बीवी ने बड़े लौड़े से मेरी गांड फड़वा दी
(Lund Suck Sex Kahani )
लंड सक सेक्स कहानी में मेरी बीवी मेरे सामने अपने यारों से चुदवाती है क्योंकि मैं उसे मजा नहीं दे पाता. इस बार उसने अपने किसी यार को मेरी गांड मारने को कहा.
नमस्कार दोस्तो, मैं अपनी सेक्स कहानी का अगला पार्ट लेकर वापिस हाज़िर हूँ.
जैसा कि आपने मेरी पिछली सेक्स कहानी
मेरी बीवी मेरे सामने पुलिस वाले से चुदी
में पढ़ा था कि कैसे प्रशांत ने मेरी बीवी को मेरे सामने चोद दिया था.
आपसे अनुरोध है कि आप यह लिंक खोल कर मेरी पहली सेक्स कहानी को भी पढ़ें.
इस लिंक को आप अपने दोस्तों व उन सभी को भेजिए जो सेक्स कहानियां पसंद करते हैं, फेसबुक ट्विटर व अन्य सोशल मीडिया साइट्स पर शेयर कीजिए!
धन्यवाद.
अब आगे लंड सक सेक्स कहानी:
ट्रेन में मेरी बीवी को चोदने के बाद प्रशांत वापिस अपनी ड्यूटी पर चला गया.
हम लोग भुसावल स्टेशन पर उतर गए और मेरी बीवी के मायके जाने लगे.
मैं आगे बढ़ने से पहले आपको आपनी बीवी के मायके के बारे में बता दूँ कि उसके मायके में सिर्फ उसकी मम्मी रहती हैं.
पत्नी की एक बहन और भाई भी हैं.
उन दोनों की शादी हो चुकी है.
भाई बाहर रहता है और बहन अपनी ससुराल में रहती है.
पिता का देहांत हो चुका है.
पत्नी के मायके का घर काफी बड़ा है. इस घर में आठ कमरे हैं और दो मंजिल मकान बना हुआ है.
पत्नी की मां की उम्र अभी केवल 43 साल की है और वे भी दिखने में बहुत हॉट हैं.
मां का नाम सुनीता है.
हम दोनों मेरी बीवी के घर पहुंचे तो पत्नी की मां ने हमारा स्वागत किया.
मैंने सासु मां से पूछा कि आपकी तबियत कैसी है?
तो उन्होंने कहा कि ठीक है.
मैंने अनु की तरफ देखा तो उसने मुझे चुप रहने का इशारा किया.
नाश्ते के बाद हम दोनों एक अलग कमरे में चले गए.
वहां जब मैंने अपनी बीवी से पूछा तो उसने मुझे सब सच बता दिया कि कैसे प्रशांत और उसने मिलकर ये प्लान बनाया था.
वह उससे पहले भी चुद चुकी है.
अनु- क्या तुम गुस्सा हो?
मैं- यार, मुझे पता है कि मैं तुम्हें चोद नहीं पाता हूँ, इसलिए तुमने बाहर से चुदाई करा ली. मैं कोई गुस्सा नहीं हूँ बल्कि मेरी तरफ से तुम्हें खुली छूट है, बस एक शर्त है.
अनु- क्या?
मैं- तुम हमेशा मेरे सामने चुदोगी, बोलो मंजूर है?
अनु- बिल्कुल … आज से आपकी रानी आपके सामने ही चुदेगी. अच्छा मैं आपसे एक बात पूछ सकती हूँ?
मैं- हां पूछो ना!
अनु- जब प्रशांत मुझे चोद रहा था, तो आपको कैसा लग रहा था?
मैं- क्या बताऊं अनु, पता नहीं क्यों पर मुझे बहुत मज़ा आ रहा था यार. मैं चाहता हूँ कि तुम हमेशा मेरे सामने ही चुदो और मैं तुम्हारा कुत्ते जैसा बनकर रहूँ.
अनु- अच्छा जी, तो आज से आप … नहीं तुम मेरे कुत्ते!
मैं- हां मेरी मालकिन, अच्छा एक बात बताओ क्या तुमने शादी से पहले भी किसी के साथ सेक्स किया है?
अनु- हां शादी से पहले मेरे पांच बॉयफ्रेंड थे और सबने ही मुझको खूब चोदा है.
मैं- अच्छा तो तुम उनसे चुदती कहां थीं?
अनु- पहले तो मैं होटल में चुदती थी, पर बाद में मैं घर पर ही चुदने लगी.
मैं- अरे … घर पर ही? पर मम्मी?
अनु- मेरी मम्मी को सब पता है. कई बार तो उन्होंने मुझे खुद ही कहा कि बेटी घर पर ही चुद लिया करो अगर बाहर किसी को पता लगा, तो बहुत बदनामी होगी!
मैं- यार, तुम्हारी मां ने कैसे तुम्हें अलाऊ कर दिया?
अनु- अरे वह खुद हमारे पड़ोसी से चुदती थीं … और सही भी है न कि पापा के जाने के बाद उन्हें भी तो कोई चाहिए था. इसलिए हम दोनों एक दूसरे से पूरी तरह खुली हैं.
मैं- तो क्या प्रशांत के बारे में भी उन्हें पता है?
अनु- हां, लेकिन अभी जो ट्रेन में हुआ, वह नहीं पता. रुको मैं बता कर आती हूँ.
थोड़ी देर बाद अनु और उसकी मां दोनों कमरे में एक साथ आ गईं और अनु की मां मेरे पास बैठ गयी.
अनु मेरे सामने बैठ गयी.
सुनीता- देखो बेटा, मैं और मेरी बेटी तो सहेलियों की तरह रहती हैं. तुम भी अब हमारे दोस्त हो.
मैं- ठीक है, मम्मी जी!
सुनीता- नाम लेकर बोलो बेटा, अब मम्मी जी नहीं चलेगा.
मैं- ओके सुनीता.
सुनीता- तो चल दिखा जरा अपना लंड!
मैं- ये लो.
मैंने अपनी पैंट खोल कर अपनी हॉट मॉम को दिखा दी.
सुनीता- अरे ये तो बहुत छोटा है!
मैं- हां, तभी तो आपकी बेटी दूसरों से चुदती है और मैं उसकी चुदाई का मज़ा लेता हूँ. अब तो मेरा चुत मारने का मन ही नहीं करता. अनु को चुदता देखता हूँ तो मन करता है कि काश मैं भी मरवा सकता.
सुनीता- चलो मैं तुम्हारी ये इच्छा भी पूरी कर देती हूँ.
अनु- वह कैसे?
सुनीता- अरे यहीं पड़ोस में एक लड़का आया है. मैं उसे लाइन देती मगर उसने मुझसे कहा कि उसे लड़कों की लेना पसंद है. तो बस आज मैं उसे बुला लेती हूँ, वह तेरी अच्छे से ले लेगा.
मैं- अरे, लेकिन मैंने आज तक कभी मरवाई नहीं है.
अनु- कोई बात नहीं, हर चीज़ की कभी तो शुरूवात होती है न! और आज तू हमारे सामने चुदेगा.
इस बात पर अनु और उसकी मम्मी हंसने लगीं.
तभी सुनीता ने उस लड़के को कॉल लगा दिया और उससे बात करने के लिए बाहर चली गईं.
अनु मेरी गांड पर अपना हाथ फेर कर कहने लगी कि आज इसका उद्घाटन होगा, मज़ा आएगा!
इतने मैं सुनीता अन्दर आयी और बोलने लगी कि सनी तैयार है.
वैसे तो उसका नाम संतोष था लेकिन सब लोग उसे सनी नाम से भी बुलाते थे.
सुनीता आगे बोली- लेकिन उसकी एक शर्त है कि वह इस ईवेंट को सुहागरात की तरह मनाना चाहता है. वह रात को आएगा, तब तक सब तैयारी कर ली जाए.
मैंने कहा कि अरे एक मिनट सुनो तो … आपने उससे क्या हां कह दिया?
सुनीता ने कहा कि जब मैंने हां कहा, तो उसने भी हां कर दिया है.
अनु ने कहा- कोई नहीं, मैं तुझे तैयार कर दूंगी.
सुनीता ने बताया था कि वह रात को दस बजे आएगा.
फिर रात को नौ बजे अनु मुझे तैयार करने लगी. उसने मुझे ब्रा पैंटी व साड़ी पेटीकोट ब्लाउज आदि पहनाया.
फिर लिपस्टिक और गहने पहना कर एकदम दुल्हन की तरह तैयार कर दिया.
अनु और सुनीता ने कमरे को भी सुहागरात की तरह सजा दिया.
फिर मुझको ले जाकर वहां बिस्तर पर बिठा दिया.
सुनीता ने कहा- जैसा तेरा पति बोले, वैसे करती जाना!
मैंने कहा- ठीक है.
ठीक दस बजे डोर बेल बजी और सुनीता ने दरवाजा खोला.
संतोष अन्दर आ गया.
सुनीता ने उससे कहा कि तुम्हारी दुल्हन अन्दर कमरे में है.
संतोष सीधा कमरे में आ गया और अनु और सुनीता भी अन्दर आ गए.
मैं बेड पर घूँघट ओढ़े बैठा था और वे दोनों लेडी सामने चेयर पर बैठ गईं.
संतोष मेरे पास आया और उसने मेरा घूँघट उठाया.
वह बोला- क्या मस्त माल है तू तो … तू चुदने के लिए तैयार है न!
मैंने कहा- जी सर!
उसने मुझे किस किया और मेरी साड़ी उतारने लगा.
साथ ही उसने मुझे उसके कपड़े उतारने के लिए कहा.
मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए.
उसने मेरे सारे कपड़े उतार कर मुझे नंगा कर दिया.
मैंने उसके कपड़े उतार कर देखा कि उसका लंड छह इंच लम्बा था.
उसने मुझसे लौड़े को चूसने के लिए कहा.
मैंने अपनी जीभ निकाली और उसके लंड को चाटने और चूसने लगा.
मैं अपने होंठों से उसके लंड को दबा कर सहलाने लगा.
फिर उसका पूरा लंड अपने मुँह के अन्दर लेकर चूसने लगा.
कुछ देर बाद उसने मुझे रोका और वह बेड पर लेट गया.
वह बोला कि अब चूसो लंड!
मैं दुबारा से उसका लंड चूसने लगा.
मैं लंड सक सेक्स करने के लिए कुतिया के जैसे लेटा था.
उस वक्त मेरी गांड अनु और सुनीता की तरफ थी जो कि खुली हुई थी और मेरी गांड का छेद उन दोनों को दिखाई दे रहा था.
अनु बोली- वाह री कुतिया, क्या मस्त गांड है तेरी … आज इसकी अच्छे से मारना सनी!
संतोष ने मेरा सर पकड़ा और नीचे की तरफ पुश करने लगा जिससे उसका लंड मेरे गले तक जाने लगा.
वह गांड उठा कर मेरे मुँह को ही चोदने लगा और कुछ ही देर बाद उसने अपना सारा माल मेरे मुँह में छोड़ दिया.
मुझे उसका माल बहुत स्वादिष्ट लगा और मैं सारा माल पी गया.
अब उसने मुझे तेल लाने के लिए कहा. तेल की शीशी सामने की टेबल पर ही रखी थी.
मैं झट से उठा कर ले आया.
मैंने देखा कि अनु और सुनीता दोनों मज़े ले रही थीं.
अनु ने मुझे देख कर आंख मारी और मैंने भी उससे स्माइल दे दी.
मैं तेल की शीशी उठा कर संतोष के पास ले गया.
वह बेड पर चित लेटा हुआ अपना लंड सहला रहा था.
उसके लंड में वापस तनाव आने लगा था.
उसने मुझसे कहा- चल तेल लगा कर मेरे लंड की मालिश कर और उसे खड़ा कर!
मैंने थोड़ा सा तेल अपने हाथों में लिया और उसके लंड की मालिश करने लगा.
साथ ही मैं उसके टट्टे भी चाटने लगा.
थोड़ी देर में ही उसका लंड फिर से खड़ा हो गया.
अब उसने मुझसे घोड़ी बनने के लिए कहा.
मैं घोड़ी बन गया.
मेरी गांड संतोष की तरफ थी और मुँह अनु और सुनीता की तरफ.
तभी सुनीता ने उससे कहा- आराम से मारना संतोष. इसका पहली बार है.
इस पर संतोष ने कहा- चिंता मत कर सुनीता रांड, आज इसकी ऐसे लूंगा कि साली को ज्यादा दर्द नहीं होगा.
संतोष ने मुझे अपनी गांड को चौड़ा करने के लिए कहा.
मैंने अपने दोनों हाथ अपने चूतड़ों पर रख कर गांड को खोल दिया.
अब मेरी गांड का खुला हुआ छेद उसके लौड़े के ठीक सामने था.
उसने अपने अंगूठे पर तेल लगाया और मेरी गांड के छेद पर लगा कर घुमाने लगा.
मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.
उसने अचानक से अपना अंगूठा मेरी गांड में दबाया और अन्दर घुसाने लगा.
मैं आपको बता नहीं सकता कि मुझे कितना मज़ा आ रहा था.
फिर थोड़ा सा तेल उसने अपने लंड पर लगाया और अपने लंड के टोपे को मेरी गांड के छेद पर लगा दिया.
वह धीरे धीरे धक्का देने लगा क्योंकि लंड और गांड दोनों चिकने थे.
धीरे धीरे उसका लंड अन्दर जाने लगा और मुझे दर्द होने लगा.
जब लंड आधा अन्दर चला गया, तो संतोष ने तेज़ी से एक झटका मारा जिससे उसका पूरा लंड मेरी गांड के अन्दर चला गया.
मेरी तो जैसे जान ही निकल गयी और मैं चिल्ला पड़ा- अहह आह्हः मर गया!
पर संतोष ने मेरी एक न सुनी बल्कि उसने तो झटके मारने शुरू कर दिए.
थोड़ी देर बाद दर्द होना बंद हो गया और मज़ा आने लगा.
अब मैं संतोष का साथ देने लगा और वह भी मस्ती से घपाघप मुझे चोदे जा रहा था.
मैं भी रांड की तरह उससे चुद रहा था और बोल रहा था- हां सनी सर, फाड़ दो गांड मेरी … आह!
अनु और सुनीता भी बोल रही थीं कि फाड़ दे इस बहन के लंड की गांड और बना दो साले की गांड को गड्डा!
मेरे मुँह से आवाज़ निकल रही थी- आह ओह्ह यस … फ़क मी … ओह्ह अह्ह्ह शहह … यस कम ऑन!
उसके बाद संतोष बेड पर सीधा लेट गया और मुझे ऊपर से आने को कहा.
मैं उसके ऊपर चढ़ गया और उसका लंड पकड़ कर अपने गांड पर लगा कर कूदने लगा.
अब संतोष को भी फुल मज़ा आने लगा और वह मेरे चूतड़ों पर थप्पड़ मारने लगा.
मैं भी उछल उछल कर अपनी गांड को खुद ही चुदवाने लगा.
थोड़ी देर बाद संतोष ने कहा- मेरा आने वाला है, जल्दी बोल … कहां छोड़ूँ?
मैंने कहा- गांड में ही छोड़ दीजिए सर!
उसने मेरी गांड अपने माल से भर दी और शांत होकर लेट गया.
मैं भी उसके साइड में जाकर लेट गया.
मुझे गांड मरवाने में बहुत मज़ा आया.
अब संतोष कुछ ढूंढने लगा.
मैंने पूछा- क्या ढूंढ रहे हो?
वह बोला- कपड़ा चाहिए पौंछने के लिए!
मैंने कहा- कपड़े की क्या जरूरत है, मैं हूँ न!
मैंने लंड को अपनी जीभ से साफ़ कर दिया और उसके टट्टे भी चाट कर साफ़ कर दिए.
अनु और सुनीता ताली बजाती हुई करीब आ गईं.
अनु बोली- मज़ा आ गया यार … क्या मस्त चोदा है.
मैंने भी कहा- हां यार मज़ा आ गया.
संतोष ने कहा- मुझे भी मज़ा आ गया.
वह मुझे लिप किस करके चला गया.
तो दोस्तो, यह थी मेरी गांडू बनने की सेक्स कहानी.
आशा करता हूँ कि आपको यह लंड सक सेक्स कहानी बहुत पसंद आई होगी.
आप मुझे रिप्लाई करके जरूर बताएं कि सेक्स कहानी कैसी लगी.
अगली सेक्स कहानी में मैं आपको बताऊंगा कि कैसे मेरी सास और मेरी बीवी मेरे सामने एक अंकल से एक साथ चुदीं.
[email protected]
What did you think of this story??
Comments