मैं मालिक का गे सेक्स गुलाम- 1
(Young Boy Gay Kahani)
यंग बॉय गे कहानी में एक लड़का बकरी फार्म में काम करता था. वहां बकरी के ऊपर चढ़े बकरे को देख कर उसे लगता कि काश यह बकरा मेरे ऊपर चढ़ जाए.
मित्रो,
मैं रत्न दत्त!
मेरी पिछली कहानी थी: असामान्य यौन इच्छाओं वाली लड़की
कहानी को बहुत सारे पाठकों ने पसंद किया और मुझे मेल भी की.
इसके लिए धन्यवाद.
मेरे एक पाठक कमल ने यह नई सेक्स कहानी भेजी है.
आशा है आप सभी को कहानी पसंद आएगी.
कमल की यंग बॉय गे कहानी:
कमल गांव में पैदा हुआ, उसके पिताजी बकरी पालन करते थे.
कमल दसवीं तक व उसका बड़ा भाई पांचवी तक पढ़ा था.
दोनों भाई पिताजी के साथ बकरियों की देखभाल करते, आमदनी कम थी.
पिता ने कमल को पास के शहर बकरी पालन ट्रेनिंग केंद्र भेज दिया.
कमल ट्रेनिंग के बाद परीक्षा में पहले नंबर पर आया.
गांव आकर जो उसने सीखा था, पिता और भाई को सिखाया.
इससे आमदनी थोड़ी बढ़ी.
छह महीने बाद चिट्ठी आयी.
कोई विशाल सिंह बकरी का बड़ा फार्म खोलने वाला था.
विशाल को कमल का पता बकरी पालन केंद्र से मिला था.
केंद्र से संदेश आया कि यदि कमल को फार्म में नौकरी करने की इच्छा है तो वह विशाल को फ़ोन करे.
पिता से सलाह कर कमल ने विशाल को पोस्ट ऑफिस से फ़ोन किया.
कमल विशाल से मिला.
तनख्वाह अच्छी थी, उसे फार्म में रहना था.
कमल चला गया.
उस समय उसकी उम्र 19 साल थी.
कमल का रंग गेहुंआ था, वह दुबला था.
विशाल की उम्र 24 साल की थी. वह लम्बा तगड़ा था और रईस आदमी का बेटा था, उनके कई बिज़नेस थे.
पांच एकड़ के फार्म में मालिक का शानदार फार्म हाउस था.
फार्म हाउस के पीछे बकरी फार्म और कमल और माली के कमरे थे.
माली अपनी पत्नी और 18 साल की बेटी रत्ना के साथ रहता था.
कमल विशाल को मालिक कहता था.
माली की पत्नी और बेटी फार्म हाउस की सफाई करते.
मालिक हर दो तीन दिन में फार्म आते, कभी उनके साथ उनके 30 उम्र के मामा भी आते.
जब मालिक, उनके दोस्त या रिश्तेदार आते, तब वह खाना बनाती.
मालिक माली और कमल की हर जरूरत का ख्याल रखते.
विशाल कमल को लेकर 30 बकरियां और 3 उम्दा नस्ल के बकरे खरीद लाया.
कमल मन लगाकर काम कर रहा था.
बकरी के बाड़े में कमल बकरियों को गर्भवती करने के लिए उनके गले में पट्टा लगाकर छोटी रस्सी से खम्बे से बांध देता, उनके ऊपर बकरे को चोदने के लिए चढ़ाता.
जब बकरे बकरी को चोदते, तब कमल की गांड में सुरसुराहट होती.
बकरे को उत्तेजित करने के लिए कमल उनके लंड सहलाता.
कमल कल्पना करता कि वह बकरी है और बकरा उसकी गांड मार रहा है.
उस वक्त वह मुठ मारता.
गांव में कमल ने गांड मरवाने के मजे के बारे में सुना था, पर पिता के डर से उसने कभी कोशिश नहीं की.
मुठ मारकर कमल का दिल नहीं भरा.
जब बकरा बकरी को चोद रहा था, कमल ने बकरी का पट्टा अपने गले में पहना, पट्टे की रस्सी से खुद को खम्बे से बांध लिया.
फिर पैंट उतारकर झुककर एक हाथ से खम्बा पकड़ लिया, दूसरे हाथ में मोमबत्ती में तेल लगाकर गांड में अन्दर बाहर करने लगा.
कमल कल्पना कर रहा था कि वह बकरी है और बकरा उसे चोद रहा है.
कमल को बहुत मजा आ रहा था. उसका लंड खड़ा हो गया, थोड़ी देर में बिना लंड छुए ही झड़ गया.
तब से कमल हर रोज मोमबत्ती से अपनी गांड मारता और इस तरह से यंग बॉय गे इच्छा पूरी करने की कोशिश करता.
एक दिन मालिक आये और फार्म हाउस से दूरबीन से बकरी का बाड़ा देख रहे थे.
उस समय कमल अपने आपको बकरी के समान बांधकर अपनी गांड मोमबत्ती से मार रहा था.
यह मालिक ने देख लिया.
मालिक कॉलेज हॉस्टल में एक लड़के की गांड मारा करते थे.
उन्हें अपना भूतकाल याद आ गया.
मालिक का बेडरूम, ड्राइंगरूम फर्स्ट फ्लोर में था.
तभी मालिक ने कमल के मोबाइल पर फोन करके उसे फार्म हाउस में बुलाया.
मालिक- कमल तुम अपनी गर्दन खम्बे में बांधकर मोमबत्ती पीछे क्यों डाल रहे थे?
कमल- मालिक गलती हो गयी, आगे से ऐसा नहीं करूँगा.
मालिक- अरे डरो नहीं, सच बताओ, सच नहीं बोला तो घर भेज दूंगा. तुम्हारे पिताजी को बता दूंगा.
कमल ने बता दिया कि बकरी बकरे के सम्भोग देखकर वह कल्पना करता है कि वह बकरी है और बकरा उसके पीछे डाल रहा है.
मालिक- पहले किसी लड़के या लड़की के साथ सेक्स किया है?
कमल- कभी नहीं किया.
मालिक ने कमल को कपड़े उतारने को कहा.
कमल ने ऐसा ही किया.
मालिक ने कमल के नंगे बदन को अच्छे से देखा.
फार्म की मेहनत और अच्छे खाने से कमल का बदन भर गया था, उसके थोड़े उभरे हुए पुरुष चूचे थे.
मालिक- मैं तुम्हारी इच्छा पूरी कर सकता हूँ, पर तुम्हें मेरी हर बात माननी होगी!
कमल ने हां कहा.
मालिक कमल को डॉक्टर के पास मालूम करने ले गया कि कमल को कोई यौन रोग तो नहीं है.
डॉक्टर ने जाँच की खून के नमूने लिए.
उसके बाद पार्लर ले जाकर कमल के अनचाहे बाल वैक्सिंग से साफ़ करवा दिए.
डॉक्टर की रिपोर्ट अगले दिन आ गयी कि कोई रोग नहीं है.
मालिक ने कमल को रात को नहाकर, नया गले का पट्टा रस्सी लेकर बेडरूम में आने को कहा.
कमल के बेडरूम में आने के बाद मालिक ने दरवाज़ा बंद करके कमल को नंगे होकर गले में पट्टा पहनने को कहा.
कमल को नीकैप देकर कहा- पहन लो मेरी बकरी कमली … चलने के समय तुम्हारे घुटने नहीं छिलेंगे.
कमल बकरी के समान खड़ा हो गया.
मालिक ने गले के पट्टे से लगी रस्सी पकड़ी और कहा- चलो मेरी बकरी.
मालिक के हाथ में बेल्ट था, मालिक धीरे से कमल के कूल्हों पर बेल्ट से मार रहे थे.
कमल को बड़ा मजा आ रहा था, उसे लग रहा था कि वह सच में बकरी है.
मालिक- जब तुम कमली बनकर मेरे बेडरूम में रहोगे, उस समय तुम मेरे गुलाम होगे. मेरी हर बात मानना, नहीं तो पिटोगे.
कमल बोला- जी मालिक, मैं आपका गुलाम हूँ.
मालिक ने कमल को खड़ा होकर पैर फैलाकर सामने झुककर पलंग पर हाथ रखने को कहा.
कमल के गले की रस्सी पलंग से बांध दी.
कमल ने मुड़कर देखा. मालिक ने अपनी पैंट उतार दी. मालिक का 5 इंच का लंड सुन्दर था.
कमल की दिल की धड़कन बढ़ गयी और गांड मचलने लगी.
मालिक ने लंड पर तेल लगाया, कमल के कूल्हों पर हाथ फेरकर कहा- कमली पहली बार थोड़ा दर्द होगा, फिर मजा आएगा. अब अपनी गांड ढीली छोड़ो.
तब मालिक ने मोमबत्ती में तेल लगाकर कमल की गांड में डालकर अन्दर तेल लगा दिया.
मालिक ने थोड़ी देर कमल की गांड की छेद में लंड घिसा, फिर धीरे धीरे लंड गांड में डालने लगे.
कमल दर्द से आ आ कर रहा था, उसे मोमबत्ती और लंड का फर्क समझ में आ रहा था.
मालिक कमल को पुचकारकर कह रहे थे- बस थोड़ा और दर्द सह लो.
लंड पूरा अन्दर जाने के बाद मालिक वैसे ही रुक गए.
मालिक ने झुककर कमल के चूचों को दबाकर कहा- मेरी कमली के थन अभी छोटे हैं.
पहली बार गांड में लंड लेना काफी दर्द देने वाला था. कमल ने पहले ही मोमबत्ती से अपनी गांड को ढीला किया हुआ था और वह मानसिक रूप से अपनी गांड मरवाने के लिए तैयार था.
मालिक चूचे दबाने लगे और निप्पल मरोड़ने लगे.
कमल को नया मजा आ रहा था, उसका लंड खड़ा हो गया.
कमल बोला- मालिक बहुत मजा आ रहा है.
उसका दर्द कम हुआ तो वह गांड में लंड जाने का सुखद अनुभव का आनन्द लेने लगा.
वह सोचने लगा कि आज आज कमली बकरी के अन्दर बकरे ने डाल ही दिया.
मालिक गांड मारने लगे.
उन्होंने धीरे धीरे गांड मारने की रफ़्तार बढ़ा दी.
मालिक कमल के कूल्हों पर चांटे भी मार रहे थे.
कमल उत्तेजना में कमर हिलाकर लंड और अन्दर लेने की कोशिश कर रहा था.
कुछ देर बाद कमल अपना लंड बिना छुए ही झड़ गया.
मालिक के चोदने की रफ़्तार बहुत बढ़ गयी.
उनका लंड और मोटा और सख्त हो गया.
इससे कमल की गांड और फ़ैल गयी.
कुछ झटकों के बाद मालिक ने कमल की गांड वीर्य से भर दी.
कमल को बड़ा सकून मिला, जैसे गर्मी के बाद बरसात हुई हो.
मालिक बाथरूम से लंड धोकर आये, कमल के गले की रस्सी खोलकर कहा, जाओ गांड धोकर आओ.
कमल की गांड दुःख रही थी, चलने में मुश्किल हो रही थी.
वह पांव फैलाकर चलते हुए बॉथरूम से गांड धोकर आया.
मालिक ने दो गिलास पानी पिया.
कमल ने कपड़े पहनने की कोशिश की, पर दर्द हो रहा था.
मालिक बोले- जब मैं कहूँ, तब कपड़े पहनना. बिना मेरी अनुमति के कपड़े पहने तो सजा मिलेगी. अब बकरी बनकर कमरे का एक चक्कर लगाओ.
कमल एक चक्कर लगाकर बकरी के समान खड़ा हो गया.
मालिक ने पूछा- कमली प्यास लगी है? कमल ने हां कहा.
मालिक ने कमल को खाली गिलास लाने को कहा. फिर गिलास में मालिक मूतने लगे.
मूतने के बाद मालिक ने गिलास कमल को देकर कहा- पी लो.
कमल ने आज्ञाकारी गुलाम की तरह मूत पीकर कहा- स्वादिष्ट है.
मालिक पलंग के किनारे बैठ गए और अपने लंड की तरफ इशारा करके बोले- चूसो, जब मलाई निकले तो पूरी पी लेना.
कमल ने झुककर अपने हाथ पलंग पर रखे और लंड चूसने लगा.
मालिक का लंड खड़ा हो गया.
कमल आधा लंड चूस रहा था.
मालिक ने कमल का सर पकड़ा और लंड पर दबा दिया.
लंड कमल के गले तक गया, उसको साँस लेने में मुश्किल होने लगी.
तब मालिक ने उसका सर छोड़ा.
वह फिर से आधा लंड चूसने लगा.
मालिक ने कमल के कूल्हों और पीठ पर बेल्ट मारकर कहा- गले तक लेकर चूसो.
कमल पूरा लंड चूसने लगा.
अचानक मालिक ने कमल का सर पकड़ लिया, लंड से वीर्य की पिचकारी निकली और कमल के मुँह में भर गयी.
मालिक बोले- पूरा पी जाना.
कमल पी गया.
मालिक- कमली खुश हो? तुम्हारा बकरी बनने का सपना पूरा हुआ!
कमल- बहुत खुश हूँ, मालिक आपका धन्यवाद. सिर्फ पीछे जलन हो रही है और थोड़ा दुःख रहा है.
मालिक- फ्रिज से बर्फ लेकर अपने कमरे में जाओ और उधर बर्फ को रुमाल में लेकर गांड सेको.
मालिक ने दर्द निवारक दवा दी और बोरोलीन देकर कहा कि इसे अन्दर तक लगा लेना. कल तक ठीक हो जाओगे. अब से मल त्यागने से पहले छेद के अन्दर तेल लगा लेना, बवासीर नहीं होगी. बवासीर हुई तो मजा नहीं ले पाओगे.
कमल खुश हुआ कि मालिक उसका इतना ख्याल रखते हैं.
वह अपने कमरे में बर्फ से गांड सेकते समय आज के बकरी बनने की मधुर याद में खो गया.
उसे मीठी नींद आ गयी.
सपने में उसने देखा मालिक उसकी गांड मार रहे हैं.
सुबह दर्द कम हो गया.
दो दिन बाद मालिक ने कमल को फ़ोन पर पूछा कि तबियत कैसी है?
कमल बोला- एकदम ठीक. आज आप आ रहे हैं क्या?
मालिक बोले- आज शाम आ रहा हूँ.
शाम को मालिक ने आकर कमल को कहा- कमली बेडरूम में आ जाओ.
कमल बेडरूम में जाकर नंगे होकर गले का पट्टा और घुटनों पर नीकैप पहनकर बकरी के समान खड़ा हो गया.
मालिक ने उसे कुछ देर बकरी बनाकर घुमाया. कमल को पलंग पर पीठ के बल लेटकर, कमर के नीचे तकिया लगाकर पांव छाती की तरफ कर पकड़ने को बोला.
कमल ने वैसा किया.
मालिक ने लंड पर तेल लगाया और गांड में लंड पेलने लगे.
इस बार कमल को ज्यादा देर दर्द नहीं हुआ और वह गांड मरवाने का सुख लेने लगा.
दोस्तो, कहानी के अगले हिस्से में इस गे सेक्स कहानी को आगे लिखूँगा.
आप मुझे बताएं कि यंग बॉय गे कहानी कैसी लग रही है.
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यंग बॉय गे कहानी का अगला भाग: मैं मालिक का गे सेक्स गुलाम- 2
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