नशा, हवस और प्यार
लेखक : रौनक मेहता
अन्तर्वासना के सभी साथियों को मेरा हेलो !
यहाँ पर पहले ही बहुत से गे साथियों की कहानियाँ हैं, जो मैंने पढ़ी। उन्हें पढ़ने के बाद मुझे लगा कि मुझे भी अपने किस्से भेजने चाहिएँ।
अन्तर्वासना पर मेरी यह पहली प्रस्तुति है, उम्मीद है आपको पसंद आएगी। यह एक सच्ची आपबीती है, कोई मनघड़ंत नहीं !
यह लगभग एक साल पहले की बात है, जब मैं पढ़ाई के सिलसिले में दूसरे बड़े शहर में रहता था। वहाँ मेरे घर से कुछ ही दूर पर मेरा एक दोस्त जितेन जिससे मैं ऑनलाइन मिला था, रहता था, जो मेरी गांड मारा करता था। जब भी उसका मन होता, हम मिल लेते थे। मैं हमेशा उससे मिलने की राह देखता रहता था।
उसकी एक बड़ी फन्तासी थी, ग्रुप सेक्स करने की ! लेकिन मैं एक अकेला लौड़े लेने वाला, और एक से ज्यादा देने वाले, यह सोच कर मैं डर जाता था और टाल देता था।
लेकिन एक दिन उसने मुझे मना ही लिया, यह कह कर कि यदि मुझे तकलीफ हुई तो वह सब नहीं करेंगे। मैं मान गया।
उसने पहले ही दो लोगों को बुला लिया था, उनमें से एक टॉप( जो गांड मारते हैं) जिसका नाम राज था, और एक वर्सेटाइल (जो मारते भी हैं, और मराते भी हैं) रोहन नाम का लड़का था। मेरा दोस्त जीतेन टॉप था, और मैं रौनक, बॉटम (जो सिर्फ मराते हैं)
वे सब पहले ही मेरे दोस्त के घर पर पहुँच गए थे। जब मैं पहुँचा तो सबने कहा- थोड़ी थोड़ी पी लेते हैं, तब मज़ा आएगा।
मैंने भी सोचा ठीक है।
हमने एक एक बीयर पी, फिर उसके एक दोस्त ने एक सिगरेट जलाई और सब बारी बारी पीने लगे। उन्होंने आपस में कुछ बात की और कहा- बाकी की सिगरेट तू ही ख़त्म कर दे !
सो मैंने कर दी।
फिर हम सब कपड़े उतार कर चड्डी में आ गए।
जितेन 27 साल का, 5’10” ऊँचा, हट्टा कट्टा और काफी सांवला था। उसकी विशाल भरी छाती, कड़क सपाट पेट, बलिष्ठ हाथ और तगड़े पैर थे और बालों से भरे थे, एकदम मुझसे उलट, इसीलिए वो मुझे बहुत आकर्षक लगता था।
राज था तो 5’7″ लम्बा, पर हट्टा कट्टा ! वो काफी हद तक चिकना ही था, उसकी उम्र 25 थी।
रोहन की काया मेरी जैसी ही थी, कद कुछ 5 फुट 8 इंच और कुछ कुछ बाल थे जिस्म पर, जिसे उसने उस्तरे से साफ़ किया हुआ था। वो 28 साल का था।
मैं 5’6″ कद का, 23 साल का, वजन 56 kg, दूध सा गोरा, दुबला-पतला और मेरे पूरे शरीर पर कोई बाल नहीं, सिर्फ बगलों में आते हैं, जिन्हें भी मैं साफ़ करता रहता हूँ। छोटे छोटे से हल्के भूरे निप्पल हैं, ठीक ठाक भरी हुई चिकनी गोरी गांड है, 6″ का गोरा लंड ! कुल मिला कर 23 का होकर भी मैं 18-19 साल का लगता हूँ।
अब जितेन ने मुझे अपने सीने से लगा कर चूमना शुरू कर दिया, मेरे हाथ उसकी भरी भरी छाती के बालों से खेलने लगे, उसका एक हाथ मेरे चूतड़ों पर फिर रहा था और दूसरे हाथ से मेरे निप्पल मसल रहा था।
वहाँ राज और रोहन भी एक दूसरे को चूमने चाटने लगे थे।
धीरे धीरे जितेन के होंठ मेरे होठों से अलग होकर, मेरे गले से होते हुए मेरे निप्पल पर पहुँच गए, वह बारी बारी से एक एक निप्पल को चूमता, चूसता, और कभी कभी हल्के से काट लेता। जब जब वह काटता मेरे मुँह से आह निकल जाती।
तब राज ने रोहन को छोड़ मुझे चूमना शुरू कर दिया, अब मेरे एक निप्पल से जितेन खेल रहा था, और दूसरे पर रोहन लगा पड़ा था। यह सब करते करते पांच मिनट हो गए।
एकाएक मेरा बदन हल्का सा पड़ने लगा, सर कुछ कुछ घूमने सा लगा। जब मैंने उन्हें यह बताया तो वे हंस कर बोले- तूने जो सिगरेट पी थी, वह स्पेशल थी, ताकि तू एक रात में तीन न सही, दो लंड तो ले ही ले।
मैं कुछ कुछ घबरा गया, पर तब तक मैं भी गर्म हो गया था, मैंने सोचा जो होगा देखा जायेगा।
हम फिर शुरू हो गए। मैं बीच में एक मूर्ति की तरह खड़ा कर दिया गया और वो तीनों मुझे जगह जगह चूमने चाटने लगे, कभी कोई होंटों पर चूमता, तो कोई निप्पल चूस रहा था, तो कोई मेरी पतली चिकनी कमर पर हल्के हल्के काट रहा था। नशे के मारे मेरी आँखें नहीं खुल रही थी, कब कौन कहाँ मुँह मार रहा है, पता नहीं चल रहा था।
पता नहीं कब मेरे जिस्म से मेरी चड्डी भी गायब हो गई।
कुछ मिनट बाद जितेन ने दुबारा मुझे चूमना शुरू किया और कहा- आँखें खोल ले, तुझे कुछ नहीं होने दूंगा।
अपने जाने पहचाने यार की आवाज़ सुन कर मेरी आँखें खुली।
उसने मुस्कुरा कर आँख मारते हुए कहा- बहुत मजे ले लिए तूने, अब हमें भी कुछ दे दे।
यह कह कर उसने मुझे घुटनों के बल बिठा दिया और मेरे सामने आकर खड़ा हो गया। उसकी बालों भरी जांघों पर कुछ कुछ पसीना आ गया था जिसे देख कर मैं और जोश में आ गया। मैं बेतहाशा उसकी जांघों को चूमने चाटने लगा, जैसे मैं प्यासा, और उसकी जांघें बर्फ की सिल्ली ! उसके बदन की खुशबू और पसीने की मिलीजुली गंध मुझे मदहोश कर रही थी। अब तक मेरा आधा खड़ा लंड अकड़ कर खड़ा हो गया।
फिर मुझे से रहा न गया और मैंने उसकी चड्डी उतार दी। उसका 8 इंच का लंड मेरे मुँह के आगे सर उठाये खड़ा था। हल्की रोशनी में उसका सांवला लंड किसी चोकलेट की तरह लग रहा था।
उसके सुपारे की नोक पर लिसलिसी बूंदें चमक रही थी।
मैंने अपनी जीभ की नोक से उन बूंदों को चखा, वे कुछ कुछ नमकीन सी थी। फिर मैंने उसका सुपारा मुंह में भर लिया और पागलों के जैसे चूसने लगा।
मैंने सुपारे पर चढ़ी चमड़ी पीछे तक खींच कर जोर शोर से चूसना शुरू किया।
इस पर उसके मुँह से आह निकल पड़ी- आह… आह… आह मेरी जान, बस ऐसे ही, और जोर से चूस, समझ तुझे जिंदगी भर अब लंड नहीं मिलेगा, ऐसा सोच कर चूस !
मैं भी सुपारे से कुछ आगे तक उसका लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगा। उसका लंड मेरे मुँह से काफी बड़ा था सो मैं पूरा पूरा नहीं चूस पा रहा था।
अचानक उसने मेरा सर पीछे से पकड़ा और कहा- जान, एक लम्बी सांस ले, और फिर सांस रोक के रखियो !
जैसे ही मैंने सांस भरी, उसने एक झटके में अपना पूरा लंड मेरे मुँह में डाल दिया। मैं थोड़ा छटपटाया तो उसने मेरे सर भींच कर अपने पेट से लगा लिया, मेरी मुँह-नाक उसकी भरी भरी, झाटों में छुप गई।
उसने कहा- जान, बस दो मिनट ऐसी ही रह।
मैं भी उसकी झांटों की खुशबू में खो गया। धीरे धीरे, मेरा गला कुछ कुछ फ़ैल गया। तब उसने धीरे धीरे अपना लंड आगे पीछे करना शुरू किया।
वहाँ रोहन और राज जो अभी भी एक दूसरे को चूमने चाटने में लगे थे, यह नज़ारा देख मेरे पास आ गए। रोहन ने नीच लेट कर, मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और राज मेरे निप्पल चूसने लगा।
मैं तो जैसे जन्नत में पहुँच गया था, मुझे लगा कि मैं हवा में उड़ रहा हूँ।
कुछ 5-10 मिनट मेरा मुँह चोदने के बाद जितेन ने अपना लंड बाहर निकाल लिया और खुद नीच झुक कर मेरे निप्पल चूसने लगा।
राज जो अब तक मेरे नाजुक निप्पल को काट काट कर लाल कर रहा था, मेरे सामने खड़ा हो गया और रोहन उसके बाजू में, चड्डी के अन्दर दोनों के लंड काफी बड़े लग रहे थे। मैंने सोचा कम से कम 7-7 इंच के तो होंगे।
मेरे मुँह में पानी आ गया, मैंने लपक के रोहन की चड्डी खींच दी, उसका हल्के भूरे रंग का, 7 इंच लम्बा, कुछ 1.5 इंच मोटा लंड मेरे नाक के सामने ऊपर नीचे होने लगा।
मैं उसे मुँह में लेने ही वाला था कि राज ने कहा- लाडो, मैंने क्या बुरा किया जो मुझे पर तेरा ध्यान ही नहीं जाता?
मैंने कहा- ठीक है, रुक, अब तेरा ही चूस चूस के काम तमाम करता हूँ।
वह हँसते हुए बोला- अबे गांडू रानी, तू मुझे नहीं जानता, जब मैं नशे में होता हूँ, तो किसी के गांड-मुँह में दम नहीं कि मेरा पानी निकाल दे, और फिर अभी तक तो तूने दर्शन भी नहीं किये.. देख देख तेरे लिए क्या तोहफा है अन्दर।
मैंने झट से उसकी चड्डी उतार दी, जो मैंने देखा, वह देख कर मेरे होश उड़ गए। मेरे सामने उसका सांवला सा लंड, 7 इंच लम्बा, 2 इंच मोटा, वो भी ढीला हुआ लटक रहा था। मेरी सूरत देख कर राज हँसते हुए बोला- देखा.. अभी तक तो यह पूरा जागा भी नहीं है, अब चूस, और इसको जगा, फिर देख..!
मैंने धीरे धीरे राज का दो इंच मोटा सुपारा मुँह में लिया और चूसना शुरू किया। एक मिनट के अन्दर उसका सुपारा धीरे धीरे मेरे मुँह में फूलने लगा, साथ साथ उसके लंड का आकार भी बढ़ने लगा।
उसने कहा- अब देख, तेरी गांड में आज रात कौन सैर करेगा !
मैंने चूसना छोड़ जब उसके लंड को देखा तो वह तक कर खड़ा हो चुका था। साढ़े 9 इंच लम्बा, ढाई इंच मोटा ! मेरी फट गई कि इतना बड़ा मैं कैसे लूँगा।
मुझे घबराया देख उसने कहा- डर मत मेरे मीठे, इतने प्यार से दूंगा कि मेरा पानी निकल जाने के बाद भी तेरा मन नहीं भरेगा, चल अब चूस ले मेरी जान !
मैंने किसी तरह अपना मुँह पूरा खोल कर धीरे धीरे चूसना शुरू किया पर उसका लंड था जो 2 इंच भी नहीं समां रहा था। उधर रोहन ने मेरा हाथ अपने लंड पर रख दिया जिसे मैं आगे पीछे हिलाने लगा।
कुछ मिनट बाद राज बोला- अरे यार, कुछ मजा नहीं आ रहा ! तू तो सुपारा भी पूरा नहीं ले पा रहा है, एक काम कर, रोहन का चूस, फिर हम एक ट्रिक आजमाते हैं।
मैंने उसे छोड़ रोहन का चूसना शुरू कर दिया, जितेन के लंड ने मेरा गला चौड़ा कर दिया था, सो उसका 7 इंच में बड़े मजे में चूसने लगा।
उधर जितेन ने मेरे निप्पलों के बाद, मेरी नाभि, मेरी कमर को चूमने चाटने और काटने लगा था, बीच बीच में वो मेरी गोरी चिकनी चमकती जांघों को भी चाटता, हल्के से काटता.. कभी कभी मेरी चिकनी गांड पर हल्की सी चपत भी लगा देता था।
उधर मैंने जब राज का लंड पकड़ कर हिलाना चाहा तो उसने कहा- नहीं.. जरा ढीला पड़ जाने दे।
अब राज अलग जा के खड़ा हो गया और एक और सिगरेट सुलगा ली।
जितेन और रोहन दोनों मेरे सामने खड़े हो गए, और मैं बारी बारी दोनों के लंड खींच खींच के चूसने लगा। कई दफा मैंने दोनों के लंड पास पास रख, दोनों को एक साथ मुँह में लेकर चूसा। उस वक़्त तक मुझे नशा खासा चढ़ चुका था, तो जो मैं ऐसे नहीं कर पाता था, वो सब भी कर लिया।
फिर दोनों ने मुझे उठाया, मेरे हाथ अपने अपने कंधे पर लेकर, गोद में उठा कर झुलाते हुए बिस्तर पर ले आये। राज ने मुझे दुबारा सिगरेट दी, मैंने कुछ न न कहा, तो उसने कहा- अबे तेरे लिए ही बड़ी मुश्किल से जुगाड़ कर के लाये हैं.. पी ले मेरे मीठे, तेरी तकलीफ कम करने की दवा है।
ऐसा कह कर उसने एक लम्बा कश खींचा और.. अपने होंठ मेरे होंटों पर लगा दिए, सहज ही मैंने उसे चूमने के लिए होंट खोले तो उसने पूरा धुआं मेरे मुँह में फूँक दिया। मैंने ने भी तब उसके कश का कश लगा लिया। उसकी इस हरकत से मैं और भी गर्म हो गया।
यह देख सब ने बारी बारी यही करना शुरू कर दिया, सब एक एक कर के कश लेते और किसी दूसरे के मुँह में छोड़ देते। मुझे काफी नशा छाने लगा।
यह देख उन्होंने मुझे इस तरह लिटाया कि मैं पूरा बिस्तर पर पीठ के बल, पर मेरा सिर बिस्तर के कोने से बाहर कुछ इस तरह लटक गया कि मेरा गला और मुँह एक सीध में आ गए। मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है।
तब जितेन ने मेरी टाँगें उठा कर मेरे कंधे तक मोड़ दी जिससे मेरी गांड एकदम ऊपर ऊपर और बाहर खुल के आ गई। उसने मेरी गांड के छेद के आसपास चूमना शुरू किया, उसकी इस हरकत से में एकदम पागल हो गया।
इधर रोहन ने बारी बारी से मेरे निप्पल और मेरा लंड चूसने शुरू कर दिए और अपना लंड मेरे हाथ में पकड़ा दिया.. जिसे मैं हिलाने लगा।
अब राज ने अपनी ट्रिक वाली पोजिशन ले ली, वो ठीक मेरे लटके हुए सर के सामने आकर खड़ा हो गया, उसने पहले मुझे चूमा और फिर थोड़ा झुक कर, अपना ढीला पड़ चुका लंड मेरे मुँह में डाल दिया और कहा- जान… अब जैसे तूने जितेन का लंड धीरे धीरे अन्दर लिया था, वैसे ही मेरा भी ले, लम्बी सांस ले और थोड़ा लंड अन्दर ले, फिर लम्बी सांस ले और थोड़ा अन्दर ले।
मैंने उसके कहे अनुसार थोड़ा थोड़ा लंड अन्दर लेना शुरू किया पर फिर भी लगभग 6 इंच के बाद लंड गले के पास अटक गया।
राज- ठीक है.. अब हल्के हल्के चूस !
मैंने चूसना शुरू किया कि उसके लंड का आकार बढ़ने लगा, मेरा पूरा मुँह लगभग भर सा गया था।
उसने धीरे धीरे अपने कड़क होते लंड को मेरे गले के अन्दर डालना शुरू किया, मैं थोड़ा सा छटपटाया तो उसने उन दोनों से कुछ कहा जो मैं सुन नहीं पाया।
जितेन ने मेरी गांड की गोलाइयों को छोड़ सीधे छेद पर आपनी जुबान फिराना, जोर जोर से चूमना शुरू कर दिया। तो रोहन ने मेरा घबराहट के मारे ढीले पड़ चुके लंड को अन्डूओं के साथ मुँह में भर लिया।
इससे मैं काफी गर्म हो गया और मेरा ध्यान राज पर से हट सा गया। राज ने मौके का फायदा उठा के पूरा लंड दो झटको में मेरे गले में उतार दिया, और मेरा सर पकड़ कर, अपनी दोनों टांगों के बीच दबा लिया।
2 मिनट में मेरा गला चौड़ा हो गया और राज का 9 इंच लम्बा, ढाई इंच मोटा लंड, मेरे गले में बखूबी समां गया। अब मुझे कुछ होश ही न रहा।
एक तो सर नीच लटके होने के कारण नशा और ज्यादा ही लग रहा था, उस पर तीन लड़के मेरे ऊपर अलग अलग पोजिशन में लगे पड़े थे। अब दिमाग ध्यान दे, तो भी किस किस पर दे।
मैंने थोड़ा होश बटोर कर दोनों हाथों से रोहन का सर पकड़ कर उसका सिर अपने लंड पर जोर शोर से ऊपर नीचे करने लगा। पता नहीं कितने मिनटों के बाद जब हम अलग अलग हुए तब राज ने हँसते हुए कहा- क्यूँ कैसी लगी मेरी 9 इंच की आइसक्रीम?
मैंने पूछा- क्या मतलब?
राज- औव् व् व् व् .. मेरे प्यारे मीठे, तुझे पता नहीं, अभी अभी तूने मेरा पूरा लंड कामयाबी से चूसा।
मैं कुछ हैरान और कुछ शरमा गया। इस पर जितेन ने मुझे बड़े प्यार से उठा कर मेरे पैर अपनी कमर के गिर्द कर लिए और मेरे हाथ उसकी गरदन की पर लपेट लिए और मुझे पागलों की तरह चूमने लगा।
फिर मुझे बिस्तर पर कुत्ते की पोजिशन में कर दिया। अब बारी बारी से एक बन्दा मेरी गांड चूमता चाटता और दो सामने खड़े होकर लंड चुसवाते, बीच बीच में रोहन उनका या मेरा लंड चूस लेता।
यह सब काफी देर तक चलता रहा, इतनी देर तक अलग अलग तरह से गांड चटवाने के बाद, मैं चुदने के लिए इतना बैचेन हो गया था कि मेरा लंड बुरी तरह से अकड़ कर खड़ा हो गया था, उसमें से रंग-रहित रस निकल निकल कर, नीचे चादर गीली कर रहा था।
मेरी यह हालत देख राज ने शरारत से कहा- देख जितेन, हमारा मीठा गुड्डा कितना बेताब हो रहा है ! इतनी देर से लंड चूस चूस कर बेचारे का मुँह दुःख गया होगा, अब हमें भी उसकी प्यास बुझानी चाहिए।
जितेन- हाँ यार, मेरा तो नहीं दिल भरा, पर एक एक कर के शुरुआत करते हैं, अभी तो सारी रात और 2 सिगरेट और बाकी हैं।
उसने आँख मारी।
उस समय तो मुझे विश्वास नहीं हुआ पर… आगे उस रात और क्या क्या हुआ, कैसे तीनों ने बारी बारी मेरी गांड मारी, और कैसे मेरे जिस्म को उन्होंने नयी ऊँचाइयों तक पहुँचाया, और जितेन पर इसका असर…. जिस के बारे में मैंने सपने में भी कभी नहीं सोचा था,
वह सब अगले भाग में लिखूंगा।
यदि मेरी अब तक की कहानी आप को पसंद आई हो, तो इसे स्टार रेटिंग दीजिये, मुझे मेल कीजिये।
आपका प्रतिसाद देख क़र मैं अगला भाग लिखूंगा और अपने कई और कई रंगीन किस्से बताऊँगा।
आपका रौनक
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