लखनऊ में मस्ती भरी चोदम चुदाई -1

(Lucknow Me Masti Bhati Chodam Chudai- Part 1)

रेनू रवि 2016-02-19 Comments

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सहेली के पति ने मेरे पति की गांड मारी

एक शाम को रवि घर लौटा तो उसके चेहरे पर परेशानी झलक रही थी, मैंने पूछा- क्या हुआ?
तो कहने लगा- प्रमोशन हुआ है लेकिन साथ ही छः महीने के लिये लखनऊ जाना पड़ेगा।

छः महीने के लिये लखऩऊ शिफ्ट होना आसान नहीं था, जाहिर था रवि को छः महीने लखनऊ में अकेले रहना था।
हफ्ते में चार-पाँच बार चुदाई करने वाला रवि लखनऊ में कैसे समय गुजारेगा, इसे सोचकर मैं परेशान थी।

तभी मुझे लीना की याद आई उसका पति राज लखनऊ में रहता था, दोनों की सरकारी नौकरी थी इसलिये अलग-अलग रहने को मजबूर थे।
मैंने लीना को अपनी समस्या बताई तो वो बोली- ठीक है, छः महीने के लिये दोनों एक साथ रह लेंगे और घऱ का खर्चा भी आपस में बांट लेंगे।

दो दिन बाद रवि लखऩऊ के लिये रवाना हो गया।
उसे स्टेशन पर ही राज मिला गया और एक घंटे बाद दोनों किराये के कमरे के अंदर बैठे थे।

थोड़ी ही देर बाद रवि ने नहाने के लिये कहा तो राज ने बाथरूम की तरफ इशारा कर दिया।
रवि कुर्सी से उठा और सीधे बाथरूम में घुस गया।
रवि का आदत थी कि नहाने के लिये जाते समय कपड़े लेकर नहीं जाता था। नहाने के बाद मुझसे तौलिया मांगता था और बदन को पोछ कर नंगा ही बाहर निकलता था।

नहाने के बाद रवि को याद आया कि वो अपने घर में नहीं बल्कि राज के घऱ में है। खैर उसने राज को आवाज लगाई और बैग से तौलिया और अंडरवियर निकालने को कहा।
रवि के अंडरवियर मैं पसंद करती थी इसलिये वो काफी सैक्सी होते थे।

राज ने बैग में तलाशा, उसे तौलिया तो मिल गया लेकिन अंडरवियर नहीं मिला, उसने रवि को तौलिया दे दिया। रवि तौलिया पहन कर बाहर निकला और बैग से एक अंडरवियर निकाला, उसे देख कर राज हैरान था।
अंडरवियर क्या था कपड़े की एक छोटी सी पट्टी थी जिससे बमुश्किल लंड छिपता था।

राज ने मुस्कराते हुए पूछा- यह कहाँ से खरीदा?
तो रवि ने कहा- भाई, तेरी भाभी ही कहीं से लाती है।

रवि को लखनऊ में रहते हुए तीन दिन हो चुके थे, उसने दफ्तर से मुझे फोन किया और बोला- चूत की याद आ रही है।
मैंने कहा- सब कुछ करना लेकिन किसी अऩजान को मत चोदना… पता नहीं क्या बीमारी लेकर घर लौटो।
मैंने यह भी कहा- कुछ दिन राज को ही ट्राई कर लो, कम से कम बीमारी तो नहीं लगेगी।

रवि कहने लगा- राज तो पूजा पाठी है, उसके साथ दाल नहीं गलेगी।
मैंने इसे चैलेंज की तरह लिया और उसे एक गेम समझाया। इसके मुताबिक जिसकी बीवी सुबह पहले अपने पति को फोन करेगी उसे अपनी बीवी की एक बात माननी होगा। इस गेम में कोई बेइमानी नहीं हो इसलिये फोन का स्पीकर खोल कर बात की जायेगी।

रवि ने यह गेम राज को समझाया।
राज पहले तो हिचका लेकिन बाद में मान गया।

पहले दिन लीना ने सुबह सुबह ही राज को फोन कर दिया, उसने स्पीकर खोलकर बात की।
पूरी बात करने के बाद राज ने कहा- लीना डार्लिंग.. मैं बहुत खुश हूँ.. तुम्हारा एक काम करना चाहता हूँ, बताओ क्या करूँ?
इसके जवाब में लीना ने कहा- आज अपना कमरा पूरी तरह से साफ कर देना।

राज ने लीना की बात पूरी तरह से निभाई, उसने कमरा चमका दिया।
अगले दो दिन भी राज का ही नंबर आया।

चौथे दिन सुबह पांच बजे मैंने रवि को सोते से उठा दिया, फोन की घंटी से राज भी उठ गया था, रवि ने फोन का स्पीकर खोल दिया। मैंने रवि से कहा- यार, पूरी रात तुम्हारा लंड याद आता रहा, एक बार मेरी चूत में डाल दो न डार्लिंग!
रवि ने नाटक करते हुए कहा- थोड़ी देर में बात करते हैं।
लेकिन मैंने कहा- नहीं… अभी अपना लंड पिलाओ।
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फोन पर मेरी बातें सुनकर राज का चेहरा लाल पड़ने लगा था।
रवि ने राज से कहा कि वो अपना मुंह घुमा ले।
राज ने मुंह तो घुमाया लेकिन बार बार पीछे की तरफ देख रहा था।

रवि ने अपना लंड बाहर निकाला और हाथ में पकड़ लिया इसके बाद मुझसे बोला- बताओ, क्या करना है?
मैंने कहा- अपने लंड का जूस निकालो, मैं फोन पर पिऊंगी।
रवि ने कहा- ठीक है।
और लंड पर अपना हाथ जमा दिया।

थोड़ी देर में राज के लंड से पिचकारी छूट पड़ी।
राज ने मुझसे पूछा- अब क्या करना है?
मैंने कहा- जो आदमी सबसे पहले दिखे, उसे यह जूस पिला दो।
मैंने बनावटी गुस्सा दिखाते हुए कहा- क्या कहती हो?
मैंने कहा- यार रवि, मेरे लिये इतना तो कर सकते हो?

मैंने राज की तरफ अपना लंड बढ़ाते हुए कहा- भई पहला आदमी तो तू ही है। बीवी की बात भी माननी है इसलिये इसे अब तुझे ही पीना होगा।
राज पहले तो हिचका लेकिन रवि ने कहा कि बीवी की बात मानना तो गेम में शामिल है।
इसके बाद राज ने रवि का लंड अपने मुंह में ले लिया।
इसके बाद रवि ने मुझे बताया कि लंड का जूस पी लिया गया है।
इस बार मैंने कहा कि अब रवि अच्छा बच्चा हो गया है।

कमरे में रवि और राज अकेले थे, रवि नंगा पड़ा था, राज उसे हैरानी से देख रहा था, कहने लगा- ..भाभी भी क्या कमाल की चीज है। इसके बाद राज ने भी अपना अंडरवियर उतार दिया, कहने लगा कि हफ्ते पंद्रह दिन में घर जाता हूँ, तब लीना की चूत मिलती है। इस बार तो एक महीना हो चुका है, अब लंड की गर्मी को शांत कर दे।

राज की बात सुनकर रवि ने उसका लंड पीना शुरु कर दिया। थोड़ी देर में राज की गांड थिरकने लगी और उसके लंड से पिचकारी निकल पड़ी।
इसके बाद राज ने जो कहा उसे सु्नकर रवि भी हक्का-बक्का रह गया, राज ने कहा कि वो लीना की गांड भी मारता है।
इशारा साफ था, रवि ने उल्टा लेटते हुए कहा- चल अब गांड भी मार ले।
कहानी जारी है।
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