टैक्सी वाले से गांड का अट्टा बट्टा

(Bottom Gay Top Gay Story)

दोस्तो, मैं आपका आजाद गांडू आपको अपने जीवन में हुए गांड मराने की गे सेक्स कहानी सुना रहा था.
लड़के ने गांड मरवा कर शुकराना अदा किया
अब तक आपने पढ़ा था कि उस लड़की के प्रेमी ने मेरा अहसान उतारने के लिए मुझसे गांड मराई थी. हम दोनों फारिग होकर नहाने लगे थे.

अब आगे :

मैंने कहा- यार, तुम भी तो बहुत नमकीन हो. क्या मस्त गोरे गोरे, गोल गोल चूतड़, छरहरा शरीर. इतने हैंडसम … न जाने कितनी लौंडियां तुम पर मरती होंगी.
वह जोर से हंसा- अब गांड मार कर कर्ज उतार रहे हो, मक्खन लगा रहे हो. लोग तो लौंडा पटाने के लिए पहले उसे चूतिया बनाते हैं. मारने के बाद तो लगता है कि अब ये लौंडा कब यहां से चला जाए. उसे टरकाते हैं. कोई देख न ले. कैसे भी जल्दी से उसे चलता करते हैं.

मैं- अरे यार, मक्खन नहीं लगा रहा. अब इस उम्र में तुम जैसे लोग कहां मराने को तैयार होते हैं. तुम इतने हैंडसम, स्मार्ट हो, मैं क्या कहूं. कोई पटाने की हिम्मत भी नहीं करता.

वह- नवाज चाचा ने कहा, तो मैं तैयार हो गया. वे बहुत झिझक रहे थे. उन्हीं ने बताया था कि तुम शौकीन हो. बस दिल आ गया और तुम्हारा मस्त हथियार है. सच में तुम्हारी गांड चुदाई की स्टाईल में मजा आ गया.

मैं- तो नवाज भाई से भी कराई होगी?
वह- वो तो, जब मैं चिकना लौंडा था, तब से रगड़ रहे हैं. उनका भयंकर लंड गांड फाड़ कर रख देता था. बुरी तरह रगड़ाई करते थे. अब तो उनसे बहुत दिनों से नहीं कराई. वे कह भी नहीं पाते. सब दोस्त छूट गए, बाहर जॉब करता हूं.

मैं- तो और लौंडे भी तो मरते होंगे?
‘हां अब भी कई मरते हैं. गांव जाने पर चूतड़ पर हाथ फेरते हैं, गाल पर चिकोटी काटते हैं. अब मैं ठीक ठाक जॉब में हूं. बहुत सारे ऐसे ही रह गए, तो हिम्मत नहीं कर पाते. वो दिल तो रखते हैं पर कसमसा कर रह जाते हैं. मेरी सफलता से साले जलते हैं. फिर अब मैं दुबला पतला, सूखा सा माशूक लौंडा भी नहीं रहा कि जिसका जब चाहे मन करे, पकड़ कर पेल दे, उस तरह के माशूक लौंडों की राजी हो या नहीं, ले जाकर पेल देने वाली बात खत्म हो गई. अब जैसा आप कह रहे हैं, स्मार्ट हैंडसम हैल्दी यंग मैन हूं.

मैं- यार तुम अब भी माशूक ही हो.
वह हंसा- अब तुम भी बहकी बहकी बातें करने लगे.

मैंने उसका बढ़ कर एक चुम्बन ले लिया और कहा- मैं तुम पर मरता हूं. तुम बहुत क्यूट हो.
वह मेरे से लिपट गया- तुम भी तो नमकीन हो. मेरे से तगड़े मसकुलर हो.

मैं- तो यार मेरी एक इच्छा पूरी कर दो. अपना लम्बा मोटा हथियार मेरी में डाल दो.
मैंने अंडरवियर नीचे कर उसे अपने चूतड़ दिखाए.

वह मेरे चूतड़ सहलाने लगा, फिर चूतड़ जोर से मसक दिए.

मेरी गांड में उंगली फेरकर बोला- आपकी इच्छा जरूर पूरी करूंगा, पर आज नहीं.
वह मुझे किस करने लगा और मेरे कई चुम्बन ले डाले.

मैंने उसके लंड को अपने हाथ में लेकर दो चार सड़के मारे और एकदम से घुटनों के बल बैठ कर उसका लंड मुँह में लेकर चूसने लगा.
वह थोड़ी देर तो रूका, फिर उसने अपना लंड मेरे मुँह से निकाल लिया.

वह मुस्करा रहा था.

अब हम दोनों मेन्स पार्लर गए, उसे तैयार कराया.
तब तक नवाज भाई आ गए थे.

उनके साथ वह शादी वाले घर गया.
नवाज भाई ने एक परिचित की टैक्सी किराये पर ले ली थी. वे शाम को दूल्हा दुल्हन को स्टेशन ले आए.
हम सबने उन दोनों को ट्रेन में बिठा कर उन्हें विदाई दी.

नवाज भाई, मैं व वह टैक्सी ड्राईवर लड़का, हम सब मेरे फ्लैट पर आ गए.

रात के दस बज गए थे.
हम सब मेरे ही फ्लैट पर सो गए.

रात को कुछ आवाज आई. नवाज भाई कह रहे थे- खोल बे.
वह लड़का बोला- वे देख लेंगे.

नवाज भाई- वो सो रहे हैं, तू हल्ला मचाएगा, तो जग जाएंगे. कच्छा नीचे कर वरना अंडरवियर फाड़ डालूंगा … जल्दी से नीचे कर.

उन्होंने उसका अंडरवियर उसी से खुलवा कर नीचे करवा लिया.

अब नवाज भाई बोले- पलट जा.
वह टैक्सी ड्राईवर लड़का ना नुकुर कर रहा था, मना कर रहा था.

नवाज भाई ने उसे पकड़ कर जबरदस्ती उसे औंधा कर दिया व उसके ऊपर चढ़ बैठे.
मैं जाग तो गया था, पर चुपचाप लेटा रहा और उनकी हरकतें देख रहा था.

थोड़ी देर में मेरी आंखें अंधेरे की अभ्यस्त हो गईं. मैंने देखा कि नवाज भाई अपने लंड में थूक चुपड़ कर उसकी गांड पर टिका रहे थे.

अब वे उसके चूतड़ों पर चांटे मारने लगे- मादरचोद … ढीली कर भोसड़ी के … फिर मत कहियो कि फट गई. अब डाल रहा हूं.
नवाज ने उसकी गांड में पेल दिया.

वे बड़ी देर तक बेरहमी से उसके चूतड़ मसलते रहे. फिर धक्का दिया, दोनों चूतड़ फैला कर हाथों से अलग किए हुए थे.

फिर नवाज भाई ने कमर मचका कर जोर से लंड पेल दिया.
लड़का चिल्ला उठा- उई चाचा … आह … आह … फट गई…ई… बाहर निकाल लो चचा आह अब नई … आंह!
पर नवाज भाई पुराने खिलाड़ी थे, पूरा पेल कर ही माने.

‘अबे गांड मत सिकोड़ साले … मैंने कहा था न थोड़ी सी लगेगी. मादरचोद … ढीली रख, थोड़ा दर्द तो मराने में होता ही है … चुप कर वो जाग जाएगा, तो वो भी पेलेगा. तू नया लौंडा है, तेरी फट कर हाथ में आ जाएगी.’
वो कुं कुं करता हुआ चुप हो गया.

अब नवाज भाई शुरू हो गए. अन्दर बाहर, अन्दर बाहर करने लगे.
धीरे धीरे उनके लंड के झटके गांड फाड़ू हो गए ‘दे दनादन दे दनादन.’

नवाज भाई चालू हो गए.
लौंडा चीखे जा रहा था. उनकी टांगों के नीचे फड़फड़ा रहा था, पर वे धकापेल लगे थे.

‘चचा … बस करो … आंह फट गई…ई …’ वह दांत भींचे हुए बिलबिला रहा था.
नवाज भाई लगे थे, काम पूरा करके ही माने.

फिर निपट कर बोले- यार, तू बहुत हल्ला मचाता है. और लौंडों से तो मस्ती से गपागप पिलवाता है. मेरे से क्या दुश्मनी है? साला मरवाता भी है और नखरे भी करता है.

टैक्सी ड्राईवर लड़का- चाचा, आपका बहुत बड़ा है, फिर आप बुरी तरह रगड़ देते हो. गांड तीन दिन तक दर्द करती है. हगना मुश्किल हो जाता है. ड्राईविंग सीट पर बैठते नहीं बनता.

नवाज भाई प्यार से डांटते हुए- चल हट बदमाश.
लड़का दांत निपोरने लगा.

सुबह नवाज भाई उस लौंडे को लेकर चले गए.
मेरी गांड उनके लंड के गांड़ फाड़ू झटकों को तरसती रह गई.

उस लड़के पर बड़ा गुस्सा आया, उसने मेरा नम्बर मार लिया.

एक दिन मैं बाजार गया तो टैक्सी स्टैंड पर वही लड़का दिखा.
उसका नाम शायद सुन्नू था.

मैंने उसे देखा तो वो मुझे देख कर मुस्कराने लगा. मैंने भी उसे स्माईल दी.
वह बोला- सर जी चलिए छोड़ दूं.

वह मुझे फ्लैट तक छोड़ने आया. सामान लेकर अन्दर आया.

मैंने पूछा- टैक्सी तुम्हारी है?
तो बोला- ठेके पर रोज किराए से लेता हूं.

मैंने कहा- फायनेन्स करा दूँ, तो बैंक से लोन से ले ले.
वह मान गया और गांव से जमीन के कागजात ले आया.

अब वह लोन की किस्त दे रहा था.
एक दिन बोला- यहीं रूक जाऊं?

वह रात रूक गया और मेरे से चिपक गया.

मैंने कहा- अब नवाज चाचा कहां हैं?
वो बोला- गांव गए.

वो मेरे लंड पर हाथ फेरने लगा.
मैंने छुड़ाना चाहा, तो कस कर पकड़ लिया व बाहर निकाल कर हाथ से चालू हो गया.

मैंने चूतड़ पर हाथ फेरा तो खुद ही अंडरवियर उतार दिया व औंधा लेट गया. अपनी टांगें चौड़ी कर लीं.
वह बिल्कुल तैयार था.

वह मेरे से कमजोर छरहरा स्लिम वाला माशूक था. ज़रा सांवला सा औसत लौंडा था.
मैंने कहा- थोड़ा सहन कर लेना.
वो हां करने लगा.

मैंने लंड पर थूक लगा कर उसकी गांड में पेला.
मैं बहुत धीरे धीरे डाल रहा था, डर रहा था कि इसने नवाज से करवाने में बहुत हल्ला मचाया था.
पर वह मेरा लंड चुपचाप ले गया. थोड़ा मुँह तो बना रहा था, पर आवाज ज्यादा नहीं की.

बस थोड़ा ‘आ … आ …’ करके लंड खा गया.
अब मैंने पूछा- कथा शुरू करूं?

तो वो मुस्करा दिया.
उसने टांगें चौड़ी कर लीं.
धीरे धीरे मैंने पूरा डाल दिया व रूक गया.

अब मैंने लंड की टक्करें देना शुरू कर दीं. मेरी भी गांड फट रही थी कि लौंडा कमजोर है, कहीं कुछ लफड़ा न हो जाए.
मैं बहुत धीरे धीरे लंड पेल रहा था.

तभी वह अपनी गांड खुद चलाने लगा.
मैं समझ गया कि अब ये गांड मराने में एक्सपर्ट हो गया है.

मैंने कहा- अब तो तुझसे ज्यादा बनने लगा.
वो बोला- सर जी ठेके से टैक्सी चलाने में ज्यादा कुछ बचता नहीं था, तो साइड में करवाने लगा. मेरे और साथी भी करवाते हैं.

‘वाह तभी ज्यादा मजा दे रहे हो.’
हम दोनों करवट से हो गए.

वह बड़े दिल से करवा रहा था.
फिर मैं निपट गया तो हम दोनों अलग हो गए.

वह रात को मेरे पास ही सो गया.
मैंने उससे पूछा- मेरा कैसा लगा था?

वह बोला- आप धीरे धीरे कर रहे थे.
मैं- हां यार, मैं सोच रहा था, तूने दी है, तो तुझे परेशानी न हो.
वह मुस्करा रहा था- आप लौंडे का बड़ा ख्याल रखते हो.

उस रात एक बार फिर से उसकी गांड में दिया.
ऐसे वह तीन चार बार खुद ही आया.
हम दोनों ने मजा लिया.

वह बोला- आप लौंडे का दिल रख देते हो थैंक्स.
अब वह मस्ती से करवाने लगा था.

एक दिन जब वह करवा कर निपटा तो मैंने कहा- यार एक काम करेगा?
वह बोला- आप जो कहें.

मैं- मना तो नहीं करेगा?
वह बोला- सर कहें तो!

अब मैंने अपना अंडरवियर उतार दिया व औंधा पलंग पर लेट गया.
मैंने कहा- यार, आज मेरा दिल रख दे.

मैं उससे दूना ड्योढ़ा वजन का होऊंगा. हम ऊंचे लगभग बराबर थे, पर वह मेरे से कम चौड़ा, जरा स्लिम सा था.

मैं उसके मुकाबले फेयर कलर का था, वह गेंहुए से रंग का था या कहिए कम सांवला था.

मेरी जांघें, बांहें मसकुलर व भरी हुई छाती थी. जबकि वह औसत ही था.
मैंने फिर से कहा- मना नहीं करना.

वह समझा कि शायद मैं मालिश करने को कह रहा हूं.
वह बोला- सर आप जो सेवा कहेंगे, करूंगा.

मैंने कहा- मेरे ऊपर चढ़ जा.
वह चढ़ कर बैठ गया, पर समझ नहीं पा रहा था.
जबकि मैं औंधा लेट गया था.

फिर मैंने अपना अंडरवियर नीचे खिसकाया. उसने अपने दोनों हाथ मेरे चूतड़ों पर रख लिए.
मेरी गांड देख कर बोला- सर, आपके चूतड़ तो मेरे से काफी बड़े बड़े हैं. पर सेठों जैसे थुल थुल नहीं हैं, मस्त हैं.

मैंने अपना हाथ पीछे कर उसके अंडरवियर में डाला और उसका लंड निकाल कर कहा- मेरी में डाल दे.

वह बोला- कैसी बात करते हैं, आप चाहें तो मेरी एक बार और मार लो.
मैंने कहा- दोस्त, मेरी इच्छा पूरी कर दे.

वह घुटने मोड़ कर मेरे चूतड़ों के ऊपर बैठा था.
उसका लंड अंडरवियर से बाहर निकल आया था पर ढीला था.

वह मुस्कराया- अच्छा सर जी. पूरा मन बना लिया है.

वह हाथ से लंड आगे पीछे करने लगा, लंड अब भी ढीला था. वह मेरे चूतड़ मसकने लगा.
‘सर आपके बिल्कुल मैदे के लौंदे जैसे हैं. आप जितने गोरे लगते हैं, आपके चूतड़ तो उससे बहुत गोरे हैं. हल्की पीली रंगत के सफेद से हैं.’

वह बातें बना रहा था, मेरी गांड कुलबुला रही थी.
अब उसने अपनी उंगली में थूक लगा कर मेरी गांड में डाली व घुमाने लगा.

मैंने पूछा- कभी लौंडों की मारी है?
वह बोला- सर जी, मैंने मरवाई बहुत है. कुछ दोस्तों से अटा सटा किया भी है. मगर इतने गोरे चूतड़ नहीं देखे, जैसे आपके हैं.

वह लंड का सड़का मार रहा था. अब उसका लंड खड़ा हो गया था.

उसने लंड पर थूक लगा कर मेरी गांड पर टिकाया.
मैं गांड चलाने लगा.
उसने लंड घुसाने की कोशिश की पर उसका अभी भी ढीला था.

तब उसने उंगली से पकड़ कर सुपारा अन्दर किया. अब वह मेरे ऊपर लेट गया और धक्का दे दिया.

थोड़ा सा लंड गया भी और गांड का मजा मिलने से टाईट भी हुआ. फिर ज्यादा अन्दर चला गया.

अब मैं घोड़ी बन गया.
उसे थोड़ा जोश आ गया था. उसने और अन्दर डाला, मैं गांड चलाने लगा.

अब उसने मेरी कमर पकड़ ली और जोर जोर से पेलना चालू कर दिया.

उसका हथियार पूरा अन्दर हो गया था. बहुत दिनों बाद मेरी गांड को लंड नसीब हुआ था.
मैं ये मौका छोड़ना नहीं चाहता था. मैंने उसमें उत्साह भरा- आंह फाड़ दे … पेल दे पूरा … जोर लगा … पूरा डाल दे.

उसने भी जोर लगा कर अपना पूरा पेल दिया.
वह अन्दर बाहर अन्दर बाहर करने लगा.
उसकी सांस जोर से चलने लगी ‘हूँ … हूँ …’
वह शुरू हो गया था.

मैं गांड चलाने लगा. ढीली कसती, ढीली कसती, ढीली कसती करने लगा.

वह मेरी गांड से चमत्कृत हो गया था.
‘वाह सर जी, ऐसे कोई नहीं कराता. मैंने दो चार बार जिनसे अटा सटा किया है, वे मराते समय गांड खोल कर चुपचाप लेटे रहते हैं. वाह सर … आपने तो मजा बांध दिया.’

अब उसका लंड कड़क हो गया था. वह जोर से झटके देने लगा था.

मैंने कहा- लगे रहो … फाड़ के फैंक दो, देखें कितना जोर है.
वह मेरे से चार पांच साल छोटा था. यही कोई बाईस तेईस का रहा होगा. अब पूरा दम लगा रहा था. उसने मेरी गांड रगड़ कर ढीली दी, लाल कर दी.

बहुत दिनों बाद लंड नसीब हुआ था.
मैं चूतड़ उचकाने लगा, पूरा जोरा लगा रहा था.
अब वह झड़ रहा था.

हम अलग हुए, वह बहुत प्रसन्न था.
‘सर जी, ऐसी किसी की नहीं मारी. आपने बहुत मजा दिया. मैं भी ऐसे नहीं मरवा पाता हूँ.’

मैंने पूछा- शादी हो गई?
वह बोला- नहीं हुई, कोई लौडिया नहीं चोदी. आज आपने गांड मरा कर चूत का मजा दे दिया. आप वैसे भी बहुत माशूक हैं, गोरे पीले रखे हैं, नमकीन हैं. क्या मस्त चूतड़ हैं, गुलाबी गांड रखी है. आज तक इतनी गोरी गुलाबी गांड़ मारने को नहीं मिली. आपने आज इतना मन खुश कर दिया कि बता नहीं सकता. आपको जब मेरी मारना हो, बता देना. आज से मैं आपका चेला हो गया. आपकी हर सेवा करूंगा.

वह बार बार अपना लंड सहला रहा था.
मैं भी बड़ा खुश था.

दोस्तो, मेरी यह गांडू सेक्स कहानी आपको कैसी लगी? आप मुझे कमेंट्स में बता सकते हैं.
आपका आजाद गांडू

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