अफ्रीकन सफ़ारी लौड़े से चुदाई -12

(African Safari Laude Se Chudai-12)

This story is part of a series:

मेरे प्यारे दोस्तो, इससे पहले कि मैं कहानी को आगे बढ़ाऊँ.. मैं आप लोगों का तहेदिल से शुक्रगुज़ार हूँ.. जो आप लोगों ने मुझे इतना प्यार दिया.. और आम लोग तो प्यार से दूसरों को पलकों पर बिठाते हैं.. पर आप लोगों ने मुझे उससे भी ऊँचा दर्जा दे दिया और मुझे अपने लंड पर ही बिठा लिया.. इसके लिए शुक्रिया।

आप लोगों ने मेरी कहानी को सराहा और कई दोस्तों ने अपनी हालत को अपने खड़े लौड़े की फोटो के द्वारा व्यक्त भी किया। उसके लिए आप सबका दुबारा से बहुत-बहुत धन्यवाद।

चलिए अब हम अपनी चुदैल गाड़ी को चुदाई की पटरी पर लेकर आते हैं और कहानी को आगे बढ़ाते हैं।

जैसे कि पुराने भाग में मैंने आपको बताया था कि इन कमीने काले सांडों ने मुझे एक सेकंड के लिए भी अकेले नहीं छोड़ा.. और साले मेरे हर छेद में अपना लंड डालने के भरसक प्रयास में थे.. पर अभी किसी की गेंद मेरे गोल पोस्ट में नहीं गई थी।

मैंने पीटर को अपने हाथों से गोल बनाकर उसमे ऊँगली डाल कर इशारा करने लगी- इन कुत्तों को कंडोम दे दो.. नहीं तो इनका बस चले तो फिर पता नहीं कितने सालों तक इनका बोझ ढोना पड़ेगा।

पीटर से सबको दो-दो कंडोम दिला दिए ताकि कोई प्रॉब्लम न हो।

अब इशारों-इशारों में बात यह चल रही थी कि पहला गोल कौन दागेगा।

इतने में क्रिस उठ कर आ गया और बोला- दैट एस होल इज माइन..
जेरोम बोला- दैट पुस्सी.. बिलोंग्स टू मी..

अब बचे दो.. पीटर और टोनी..
पीटर से टोनी बोला- कैन आई हैव दैट फ़कएबल माउथ?
पीटर पीछे हट गया क्योंकि उसे तो पता था कि ये दोनों कुछ ही टाइम के मेहमान हैं फिर तो चूत-गांड सब पीटर ही तोड़ने वाला था।

मैंने अब चारों को टोपा चढ़ाने यानि कंडोम पहनाने लगी.. तो क्रिस पीछे हट गया।
मैंने पीटर की तरफ देखा.. तो पीटर ने ‘हाँ’ कर दी.. यानि गांड को बिना कंडोम के असली सुख मिलने वाला था।

अब क्योंकि टोनी को अभी चूत नहीं मिली थी.. इसलिए उसे भी जरूरत नहीं थी।

इसलिए मैंने जेरोम के लंड को पकड़ा और उसमें कंडोम चढ़ाने लगी.. यकीन नहीं मानोगे आप लोग.. पर कंडोम उसके पूरे लंड को ढक नहीं पाया और कन्डोम का जितना हिस्सा उसके लौड़े पर ढका था.. वो ऐसा लग रहा था कि किसी भी वक़्त फट सकता था।
उसके ऊपर दूसरा कंडोम तो मैं पहना नहीं सकती थी.. नहीं तो मज़ा कैसे आता।

चलिए अब आगे चलते हैं..

मुझे जेरोम ने बिस्तर पर लेटा दिया और मेरी एक टांग उठा कर अपने कंधे पर रख ली। फिर धीरे से अपने लंड के टोपे को मेरी चूत में लगा दिया.. मेरी तरफ देखा कर वो धीरे-धीरे अपना घोड़े जैसा लंड मेरी चूत में घुसाने लगा।
उधर टोनी ने अपना लंड मेरे मुँह में ठूँस दिया और वो उससे पेलने लगा।

आगे के छेद में देखिए.. जेरोम का पूरा लंड अब चूत में प्रवेश कर चुका था और उसने अपनी स्पीड बढ़ा दी और अब फटाफट फार्मूला वन की गाड़ी की तरह अपना घोड़े छाप लंड मेरी चूत के अन्दर-बाहर करने लगा।

उधर बगल में टोनी अपना लंड पकड़ कर खड़ा था। मैंने उसका लंड अपने एक हाथ में पकड़ा और उसे हिलाने लगी और पीटर और जेरोम मुझे धकापेल चोदने में व्यस्त थे।
मैं इनके जोश में अपना होश खोने लगी थी और दर्द से कंप रही थी.. मेरा शरीर अब इनकी मर्ज़ी से उछाल मार रहा था।
मैंने टोनी का लंड अपने मुँह से निकाला और सीधी लेट गई और अब मैंने दाएं-बाएं से दोनों लंडों को पकड़ा और दोनों लौड़ों को हाथों से हिलाने लगी।

जेरोम ने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी और पांच मिनट तब जोरदार तरीके से मेरी चूत चोदने के बाद धीरे से उसने मुझे अपने लंड भी बिठा लिया और अब टोनी ने अपना काला सांप मेरी चूत में सटाया और मेरी चूत की माँ-बहन करने की पूरी तैयारी में था।
उसने अपने होंठों से थोड़ा का थूक निकाला.. मेरी चूत में मलने लगा।

फिर वो धीरे-धीरे अपनी उँगलियाँ मेरी चूत में घुसाने लगा और थूक लगा कर अन्दर घुसाने लगा। मैं दर्द से सिर्फ ‘आआह्ह्.. उउह्ह्ह ह्ह..’ ही कर पा रही थी.. पर कहते हैं न, मर्द के दर्द में भी अपना ही मज़ा है और मैं भी उसी दर्द का शिकार हुई थी।

अब दो लंड मेरे दो छेदों को सुरंग बनाने में लगे हुए थे वहीं बाकी दोनों लौड़े अपना टैंक मेरे हाथों में लेकर धमाके करने को तैयार खड़े थे।

उधर मेरी चूत और गांड की फटी पड़ी थी तो इधर इन दोनों लौड़ों ने मेरे मम्मों को चूस-चूस कर शिथिल कर दिया था।
मैं दर्द से ‘उह्ह्ह.. आआह्ह्ह..’ कर रही थी.. तभी एक ने मेरे मेरे मुँह में अपना लंड ठूँस दिया।

अब तो इन हरामखोरों ने मुझे ‘उउह्ह्ह्.. आह्ह्ह्ह.. आअह्ह्ह्ह..’ करने के लिए भी नहीं बक्शा था।
पता नहीं साले किस मिट्टी के बने हैं थकते ही नहीं हैं।

थोड़ी देर में मेरी गांड से एक लंड निकला मैं अभी कुछ राहत लेती तब तक तुरंत दूसरे ने अपना लंड ठूँस दिया। उनको तो मानो ऐसे लग रहा था कि बिना टिकट की लॉटरी लगी है.. साले मुझे आराम भी नहीं करने दे रहे थे।

उधर क्रिस ने अपना लंड मेरी चूत से निकाला और बगल में बैठ कर पिज़्ज़ा का आनन्द लेने लगा।

किसी ने मेरे बारे में सोचा ही नहीं कि मैं भी भूखी-प्यासी इन चुदक्कड़ों से चुद रही हूँ.. लंड के अलावा मुझे भी कुछ खाना चाहिए है।

खैर.. अब दोनों झड़ने वाले थे.. दोनों ने अपने लंड निकाल लिए और मेरे मुँह पर आकर वे चारों अपना वीर्य स्खलन करने लगे।
ऐसा लग रहा था.. साले एक लंड में चार-पांच लोगों का वीर्य भरा पड़ा था। अपने गरम वीर्य से इन्होंने मेरा पूरा चेहरा सान दिया।

इसके बाद उधर से ये लोग पिज़्ज़ा ले आए और सारे स्लाइस मेरे बदन में फैला दिए और अपना मुँह लगा कर खाने लगे वहीं जेरोम ने मुझे दो स्लाइस पकड़ा दिए। मेरे चेहरे पर तो वीर्य भरा पड़ा था इसे भी तो हटाना था। मैंने पिज़्ज़ा के स्लाइस को अपने मुँह पर थोड़ा सा फेरा तो थोड़ा सा वीर्य चेहरे से हट कर स्लाइस पर लगा गया और मैंने पिज़्ज़ा विद एक्स्ट्रा क्रीम का स्वाद लिया।

कहानी अभी बाकी है.. अभी तो सोना भी है.. आगे मैं आपको बताऊँगी कि कैसे मुझे एक सेकंड के लिए भी इन कमीने काले सांडों ने अकेले नहीं छोड़ा।

आगे कैसे हमने चुदाई का लुत्फ़ लिया.. आपको अगले भाग में बताऊँगी। अभी पीजा विद क्रीम खा लूँ।

आपको मेरी कहानी कैसी लगी.. मुझे मेल करके जरूर बताइएगा। प्लीज इस कहानी के नीचे अपने कमेंट जरूर लिखिएगा और रेट करना मत भूलिएगा.. धन्यवाद।
आपकी प्यारी चुदक्कड़ जूही परमार
[email protected]

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