भाई और आशिक ने की 3 सम चुदाई-2

(Bhai aur Aashiq Ne Ki 3 some Chudai- Part 2)

अब तक आपने मेरी इस सेक्स कहानी के पिछले भाग
भाई और आशिक ने की 3 सम चुदाई-1
में पढ़ा था कि मेरा भाई और राजीव दोनों ने मुझे छत पर एक साथ चोदने का प्लान बना लिया था. इस थ्री-सम सेक्स के खेल के लिए हम तीनों ही एक दूसरे के अंगों से खेलते हुए छत पर आ गए थे.

अब आगे:

जैसे ही हम तीनों तक छत पर पहुंचे, तो बारिश बहुत तेज हो रही थी. मेरा भाई पहले बारिश में गया और उसने मुझे अपनी बांहों में खींच लिया और मेरे मम्मों को मसलने लगा.

तभी राजीव ने छत पर आने वाले दरवाजे को बंद कर दिया और मेरे पीछे आ गया. उसने पीछे से मुझे जकड़ लिया और अपने हाथों से मेरी गांड दबाने लगा.

मैं तो पहले ही गर्म थी … ऊपर से इस घटाटोप बारिश ने मेरी चुदाई की बेकरारी और बढ़ा दी थी. हम तीनों अब तक पूरी तरीके से भीग चुके थे. वो दोनों लगातार मेरे अंगों और जिस्म से खेल रहे थे. मैं तो पहले ही बहुत गर्म थी … लेकिन इन दोनों चूतियों को कौन समझाता कि मेरी चूत लंड मांग रही है.

कभी मेरा भाई मेरे होंठों को चूसता, मेरे गालों को काटता, तो कभी राजीव मेरी चूचियों को काटता, तो कभी गर्दन पर दांत चुभो देता.

फिर राजीव ने अपनी दो उंगलियां मेरी चूत में डाल दीं और आगे पीछे करने लगा.

चुत में उंगली आगे पीछे होने से अब मैं बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी. इतनी तेज बारिश में भी मेरा बदन जल रहा था. बारिश की एक एक बूंद मुझे और मदहोश कर रही थी. मेरे मुँह से बस मादक सिसकारियां निकल रही थीं- अअह्ह्ह … हम्मम … ओह्हह.

वो दोनों पूरे जोश में थे. मैं भी उन दोनों के लंड से खेल रही थी. उनके लंड इतने बारिश में भी आग की तरह गर्म थे.

तभी मेरे भाई ने एक उंगली मेरी गांड में डाल दी. मैं इसको सहन नहीं कर पाई और मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया. लेकिन वो दोनों अभी भी उंगली करने में लगे हुए थे.

तब मैं उनके लौड़ों को ऐंठते हुए बोली- भोसड़ी के … सब काम उंगली से करोगे … तो अपने इन खड़े लौड़ों से एक दूसरे की गांड मारोगे क्या?
इतना सुनकर मेरा भाई बोला- ये तो बाद की बात है बहना. फिलहाल आज तो तेरी चुत और गांड के परख्च्चे उड़ा देंगे.
मैं बोली- तो उड़ा न साले … भैन्चोद … मैं तो कब से लंड लेने के लिए तैयार हूं.

मेरे इतना बोलते ही उसने मेरी मिडी को खींचा और मेरी चुचियों को बाहर निकाल कर चूसने लगा. उधर राजीव नीचे बैठ कर मेरी चूत चाटने लगा.

जैसे ही राजीव ने मेरी तप्त चूत पर अपनी जीभ लगाई, मैं तो मानो जैसे उसके वशीभूत हो गयी. मैं रोमांचित होकर उससे अपनी चूत चटवाने लगी.

तकरीबन पांच मिनट तक राजीव ने मेरी चूत को चाटा. फिर मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया. राजीव ने मेरी चुत से निकली मलाई को चाट चाट कर पूरा पी लिया.
राजीव ने अपने होंठों पर जीभ फिराते हुए चटखारा लिया और बोला- आह … मजा आ गया.

मैं उसकी जीभ से चुत चटवा कर मस्त हो गई थी.

फिर राजीव बोला- मधुजी अब आप रेडी हो जाओ … आज की चुदाई आप जिन्दगी भर याद रखोगी.

मैं तो अभी भी बुरी तरह वासना के आग में जल रही थी … लेकिन इतनी मदहोश हो चुकी थी कि मेरे मुँह से कामुक सिसकारियों के अलावा कुछ और निकल ही नहीं रहा था. मेरा मन तो बस कर रहा था कि मेरी चूत में जल्दी से कोई मोटा से बांस डाल कर चूत के चिथड़े उड़ा दे.

तभी मेरा भाई नीचे बैठ गया और मेरी चूत में जीभ डाल कर चुत को जीभ से चोदने लगा. चुत चुदाई से पहले जीभ से चुदना तो मुझे बहुत पसन्द है … लेकिन इस समय मेरी चूत को जीभ की नहीं, मोटे लंड की जरूरत थी.

मैं बड़ी जोर से चिहुंक कर बोली- साले भैनचोद … अब मत तड़पा … मैं मर जाऊँगी कुत्ते … जल्दी से मेरी चूत में लंड पेल कर इसको फाड़ दो. आह अपनी रंडी की चूत का भोसड़ा बना दो.

यह सुनकर वो और मस्ती से मेरी चूत को अपनी जीभ से चोदने लगा. वो बीच बीच में मेरी चुत के दाने को अपने दांतों से पकड़ कर खींच देता था … जिससे मैं और बेकरार हो जाती.

तभी राजीव ने अपनी उंगली मेरी गांड में डाल दी और आगे पीछे करने लगा.

मैं यह बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी. मेरा पूरा शरीर मेरे वश में नहीं रह गया था. मैं चुदासी सी उन दोनों से गुहार करने लगी कि प्लीज अब देर मत करो … मेरी चूत और गांड फाड़ दो.
लेकिन वे दोनों मेरी बातों को अनसुना करते हुए अपने काम में लगे रहे.

तकरीबन दस मिनट बाद मेरी चूत ने फिर से पानी छोड़ दिया. इस बार मेरा भाई मेरी चुत की मलाई खाने लगा.

फिर मैंने उन दोनों को अपने से अलग किया और बोली- यार अब चोद भी दो.
वे दोनों लंड हिलाते हुए मेरी तड़फ का मजा ले रहे थे.

मैं अपने भाई से बोली- तू बहनचोद अपनी बहन को चुदते देखना चाहता था ना … तो अब देख भोसड़ी के.
इतना कहकर मैं आगे बढ़ी और दोनों के निक्करों खींच कर उतार दिया.

जैसे ही मैंने उन दोनों के निक्कर नीचे किए, उन दोनों के फनफनाते हुए लंड बाहर निकल आए. उनके खड़े मोटे लंड देखकर मेरी चूत मचल गयी. मेरी चूत में तो इतनी आग लगी थी कि मन कर रहा था कि दोनों लंड को अपनी चूत में घुसा लूं. मैंने उन दोनों के लवड़ों को अपने हाथों से पकड़ा और आगे पीछे करने लगी. इससे वो लोग मुझे चोदने के लिए आतुर हो गए थे.

तभी मेरा भाई लंड हिलाते हुए बोला- दीदी, आज इस लंड से पहले तुम्हारी चूत फाड़ूँगा और फिर गांड मारूंगा.
इतने में राजीव बोला- नहीं यार, आज मैं पहले मधु जी की चूत मारूंगा.

इसी बात पर दोनों बहस करने लगे. फिर दोनों ने अपने आप डिसाइड कर लिया कि जो पहले मेरे तन से मिडी को उतारेगा, वो पहले चूत चोदेगा.

इतना तय होते ही वे दोनों मेरी मिडी उतारने की कोशिश करने लगे.

मेरे जिस्म पर मात्र एक छोटी सी मिडी थी. अन्दर ब्रा पैंटी तो मुझे पहनने के लिए मिली ही नहीं थी. तो ये पक्का था कि मिडी हटते ही मेरी चूत में पहले किसका लंड घुसेगा ये तय हो जाएगा.

वे दोनों जल्दीबाजी करने लगे. मेरा भाई मिडी को ऊपर से खींच रहा था और राजीव नीचे से खींच रहा था. मैं बस इस खेल को एन्जॉय कर रही थी.

वे दोनों अपनी अपनी तरफ से मिडी खोलने की भरसक कोशिश कर रहे थे. तभी मेरा भाई उठा और मिडी को फाड़ने लगा. ये देख राजीव भी कहां पीछे रहने वाला था. वो मिडी को नीचे से फाड़ने लगा. कुछ ही पल बाद दोनों ने मिलकर मेरी नई मिडी के छितरे छितरे उड़ा दिए. अब वे दोनों अपना लंड चूत में पेलने में लग गए.

ये देख कर मैं गुस्से से बोली- तुम लोग पागल हो गए हो क्या? छोड़ो मुझे नहीं चुदना है. तुम लोगों के चक्कर में मेरी चूत फट जाएगी.
मैं उठकर जाने लगी.

तभी दोनों ने आपस में कुछ तय किया और दोनों ने आकर मुझे जकड़ लिया.
मेरा भाई बोला- मेरी बहना रानी नाराज न हो … आज तो तेरी चूत, गांड फाड़ कर ही तुझे जाने देंगे.

उसने मुझे वहीं तेज बारिश में खुले छत पर चित लिटा दिया. बारिश इतनी तेज थी कि बारिश की बूंदों से चोट लग रही थी … साथ ही चुदाई की आग में तप्त शरीर की मदहोशी भी बढ़ रही थी. मैं ऐसी चुदाई पहली बार करवा रही थी.

तभी मेरे ऊपर राजीव आकर मेरी चूत में लंड डालने लगा. मैं बोली- अरे कुछ लगा भी लो.
इस पर मेरा भाई बोला- बहना रानी आज ऐसे ही ले लो. इस बारिश में क्या लगवाएगी.

मेरा भाई अभी ये बोल ही रहा था कि इतने में राजीव ने बिना सोचे समझे लंड घुसा दिया. एक ही झटके में उसका आधा लंड मेरी चूत में दाखिल हो गया. लंड सूखा होने की वजह से दर्द से मैं कराह गयी और राजीव को ऊपर से हटाने लगी. लेकिन पता नहीं उस समय लड़कों में इतनी शक्ति कहां से आ जाती है … वो टस से मस नहीं होते हैं.

इसी के साथ राजीव ने जोरदार झटका मारा और उसका पूरा लंड मेरी चूत में समा गया. उसके लंड ने मेरी बच्चेदानी की पप्पी ले ली.

इस बार मैं जोर से चिल्लायी और बोली- आह हट जा बहनचोद … साले मेरी चूत फाड़ दी.
इतने में राजीव बोला- मैं बहनचोद नहीं हूं … रानी मैं तो तेरा पति हूं.

इतना कहकर वो लंड आगे पीछे करने लगा. मैं दर्द से उसे गाली दे रही थी.

उधर मेरे भाई का लंड सलामी दे रहा था. उसने राजीव को नीचे किया और मुझे राजीव के ऊपर चढ़ा दिया. अब मैं अपनी खुली गांड से राजीव के लंड पर चुत फंसाए चढ़ी हुई थी. मेरे भाई ने मेरी गांड को ऊपर किया और लंड सैट करने लगा. नीचे से राजीव गांड उठा कर मेरी चूत को चोद रहा था.

मुझे भी अब चूत चुदवाने में मजा आने लगा था. मैं भी उसके लंड से उछल उछल कर चुदवा रही थी. मुझे मजा आने लगा था.

तभी मेरे भाई ने मेरी गांड पर लंड टिकाया और मैं जब तक कुछ बोलती, इससे पहले उसने जोरदार झटका दे मारा. उसके लंड का टोपा मेरी गांड को चीरते हुए अन्दर तक घुस गया.

मैं जोर से चिल्ला पड़ी- आह मर गई … छोड़ो मुझे … साले ने मेरी गांड फाड़ दी … हट जा कुत्ते छोड़ दे मुझे!

मैं छटपटाने लगी. मगर राजीव नीचे से चूत को मस्ती में चोद रहा था. इतने में ही मेरे भाई ने मेरी गांड में दूसरा झटका दे मारा. इस झटके से उसका आधे लंड से ज्यादा मेरी गांड को चीरता हुआ अन्दर घुसता चला गया.

मैं दर्द से रोने लगी और गाली देने लगी- बहन के लंड छोड़ मुझे … साले अपनी सगी बहन की गांड क्यों नहीं मारता जाकर … हट जा साले. मैं तेरी गांड तोड़ दूंगी.

मैं दर्द से बहुत रो रही थी. तभी उसने एक और झटका मारा और पूरा का पूरा लंड मेरी गांड में समा गया. दर्द से मैं चिल्ला रही थी … बिलबिला रही थी, लेकिन उन दोनों को कोई फर्क नहीं पड़ रहा था.

ऐसा नहीं था कि मैं पहली बार गांड मरवा रही थी. इससे पहले भी मैं बहुतों बार गांड मरवा चुकी थी. लेकिन जब भी जिसने भी मेरी गांड को मारा, बड़े प्यार से मारा. लेकिन मेरा भाई तो अभी बिल्कुल जल्लाद बना हुआ था. उसे मेरी आवाज जैसे सुनाई ही ना दे रही थी. वो झटके पर झटके मार रहा था.

इस रूप में मैंने अपने भाई को पहले कभी नहीं देखा था. शायद उसे पहले चूत मारने को नहीं मिली, इसलिए वो गुस्सा था. अपना सारा गुस्सा वो मेरी गांड पर निकाल रहा था. मुझे तो लगा शायद मैंने थ्री-सम के लिए हां करके ही कुछ गलती कर दी.

मैं इस असहनीय दर्द को बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी. जहां गांड में भयानक दर्द हो रहा था. वहीं मेरी चूत में मजा आ रहा था. मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मैं दर्द से रोऊं या चूत लंड के मिश्रण को एंजॉय करूं. मैं कभी कराह रही थी … तो कभी मचल मचल कर चुदवा रही थी.

कुछ देर बाद मेरा दर्द मजा में तब्दील होने लगा और धीरे धीरे मैं अपनी गांड को हिलाने लगी. अब मैं गांड भी मजे में चुदवाने लगी. मेरी चूत और गांड की घपाघप चुदाई हो रही थी. मैं ऐसा आनन्द पहली बार महसूस कर रही थी. मेरे मुँह से कामुक सिसकारियां निकलने लगी थीं.

मैं अब जोश में चिल्लाने लगी थी- आह और तेज … और तेज से … चोदो फाड़ दो मेरी चूत को भोसड़ा बना दो. आह गांड को गड्डा बना दो.
वे दोनों भी पूरी मस्ती में मेरी चूत और गांड को फाड़ने में लगे थे.

तकरीबन 15 मिनट तक मेरी चुत गांड की ऐसे ही चुदाई चलती रही. फिर मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया.

तभी राजीव भी बोला- मैं भी झड़ने वाला हूं.

उन दोनों अपना लंड निकाला और छेद एक्सचेंज कर लिए. वो दोनों फिर से लग गए और चोदने लगे.

तकरीबन 5 मिनट बाद राजीव ने मेरी गांड में अपना वीर्य निकाल दिया. मैं भी अब शांत हो रही थी … लेकिन मेरा भाई तो अभी भी मेरी चुत फाड़ने में लगा हुआ था. वो पागलों की तरह मेरी चुचियों को मसल रहा था, दांतों से काट रहा था … और लगातार धक्के पर धक्के दिए जा रहा था.

इसके कारण मैं फिर से गर्म होने लगी और साथ ही साथ मेरी चूत में जलन होने लगी थी. मेरी चुत में जलन हो भी क्यों ना … लगातार 25-30 मिनट से मेरी चूत की चुदाई हो रही थी. मैं चूत की जलन बर्दाश्त कर रही थी … क्योंकि जलन से ज्यादा मुझे मज़ा आ रहा था.

लेकिन कुछ देर बाद बहुत जलन होने लगी … जो बर्दाश्त करना सम्भव नहीं था. मैं बोली- भाई अब छोड़ दो चूत में बहुत जलन हो रही है.
वो बहशियाना अंदाज में बोला- अभी कहां मेरी रंडी बहना … अभी तो मैं शुरू ही हुआ हूं.
मैं बोली- ठीक है भोसड़ी के चोद … भैन के लंड … तू मानेगा तो है नहीं … एक काम करो तुम चुत से लंड निकाल कर कुछ देर मेरी गांड में लंड डाल लो.

मेरी ये बात वो मान गया और लंड निकाल कर उसने मेरी गांड पर लगा कर एक जोरदार झटका दे मारा. इस झटके से उसका पूरा लंड गांड में समा गया और वो आगे पीछे करने लगा.

राजीव ने जो वीर्य मेरी गांड में छोड़ा था. वो मेरी गांड में मोबिल आयल की तरह काम कर रहा था. जितनी बार मेरा भाई अपने लंड को आगे पीछे करता, उतनी बार मेरे बदन में आग सी लग रही थी. मैंने ऐसे आनन्द की अनुभूति आज से पहले कभी नहीं ली थी. किसी और के वीर्य में सनी हुई मेरी गांड को कोई और चोद रहा हो. मैं इस मस्त अनुभूति को महसूस कर रही थी.

मेरा भाई झटके पर झटके दिए जा रहा था. इधर राजीव फिर से मेरी चूचियों के साथ खेलने लगा था. फिर वो मेरी चुचियों को पीने लगा था. साथ ही मेरी चूचियों की बौड़ियों को वो दांतों से काट रहा था … जिससे मैं फिर मदहोश होने लगी थी.

तकरीबन 10 मिनट तक मेरा भाई मेरी गांड मारता रहा. अब मेरी गांड भी जलन देने लगी थी.

मैं उससे बोली- साले आज तू क्या खा कर आया है … ऐसा लग रहा है जैसे आज अपनी बहन को रंडी बना कर ही छोड़ेगा.
मेरा भाई लंड ठोकता हुआ बोला- ले साली … और अन्दर ले … तू तो मेरी रंडी है ही साली.
मैं बोली- तू भी तो बहनचोद है साले.
इस पर मेरा भाई बोला- जिसकी तेरी जैसी हॉट चुदक्कड़ बहन हो, वो तो बहनचोद होगा ही. अगर तू मेरी सगी बहन भी होती, तब भी मैं तुझे ऐसे ही चोदता.

ये बोलकर उसने अपना लंड मेरी गांड से निकाला और मेरी चूत पर टिका दिया. अभी मैं सम्भलती कि उसने एक जोरदार झटका दे मारा और एक ही झटके में मेरे भाई के लंड ने मेरी बच्चेदानी की पप्पी ले ली. मैं कराह गई.

वो फिर से मेरी चूत में जोरदार झटके मारने लगा. मैं भी उसके हर धक्के का साथ दे रही थी.

इतने में राजीव मेरी गांड को मसलने लगा था. तकरीबन दस मिनट बाद मेरा भाई झड़ने को आया. उसने अपनी स्पीड को और बढ़ा दिया.
साथ ही साथ वो मुझे गालियां देने लगा- आह … साली … रंडी … कुतिया … आज तेरी चूत रंडी की तरह फाड़ दूंगा. तेरी चूत को भोसड़ा बना दूंगा … साली छिनाल!

मैं भी उसका साथ दे रही थी- आह फाड़ दे बहनचोद … आज अपनी इस बहन को रंडी बना ही दे.

मैं भी कमर उछाल उछाल कर चुदवा रही थी. हम दोनों एक दूसरे को गाली दे रहे थे. तभी मैं फिर से झड़ गयी और कुछ देर बाद मेरा भाई ने भी मेरी चूत में वीर्य की बाढ़ ला दी. वो मेरे ऊपर निढाल होकर गिर गया.

चुदाई के बाद हम लोग अपने रूम में आ गए. मैंने समय देखा, तो चौंक गयी. उस समय रात के 1:30 बज गए थे.

अब आप लोग इतना अंदाजा लगा सकते हैं कि इतनी देर में मेरी कैसी चुदाई हुई होगी.

मैं मिडी फट जाने के बाद एकदम नंगी रह गई थी. अब नीचे जाना था, तो मैं उन दोनों के बीच में छिपते हुए किसी तरह कमरे में पहुंची.

रूम में पहुंचते ही वो लोग मेरे पर फिर से टूट पड़े और हम लोगों ने फिर से थ्री-सम सेक्स किया और पता नहीं कब सो गए.

इसके आगे की कहानी फिर कभी बताऊँगी. तब तक के लिए आप लोग अपने इस प्यारी हॉट चुदक्कड़ लेखिका को इजाजत दें. मेरी इल्तिजा है कि जितना आपसे हो सके, मेरी नाम की मुठ मारें और मेरी चूत में वीर्य डालने का सपना देखें.

आप लोगों को मेरी पहली थ्री-सम सेक्स कहानी कैसी लगी … कमेंट्स में जरूर बताइएगा.
आपकी प्यारी मधु

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