चाण्डाल चौकड़ी के कारनामे-13
(Chandal Chaukadi Ke Karname- Part 13)
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भाई सगी बहन को चोदने को आतुर-3
नीलेश- भाई तू तो मानता है न कि मैं सही बोल रहा हूँ।
मैं राहुल- मेरे अकेले के मानने से कुछ नहीं होगा।
मधु- शिखा एक काम करो, नीलेश भैया को बोलो कि राहुल सबके सामने नीता को छुएँगे जिसके लिए नीता भी राज़ी है। अगर नीलेश भैया ख़ुशी ख़ुशी ये सब देख पाये तो हम विश्वास कर लेंगे कि ये जो कह रहे हैं वो सही है। क्यूँ ठीक है न नीता?
नीता ने भी हाँ में सर हिला दिया।
शिखा- तो नीलेश। तू तैयार है कि राहुल नीता भाभी को हम सबके सामने छुएँगे और तुझे कोई परेशानी नहीं है?
नीलेश नीता की तरफ देखकर- नीता, तुम्हें सच में बुरा नहीं लगेगा अगर तुम्हें राहुल टच करे तो?
मैं मन ही मन सोच रहा था कि एक्टिंग तो देखो… साला इन लोगों को तो ऑस्कर मिल जाना चाहिए।
नीता- हाँ, मुझे ख़ुशी होगी और शायद क्रिस गेल से ज्यादा ख़ुशी होगी अगर राहुल भैया मुझे छुएँ तो!
मैं थोड़ा माहौल हल्का करने के लिए हँसते हुए बोला- अबे!!! कोई मुझसे भी पूछ लो। मेरा भी तो मन होना चाहिए या नहीं? मैंने सोचा इतनी नौटंकी ये कर रहे हैं तो थोड़ी तो मेरी भी बनती है।
नीता बड़ी अदा से- राहुल भाई, क्या मैं इतनी बुरी दिखती हूँ कि आप मुझे छू भी नहीं सकते। प्लीज देखिये न मुझे?
मैं उठकर नीता के करीब गया।
मेरी पूरी नजर दोनों लड़कियों पर ही थी।
नीता का हाथ पकड़ कर उसे खड़ा किया और उसकी कमर में हाथ डाल दिया और बॉलीवुड का रोमांटिक का डांस करने लगे।
नेहा ने मोबाइल पर सालसा का म्यूजिक भी लगा दिया।
मैं धीरे धीरे नीता की पीठ सहलाने लगा, मैंने नीता के गले पर चुम्मा लिया और थोड़ा सा काट लिया।
सभी लोग हम दोनों को बड़े ध्यान से देख रहे थे।
नीलेश ने अपनी बात को साबित करने के लिए जोर से बोला- क्या यार राहुल इतना ठण्डा बर्ताव? नीता को अपनी बीवी समझो… मान लो कुछ देर के लिए वही मधु है… अब करो डांस!
नेहा और शिखा दोनों स्तब्ध होकर नीलेश की ओर देखने लगी।
मैंने नीता के कूल्हे दबा दिए और दूसरे हाथ से नीता के उभारों को मसल दिया।
नीता ने भी मेरी टी-शर्ट के अंदर हाथ डाल के मेरी पीठ को सहलाना शुरू किया।
नेहा धीरे से मधु से बोली- उनकी तो शर्त लगी थी तो बेचारे साबित कर रहे हैं पर आपके सामने आपके पति गैर औरत से गले लगे हुए हैं और देखो उनको कहाँ कहाँ हाथ लगा रहे हैं। आपको भी बुरा नहीं लग रहा, आप कितने आराम से देख रही हो?
मधु बोली- मैं भी अपने पति की ख़ुशी में खुश हूँ… और तुमने देखा नहीं वो तब जाकर हाथ लगा पाये जब उन्हें महसूस कराया गया कि वो मधु है।
मैंने नीता की टी-शर्ट निकाल कर हवा में उछाल दी, वो जाकर गिरी मधु के पास फिर उसको वहीं घास पर लिटा दिया और उसके ऊपर चढ़ गया और अपने होंठों से नीता के बदन पर हर जगह चुम्मी लेने लगा।
शिखा की कांपती हुई आवाज़ आई- भैया, इनकी ब्रा भी निकाल दो! और फिर देखो नीलेश भाई कुछ करते हैं या नहीं।
इधर से नीलेश बोला- भाई, पहले ब्रा नहीं इसकी जीन्स उतार, फिर देख क्या जांघें हैं साली की।
इस पर आँखें बंद करके सबके सामने अधनंगी हालत में पड़ी हुई नीता ने आँख खोल कर गुस्से में नीलेश की ओर देखा और मुझे अपने ऊपर से हटा कर लेटे लेटे अपनी जीन्स उतार फेंकी।
और फिर मुझे पकड़ के अपने ऊपर खींच लिया।
अब नीता सिर्फ अपनी ब्रा पैंटी में थी और मैं अभी तक कपड़ों में ही उसके बदन के साथ खेल रहा था।
मधु बोली- अरे आप भी तो कपड़े उतारो… सिर्फ नीता के कपड़े उतरे हैं।
मैंने भी जल्दी ही अपनी टीशर्ट जीन्स और बनियान उतार फेंकी।
अब तो गुफ़ानुमा कमरे में सन्नाटा छा गया था।
उनके सामने दो बदन एक दूसरे से इतनी करीब और चिपके हुए थे जैसे लाइव ब्लू फिल्म देख रहे हों।
मधु उठकर नीलेश के पास गई, उसके कान में कुछ कहा और वापस जाकर अपनी जगह पर बैठ गई।
मैंने नीता के ब्रा के स्ट्रिप्स को भी उसके कंधे से उतार दिया और उसके कंधे और गले तक उसे बेतहाशा प्यार और चुम्मियाँ करने लगा।
मैंने पीठ के पीछे हाथ डाला और ब्रा के हुक भी खोल डाले।
जैसे ही ब्रा ढीली हुई और नीता ने उसे उतार कर फेंका।
नीलेश मायूस हो गया और दुखी दिखने लगा।
शिखा तुरंत बोली- राहुल भैया, रुको… नीलेश भैया रोने वाला है।
फिर नीलेश की तरफ देखकर बोली- देखो तुम चाहो तो अपनी बात अभी भी वापस ले सकते हो और अपनी बीवी को राहुल से बचा सकते हो।
नीलेश बोला- मैं दुखी नहीं हूँ!
इतनी गजब की एक्टिंग की नीलेश ने जिसमें उसके चेहरे पर दुखी होने के भाव साफ़ दिखाई पड़ रहे थे, वहीं उसके चेहरे पर रोती हुई मुस्कराहट।
शिखा बोली- राहुल भैया, ये ऐसे नहीं मानेगा… आप लगे रहो। अगले 2-3 मिनट में ही ये अपने शब्द वापस ले लेगा। अगली बार आपको कोई भी रोके तो मत रुकना बस नीलेश कहे तो ही रुकना।
मैं फिर से नीता के ऊपर लेट गया और अपने हाथों से नीता के बूब्स भी मसलने लगा।
अब मेरे लिए भी कंट्रोल करना मुश्किल था, मैंने अपने होंठ नीता के होंठों पर रख दिए और उसके होंठों से टपकती शराब को पीने लगा। उसके होंठों में नशा ही इतना था कि शराब में क्या होगा।
मुझे पर कामदेव प्रसन्न होने लगे थे, मैं अपने होंठों को उसकी गर्दन से होते हुए उसके बूब्स पर ले आया और उसके निप्पल को अपने होंठों के बीच दबा लिया और अपनी जीभ से छेड़ते हुए चूसने लगा और दूसरे निप्पल को अपनी उंगली से सहला रहा था।
नीलेश की शक्ल पर बारह बजे हुए थे जिसको देख नेहा और शिखा बोली- अरे कितना इंतज़ार कराओगे? कर दो भाभी को नंगी… हम भी तो लाइव ब्लू फिल्म देखेंगे। आज तक जो टीवी और मोबाइल पर देखने को तरसते थे वो आज लाइव देखने का मौका मिल रहा है। क्यूँ है न नीलेश भैया… आपकी बीवी की चुदाई आपके सामने हो रही है और आप कुछ नहीं कर सकते।
ये दोनों ही लड़कियाँ नीलेश को भड़का रही थी, जिससे नीलेश हार जाए। पर यही तो हमारे खेल की और उनकी एक्टिंग की साजिश थी। नीलेश चुप रहा और डबडबाती आँखों से तमाशा देखने लगा।
मैं अपनी जीभ को नीता के बदन पर सरकता हुआ उसके बूब्स के उसकी नाभि तक आ गया। नाभि पर नीता को चूमा और अपने दोनों हाथ से नीता के बूब्स पकड़ कर धीरे धीरे मसल रहा था।
मैं सरकता हुआ थोड़ा और नीचे आया तो नीता की जालीदार पैंटी के करीब थे मेरे होंठ।
उसकी पेंटी के ऊपरी भाग को दांत से पकड़ा और नीचे सरक कर उसकी पेंटी उतारने की कोशिश करने लगा।
पेंटी को दांत से पकड़ने की कोशिश में नीता के बदन के उस हिस्से पर भी थोड़े दांत लग गए थे।
नीता आँखें बंद करी हुई अपने हाथों को पूरा सीधा सर के ऊपर किये हुए अपने धीरे धीरे पाँव चला रही थी और अपने पूरे बदन को लहरा रही थी।
कामाग्नि में तड़पती हुई नीता की हालात इस समय पानी से निकाली हुई मछली की भाँति थी, वो हिल रही थी, वो मटक रही थी पर बेचारी बोल कुछ नहीं पा रही थी। उसे डर था कि हम लोगों का राज़ कहीं खुल न जाए।
मेरी कोशिश थी कि नीता की पेंटी को उतार फेंकूँ पर दांतों से उसे निकाल पाना थोड़ा मुश्किल था, मैंने अपने दोनों हाथ से उसकी पेंटी नीचे की तो नीता ने भी अपने चूतड़ उठा कर उसमे मेरा साथ दिया।
ताज़ी ताज़ी वैक्स की हुई चिकनी टांगों से सरकाते हुए मैंने नीता की पेंटी को नीता से अलग कर दिया।
नीता अब पूरी तरह नंगी और कामवासना से तड़पती हुई मेरे सामने हिचकोले खा रही थी।
शिखा ने मवालियों वाली सीटी बजाई और बोली वाह जी वाह, क्या नजारा है। अब ज़रा आपके उस्ताद के भी दर्शन हो जाते तो बस मजा आ जाता।
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बोलते के साथ ही उसे महसूस हुआ कि उसने कुछ ऐसा बोल दिया है जिसकी किसी ने उम्मीद नहीं की थी।
नीलेश बोला- लगता है तुझे नीता को मेरे सामने चुदवाने की इतनी तमन्ना नहीं जितनी खुद चुदने की इच्छा हो रही है। मेरे सामने मेरी बीवी तो क्या अगर बहन भी चुद जाये तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। बस मैं इतना ही कहना चाहता हूँ।
शिखा अपनी कामवासना के आगे बेबस और उसके ऊपर होने वाले हमले से निराश होकर झुंझला कर बोली- तुम्हारी बीवी तुम्हारे भाई की बाँहों में हम सबके सामने नंगी पड़ी है और तुम अपनी जगह से हिले नहीं हो, यह बात प्रूव करती है कि तुम अपनी बीवी की इच्छा के लिए कुछ भी कर सकते हो…
पर क्या तुम सच में खुश हो? तुम्हारे चेहरे पर तो मातम छाया हुआ है।
तुम मेरी बात करते हो? मुझे अगर सिर्फ अधनंगी हालत में भी अगर किसी और मर्द ही बाँहों में देख लिया तो तुम्हारी जान निकल जाएगी।
इधर इन बातों में दिमाग न लगाते हुए मैं भी अब तक पूरी तरह नंगा होकर नीता की चिकनी टांगो पर अपने लंड से रगड़ कर रहा था। नीता के मुंह से सिसकारियाँ फुट रही थी।
तभी गुस्से में शिखा हमारी तरफ आई और बोली- भैया आप मेरे बदन के साथ खेल सकते हो या नहीं?
मैंने कहा- खड़े लंड पर अगर कोई भी लड़की आकर खुद पूछे कि मेरे बदन से खेलना चाहोगे तो कौन चूतिया है जो मना करेगा।
यहाँ के इतने गरम माहौल को देख नेहा भी अपने आप को न रोक सकी और उसने अपनी पेंटी में हाथ डाल कर अपनी चूत को सहलाना शुरू कर दिया था।
तभी जैसे एकदम सब कुछ बदल गया जब नीता बोली- हाँ मैं मान गई कि मेरा पति मेरे लिए कुछ भी कर सकता है। आई लव यू नीलेश!
बोल कर उठी और नीलेश की बाहों में चली गई।
नीलेश ने किसी फ़िल्मी हीरो की तरह नीता को अपनी बाहों में भरा हुआ था।
मैं भी उठा और जल्दी से अपनी अंडरवियर पहन ली और ऐसे ही जाकर अपनी जगह पर बैठ गया।
नेहा ने भी अपनी पेंटी से अपने हाथ बाहर निकाल लिए और शिखा भी अपनी जगह पर जा बैठी।
मैंने सिगरेट जलाई और अपने पेग को एक घूंट में खत्म करके पूछा- हाँ तो अब किसी बारी है?
नीलेश बोला- अब मेरी बारी है, जबाब देना है तुझे और सवाल पूछूँगा मैं!
मैंने कहा- हाँ भाई पूछ, तेरा सवाल मुझे पता है और जवाब भी तैयार ही है।
नीलेश बोला- तुझे इस बंगले के बारे में इतना सब कैसे पता है? क्या तू पहले भी यहाँ आ चुका है? आखिर सीन क्या है बॉस?
मैंने कहा- मुझे पता था कि तेरा सवाल तो यही होगा। हाँ, मैं पहले भी यहाँ आ चुका हूँ। यह बंगला किसी और का नहीं, मेरा ही है। इसलिए मुझे इसके बारे में सब पता है।
नीलेश बोला- बहनचोद कमीने, इतनी बड़ी बात तूने साले मुझे आज तक नहीं बताई? तू तो लोड़ू करोड़पति आदमी है।
मैंने कहा- इसीलिए नहीं बताई थी क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि तुम मेरे बारे में इस तरह सोचो। मैं चाहता था कि तुम मुझसे जैसे पहले मिलते थे वैसे ही मिलो। लो बहनचोद एक सवाल से तो मैंने अपने आप को बचा लिया, अब सवाल करूँगा मैं और जवाब देना है शिखा को।
शिखा बोली- हाँ भैया पूछो बिंदास जो पूछना चाहो।
मैं- जब मैं तेरी भाभी पर नंगा पड़ा हुआ था तो तूने आकर कहा कि क्या आप मेरे बदन से खेल सकते हो? क्या तुम अपने भाई भाभी और फ्रेंड जैसी बहन के सामने मेरे साथ ऐसा खेल खेल सकती थी?
शिखा- शायद हाँ!
नीलेश गुस्से में- शायद नहीं !! हाँ या ना?
शिखा आँखें तरेरते हुए- हाँ…
कहानी जारी रहेगी।
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