मेरी एक्स बॉस और उसके जवान बेटे के साथ मस्ती
(BDSM Xxx Story: X Boss Aur Uske Bete Ke Sath Masti)
BDSM Xxx स्टोरी में पढ़ें कि उस दिन मैं एक्सर्साइज़ साइकिल पर अपनी चूत में डिल्डो ले रही थी। तभी मेरी बॉस अपने दो बेटों के साथ आ टपकी। फिर क्या हुआ?
सिमरन की पिछली कहानी थी: पार्किंग लॉट में असिस्टेंट मैनेजर से चुद गई
रविवार को मैंने दोपहर की झपकी लेने के बाद जब अपनी आंखें खोलीं तो शाम होने वाली थी।
आसपास बिल्कुल शांति थी।
मैंने जो मार्टीनी पी थी उसकी वजह से मुझे एक बहुत ही कामुक सपना आया था नींद में, यह इशारा था कि जल्दी ही मुझे सेक्स का मजा मिलने वाला है।
अभी भी मैं उस हल्की धुंध वाले आईलैंड के जादू में ही खोई हुई थी, जहां मैं अपनी वासना की भूख को शांत करने के लिए गयी हुई थी।
मैं वहां दो हैंडसम मर्दों से मिली जिन्होंने मुझे वहां झूले पर चोदा और चोदते हुए वो दोनों ही अपने घोड़े जैसी मर्दानगी की डींगें हांकते हुए कामुक सिसकारियों में चिल्ला रहे थे।
मेरी गीली चूत को अब कुछ एक्शन चाहिेए था।
मगर मेरे नाकारा पति अपने कुछ बेकार दोस्तों के साथ संडे के मजे लेने के लिए बाहर गये हुए थे।
अब मैंने थोड़े दिमाग के घोड़े दौड़ाए और तय किया कि मैं अपनी एक्सरसाइज़ वाली साइकिल पर पसीना निकालूंगी और उसी वक्त अपनी चूत को भी सहलाऊंगी।
जब मुझे पहली बार साइकिल की सीट पर डिल्डो रखने के आइडिया के बारे में पता चला तो मैं खुश हो गयी।
मुझे अपने नीचे की बॉडी को शेप में रखने के लिए एक प्रेरणा की जरूरत थी और यह वही थी।
अपनी एक्सरसाइज़ वाली ब्रा पहनी मैंने, अपनी टाइट शॉर्ट रनिंग पैंट भी पहनी जो मेरी मोटी गांड की दरार के साथ साथ सोचे समझे तरीके से काटी गई थी।
मैंने बॉडी को स्ट्रेच किया, डिल्डो पर लूब्रीकेंट लगाया और उसको सीट पर सेट कर दिया।
डिल्डो पर बैठते हुए जैसे ही मैंने इसको अपनी चूत पर दबाया तो मैंने इसकी पूरी लम्बाई को महसूस किया।
साइकिल पर अपनी पोजीशन को एडजस्ट करने के बाद मैंने अपना सेक्सी वर्कआउट शुरू किया।
उस वक्त कोई मर्द मेरे पीछे खड़ा होता तो जाहिर था कि साइकिल पर मेरी हिलती हुई मोटी गांड को देखकर उसका लंड जरूर पिघल जाता।
मुझे थोड़ा मजाकिया भी लगा जब मैंने पेडलिंग करना बंद कर दिया और आनंद में सिसकारते हुए डिल्डो पर ऊपर-नीचे होने लगी।
“फोकस, सिमरन, फोकस …”, मैंने खुद से कहा- तुम मर्दों को उनके लंड को छुए बिना झड़ने पर मजबूर कर सकती हो!
कहते हुए मैंने डिल्डो से चुदना जारी रखा।
मैंने जितनी जल्दी हो सके पेडल किया और ब्रेक लेने से पहले कुछ रैप्स खत्म किए।
मुझे अपनी सुडौल फिगर और आईने में अपनी गांड की टाइट कर्व को देखकर नाज़ हो रहा था। उस नजारे ने मुझे एक और सेशन शुरू करने के लिए उकसा दिया।
शुरू करने से पहले मैंने अगले राउंड के लिए डिल्डो को अपनी गांड के अंदर लेने का फैसला किया।
मैंने अपनी गांड में लूब्रीकेंट वाली बोतल की नोजल डाली और बोतल को भींच कर काफी सारा ठंडा ठंडा लूब्रीकेंट अपनी गांड में उड़ेल लिया।
लेकिन इससे पहले कि मैं अपनी गांड के गोदाम को डिल्डो लेने के लिए तैयार कर पाती उसी वक्त दरवाजे की घंटी बजी।
“ब्लडी हेल!” मैंने शोर सुनने पर अपना रिएक्शन दिया।
मैंने अपनी गांड का छेद बंद कर दिया और दरवाजा खोलने चली।
“हैलो, सिम्मी! उम्मीद है कि मैं तुम्हारे संडे की शाम को खराब नहीं कर रही हूं।” मेरी पुरानी बॉस मिसेज पंखुड़ी वर्मा ने कहा।
उनके साथ उनके दो बेटे भी थे।
मैंने घर के अंदर उनका स्वागत किया और उसके एक बेटे की डफेल बैग ले जाने में मदद की जो लगातार मेरी क्लीवेज को घूर रहा था,
“बिल्कुल नहीं, बॉस! असल में मैं तो सरप्राइज और खुश हो गई हूं आपके ऐसे अचानक आ जाने से। “आप लोग कैसे हैं? आप कहाँ थे?” मैंने एक मिलनसार मुस्कान के साथ पूछा।
उसने मुझे अपनी वीकेंड की छुट्टियों की ट्रिप के बारे में बताया और कहा कि वो मुझसे मिलने के लिए आना चाहती थी।
चूंकि उनके घर के रास्ते में ही मेरा घर है तो वो चले आए।
जब वे सोफे पर बैठे तो एक पिन ड्रॉप साइलेंस था क्योंकि तीनों मेरे वर्कआउट किए हुए गर्म बदन को देख रहे थे।
“तुम्हारी बॉडी बहुत अच्छी लग रही है सिमरन, और मुझे जलन हो रही है इससे!”
फिर पंखुड़ी बोली- राहुल, तुम उसको मत देखो, वरना तुम्हें तुम्हारी मॉम की बॉडी पसंद नहीं आएगी।
मेरा पुरानी बॉस एक शानदार औरत है और उसकी सभी आदतें हाई प्रोफाइल लोगों के जैसी ही हैं जो कि पेज-3 जिन्दगी में देखने को मिलती हैं।
इसके अलावा यह पहली बार था जब मैंने उसके दो बेटों को देखा था इसलिए मुझे असल में नहीं पता था कि जब उसका बेटा मुझे घूर रहा था तो पंखुड़ी ने उसको ऐसा क्यों कहा।
जब मैं उन्हें चाय-पानी दे रही थी तो ग्लास कवर लिड नीचे गिर गई और लुढ़क कर मेरे पीछे आ गयी।
मैं उसे उठाने के लिए घूमी।
जब मैं उस लिड को उठाने के लिए झुकी तो मेरी गांड से लूब्रिकेंट की एक बूंद निकली जिसने हस्स … की आवाज की।
तब मुझे अहसास हुआ कि मेरी पसीने से भीगी गांड की दरार का नजारा तो मेरे मेहमान ले रहे हैं।
“मैंने अभी कहा था कि तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो। अपनी पसीने से भरी गांड दिखाने की तुम्हें जरूरत नहीं है सिमरन!” पंखुड़ी ने मेरी गांड पर थपकी मारते हुए कहा।
“ओह्ह सॉरी, क्या तुम और तुम्हारा पति अभी लगे हुए थे क्या?” कहते हुए उसने अपनी आवाज दबा ली।
“आप कम से कम उसकी गांड पर जोर से थपकी मार सकती थीं, मॉम। काश मैं वहां बैठा होता!” राहुल ने कहा।
मैंने उस हरामी लड़के को घूरकर देखा, लेकिन वह भी बिना आँख मिलाए मेरी बॉडी को घूरता रहा।
“इसकी हरकत का बुरा मत मानना, सिमी! यह अपने पापा पर ही गया है। ये 20 साल में ही इतना ठरकी हो गया है। मगर तुम्हें प्रतीक से मिलकर खुशी होगी। वह मेरे पर गया है और 22 साल का स्मार्ट लड़का है।
दरअसल, उसके दोनों बेटे दुबले-पतले थे और ऐसा लग रहा था जैसे वे अक्सर कुछ ज्यादा अच्छा (चूत का) खाना पाने के लिए अपना रोज का खाना छोड़ देते थे। प्रतीक अपने फोन पर बिजी था और उसने अपना सिर तभी उठाया जब उसको लगा कि अब उसके काम की बात है।
जहां तक राहुल का सवाल है, वह बेशर्मी से मेरे बदन को देख रहा था और बार-बार अपने होंठों को काट रहा था, जो मुझे परेशान कर रहा था।
मैं उसके लंबे मोटे लंड को सूती पजामे में से तनाव में आते हुए देख सकती था।
पंखुड़ी उठ खड़ी हुई और उसके साथ चलने के लिए उसने मेरा हाथ खींच लिया।
वह पहले मेरे घर आ चुकी थी इसलिए उसे पता था कि वह कहाँ जा रही है।
हम बेडरूम के अंदर आ गए और एक्सरसाइज साइकिल के बगल में खड़े हो गए।
“तो क्या यह तुम्हारा आशिक है?” उसने डिल्डो को देखते हुए मुझसे शरारती अंदाज़ में पूछा।
“मैं बस वो … एक्सरसाइज़ साइकिल को चलाते समय इसको यूज कर रही थी।” मैंने जवाब दिया।
“आप भी ट्राई करो बॉस एक बार इसे!” मैंने उसकी आंखों में हवस देख ली थी और मैं उसको अब चिढा़ रही थी।
डिल्डो पर वो अपनी उंगलियां फिरा रही थी।
वो मेरे करीब आ गयी और बोली- पहले मुझे अपनी चूत को गर्म करना पड़ेगा।
कहते हुए उसने मेरी गांड को अपने हाथों में लेकर भींच दिया और फिर अपने कूल्हों को हिलाते हुए मेरे बदन से बदन को रगड़ने लगी।
मेरी गर्म सांसों ने उसको मेरी चूत और गांड में एक साथ उंगली करने पर मजबूर कर दिया।
दूसरी तरफ पंखुड़ी की गर्म सांसों ने मेरी उत्तेजना बढ़ा दी और मुझे उसकी काली डिजाइनर साड़ी उठाकर उसकी पैंटी के साथ खेलने पर मजबूर कर दिया।
हम दोनों ने एक दूसरी की गांड और चूत से खेलते हुए एक दूसरे के बड़े रसीले स्तनों को रगड़ा और दबाया।
जैसे ही हमने एक दूसरे को जोर जोर से किस करना शुरू किया, हमारे नर्म सीत्कार तेज तेज ऊंची सिसकारियों में बदल गए।
राहुल अपनी 44 साल के लगभग उम्र की मां को मेरे साथ कामुक लेस्बियन सेक्स करते हुए देख रहा था और अपने खड़े लंड की मुठ मार रहा था।
“अगर मैं भी तुम्हें ज्वॉइन कर लूं तो कैसा रहेगा, रंडियो?” उसने अक्खड़ मर्दाना वाले अंदाज में कहा जिससे मेरे स्वाभिमान को चोट लगी।
मैंने धीरे से पंखुड़ी के कान में कहा- मुझे लगता है कि इस नॉटी लड़के को हमें सिखाना चाहिए कि लड़कियों से कैसे पेश आया जाता है।
मेरी बॉस को किसी पराये मर्द के साथ सेक्स करने के मेरे सबसे ताज़ा तरीकों के बारे में पता था।
उसने मुझे आंख मारकर अपनी सहमति दी और मैं चली गयी।
राहुल की ओर बढ़ते हुए मैंने अपनी स्पोर्ट्स ब्रा फेंक दी।
मैं बड़े कदमों के साथ राहुल की ओर बढ़ रही थी जिससे मेरे बड़े बड़े स्तनों को हिलते हुए देख राहुल ने ट्राउजर से अपना खड़ा लंड बाहर निकाला।
वो अब तक का सबसे मस्त लंड था जो मैंने आज तक देखा था।
ऐसा लग रहा था कि उसके लंड में उसके पूरे शरीर से ज्यादा खून बह रहा था।
“मुझे तुम्हारा ये जोश पसंद आया कुतिया, लो पकड़ लो इसे, ये इंतजार में है।”
उसकी बात खत्म भी नहीं हुई थी कि मैंने उसको उसके लंड से पकड़ कर बेडरूम की ओर खींच लिया।
प्रतीक अपने फोन में इतना बिजी था कि उसको पता भी नहीं चला कि उसका भाई बेडरूम में जा चुका है।
मैंने दरवाज़ा बंद किया और राहुल के दुबले-पतले शरीर को कमर से उठा लिया।
पंखुड़ी उत्साह से मेरे बदले हुए मिजाज को देख रही थी और उसे इस बात की परवाह नहीं थी कि यह उसका बेटा ही है जिस पर मैं चढ़ाई करने वाली हूं।
जब मैंने राहुल को बिस्तर पर पटक दिया तो ये देख पंखुड़ी का मुंह खुला का खुला रह गया।
मगर राहुल को अभी भी माजरा समझ में नहीं आया था और उसने मुझे अपनी बड़ी चूचियों वाली थुलथुली मां जैसी समझ लिया था।
मैंने उसके लंड और बॉल्स को इतनी जोर से पकड़ा कि वह आगे बढ़ने से पहले दो बार सोचे।
मैं- तुम ये सोचकर बहुत बड़ी गलती कर रहे हो कि अपना लंड मेरी या अपनी मॉम की चूत में इतनी आसानी से डाल सकते हो। यह इतना आसान नहीं होगा कमीने!
राहुल- मॉम, ये क्या बकवास कर रही है? मैंने अभी तुम दोनों को एक दूसरे की चूत रगड़ते देखा था।
पंखुड़ी- हाँ, लेकिन ये मेरी मालकिन है और मैं इसकी पालतू गुलाम … मैं अपनी मालकिन की बात मान रही थी। मैं उसे खुश कर रही थी। यदि तुम मुझे चोदना चाहते हो या मेरी कमाल मालकिन से मजा करना चाहते हो तो तुम्हें उसके साथ इज्जत से पेश आना चाहिए।
मैं- देखो, तुम्हारी माँ इसे अच्छी तरह समझती है। अब बताओ, क्या तुम अपनी मॉम को चोदने की सोचा करते हो?
राहुल- रोज!
मैं- और क्या तुम मेरे कुत्ते बनोगे और मुझे खुश रखने के लिए मेरी कमांड को मानोगे?
राहुल- हाँ, मैं मानूंगा।
मैं- अच्छा, मुझे तुम पर भरोसा नहीं है। क्योंकि तुम मुझे ऐसे घूर रहे हो जैसे कि मैं एक रंडी हूं.
कहते ही मैंने उसके अंडों को खींच लिया।
राहुल- आउच! नहीं मुझे माफ कर दो। लेकिन आप मुझसे कैसे उम्मीद कर सकती हैं कि मैं उन मस्त बड़े रसीले चूचों को नहीं देखूंगा?
मैं- हम्म! मुझे लगता है कि अब तुम यह सीखने की कोशिश कर रहे हो कि इज्जत कैसे दी जाती है। मगर मैं अपनी मोटी गांड पर तुम्हारे घटिया कमेंट से अभी भी नाराज़ हूँ। क्या तुम सच में इसे चांटा मारोगे?
मैंने राहुल के लंड पर थप्पड़ मारा और उसके दर्द में चीखने का मजा लिया।
उसने तुरंत कहा कि वह इसको सही करने के लिए कुछ भी करेगा।
मैं- मैं चाहती हूं कि तुम अपनी जीभ से मेरी गांड को साफ करो। क्या तुम मेरे बदन को छुए बिना वह स्टुपिड डॉग बनोगे?
राहुल- हाँ, मेरी मालकिन! मैं आपको खुश करने के लिए ऐसा करूंगा। मैं तुम्हें दिखाऊंगा कि मेरा लंड तुम्हारी और मेरी मॉम की सेवा कर सकता है।
मैं राहुल के चेहरे पर बैठ गयी और अपनी गांड को उसके होंठों पर रख दिया।
उसने अपनी जीभ को मेरी गांड के रिम पर घुमाना शुरू किया और बाद में उसे मेरी गांड के अंदर धकेल दिया।
मैं- ओह्ह … येस … ऐसे ही … ठीक इसी तरह आह्ह … कुत्ते की तरह चाटते रहो। तब तक मुझे तुम्हारी मॉम की चूत का स्वाद चखने दो।
पंखुड़ी- अपनी प्यारी मालकिन को खुश करो बेटा … वरना वह मुझे भी सजा देगी।
पंखुड़ी ने अपनी साड़ी उठाई और अपनी चूत को मेरे मुंह की ओर धकेल दिया।
वह राहुल के सामने पैर फैलाकर खड़ी थी।
मैं उसकी गांड के गालों को पकड़कर उसकी बालों वाली चूत को जोर से चाटने लगी।
उसके सीत्कार तेज थे और उसकी हवस इतनी बढ़ गई कि उसने साड़ी गिराकर मेरे चूचों को पकड़ लिया।
अपनी मॉम की सिसकारियों को सुनकर राहुल ने मेरी गांड को चाटना बंद कर दिया और जो वहां पर हो रहा था उसका नजारा लेने लगा।
मैंने उसके लंड को थप्पड़ मारा और उसे फिर से काम पर लगने के लिए कहा।
पंखुड़ी की चूत गीली हो रही थी और मैं चिपचिपे नमकीन पानी का स्वाद चखने लगी थी।
मैं उसके कान में फुसफुसायी कि ईनाम के तौर पर वह अपनी चूत का पानी अपने बेटे के लंड पर गिराए।
कुछ पल तक उसकी चूत को चाटने के बाद वो अपने घुटनों पर आ गयी और अपना चिपचिपा पानी राहुल के लंड और जांघों पर गिरा दिया।
उसको मैंने कहा- देखा कुत्ते, अच्छा बर्ताव तुम्हें क्या दिला सकता है? वह तुम्हारी मॉम की चूत का पानी था। अब अगले काम के लिए तैयार हो जाओ।
मैंने राहुल के लंड और जाँघों को उसकी मॉम की पैंटी से रगड़ा और उसके मुँह में थपथपाया। फिर मैंने डिल्डो पर एक पट्टा डाला और उसे पहना।
मैं- अब मेरे आज्ञाकारी कुत्ते, मैं चाहती हूं कि तुम मेरी चूत को साफ करो और मुझे अपनी मॉम की चूत को इस डिल्डो से चोदते हुए देखो। याद रखो, अगर तुम अपनी मालकिन की बात मानोगे तो तुम्हें उसका ईनाम मिलेगा।
राहुल- हाँ, मेरी प्यारी मालकिन। मैं तुम्हारी रसीली चूत को साफ कर दूंगा और मैं तुमसे मेरे चेहरे पर अपनी छूट गिराने की रिक्वेस्ट करता हूं। (मैंने उसे यह कहते हुए जवाब दिया कि इस बार उसने वफादारी वाली बात की)
पंखुड़ी पलंग के पास खड़ी हो गई, मैंने पट्टे वाला डिल्डो पहन रखा था।
राहुल ने सोचा कि उसे अपनी मॉम की चूत चुदाई होते हुए देखने एक आनंद भरा नजारा मिलेगा लेकिन मेरे पास उसके लिए दूसरे प्लान थे।
मैंने उसे घुटनों पर किया अपने चूतड़ों को उसके माथे पर टिका दिया।
उस स्थिति में उसे कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था इसलिए उसने अपने सिर को हिलाना शुरू कर दिया।
उसे उसकी औकात याद दिलाने के लिए मैंने उसकी बॉल्स को लात मारी।
मरे मन से और उसी का आनंद लेते हुए वह मेरी गीली चूत को चाटने लगा।
जैसे ही उसकी जीभ मेरी चूत के अंदर पहुँची, मैंने पंखुड़ी की साड़ी उठाई और डिल्डो का टोपा उसकी चूत के अंदर धकेल दिया।
जैसे ही मैंने उसकी चूत को चोदना शुरू किया, हम दोनों किस करने लगीं।
उसके डीप कट ब्लाउज में उसको चूचों को मैंने दबा दिया जिससे उसकी क्लीवेज अच्छे से दिखने लगी।
राहुल मेरी चूत को अच्छे से चाट रहा था क्योंकि मैं और पंखुड़ी दोनों ही अपनी दुनिया में खो गए थे।
मुझे यह भी पता नहीं चला कि वो अपनी मॉम की गांड में उंगली कर रहा है।
मैंने उसे कुछ समय के लिए इस पल का आनंद लेने दिया और फिर उसके चेहरे पर चूत का सारा पानी लगा दिया।
इसमें से कुछ जब उसके नथुने के अंदर गया तो वह उसके लिए सजा जैसा था।
हम तीनों जोर-जोर से सांस ले रहे थे।
मैं- तुम एक अच्छे डॉग साबित हुए हो। तो मैं तुम्हें अपनी गांड को चोदने दूँगी और तुम्हारी मॉम इस डिल्डो से मेरी चूत को चोद देगी। मैं चाहती हूं कि तुम दोनों अपनी मालकिन की अच्छी सेवा करें।
मैं बीच में खड़ी हो गयी.
राहुल ने पीछे से मेरी गांड में अपना फड़कता हुआ लंड डाला और पंखुड़ी ने मेरी चूत के अंदर डिल्डो घुसा दिया।
मैंने सहारा लेने के लिए पंखुड़ी और राहुल के चूतडों को दोनों हाथों से पकड़ लिया।
इन दोनों ने मुझ पर अपने जोश को अच्छा इस्तेमाल किया। दोनों मेरी गांड और चूत के अंदर जोरदार हरकत कर रहे थे।
राहुल ने मेरे बूब्स को सहारा लेने के लिए पकड़ लिया था ताकि वह मेरी गांड के अंदर तक अपना लंड ठोक सके। पंखुड़ी ने मेरे चूतड़ों को पकड़ लिया था और मेरी चूत के अंदर डिल्डो को घुसा रही थी।
हमारा जोश बहुत बढ़ गया था और सिसकारियां इतनी तेज थीं कि जो भी सुने वो ही गर्म हो जाए।
इस आग को शांत करने की कड़ी में पहला रोल राहुल के लंड का था जिसने मेरी गांड में अपना गर्म गर्म वीर्य उड़ेल दिया था।
उसके बाद पंखुड़ी भी थक गयी और वह बेड पर जाकर लेट गयी।
अभी भी राहुल मेरी कमर को थामे हुए था, उसने पकड़ ढीली नहीं की थी।
राहुल के लंड का तनाव खत्म हो चुका था मगर फिर भी वो मेरी गांड की ओर धक्के लगाए जा रहा था।
मैंने उसको घुटनों के बल किया और उसके लंड का माल जो मेरी गांड में भरा था, उसे उसके मुंह में ही भर दिया।
जब मैं ऐसा कर ही रही थी, प्रतीक ने दरवाज़ा खोला और देखा कि क्या हो रहा है।
“कृपया कोई मुझे कुछ खाने को दे सकता है? मैं भूख से मर रहा हूँ!” उसने कहा।
मेरी पुरानी बॉस पंखुड़ी और उसके नॉटी बेटे राहुल के साथ यह डॉमीनेशन सेशन मेरी लाइफ की सबसे रोमांचक घटनाओं में से एक है।
तो इस कहानी में बस इतना ही था दोस्तो!
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