चार दोस्तों ने मेरी गांड फाड़ू चुदाई की- 2
(Group Ass Sex Kahani)
ग्रुप ऐस सेक्स कहानी में मैं गांडू अपने टॉप के साथ उसकी बीवी की तरह रहता था. मेरे टॉप को चूत मारने की तलब लगी तो मैंने उसके लिए चूत का जुगाड़ कैसे किया?
हैलो दोस्तो, मैं रतन दत्त आपको अपने एक पाठक राहुल की गे सेक्स कहानी का अगला भाग लेकर हाजिर हूँ.
मैं अपने दोस्त की बीवी बन गया
आप इसे राहुल की जुबानी ही सुनें.
मैं राहुल आपको अब तक कहानी के पहले भाग
में सुना चुका था कि मेरे कहने पर विशाल ने अजय और कार्तिक से बीवियों की अदला बदली की बात कही थी.
अब आगे ग्रुप ऐस सेक्स कहानी:
अजय- हम दोनों अपनी बीवी के साथ सेक्स में खुश हैं, बस वे गांड मरवाने से मना करती करती हैं. दोनों बीवी सोचती हैं कि गे बॉटम गांड मरवाने में आनन्द लेते हैं. तुम्हारी तो बीवी ही नहीं है. तुम हमारी क्या मदद करोगे?
विशाल- मेरी बीवी राहुल है. हम पति पत्नी की तरह रहते हैं और संभोग का आनन्द लेते हैं. उसका प्यार का छेद पीछे है.
मैंने कहा- हां विशाल ने सही कहा है, मैं इसके लौड़े से अपनी गांड मरवाने का मजा लेता हूँ. मेरे पति विशाल ने मुझसे यह कहा है कि उसने कभी चूत चुदाई का आनन्द नहीं लिया है, इसलिए हम दोनों ने सब सोचकर ही बीवी की अदला बदली की सोची है. इसमें बीमारी का खतरा भी नहीं है.
कार्तिक- तुम्हारा प्रस्ताव क्या है, मैं समझ गया. बीवी की अदला बदली में विशाल हमारी बीवियों की चूत चोदेगा और बदले में हम दोनों राहुल की गांड मारेंगे. ठीक है, अच्छा प्रस्ताव है. हम दोनों सोचकर अपनी अपनी बीवियों से बात करके बताएंगे.
एक हफ्ते बाद अजय कार्तिक ने बताया कि हम दोनों की बीवी पुरानी सहेलियां हैं, उनमें पहले से ही लेस्बियन संबंध हैं. उनको हमारे राहुल से गे संबंध के बारे में आपत्ति नहीं है. हमारी बीवियां परिवार नियोजन की दवा ले रही हैं, बस इस बात को ध्यान में रखते हुए उनके साथ सेक्स हो, तो उनको यह प्रस्ताव मंजूर है.
मैं खुश हो गया कि चलो एक बाधा तो दूर हुई.
अजय- लेकिन हम दोनों पहले राहुल की गांड मारेंगे, हमें मजा आया तो बीवी को बताएंगे.
मैं झट से राजी हो गया.
अजय के साथ मैं बेडरूम में गया.
मैंने बताया कि मेरे चूचे दबाने चूसने से मैं उत्तेजित होता हूँ.
अजय मेरा चिकना शरीर और नवयौवना के समान चूचे देखकर दबाकर चूसकर खुश हो गया.
मैंने उसका लंड भी चूसा.
उसके लंड पर तेल लगाया और मिसनरी पोजीशन में उसने मेरी गांड मारी.
उसे बहुत मजा आया.
अजय ने बाहर आकर कार्तिक को बताया कि मस्त माल है साला, बस उसके दूध दबाना और चूसना वह जल्दी से गर्म हो जाएगा.
उससे यह जानकर कि मुझे उत्तेजित कैसे करना है, कार्तिक बेडरूम में आया.
उसने भी मेरे साथ वही सब किया और मेरी गांड मारी.
वे दोनों मुझसे खुश होकर गए.
विशाल- राहुल मैंने सोचा, बीवी की अदला बदली से एक और फ़ायदा है. मैं जब टूर पर रहता हूँ तो अजय कार्तिक तुम्हें आनन्द देंगे.
मैं भी मन ही मन खुश था कि अब एक की जगह तीन लंड मेरे पास हो गए हैं.
अगली शाम अजय अपनी बीवी को लेकर आया, उससे बीवी की अदला बदली हुई.
एक बेडरूम में अजय मेरे साथ यौन आनन्द ले रहा था, दूसरे बेडरूम विशाल अजय की बीवी के साथ सम्भोग कर रहा था.
दूसरी शाम कार्तिक अपनी बीवी को लेकर आया.
उन दोनों में भी बीवी की अदला बदली हुई.
अजय कार्तिक मुझे भाभी कहने लगे.
कुछ दिनों बाद विशाल को एक हफ्ते के टूर पर जाना था.
उसने जाने से पहले अजय कार्तिक से कहा कि अपनी राहुल भाभी का ख्याल रखना.
दूसरी शाम से कभी अजय, कभी कार्तिक आते.
वे मुझसे लंड चुसवाते, मेरी गांड मारते और घर चले जाते.
मैंने उनको बता दिया था कि मुझे गुलाम का खेल खेलने में मजा आता है.
अजय कार्तिक की पत्नियां गुलाम का खेल नहीं खेलती थीं.
अब जब वे आते, तो मुझे गले में पट्टा व रस्सी बांधकर नी-कैप पहना कर कुत्ते की तरह घुमाते, अपना लंड चुसवाते और उस समय बेल्ट से मेरे कूल्हों पर मारते.
इस सबसे मुझे और जोश आता.
सम्भोग के बाद मैं उनका मूत पीता और बाथरूम में उनके मूत्र से स्नान भी करता.
अब हर बार यह सब होने लगा.
जब भी विशाल टूर पर जाता, अजय कार्तिक मेरा ख्याल रखते.
एक बार अजय कार्तिक दोनों आए और उन्होंने मुझे एक साथ पेलने का इरादा जताया.
मैं राजी हो गया.
कार्तिक मुझे घोड़ी बनाकर लंड चुसवाने लगा और अजय मेरी गांड मारने लगा.
वह मेरे कूल्हों पर चांटे मारने लगा.
कार्तिक लंड चुसवाने के बाद पलंग पर पीठ के बल लेट गया.
उसकी कमर तक का शरीर पलंग पर था, पैर जमीन पर.
मुझे उसकी तरफ पीठ करके लंड की सवारी करने को कहा गया.
जब मैं लंड की सवारी कर रहा था, तब कार्तिक ने मुझे पकड़ कर अपने ऊपर लिटा लिया.
अजय लंड लहराते हुए आया.
उसने मेरे पैर अपने कंधे पर रखे और मेरी गांड में लंड पेल दिया.
मेरी गांड में दो लंड घुस गए. इससे पहले तो मुझे दर्द हुआ, फिर मजा आने लगा.
तब से कभी कभी वे दोनों मेरी गांड में एक साथ लंड डालकर मुझे चोदते.
मेरी गांड थोड़ी ढीली हो गयी थी.
मुझे लगने लगा था कि मेरी कितनी भी गांड मारो, मुझे दर्द नहीं होगा.
विशाल जब शहर में होता, बीवी की अदला बदली होती.
ऐसे हो 6 महीने बीत गए.
इस बार विशाल 15 दिन के टूर पर था.
अजय कार्तिक एक हफ्ते से नहीं आए थे, इस वजह से मेरी गांड बेचैन थी.
एक शाम दोनों आए, मेरा मुँह चोदा और वीर्य पिला दिया.
मैं उनसे गांड मारने की भीख मांगने लगा.
वे दोनों बोले- कल से तीन दिन की छुट्टी है, हम जो बंगला पार्टी के लिए किराये पर लेते हैं, उसे किराये पर लिया है. हमारे दो दोस्त जो कभी कभी पार्टी में आते हैं, वे भी रहेंगे. उनकी बीवियां भी उन्हें गांड मारने नहीं देती हैं. उन्होंने बीवी के अलावा और किसी से सेक्स नहीं किया है, क्योंकि उन्हें भी रंडियों से सेक्स करने से बीमारी का खतरा लगता है.
एक पल रुकने के बाद वह पुनः बोला- हम चारों तुम्हारी गांड मारकर तुम्हें खुश कर देंगे. फ्लैट में खुलकर मजा नहीं कर सकते.
मैं राजी हो गया, मुझे अपनी गांड की क्षमता पर भरोसा था.
तय दिन मैं अजय कार्तिक के साथ बंगले पहुंचा.
उन्होंने बताया कि हम गुलाम का खेल खेलेंगे.
बेडरूम में अजय कार्तिक ने मुझे नंगा किया, गले में रस्सी लगा पट्टा पहनाया, चूचे दबाकर चूसकर मुझे गर्म कर दिया. फिर रस्सी पकड़कर मुझे हॉल में ले गए, उनके बाकी दो दोस्त हॉल में थे.
हॉल में छत से लटकती रस्सी में ट्रक के दो टायर पास-पास बंधे थे.
उसमें चादर बिछी थी.
मैं समझ गया कि मुझे टायर के अन्दर लिटाकर ये सब मेरी गांड मारेंगे.
अजय- हम गुलाम पकड़ कर लाये हैं, खूब मजा करेंगे. पहले कौन शुरू करेगा?
सभी कहने लगे कि पहले मैं .. पहले मैं!
कार्तिक- चलो नीलामी करते हैं.
बोली दो हज़ार से शुरू हुई.
सभी बोली लगाने लगे.
जिन दो दोस्तों ने कभी गांड नहीं मारी थी, वह बढ़-चढ़ कर बोली लगाने लगे.
उनमें से एक ने ज्यादा बोली लगायी, दूसरे ने थोड़ी कम.
मुझे चेयर पर खड़ा कर टायर के अन्दर पेट के बल लिटा दिया और चेयर हटा ली.
मेरा शरीर टायर के अन्दर था, हाथ पाँव हवा में लटक रहे थे.
सबसे ज्यादा बोली वाला दोस्त लंड पर तेल लगाकर मेरी गांड मारने लगा.
दूसरा दोस्त लंड चुसवाने लगा.
गांड मारने वाला झड़ने के बाद अलग हो गया. उसके बाद लंड चुसवाने वाले ने मेरी गांड मारी.
उसके बाद अजय कार्तिक ने मेरी मारी.
चार लंड से चुदवा कर मेरी गांड तृप्त हो गयी.
उन्होंने मुझे नीचे उतारा और बाथरूम में ले जाकर मुझे नीचे बिठा दिया.
वे चारों मेरे ऊपर मूतने लगे.
मैं कुछ मूत पी रहा था बाकी मेरे शरीर पर गिर रहा था.
चारों के बाथरूम से चले जाने के बाद मैं नहाया.
सभी ने नंगे ही रह कर लंच किया.
कार्तिक- राहुल थोड़ा आराम कर लो!
मैं सो गया.
शाम की चाय के बाद, अजय मुझे बेडरूम में ले गया. मेरे चूचे दबाकर चूसकर मुझे गर्म किया, फिर घोड़ी बनाकर मेरी गांड मारी.
बाकी तीनों दोस्त एक के बाद एक आए. मेरे चूचे चूसे और गांड मारी.
आठ बार गांड मरवाने से मेरी गांड दुखने लगी.
मैंने बर्फ रूमाल में रखकर अपनी गांड सेंकी, छेद के अन्दर बोरोलीन लगाई और दर्द निवारक दवा खा ली.
रात को शराब की पार्टी शुरू हुई, सभी नंगे थे.
वह लोग बारी बारी मुझे अपनी जांघ पर बिठाकर अपने हाथ से दारू पिला रहे थे, मेरे शरीर पर हाथ फेर रहे थे, चूचे दबा रहे थे.
मैंने कहा- मैं और गांड नहीं मरवा सकता, बहुत दर्द हो रहा है!
कार्तिक- कोई बात नहीं, आज तुम सबका लंड चूसो. याद रखो तुम गुलाम हो, मना करने पर मार पड़ेगी.
सभी सोफे पर बैठे थे, मैंने झुककर सोफे पर हाथ रखा और एक का लंड चूसना शुरू किया.
उसने बेल्ट मेरे कूल्हे पर मारकर कहा, गले तक लंड लेकर चूसो!
मैंने वैसा ही किया.
वह झड़ गया तो मैंने उसका वीर्य पी लिया.
बाकी तीनों का लंड चूसकर मैंने उनका भी वीर्य पिया.
रात के 11 बज गए, तब सबने खाना खाया.
मैं अकेला बेडरूम में नंगा सो रहा था.
तभी किसी के छूने से मेरी नींद खुल गई.
मेरे दो दोस्त, जिन्होंने आज पहली बार गांड मारी थी .. वे कमरे में थे.
‘हम दोनों को एक बार और गांड मारनी है.’
यह कहकर एक मेरा दाहिना चूचा चूसने दबाने लगा.
दूसरा मेरी बाएं चूचे से लग गया.
मैं समझ गया कि ये मुझे नहीं छोड़ेंगे. यदि हल्ला किया तो बाकी दो दोस्त भी आकर मेरी गांड मारेंगे.
मैंने पेट के बल लेटकर अपने कूल्हे हाथ से फैला दिए.
वे दोनों बारी बारी से मेरी गांड मारकर चले गए.
मैं फिर से सो गया.
सुबह मेरी नींद देर से खुली.
अब गांड का दर्द कम था, पर चलने में मुश्किल हो रही थी.
नाश्ते के बाद सभी मुझे पकड़ कर हॉल में ले जाकर बोले कि टायर के अन्दर लेट जा!
मेरे मना करने पर मुझे बेल्ट से पीटकर बोलने लगे कि साली गुलाम रंडी मना नहीं करती.
मजबूरन मैं चेयर पर खड़ा होकर टायर के अन्दर लेट गया.
उन्होंने चेयर को हटा दिया.
मैं हवा में झूल रहा था.
चारों ने अपने लंड मुझसे चुसवाकर खड़े किए.
एक दोस्त ने मेरे कूल्हे पर बेल्ट मारकर कहा- साले गांड मरवाने से मना कर रहा था .. गांड ढीली छोड़!
उसने मेरी गांड निर्ममता से मारी.
मैं चीख रहा था.
बाकी तीनों ने भी मेरे कूल्हों पर बेल्ट मारने के बाद मेरी गांड मारी.
मेरी हालत ख़राब हो रही थी.
उन्होंने मुझे उतार कर बेडरूम में लिटा दिया.
दोपहर को मुझे जगा कर खाना खिलाया.
उस रात बारी बारी सभी ने मेरी गांड मारी, मुझमें मना करने की ताकत नहीं थी.
मैंने पेट के बल लेटकर पैर फैलाकर गांड मरवाई.
अभी तक मुझे अपनी गांड के बारे में घमंड हो गया था कि मैं कितने भी लंड अपनी गांड में ले सकता हूँ, पर इन सभी की लगातार चुदाई से टूट चुका था.
गांड फाड़ू चुदाई क्या होती है, यह समझ गया था.
तीसरे दिन सुबह सभी दोस्तों ने मुझे घर पर छोड़ा.
वे मेरे खाने की व्यवस्था करके चले गए. मेरा पूरा बदन, गांड चूचे बेहद दुःख रहे थे.
मैंने गांड की बर्फ से सिकाई की, दर्द निवारक दवा ली, दिन रात आराम किया .. तब जाकर निजात मिली.
मेरे बॉय फ्रेंड विशाल, जिसको मैं अपना पति मानता हूँ, उसको चूत मारने का आनन्द देना था .. इसलिए मैं दोस्तों से गांड मरवाने को इस शर्त पर राजी हुआ था कि बदले में विशाल अपने दोस्तों की बीवियों की चूत चोद लेगा. मगर यह मेरे लिए एक भारी दिक्कत हो गई थी.
इसी लिए मैं अब सोचने लगा कि यदि मैं सेक्स चेंज वाले ऑपरेशन से अपने लंड की जगह चूत बनवा लूँ, तो विशाल को मेरी चूत गांड दोनों चोदने मिलने लगेंगी.
मेरा लंड सिर्फ मूतने के काम आता है, चुदाई के काम का है ही नहीं.
यदि ऑपरेशन हो गया तो मैं सबसे अच्छी बीवी बन जाऊंगी. विशाल को बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
पाठक पाठिकाओ कृपया बताइए कि मेरा यह आइडिया कैसा है?
बाहर की दुनिया के लिए मैं लड़का ही रहूँगा. सिर्फ सार्वजानिक टॉयलेट में लड़कों के समान खड़े होकर मूतना मुश्किल होगा.
उसके लिए मैंने उपाय सोचा है कि मैं एक पाइप लगी कुप्पी (फनल) मूतते समय अपनी नयी चूत पर रख लूँगा, जिससे मूत जांघों पर ना गिरे.
आपको यह ग्रुप ऐस सेक्स कहानी कैसी लगी कृपया जरूर बताएं.
मेल भेजते समय कहानी का नाम जरूर लिखें (मैंने अनेक कहानियां लिखी हैं.)
आपका रतन दत्त
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