समलैंगिकता का मजा-2
(Samlaingikta Ka Maja Part-2 )
साथियो, मैं आपको अपने जीवन की युवावस्था की आपबीती सुना रहा था जिसमें मैं अपने एक मित्र आमिर के साथ एक रात में अकेला था और हम दोनों के बीच जिस्मानी छेड़छाड़ चल रही थी अब अपनी उसी आपबीती को आगे लिख रहा हूँ आनन्द लीजिए।
फिर आमिर मेरे मम्मे चूसने लगा.. एक चूसता तो दूसरा मसलता। मेरी छाती थोड़ी भरी हुई थी.. तो आमिर को मेरे मम्मे दबा के चूसने में बड़ा मजा आ रहा था।
मैं भी उसके बदन पर हाथ फेरते हुए मम्मे चुसवा रहा था। मेरी जिन्दगी का सबसे सुखद अनुभव था वो.. मेरे मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थीं।
मैं बिस्तर पर सीधा लेटा हुआ था और आमिर मुझे से चिपक कर मेरे बगल में पड़ा था। उसका एक पैर मेरे ऊपर था.. और उस का हाथ कभी मेरे चेहरे पर.. कभी छाती और पेट पर.. तो कभी मेरी चड्डी में घुस कर मेरे बदन को सहला रहा था।
आमिर मेरे मम्मे चूसते हुए थोड़ा नीचे सरक रहा था और वो मेरे पेट को चूम रहा था.. मेरा बदन कांपने लगा था। मुझे गुदगुदी भी हो रही थी.. और जिस्म अकड़ भी रहा था। कुछ अजीब ही अहसास था वो..
चूमते-चूमते आमिर के होंठ मेरे लोअर की इलास्टिक तक पहुँच गए। अब वो मेरे लोअर को उतारने लगा। मैंने अन्दर कट वाली चड्डी पहनी थी.. जिसमें से मेरा लौड़ा बाहर निकलने को तड़प रहा था।
आमिर ने मेरे लोअर को टांगों से अलग किया और मेरी जाँघों को अपने हाथों से सहलाने लगा.. फिर अपने होंठों से चूमने लगा। उसकी इस हरकत से मैं तो एकदम से तड़प उठा। उसके होंठों और जुबान के स्पर्श से मेरी जाँघों में जैसे करंट दौड़ गया, कभी मेरी छाती उठ रही थी.. तो कभी मेरे चूतड़..
तभी आमिर ने मेरे लौड़े को चड्डी के ऊपर से ही चूम लिया और हल्के से दाँतों के बीच ले लिया। उसकी इस हरकत से मैं अपने आपको संभाल ना सका और बिस्तर पर उठ कर बैठ गया। आमिर का सर मेरी जाँघों पर आ गया। मैंने उसके सर को हाथों में लिया और उसे ऊपर उठाया और उसे चुम्बन करने लगा।
चुम्बन करते-करते ही आमिर अपनी पीठ के बल झुकने लगा और बिस्तर पर लेट गया। एक लंबे से चुम्बन के बाद मैंने अपने आपको उसके ऊपर एडजस्ट किया और उसके माथे को चूम लिया। उसकी नशीली आँखें आज कुछ ज्यादा ही खूबसूरत दिख रही थीं। मैं उसके चेहरे के हर एक हिस्से को चूम रहा था। आँखें.. गाल.. नाक.. होंठ.. के साथ-साथ कान.. ठोड़ी.. गले को चूमने लगा।
आमिर का हाथ मेरे कन्धों को दबा रहा था.. मैं समझ गया कि वो क्या चाहता है। मैं अब चूमते हुए धीरे-धीरे नीचे खिसक रहा था.. मैंने फिर से एक बार उसके मम्मों का स्वाद चखना शुरू किया।
अच्छे से चूसने के बाद मैं और नीचे खिसका और उसके पेट को चूमने लगा। गुदगुदी की वजह से आमिर बार-बार अपने हाथों से मेरे सर को पकड़ लेता था।
मैंने उसके दोनों हाथों को अपने हाथों में ले कर कसके पकड़ लिया और अपने होंठों और जुबान से उसके पेट के मुलायम स्पर्श का आनन्द लेने लगा।
वो झटपटाने लगा- आह.. उह.. वाओ..
मैं उसके लोअर और चड्डी को पकड़ा और उतारने लगा, आमिर ने भी अपनी गाण्ड उठाकर सहयोग दिया। वो पूरा नंगा हो गया था और मैं उसकी दोनों टांगों के बीच में था।
उसका खड़ा लंड उसकी नाभि तक लंबा था। उसके बदन के मुकाबले उसके लंड का रंग हल्का सांवला था.. लंड का टोपा गुलाबी लाल रंग का.. उसके लौड़े की ऊपरी चमड़ी कटी हुई थी और टोपा थोड़ा ही कवर कर पाती थी।
मैंने झुक कर उसके लंड को चूमा.. तो उसके मुँह से ‘हाय’ निकल गई। उसने मेरे सर को पकड़ लिया और दबाए रखा। मैं भी उसके लंड की खुशबू को सूँघते हुए लंड और और जाँघों को चूमने लगा.. जुबान से चाटने लगा।
वो पूरी तरह से मदहोश हो उठा और उसकी सिसकियाँ तेज होने लगीं। मैं भी पूरे जोश में था.. उसका लौड़ा मुँह में लेकर चूसने लगा। वो मदहोश होकर लौड़ा चुसवा रहा था.. उसके मुँह से कामुक आवाजें आ रही थीं- आह्ह…उह्ह.. आह.. चूस साले.. चूस.. मेरी जान.. आह ओह.. उइ..
अब आमिर भी अपनी गाण्ड उठा-उठा कर लंड मेरे मुँह में पेल रहा था, मैं भी मजे से चूस रहा था, उसके लंड से प्री-कम निकल रहा था.. जिसका खारा स्वाद मुझे बड़ा ही स्वादिष्ट लगने लगा।
मैं बीच-बीच में उसके आंड भी चाट लेता था और उन्हें मुँह में ले कर चूस भी रहा था। मेरे हाथ उसके पूरे शरीर को छू रहे थे। उसके निप्पलों को चीमटी में लेकर- मसल रहा था.. तो कभी उसकी जाँघों को.. तो कभी उसकी गाण्ड के उभारों को दबा रहा था।
अचानक आमिर ने मेरा सर दबोच लिया और अपने लंड पर दबा दिया। उसकी साँसें तेज हो गईं और वो हाँफने लगा, उसके लंड के धक्के तेज हो गए.. और एक जोर की ‘ऑह..’ की आवाज के साथ आमिर ने अपना पानी मेरे मुँह में छोड़ दिया।
मैं उसके लंड को मुँह से निकालने की कोशिश करने लगा.. लेकिन उसने मेरा सर दबोच रखा था.. और मुझे उसका पानी निगलना पड़ा। वैसे मैं भी काफी कामुक हो चुका था.. तो ये करने में मुझे कोई तकलीफ नहीं हुई।
अब आमिर की पकड़ मेरे सर से ढीली पड़ने लगी और उसका लंड भी मेरे मुँह में ढीला पड़ने लगा। उसकी तेज चलती साँसें भी अब सामान्य होने लगीं।
मैंने उसके ढीली लुल्ली को मुँह से निकाला और उसकी छाती पर सर रख कर.. एक हाथ उसके पेट पर.. एक पैर उसकी जाँघों पर रख कर आराम से लेट गया।
उसका बदन पसीना-पसीना हो चुका था। मेरा लंड अभी भी खड़ा था और वो उसकी जाँघों से रगड़ रहा था। हम दोनों थोड़ी देर तक बिना किसी हरकत के पड़े रहे।
फिर आमिर करवट बदल कर अपना मुँह मेरे मुँह के पास ले आया और हल्के से मेरे होंठों को चूम लिया। मैंने उसकी कमर में हाथ डाल कर उसे अपने ऊपर लेने की कोशिश की और वो समझ गया।
वो मेरे ऊपर आ गया.. और मुझे एक गहरा चुम्बन किया। उसे मेरा खड़ा लंड महसूस हुआ.. तो उसने मेरा लंड पकड़ कर कहा- साले ये अभी तक खड़ा है.. इसका पानी नहीं निकला अब तक?
मैं- तेरे ही इंतजार में है.. कि कब तू उसे चूसेगा और वो पानी छोड़ेगा।
वो हँस पड़ा और मुझे फिर से चुम्बन करने लगा। चुम्बन करते-करते वो नीचे की ओर जाने लगा। उसने मेरे दोनों मम्मों को दबा कर चूसा और नीचे सरक गया।
मेरे पेट और नाभि पर कुछ चुम्मे देकर उसने मेरी चड्डी को उतार दिया और लंड को पकड़ कर चूसने लगा। उसके गर्म मुँह का मुलायम गीला अहसास.. हाय.. मैं बयान नहीं कर सकता। वो मेरा लंड पूरा मुँह में लेने की कोशिश कर रहा था.. लेकिन पूरा नहीं ले पा रहा था।
वो अपने गले तक ही जितना ले पा रहा था.. ले रहा था.. फिर भी मुझे बड़ा मजा आ रहा था। वो बीच-बीच में मेरे आंड को चाटने लगता.. चाटना तो ठीक था.. लेकिन जब वो मेरी गोटियाँ मुँह में लेने की कोशिश करता.. तब तो मेरी जान ही निकल रही थी। मैं उसके सर को पकड़ कर फिर से मेरे लंड पर रख देता और वो समझ जाता कि मुझे गोटियाँ चुसवाने में तकलीफ हो रही है।
वो मेरे लवड़े को मुँह में लेकर चूसने लगा। उसका एक हाथ मेरे मम्मों और घुंडियों को मसल रहा था.. तो दूसरा हाथ मेरे आंड के साथ खेल रहा था।
मैं तो जैसे जन्नत में ही था.. मैं भी अपनी गाण्ड उठा-उठा कर उससे अपना लौड़ा चुसवाने लगा। मेरे हाथ उसकी पीठ को सहला रहे थे। अब मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था, मुझे महसूस हुआ कि मैं झड़ने वाला हूँ।
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मैंने अपने हाथों से आमिर के सर को पकड़ लिया और उसके बालों में ऊँगलियाँ डाल कर सहलाने लगा.. आमिर भी शायद समझ चुका था कि मैं झड़ने वाला हूँ। वो और तेजी से मेरा लंड चूसने लगा। उसकी जुबान मेरे लंड के छेद पर रगड़ मार रही थी।
मैं तो सातवें आसामान पर ही था। तभी आमिर ने मेरा आंड अपनी मुठ्ठी में पकड़ लिया और मैं झड़ने लगा। उसने चूसना बंद किया.. लेकिन लंड अपने मुँह में ही ले रखा था। मेरे शांत होते ही.. उसने मेरा लंड अपने मुँह से निकाला और मेरे ऊपर आकर मुझे चुम्बन करने लगा।
मैंने जैसे ही मुँह खोला.. उसने अपने होंठों को मेरे मुँह में दबा दिया। अपने होंठ खोल दिए और मेरा पानी जो उसके मुँह में ही था.. वो अब मेरे मुँह में आ गया। वो मुझे मेरा रस पिलाते हुए चुम्बन करने लगा।
हम दोनों ही चुम्बन करते हुए लण्ड रस का मजा ले रहे थे।
कुछ देर तक चुम्बन करने के बाद हम अलग हो गए।
हम दोनों भी पसीने से भीग चुके थे, हम दोनों ने एक-दूसरे को देखा.. हम दोनों संतुष्ट लग रहे थे और काफी सुकून भी महसूस हो रहा था।
हम दोनों वैसे ही एक-दूसरे से चिपक कर सो गए.. कब नींद आई.. पता भी नहीं चला।
लेकिन जब सुबह मेरी आँख खुली तो आमिर सो रहा था और उसका हाथ और पैर मेरे ऊपर थे।
मैंने उठने की कोशिश की.. तो उसका हाथ और पैर मेरे शरीर से खिसक गए और वो भी जाग गया।
हमारी नजरें मिलीं.. और पता नहीं क्यों.. हम दोनों भी एक-दूसरे से नजरें चुराने लगे, बहुत शर्म महसूस हो रही थी.. हमने कुछ बात भी नहीं की.. मैंने और उसने कपड़े पहने.. और मैं जाने लगा।
जाते-जाते उसने कहा- कॉलज में मिलते हैं।
मैंने ‘हाँ’ में सर हिला दिया.. और मैं घर चला गया।
हम दोनों कॉलेज में मिले.. लेकिन कुछ ज्यादा बात ना कर पाए.. हम दोनों भी शर्मा रहे थे.. लेकिन शाम तक सब ठीक हो गया.. और हम दोनों हमारी कल रात की हरकतों के बारे में खुल कर बात करने लगे। बड़ा ही हसीन पल था वो..
उस रात के बाद हम दोनों काफी करीब आ गए और सेक्स की सारी सीमाएं लांघ दीं। इसके बाद ऐसा कुछ भी नहीं बचा होगा.. जो हमने न किया हो।
हम दोनों का यह कामुक तांडव छह महीनों तक चला.. फिर हमारी कॉलेज की परीक्षा शुरू हो गईं। परीक्षा होते ही आमिर को अपने गांव वापस जाना पड़ा।
हम दोनों फोन पर बातें कर लेते थे और एक-दूसरे के साथ के लिए तड़प भी रहे थे.. लेकिन अब वो वापस नहीं आ पा रहा था, उसके घरवालों ने उसका एडमीशन वहीं करवा दिया था।
वो कभी-कभी आता था.. और हम अपनी पुरानी यादें ताजा कर लेते थे।
लेकिन वक्त के साथ ही उसका आना कम हुआ और हमारा मिलना भी खत्म सा हो गया।
वो अब भी मेरे संपर्क में है और हमारी दोस्ती सलामत है.. लेकिन उसकी अब एक प्रेमिका है.. और वो उसके साथ खुश है.. मैं भी काफी आगे बढ़ चुका हूँ और मुझे याद भी नहीं कि मैं अब तक कितनों के साथ सो चुका हूँ।
दोस्तो, आपको मेरी कहानी कैसी लगी, आप मुझे जरूर बताएँ..
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