बीच लण्ड पेल पेल कर मज़ा लेने लगा।

वैसे हम तीनों की चूचियाँ बड़ी बड़ी तो हो ही गयीं थीं तो ऐसा लग रहा था कि लण्ड जैसे सुरंग में घुस रहा है, ऊपर निकल रहा है।

उसके बाद असद ने लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया.
एक नया लण्ड जब मेरी चूत में घुसा तो मज़ा दूना आने लगा।

इसी तरह रुस्तम माला को चोदने लगा और दानिश अनीता को।

मुझे बार बार अपनी बेटी माला की चुदाई देखने में आनंद आ रहा था और अनीता भी अपनी बेटी यानि मेरी चुदाई देख देख कर फूली नहीं समा रही थी।

माला ने कहा- मम्मी तुम्हारे साथ चुदवाने का मज़ा ही और है।
मैंने जवाब दिया- हां बेटी माला, सही कह रही हो। माँ बेटियां जब साथ साथ चुदवाती हैं तो वो मज़ा बेजोड़ हो जाता है। मैं खुश हूँ कि मेरी बेटी को लण्ड का मज़ा खूब मिल रहा है। अभी कल मैं तुझे दो नए लण्ड और दूंगी, माँ की लौड़ी माला!

इसी बात पर सब लोग हंसने लगे।

चुदाई पार्टी कहानी पर आप अपने विचार मुझे बताएं.
[email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top