बहन की चूत के संग भाई की गांड फ्री

(Ass Pussy Sex Kahani)

राजन बजाज 2025-03-29 Comments

ऐस पुसी सेक्स कहानी में मेरी मौसी की लड़की हमारे घर आई तो उसकी हरकतों से लगा कि वह चालू है। उसने मुझसे चुदवाने की कोशिश की. पर मैं तो गांडू हूँ.

दोस्तो, कैसे हो।
मेरी पिछली कहानी थी: माँ पापा का दुलारा बेटा

अब एक नई घटना हुई मेरे साथ तो सोचा आपसे शेयर नहीं करूँगा तो मज़ा नहीं आयेगा।
तो यह ऐस पुसी सेक्स कहानी पढ़ कर मजा लें.

दोस्तो, आपको तो पता है मैं गे हूँ; मेरे घरवालों को भी पता है पर रिश्तेदारों को नहीं पता।

मेरी मौसी की लड़की हमारे घर पर आई हुई है पर उसकी हरकतों से लग रहा है कि एक नम्बर की चालू है।

मम्मी पापा ने मेरे वाला रूम दे दिया उसको!

उसने अपनी आदत अनुसार मुझ पर डोरे डालने शुरू कर दिये।
कभी कहती- भाई, मुझे मूवी दिखा लाओ!
तो मैं उसे मूवी दिखाने ले गया.

पर उसने घटिया सी मूवी पसंद की जिसमें सारा हाल खाली था।

मैंने कहा- ये मूवी बेकार है!
पर वो बोली- बेकार होगी तो इंटरवल में वापिस आ जायेंगे.
पर वो मूवी एडल्ट थी।

कुछ सीन देखकर वो बोली- मुझे अंधेरे से डर लगता है.
तो वह मुझसे लिपटी जाये और बहाने से मेरा लंड पकड़ती जाये!
पर मुझे कुछ हो तो मैं करूं।

मूवी के बाद वो गुस्से से मुझे बुरा भला बोलने लगी.
तो मैंने अपनी सारी सच्चाई उसको बताई.
तो वो बोली- अरे छक्के, जब तुझसे कुछ होता नहीं तो वहाँ किसी और के हवाले कर आता मुझे गांडू।

मुझे गुस्सा आ गया तो मैं बोला- रंडी, तुमने मुझे कब कहा कि तू इतनी बड़ी गश्ती है कि तू मूवी देखने नहीं, मुझसे चुदवाने आयी है।

वो माथा पकड़ कर रह गई।
रात को उसने मुझसे बात नहीं की।

अगले दिन वह बोली- तू मेरी हेल्प कर सकता है।
मैं बोला- कैसे?

तो वह बोली- मैं अपने बॉयफ्रेंड को बुला सकती हूँ, तुम्हारा भी काम बन जायेगा और मेरा भी।
मैं बोला- मम्मी पापा भी है घर में!
वो बोली- होटल किस लिये हैं।

मैंने कहा- तू तो एक नम्बर की चालू चीज़ है।

पर बदकिस्मती से उसका बॉयफ्रेंड कहीं गया हुआ था.
तो वो बेचारी माथा पकड़ कर बैठ गई कि अब क्या करें.

पर कहते हैं ना कि जब मरवाने की चाह हो तो लंड मिल ही जाता है।

हम एक शाम छत पर टहल रहे थे तो साथ वाले घर की छत पर एक स्मार्ट सा लड़का दिखा.
तो मैं और बहन दोनों आंखें फाड़ कर उसे देखने लगे जैसे रेगिस्तान में पानी मिल गया हो।

मैंने बहन को कहा- चल पटा ले उसे!
वो बोली- तू नीचे जा, मैं करती हूँ कुछ!

पता चला कि दो दिन में बहन ने उसे पटा भी लिया और मिलने को भी बुला लिया।

मैंने बहन को अपना प्लान बताया कि तू उससे मरवा रही होगी तो ऊपर से मैं आ जाऊंगा।

रात को वैसे ही हुआ.
जब बहन और उसका नया आशिक़ नंगे होकर चुम्मा चाटी कर ही रहे थे तो मैं जा टपका।

मैंने उसे धमकाते हुये कहा- ये क्या हो रहा है? मैं अभी सबको बुलाता हूँ.
पर उस लड़के ने नहले पर दहला मारते हुये कहा- अबे, तुझे भी चोद कर ही जाऊंगा. अब तू ये नाटक मत कर।

मैंने बहन की तरफ देखा तो वो हँस पड़ी।
मैं समझ गया कि इसने इसे सब कुछ बता दिया है।

वो बोला- चल तू भी नंगा हो जा, आज बहन भाई को इकट्ठे चोदूँगा।

मुझे तो लन्ड मिल रहा था तो मैंने झट से अपने कपड़े उतारे.
तो उसकी आँखों में चमक आ गई और बोला- अबे, तू तो इस रंडी से भी बड़ा माल है।
मैं कमर मटकाकर जब उसकी तरफ बढ़ा तो उसने मेरे होंठों पर होंठ टिका दिये।

कुछ देर बाद मैं उसकी छाती चूमता हुआ उसके लन्ड तक आ गया।
“हाय मां … इतना प्यारा लंड! मेरा तो दिल करता है कि इसको ही मुंह में डाले रखूं।”

वो बोला- तो डाले रख मेरी जान. मैं कब मना करता हूँ? वैसे भी लड़कियां लंड चूसने के मामले में बहुत नखरे दिखाती हैं।

हाय क्या लंड था उसका … गुलाबी सुपारा, गोरा लन्ड।
मैंने देर न करते हुऐ अपनी जीभ उसके सुपारे पर रख दी.

तो उसकी भी सिसकारी निकल गयी और उसने बहन को जोर से दबोच कर उसके होंठों पर होंठ रख दिये।
मैंने लन्ड को मुंह में लेकर चूसना शुरू किया तो हम दोनों ही जन्नत के द्वार पर खड़े थे।

मैंने लंड को मुंह में लेकर गालों की तरफ घुमाया और दांतों से हल्का सा काटा।
मैं चूस ही रहा था कि उसने धक्का लगा दिया तो लंड मेरे गले तक पहुंच गया।

मेरी आँखों से पानी आ गया।

अब वो मेरी बहन की चूत चाट रहा था और मैं उसका लंड चूस रहा था।
कसम से लंड चूसने का जो मज़ा है वो और कहीं नहीं.

पर 5 मिनट बाद ही उसने सारा गर्म लावा मेरे मुँह में छोड़ दिया और लंड निकालने भी नहीं दिया।
मेरी हालत खराब हो गई और मैं बाहर की तरफ भागा और थूका।

मुंह साफ करके आया तो देखा बहन उसका लन्ड चूस कर उसे खड़ा कर रही थी।

साले ने पता नहीं कौन सी दवाई खाई थी कि एक मिनट में उसका फिर खड़ा हो गया.
और वो बहन की चूत मारने लगा।

दस मिनट में ही बहन झड़ गयी और बोली- तुम भाई की गांड मार लो. मैं और नहीं मरवा सकती।
वो बोला- चल गांडू तू भी आ जा … तेरी खुजली मिटाता हूँ।

मुझे क्या चाहिए था … मैं घोड़ी बन गया उसके आगे!
और उसने एक ही झटके में पूरा लंड मेरी गांड में उतार दिया।

“उई धीरे मेरी जान … मैं रोज का गांडू नहीं हूँ. महीनों बाद ही मरवाता हूँ।”
“अच्छा तभी इतनी टाइट है तेरी? इस रंडी की फटी चूत से तो तेरी गांड अच्छी है।”

बहन को पता नहीं क्या सूझी, वो मेरा लंड चूसने लगी।

मेरे दोहरे मजे हो रहे थे।
वो लड़का ऐस पुसी सेक्स का मजा ले रहा था.

उसने बीस मिनट तक मेरा तबला खूब बजाया और अंत में मेरी गांड में झड़ गया.

इधर मैं भी झड़ गया और बहन ने लंड मुंह से नहीं निकाला।

वो चला गया तो बहन मुझे बोली- तेरा लंड तो इससे भी ठीक ठाक है. तो तू गांड क्यों मरवाता है?
मैंने कहा- जब तक मेरी गांड में लंड न जाये तो मेरा खड़ा नहीं होता।
वो बोली- इसका इलाज कल रात को करुँगी।

अगली रात वो रसोई से बर्फ तोड़ने वाला सुआ सा ले आयी और उसपे तेल लगा कर लकड़ी वाली साईड से मेरी गांड में घुसा दिया.

मुझे ऐसा लगा जैसे लंड ही मेरी गांड में गया हो।

वो नीचे लेट गयी और मेरा लंड अपनी चूत में ले लिया और हाथों से मेरी गांड मारने लगी।

दस मिनट बाद हम दोनों झड़ गये.
और इस तरह दोनों का काम हो गया।

मुझे खास मज़ा नहीं आया पर गुजारा हो गया।

कुछ दिनों बाद बहन चली गई वापिस!
और मैं फिर अकेला रह गया.

पर एक ट्विस्ट बाकी था जो अगली स्टोरी में बताऊँगा।
ऐस पुसी सेक्स कहानी आपको कैसी लगी?
मुझे मेल कीजिये.
[email protected]

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