नये लंड की तलाश हुई खत्म

(Lund Lund Sex Kahani)

मानव सिंह 2025-03-26 Comments

लंड लंड सेक्स कहानी में पढ़ें कि मुझे लंड चूसने चुसवाने का चस्का लग गया था. मैंने हॉस्टल बदला तो पुराना साथी छूट गया. नए हॉस्टल में नया साथी कैसे बना, हमने क्या किया?

दोस्तो नमस्कार,

अन्तर्वासना पर दूसरी यह मेरी कहानी है.

पहली कहानी
मैंने क्लासमेट का लंड चूसा
तो आप पढ़ ही चुके होंगे कि कैसे मैंने और मेरे एक दोस्त ने एक दूसरे का लौड़ा मुँह में लेकर एक दूसरे की हवस को शांत किया।

यह लंड लंड सेक्स कहानी भी उन्ही दिनों की बात है जब मैं हॉस्टल में रहता था.

गौरव और मैं तो अक्सर ही एक दूसरे के लंड की प्यास बुझाया करते थे.
हालांकि अभी तक मैंने अपनी गांड में किसी का लौड़ा नहीं लिया या मैं लेना नहीं चाहता था.
मेरी वासना सिर्फ लंड चूसने तक ही सीमित थी।

अब मैंने अपना हॉस्टल चेंज कर लिया हैँ, अब मैं दूसरे शहर में आ गया हूं।
नया स्कूल, नया हॉस्टल, नये लोग।
सब नया!

मेरे मस्त मिजाज एवं खुलेपन की वजह से मैं आसानी से लोगों में घुल मिल जाता हूं जिस वजह से मुझे अकेलेपन जैसे कोई दिक्कत ही नहीं हुई।

इस नयी जगह में मैंने 1 हफ्ते के अन्दर ही कई दोस्त बना लिए।

यहाँ पर भी काफी सुंदर और गबरू जवान किस्म के सुडौल लड़के थे जिन्हें देख के ही मेरा मन उनसे किस करने के लिए मचल उठता था.
और मैं खुद भी सुंदर और अच्छी बॉडी वाला लड़का था तो हॉस्टल के लड़कियां तथा लड़के सभी मेरी तरफ रीझे रहते थे।

महीने भर में ही मैं स्कूल में काफी जाना पहचाना हो गया था।

हॉस्टल में मेरे ही कमरे के सामने एक सीनियर भैया रहते थे.
जिनका नाम था आर्यमन!
बहुत सुन्दर सेक्सी और सुडौल। शुरू शुरू में मेरी उनसे बात नहीं होती थी इसलिए मैंने उनपर कभी ध्यान नहीं दिया ना उन्होंने मुझ पर।

लेकिन कमरा सामने होने के कारण रोजाना वहाँ से आते जाते वो मुझे दिख जाते तो ऐसे ही नार्मल हमारी बात शुरू हुई।

वो अपने कमरे में अकेले रहते थे और मेरे कमरे में एक और लड़का रहता था।

जैसे जैसे उनसे बातें शुरू हुई, वैसे वैसे मेरा ध्यान उनकी तरफ रीझता चला गया और मुझे उनसे भी वैसा ही महसूस होने लगा जैसा गौरव से हुआ करता था।

अब मेरी कामुकता और वासना के शुरू होने का समय आ गया।

हालांकि स्कूल में आए मुझे दो महीने से ऊपर का समय हो गया था तो मैं बस मुठ मारकर ही गुज़ारा कर लिया करता था.लेकिन अब मुझे अपनी प्यास बुझाने के लिए किसी सख्त लन्ड के पानी कि जरूरत महसूस हुई और शायद मुझे अब कुआँ मिल गया हैँ जहाँ मुझे भरपूर पानी मिलेगा और शायद यहाँ मुझे अपना पानी निकालने का भी मौका मिले।

मैं अक्सर सैटरडे संडे को उनके रूम पर चला जाता था ऐसे ही कुछ देर बैठने के लिए!

लेकिन थोड़ी ही देर में वापिस आ जाता था यह सोचकर कि कहीं इन्हें कोई दिक्कत या परेशानी ना हो।

एक दिन मेरा रूममेट घर गया था तो मैं अकेला था.
और वो टहलते हुए मेरे कमरे में आए और बोले- अरे मानव, क्या कर रहा है?
मैं बोला- कुछ नहीं, बस अकेला बैठा हूँ।

तो वो मेरे बगल में लेटकर बोले- यार, मैं भी अकेला ही हूं, आ जा मेरा कमरे में, पार्टी करेंगे।
मैंने कहा- शाम को आऊं? रात को वहीं सो जाऊंगा. अभी मुझे कुछ काम है।

तो वे बोले- तेरी मर्जी. ज़ब आना है आ … तेरा ही तो कमरा है।
और मेरी तरफ मुड़कर मेरे ऊपर अपनी बांह रखते हुए बोले- जल्दी आना, देर मत करना. वरना वार्डन चिल्लाएगा.

और ऐसे मंद मुस्कान के साथ वहाँ से जाने के लिए उठे.
तो मेरी नजर उनके लौडे पर पड़ी, पूरा तना हुआ था.

शायद उन्होंने शॉर्ट्स के अंदर अंडरवियर नहीं पहना था जिस वजह से उनका लन्ड लम्बा और झूलता हुआ नजर आ रहा था।

मेरा लंड भी तन गया.
मेरा मन उनके लंड को मुँह में लेने का कर रहा था।

वो उठे और अपने लंड को हाथ से मसलते हुए शॉर्ट्स में एडजस्ट करके चले गए।

अब मुझे उनसे मिलने कि इच्छा और ज्यादा हो गई और उनके लंड को चूसने की अन्तर्वासना भी बढ़ गई।

बस मुझे बेसब्री से शाम का इंतजार था।

वीकेंड होने के कारण बहुत बच्चे घर चले गए थे, हॉस्टल तकरीबन खाली ही था.

मैं रात 9:30 बजे उनके कमरे में चला गया.
उस वक़्त वे वाशरूम में शावर ले रहे थे।

मैंने आवाज लगाई कि मैं आ गया।
उन्होंने अंदर से कहा- ठीक है, बैठ जाओ और दरवाजे में कुण्डी लगा दो।

मैंने दरवाज़े में झट से कुण्डी लगा दी और सामने बेड पर उल्टा लेट गया और उनका इंतज़ार करने लगा।

वो बाथरूम से बाहर आए, बस तौलिया लपेटा हुआ, बालों से पानी तपकता हुआ, फुली हुई छाती, निप्पल खड़े, पेट पर एब्स, छोटे छोटे छाती पर बाल, फूले फूले चूतड़, तौलिए के पीछे छुपा हुआ लंड।

एक वक़्त के लिए मैं जैसे मानो उनको ही देखता रह गया।

मैंने भी सिर्फ शॉर्ट्स पहने हुए थे और एक सैंडो.

शायद उन्होंने मेरा तना हुआ लंड देख लिया था।

वो मुस्कुराए और पूछा- कैसी है मेरी बॉडी?
मैं बोला- एकदम सेक्सी।
वो फिर मुस्कुराए।

उन्होंने अपने शॉर्ट्स पहने और सैंडो पहन कर बेड पर बैठ गए.
वक़्त तकरीबन 10:30 हो रहा था।

उन्होंने लाइट्स ऑफ कर दी और सिर्फ एक छोटा सा लाल बल्ब जला दिया था.
वहाँ का माहौल एकदम चोदने का बन रहा था.

वो मेरे बगल में आकर लेट गए और बोले- और बता कैसा लग रहा है नया हॉस्टल?
मैं बोला- ठीक ठाक सा है, सब बढ़िया है।

वो मेरी तरफ मुड़कर अपनी एक बांह मेरे ऊपर डालकर बोले- किसी पर दिल आया?
इस सवाल से जैसे मेरे पूरे शरीर में एक कम्पन सा हो गया.

मैं बोला- हाँ।
तो वो बोले- कौन?
मैंने हँसकर जवाब दिया- आप!

वो मुस्कुराये और अपनी एक टांग मेरे ऊपर डाल कर और नजदीक आये।
अब उनका लौड़ा मुझे महसूस होने लग गया था।
काफी लम्बा और मोटा और सख्त।

अब मैं भी अपने बस में नहीं था, मेरा लंड भी तनकर खम्बा हो गया और शायद उनकी टांग ने मेरे लंड को महसूस कर लिया था।

वो मेरे और करीब आए.
अब मैं उनकी तरफ मुड़ गया, मेरे होंठ उनके होंठ के बिलकुल सामने, हमें एक दूसरे की गर्म सांस और लन्ड का स्पर्श, महसूस होने लगा।

बस इतनी ही देर में हमारे होंठ से होंठ मिल गए और चुम्बन का वह पहला एहसास बहुत ही रोमांटिक था।
हमने एक दूसरे के होंठ के रस को बहुत चूसा, कभी मेरे मुँह में आर्यमन की जीभ और कभी मेरी जीभ आर्यमन के मुँह में।
काफी देर तक स्मूच ही चलती रही।

अब मैं आर्यमन के ऊपर चढ़कर उसकी टीशर्ट उतार के उसके निपल चूसने लगा।
वह मदहोश हुए जा रहा था.

मैंने उसकी छाती को चूमा, उसके पेट को और नीचे सारे हिस्से को।

मैंने उसके शॉर्ट्स को थोड़ा सरकाया तो उसने मुझे ऊपर खींचा और फिर से स्मूच किया।
फिर से एक लम्बा स्मूच।

अब फिर से मैंने आर्यमन के शॉर्ट्स को नीचे खींचा तो लम्बा सुडौल सेक्सी लंड मेरे सामने।

इतना मोटा लम्बा तकरीबन 6 इंच का।
सुपारा एकदम लाल गुलाबी जिस पर वीर्य थोड़ा थोड़ा लगा हुआ हैँ, झांटें एकदम कटी हुई, बड़े बड़े आंड, जिसमें हल्के हल्के बाल।
मदहोश कर देने वाली खुशबू।

पेशाब की वह खुशबू के साथ वीर्य का नमकीनपन।
आह … क्या स्वाद था।

मैंने आर्यमन के सुपारे को मुँह में लिया तो मानो उसको करंट सा लग गया हो।

मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए।

मेरे लंड को देखकर वह भी चौंक गया और बोला- क्या लौड़ा है बे 6 इंचा का मोटा लम्बा सुंदर।
मैं बोला- बस थोड़ी देर में तुम्हारा ही है. पहले मैं तो तुम्हारा लंड चख लूँ।

उसने मेरे बालों में हाथ फेरा और मैंने हल्के हल्के उसके लंड को आगे पीछे किया।
उसकी आह निकल गई।

मैंने उसके आंड को मुँह में लेके चूसा तो वह मानो पिघल ही गया हो.
हालांकि उसके टट्टे काफी बड़े और मजेदार थे।

अब मैंने लगातार उसके लंड को चूसा और वह आह ओह्ह्ह उह करते हुए झड़ने को तैयार हो गया.

मैंने उसका सारा वीर्य माल अपने मुँह में भर के उसको स्मूच किया और उसका माल उसको ही पिला दिया.

इसके बाद वो थोड़ा ढीला सा पड़ के लेट गया.

उसके बाद ज़ब मैं लेटा तो उसने मेरे लंड को सहलाना शुरू किया.
वो मेरे लंड को आगे पीछे कर रहा था और बीच बीच में उस पर थूक लगा के उसको चिकना कर रहा था।

मेरे लंड से थोड़ा वीर्य का रिसाव पहले ही हो गया था तो उसने वो चाट कर साफ कर लिया।

अब वह हवसी मेरे लंड पर टूट पड़ा.

मेरे लंड की महक उसको मदहोश करने लगी.

उसने मेरे आंड अपने मुँह में भरके खूब चूसे.

मेरी आह ओह्ह्ह उउउह की आवजो से मानो उसको चूसने का और मजा आ गया.

वो तब हाथ से मेरी मुठ मारने लगा.

अब मेरा वीर्य निकलना वाला था तो उसने लंड अपने मुँह में भर लिया और सारा वीर्य पी लिया.

हम तब एकदम नंगे एक दूसरे से लिपट कर इस आखिरी चुम्बन का मजा लेने लगे.

लंड लंड सेक्स का यह मिलन का सुख हमेशा याद रहने वाला था.

इसके बाद हमने एक दूसरे के लंड को साफ करके अपने शॉर्ट्स पहन लिए और चुम्बन क्रीड़ा करते हुए सो गए.

सुबह मैं पहले उठा तो वह गहरी नींद में सो रहे थे.
मैंने उन्हें जगाया नहीं और उनके होंठों पर एक किस किया, उनके लौडे को थोड़ा चूसा जो आधा खड़ा था.
और उनके चूतड़ों पर हाथ फेरा जो वाकयी में थोड़े नर्म और थोड़े फूले हुए थोड़े सख्त थे।

फिर मैंने उनके लंड को चूसा जिससे अभी भी वीर्य का स्वाद आ रहा था.
और एक आखिरी स्मूच करके वापिस अपने कमरे में आकर नहाने चला गया.

तो मेरे प्यारे दोस्तो, कैसी लगी मेरी यह लंड लंड सेक्स कहानी?
कमेंट्स और मेल में अवश्य बताइयेगा.

अब मिलते हैँ नयी कहानी में नये लंड के साथ.
धन्यवाद।
[email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top