चलती ट्रेन में दो फौजियों ने मेरी गांड की चुदाई की
(Train Me Do Faujiyon Ne Meri Gand Ki Chudai Ki )
हाय दोस्तो! कैसे हो आप सब?
आशा करता हूँ कि आप सभी मेरी तरह सेक्स के मजे ले रहे होंगे!
मैं बुरहानपुर म. प्र. का रहने वाला हूँ!
मेरी गर्मियों की छुट्टियां चल रही हैं, इन छुट्टियों में मैं मुंबई अपने अंकल के यहाँ घूमने गया था। मैंने काफी घूम लिया था मुंबई!
अब मुझे अपनी गांड में खुजली हो रही थी। इंटरनेट के माध्यम से एक आदमी से मेरी बात हुई, वो फौजी था, उसका नाम आमिर था। उसकी उम्र 26 थी।
हमने अपने फोटो एक दूसरे को दिए।
मैंने जब उसकी फोटो देखी तो मैं खुश हो गया क्योंकि वो एकदम हट्टा कट्टा जवान था!
वो भी मेरी फोटो देखकर पागल हो गया, क्योंकि मैं बहुत स्लिम हूँ!
मैंने उसे बताया कि मैं आज रात बुरहानपुर जा रहा हूँ तो वो बोला कि मैं इटारसी से हूँ, मैं भी आज इटारसी जा रहा हूँ तो साथ चलें?
मैं अकेला जाने वाला था तो मैंने हां कर दी।
तो उसने कहा- मेरा एक दोस्त भी है जो तेरे मजा लेना चाहता है!
उसने उसकी फोटो भी भेजी तो मैंने देखकर हाँ कर दी क्योंकि उसका दोस्त भी उसी के जैसा था, उसका नाम सूरज था।
हमारा रात में मिलना तय हुआ।
मैं 7 बजे स्टेशन पहुंचा, कुछ देर उनका इन्तजार करता रहा, कुछ देर बाद वो आ गए!
मैं उन्हें देखता रह गया! क्या माल थे साले… एकदम कड़क!
तब आमिर ने मेरी गांड पर चिकोटी काटी और बोला- अब बस देखता ही रहेगा हमें! साले तू भी कुछ कम नही है! अब हाथ तो मिला ले!
हमने एक दूसरे से हाथ मिलाया और बातें करने लगे।
मैंने उनसे पूछा- ट्रेन में काफी भीड़ रहेगी, फिर हम कैसे करेंगे?
तो सूरज ने कहा- तू चिंता मत कर, हमने सब इन्तजाम कर लिया है।
तभी ट्रेन आ गई!
मुझे समझ नहीं आ रहा था कि ये क्या करने वाले हैं! सूरज ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे लेकर चलने लगा, आमिर हमारे पीछे आ रहा था।
हम एक डिब्बे में चढ़ गए, यह आर्मी डिब्बा था, उस डिब्बे में हमारे अलावा कोई नहीं था!
मैंने सूरज से पूछा- अगर इसमें कोई आ गया तो?
तब आमिर ने मुझे अपनी बाहों में जोर से पकड़ा और कहा- जानेमन हमने सब सेटिंग कर ली हैं! तू अब बस अपने आप को हमारे हवाले कर दे!
तभी ट्रेन चालू हो गई!
सूरज दरवाजे व खिड़कियां बंद कर रहा था, इधर आमिर ने मुझे अपनी बाहों में खींचा और अपने होंठ मेरे होंठ पर रख दिए और उन्हें चूमने लगा! उसने अपने हाथ मेरी टी शर्ट के अंदर डाल दिए और मुझे अपने और करीब कर लिया, मेरी पीठ नोचने लगा!
मुझे थोड़ा अजीब लगा लेकिन मुझे बहुत मजा आ रहा था।
वो अब जोरों से मेरे होंठ चूस रहा था! मैं भी अब उसका साथ दे रहा था! मैंने अपने हाथ उसकी बाजुओं पर रख दिया और उन्हें जोर से पकड़ लिया।
क्या कड़क बाजू थी यार!
तभी सूरज मेरे पीछे आ गया, पीछे से मुझे पकड़ लिया और पीछे से मेरी गांड पर अपना लंड रगड़ने लगा। उसका लंड पैंट के अंदर से ही फनफना रहा था जो मुझे अपनी गांड पर महसूस हो रहा था!
अब उसने भी पीछे से मेरी टी शर्ट में हाथ डाला और मेरे निप्पल को दबाने लगा!
मुझे अब सच में बहुत मजा आ रहा था! मेरे आगे आमिर और पीछे सूरज! आह!
अब सूरज ने पीछे से मेरी टी शर्ट उतार दी! अब मैं ऊपर से पूरा नंगा हो गया! मेरे निप्पल देखते ही आमिर उन पर टूट पड़ा, उसने मेरा एक निप्पल अपने मुंह में ले लिया और उसे लड़कियों के दूध की तरह चबाने लगा! मेरे मुंह से सिसकारियाँ निकल रही थी!
अब वो मेरे दूसरे निप्पल को चूसने लगा और पहले वाले को अपने हाथ से दबोचने लगा!
मुझे दर्द हो रहा था, मैंने उसे दूर करना चाहा पर उसने मुझे और अपने करीब घसीट लिया और वैसा ही करने लगा!
सूरज ने पीछे से मेरी पैंट खोल दी और अपनी भी पैंट उतार दी और अपनी अंडरवियर मेरी गांड पर रगड़ने लगा। उसका मोटा लंड मेरी गांड के छेद में था और वो उसे आगे पीछे कर रहा था। मुझे उसका लंड अपनी गांड पर महसूस हो रहा था जो कि मुझे दीवाना कर रहा था।
आगे से आमिर मेरे निप्पल को जानवरों जैसे काट रहा था।
मैं अपने आप को लड़की जैसा महसूस करने लगा… क्या मजा था।
इतने में सूरज ने पीछे से मेरी गांड में अपनी एक उंगली डाल दी मैं बहुत तेज चिल्ला दिया।
तभी आमिर ने मेरे निप्पल पर दाँत काट लिया, मैं दर्द के मारे उन दोनों से दूर हट गया! मेरे निप्पल पर दाँत के निशान पड़ गए थे और वो लाल हो गए थे।
तभी सूरज ने पीछे से मेरे निप्पल पर हाथ रखा और उन्हें सहलाने लगा। मैंने उसका हाथ हटाना चाहा लेकिन उसने नहीं हटाया और मेरा चेहरा अपने सामने किया और मेरे होंठ पर अपने होंठ रख दिए और चूमने लगा।
इधर आमिर अपने कपड़े उतारने लगा, वो सिर्फ अंडरवियर और बनियान में था। मैं ऊपर से पूरा नंगा था, सूरज ने मेरी पैंट उतार दी, अब मैं सिर्फ चड्डी में था।
तभी आमिर मेरे पास आया और मुझे अपनी गोद में उठा लिया, वो अपनी बांहों में मुझे जोर से पकड़ा हुआ था। उसने मुझे ट्रेन की सीट पर पटका और अपनी अंडरवियर नीचे कर दी, उसका लंड मेरे सामने था।
क्या लंड था साले का!
8 इंच लम्बा और काफी मोटा था!
मैं देखता ही रह गया!
मैं लेटा हुआ था, आमिर अपना लंड मेरे मुंह के पास लाया और कहा- मेरी जान, मुंह खोल अब!
मैंने मुंह खोला ही था कि उसने अपना लंड मेरे मुंह में पेल दिया, उसके लंड से मेरा पूरा मुंह भर गया था। अब मैं उसके लंड को बड़े मजे से चूसने लगा।
वो पूरा जोश में आ गया और मुंह से आवाज़ निकलने लगा! अब वो मेरे मुंह में धक्के मारने लगा।
तभी सूरज ने नीचे से मेरी गांड में उंगली डाली, मुझे दर्द तो हुआ पर लंड के कारण मैं कुछ कह नहीं पाया।
अब उसने एक उंगली निकाल कर दो उंगलियाँ डाली और अब वो अंदर बाहर करने लगा। मैं अपने होश खोने लगा… मैं भी अब अपनी
गांड उचकाने लगा।
इधर आमिर ने अपना लंड मेरे गले तक उतार दिया और धक्के मारने लगा!
सूरज ने अब तीन उंगली मेरी गांड में डाल दी, मेरी गांड अब पूरी तरह खुल चुकी थी, सूरज मुझे अपनी उंगलियों से चोद रहा था।
अब सूरज ने आमिर से कहा- चल ले अब इसकी गांड का भोसड़ा बना!
आमिर ने अपना लंड मेरे मुंह से निकाला, लंड पर कंडोम चढ़ाया, मेरे पैरों को अपने कंधों पर रखा और अपना लंड मेरी गांड पर फिट किया और एक जोरदार धक्का मारा!
मेरे मुंह से चीख़ निकल गई क्योंकि उसका आधा लंड मेरी गांड में था!
मैंने कहा- मुझे बहुत दर्द हो रहा है प्लीज़ निकाल लो… उम्म्ह… अहह… हय… याह…
पर उसने निकाला नहीं, वो थोड़ा झुका और अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए। उसने एक और जोरदार झटका दिया तो उसका पूरा लंड मेरी गांड में चला गया!
उसने मेरे होंठों को कस कर अपने होंठों में दबोच लिया जिससे मेरी चीख दब गई।
5 मिनट तक वो अपना लंड मेरी गांड में डाले मेरे होंठों को चूसता रहा, मेरे निप्पल दबाता रहा।
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5 मिनट बाद जब मुझे दर्द कुछ कम लगा तो उसने धक्के मारना शुरू कर दिया, अब वो मुझे पूरे जोश से चोदने लगा और गालियाँ
भी देने लगा। मैं भी अब उसका साथ देने लगा।
तभी सूरज पूरा नंगा मेरे सामने आया, उसका लंड बहुत मोटा था, उसने अपना लंड मेरे मुंह पर रखा, मुझे उसके लंड से बदबू आ रही थी लेकिन मुझे सेक्स चढ़ा हुआ था, मैंने अपना मुँह खोला और सूरज ने अपना लंड मेरे मुंह में डाल दिया!
आमिर मुझे जमकर चोद रहा था, सूरज भी अब जोश में आ गया, वो अब मेरा मुंह चूत समझ कर चोद रहा था।
15 मिनट तक ऐसा ही चलता रहा, फ़िर आमिर ने मुझे अपनी गोद में उठा लिया उसका लंड मेरी गांड में ही था, उसने
मुझे ट्रेन की दीवार से टिकाया और जोर जोर से धक्के मारने लगा।
मुझे लगा कि मेरी टट्टी निकल जाएगी पर ऐसा नहीं हुआ।
वो मेरे होंठ चूसने लगा, साथ ही साथ जोरदार झटके दे रहा था।
5 मिनट बाद वो मेरी गांड में झड़ गया, उसने मुझे दोबारा ट्रेन की सीट पर पटका और जल्दी से अपना लंड मेरी गांड से निकाला और झट से कंडोम उतारा और मेरा मुंह खोल कर अपना माल मेरे मुंह में डाल दिया और कहा -चुपचाप पी जा इसे बिना नखरे दिखाए!
मैं पूरा माल निगल लिया!
आमिर तो ठंडा हो चुका था अब सूरज बचा था, सूरज ने मुझे उलटा लिटा दिया और अपने लंड पर कंडोम चढ़ा कर मेरी गांड में एक झटके से अपना पूरा का पूरा लंड मेरी गांड में डाल दिया।
मुझे अब बहुत अधिक दर्द हुआ मैं बहुत तेज चिल्लाया।
सूरज ने अपने हाथ से मेरा मुंह दबा दिया और कहा- बहनचोद, अभी ये दर्द तो कुछ नहीं है, अभी तो तुझे बहुत दर्द सहना है।
सूरज बहुत जालिम था, उसने अपना लंड बाहर निकाल कर फिर पूरा लंड मेरी गांड में डाल दिया।
उसने ऐसा 5-6 बार किया फिर वो मुझे बेरहम बनकर चोदने लगा! बीच बीच में वो मेरे निप्पल दबोच लेता, कभी मेरी गांड पर चिकोटी काट लेता!
मुझे भी अब ऐसे मजा आने लगा, मैं भी अब गांड उठाकर मजा लेने लगा!
अब वो मुझे प्यार के साथ चोदने लगा!
करीब 10 मिनट बाद वो फिर जालिम बन गया, 5 मिनट बाद उसने अपना लंड मेरी गांड से बाहर निकाला और मेरे सीने और मुंह पर अपना माल डाल दिया!
मैंने अपने मुंह पर का माल चाट लिया।
कोई स्टेशन आने वाला था तो मैं उठ कर बाथरूम गया, मैंने अपने कपड़े पहने और वापस आया तो आमिर सो रहा था और सूरज अपने कपड़े पहन रहा था।
मैं जाकर लेट गया, मुझे बहुत दर्द हो रहा था।
सूरज ने कपड़े पहने और मेरे पास आकर लेट गया, उसने पूछा- क्या हुआ जान?
मैंने कहा- दर्द हो रहा है! तुम बहुत जालिम हो!
वो मुस्कुरा दिया और मेरे होंठ पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगा!
आगे क्या हुआ यह मैं अपनी अगली कहानी में बताऊँगा।
चलती ट्रेन में मेरी गांड की चुदाई की कहानी कैसी लगी, मुझे जरूर बताना!
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