पापा की मार फिर लंड से प्यार
(Xxx Gay Porn Kahani)
Xxx गे पोर्न कहानी में मैं अपने बड़े भाई का लंड चूसता था और गांड मरवाता था. एक बार हम भाइयों को गांड सेक्स करते पापा ने देख लिया. तो उसके बाद क्या हुआ?
दोस्तो नमस्कार, अपनी आबरू लुटने के बहुत टाइम बाद आज मैं आपसे रूबरू हो रहा हूँ.
मेरी पहली गे सेक्स कहानी
सगे भाई ने गांड मारकर गांडू बनाया
को आपने बहुत प्यार दिया था.
दोस्तो, लॉकडाउन में ज़िन्दगी काफी उथल-पुथल हो गई थी.
वह सब बाद में बताऊंगा, अभी फिलहाल आप मेरी सच्ची गे सेक्स कहानी का आनन्द लीजिए.
जैसा कि आपको मालूम है कि मेरे भाई ने मुझे लंड की लत लगा दी थी.
लंड चूसे बिना और गांड मरवाए बिना मुझे नींद नहीं आती थी.
फिर एक दिन वह हो गया, जिसकी मैंने कल्पना भी नहीं की थी.
आप इस Xxx गे पोर्न कहानी में पढ़ें कि क्या हुआ था.
एक रात मेरा भाई मेरी गांड मार रहा था तो मुझे लगा दरवाज़े पर कोई है.
मैंने सिर उठा कर देखा, तो बाहर पापा थे.
मेरी तो फट गई, काटो तो खून नहीं वाली हालत हो गई … पर पापा चुपचाप पीछे हट गए.
यह तो मैं समझ गया था कि अब सुबह मेरी शामत पक्का आएगी ही.
इसी डर से पूरी रात नींद नहीं आई.
गांड मराने का सुख भी खत्म हो गया था.
सुबह हुई, मैं उठा और डरता हुआ बाहर आया.
सामने पापा थे, उन्होंने मुझसे कुछ नहीं कहा.
मेरे लिए यही सबसे बड़ी ताज्जुब की बात थी … मगर यह कहां मालूम था कि आगे जो होने वाला है, वह किसी पहाड़ टूटने से कम नहीं था.
एक महीने में ही पापा ने भाई को बुआ के पास कनाडा भेज दिया.
भाई के चले जाने से मेरी हालत तो जवानी में विधवा हो जाने वाली हो गई.
रातें लंबी हो गयी और दिन वीरान.
गांड मराने की लत चैन न लेने दे.
पर तक़दीर को कुछ और ही मंजूर था.
उसी दौरान मामी जी के भाई की शादी आ गई.
पापा की अपनी ससुराल में बनती नहीं थी, तो पापा ने मम्मी से शादी में जाने से मना कर दिया.
पर मम्मी बोलीं- आप मेरे मायके में जाते नहीं, तो न जाओ … पर मुझे तो मत रोको!
मम्मी अपने मन की करती हुई शादी में शामिल होने के लिए अपने मायके चली गईं.
शादी में 5-7 दिन लगना, तो आम बात थी … इतने दिन तो लगने ही थे.
पापा गुस्से में रात को काफी पीकर आए.
मैंने घर का मेन डोर लॉक किया और पापा से पूछा- खाना लगा दूँ?
वे गुस्से से मेरी तरफ देखते हुए बोले- नहीं, मुझे खाना नहीं खाना.
मैं डरते डरते अपने रूम में जाने के लिए मुड़ा ही था कि पापा बोले- रज्जो, इधर आ जरा!
मैं समझ गया कि आज इनका गुस्सा मुझ पर उतरेगा, पर कैसे उतरेगा … यह पता नहीं था.
मैं उनके पास गया और बोला- जी पापा!
तभी तड़ाक से एक थप्पड़ मेरे एक गाल पर, फिर दूसरा दूसरे गाल पर पड़ा.
मैंने रोते हुए पूछा- मैंने क्या किया है?
पापा बोले- साले गांडू, मैंने लड़का पैदा किया और तू गांड मरवाता है … लंड चूसता है!
मैं हैरान हो गया कि इनको लंड चूसने वाली बात कैसे पता चली?
बाद में पता चला कि भाई की पहले ही पिटाई हो चुकी थी और भाई ने माना था कि उसने ही मुझे गांडू बनाया था.
मैंने नजरें झुका कर कहा- पापा गलती हो गई!
वे बोले- गलती हो गई, साले … आज तेरी मां का बदला तुझसे पूरा होगा, चल कपड़े उतार!
‘क्यों पापा?’
तड़ाक से एक और थप्पड़ पड़ा.
मैंने झट से सारे कपड़े उतार दिए मगर अंडरवियर नहीं उतारा.
कड़क आवाज आई- इसे भी उतार!
मुझे नँगा करके मेरी गांड पर पापा ने अपनी बेल्ट से प्रहार करना शुरू कर दिए.
मैं चीखता रहा.
कोई दस मिनट बाद पापा ने मुझे अपने गले से लगाया और प्यार दिया.
मैं पापा के घड़ी घड़ी बदलते रवैये से हैरान भी था और सन्न भी!
प्यार देते देते पापा ने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए.
मैंने पीछे हटते हुए कहा- क्या कर रहे हो पापा?
वे बोले- तू जो रात को गाजर मूली से काम चलाता है न, मुझे सब पता है. ये ले असली माल … जिसकी तुझे जरूरत है.
पापा ने अपना मोटा सांप जैसा लंड निकाल कर मेरे हाथों में दे दिया.
मेरे सारे शरीर में कंपकंपी दौड़ गयी.
पापा नशे में बड़बड़ा रहे थे.
तभी उन्होंने मुझे झटका देकर गिरा दिया और लंड मेरे मुँह में ठूंस दिया.
आह … इतने दिनों के बाद असली लंड चूसने को मिल रहा था.
मैंने भी शर्म को साइड में किया और पापा का लंड चूसने लगा.
“आह मेरे बेटे … चूस तेरी मम्मी तो मुँह में लेती नहीं … आह कितना प्यारा बेटा है मेरा … चूस गांडू साले भोसड़ी वाले!”
दस मिनट तक अपना लंड चुसवाने के बाद पापा ने मुझे घोड़ी बना लिया और पीछे से अपना लंड सैट कर दिया.
उन्होंने मेरी गांड के फूल पर जरा सा थूक लगाया और झटके से लंड अन्दर डाल दिया.
Xxx गे पोर्न सेक्स के बाद मेरी तो जैसे बरसों की प्यास बुझ गयी थी … आह मजा आ गया.
‘चोदो पापा … आह मुझे जोर से चोदो आह जोर से … और जोर से … फाड़ दो मेरी गांड!’
लगभग पंद्रह बीस मिनट बाद मेरी गांड में गर्म गर्म लावा फेंक कर पापा बिस्तर पर लुढ़क गए और सो गए.
आज मैं बहुत खुश था क्योंकि घर में ही मेरी संतुष्टि का साधन मिल गया था.
पर क्या पता था कि आगे जाकर नया पंगा न पड़ जाए.
आगे क्या हुआ, वह सब मैं अपनी अगली गे सेक्स कहानी में बताऊंगा.
दोस्तो, मैं पक्का गांडू नहीं हूँ. आज तक सिर्फ चार लोगों से ही अपनी गांड मरवाई है. वह भी इसलिए ताकि मेरा राज़ बना रहे.
मेरी गे सेक्स कहानी असली है, पर नाम व जगह बदले हुए हैं. मैं सिर्फ लंड चूसता हूँ, लंड का पानी नहीं अन्दर लेता हूँ.
आप मुझे सिर्फ मुठ मारते हुए झड़ते की वीडियो भेज सकते हो, वह भी बिना फेस के.
जैसा मेरे साथ हुआ था, मतलब मेरी गे सेक्स कहानी थी, वैसी ही मैंने लिखी है.
अगली बार कोशिश करूंगा कि आपको ज्यादा मज़ा आए.
इस Xxx गे पोर्न कहानी पर आप मुझे मेल कर सकते हैं.
[email protected]
What did you think of this story??
Comments