पांच लड़कों ने बे-रहमी से मेरी गांड मारी

(Gay Boy Group Xxx Kahani)

गे बॉय ग्रुप Xxx कहानी में मुझे लड़के अच्छे लगने लगे. मैंने ब्रा पैंटी पहनने लगा. एक बार सड़क पर चलते हुए कुछ लड़कों को मेरी पैंटी पैन्ट से ऊपर निकली हुई दिख गयी.

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम सत्यानंद (बदला हुआ नाम) है और मैं कोलकाता का रहने वाला हूं.
मैं आपको बताना चाहता हूँ कि मैं एक बाटम गे हूँ.

मैं शुरू से ही लड़कों के प्रति आकर्षित हो जाता था.
पहले यह सब नहीं था.

लेकिन मैं जब स्कूल में पढ़ता था, उसी वक्त से मुझे ब्रा और पैन्टी पहनने का शौक लग गया था.
यह गे बॉय ग्रुप Xxx कहानी तभी से शुरू हुई थी.

उसी समय से मैंने लड़कियों वाली पैन्टी पहनना शुरू कर दिया था.
पैन्टी पहन कर मैं पैंटी के बाजू से लंड निकाल कर उसकी मुट्ठ मारता था.

मैं जब बड़ी क्लास में पहुंचा, तब पैंटी पहनने के साथ साथ मैंने ठंडी के मौसम में ब्रा पहनना भी शुरू कर दिया था.
क्योंकि उस वक्त स्वेटर पहनने से ब्रा नहीं दिखती थी.
ब्रा पैन्टी पहनकर मैं अन्दर ही अन्दर बड़ा खुश रहता.
जब मैंने बारहवीं की परीक्षा दे दी थी तब मैं असम में अपने मामा के पास चला गया.

मामा के पास आने के बाद पैंटी तो पहनता था लेकिन डर की वजह से ब्रा नहीं पहनता था.
फिर एक दिन हिम्मत करके मैं बाजार गया और दुकान से नई ब्रा और पैन्टी खरीद कर लाया.
ब्रा पैंटी लाने के बाद मुझे उसे पहनने का मौका नहीं मिल रहा था.

तब मैंने सोचा कि ब्रा और पैन्टी को बाथरूम में जाकर पहन लेता हूँ और मैंने ऐसा ही किया.
बाथरूम में जाकर मैंने ब्रा पैन्टी पहनी और उसके ऊपर से शर्ट पहन ली, नीचे लोअर पहन कर बाहर निकला तो किसी को पता नहीं चला.
मैं बहुत खुश हुआ और शाम का टाइम था.

मैं खुद को बहुत रोमांचित महसूस कर रहा था और मन ही मन खुश हो रहा था कि आज इतने दिनों बाद ब्रा और पैन्टी पहनी है.

ब्रा और पैन्टी पहने ही मैं रोड पर चला गया लेकिन मेरा लोअर थोड़ा ढीला था तो वह थोड़ा सा सरक गया और अन्दर की पैन्टी दिखने लगी.

यह मुझे पता नहीं था और मैं चलता जा रहा था.
रोड पर पाँच लड़कों का ग्रुप खड़ा था.
वे लोग मुझे घूर घूर कर देख रहे थे.

उनमें से पहले का नाम राहुल था, दूसरे का नाम रोहन, तीसरे का नाम सनी, चौथे का नाम सोनू था और पाँचवें का नाम मोनू था.

तभी उनमें से एक ने मुझे आवाज देकर बुलाया.
उसका नाम सोनू था.

मैं उन लोगों के पास गया, तब उनमें से सनी ने मेरी गांड पर हाथ रख कर कहा- और मेरी जान, बड़ी सेक्सी लग रही हो!
मैं उनसे बोला- भाई, मैं लड़की नहीं हूँ!

लेकिन उन लोगों से लड़की शब्द का उच्चारण सुनकर मेरी अन्दर की औरत जाग गई.
तभी उसने कहा कि फिर तुम पैन्टी क्यों पहनी हो मेरी जान!

तभी उनमें से मोनू नाम के लड़के ने मेरी पीठ पर हाथ रखा और टटोलते हुए बोला- अरे भाई इसने तो ब्रा भी पहनी हुई है!
जब उसने मेरी पीठ पर हाथ रखा, तभी मैंने उनसे कहा कि मेरे साथ तुम लोग क्या करना चाहते हो?

तब सनी ने कहा- तुम्हें चोदना चाहते हैं.
उसकी बात पर मैंने भी कहा कि ठीक है, पर मेरी एक शर्त है कि मुझे आज इतना पेलना कि मैं ठीक से चल भी नहीं पाऊं.

बस बात तय हो गई.
वे लोग मुझे एक घर में ले जाने की तैयारी करने लगे.

सबसे पहले उन्होंने एक कार मंगवाई और ड्राइवर को वापस भेज कर सनी खुद ड्राइव करने लगा.

राहुल आगे बैठ गया और मुझे बीच में बैठाकर मेरे अगल बगल सोनू, रोहन और मोनू बैठ गए.

तभी सोनू जो मेरे बगल में बैठा था, उसने मेरी शर्ट को निकाल दिया और मेरी ब्रा को हटा कर मेरे चूची को खूब जोर से दबा दिया.
उसके मींजने से मेरी चीख निकल गई.

राहुल गाड़ी चला रहा था.
उसने कहा कि अबे साले तेरे चूची को क्या किसी ने पहली बार दबाया है, जो इतना तेज चिल्ला रही है!

मैंने कहा- जब कोई इतनी तेज दबाएगा तो चीख तो निकलेगी न!
वे सभी लोग मेरी बात सुनकर हंसने लगे.

वहीं दूसरी साइड मोनू बैठा था उसने मेरी ब्रा को खोल दिया.
वह मेरी चूचियों को दबाने लगा और चूसने लगा.
वह बीच बीच में मेरे सीने को काट भी रहा था, जिससे मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.

तभी रोहन ने अपना लंड निकाला और कहा कि ले रंडी इसे बढ़िया से चूस दो!
मैंने मना कर दिया और कहा कि यह रंडी कमरे में ही जाकर पूरा मजा देगी.

तब रोहन ने कहा- ठीक है मेरी रखैल, आज मैं तुझे इतना पेलूँगा बहन की लौड़ी कि तू ठीक से चल भी नहीं पाएगी!

यही सब बातें करते हुए घर आ गया.

रोहन ने मेरी गांड को मसलते हुए कहा- चल रंडी, पहन ले अपने कपड़े और मेरे साथ चली चल .. आज अपनी गांड मरवा लेना अच्छे से!

मैंने जल्दी से कपड़े पहने और उन लोगों के साथ रोहन के घर में गई.
उसका घर बहुत ही शानदार था.

वह मुझे अपने बेडरूम में लेकर गया.
वहां पहुंचते ही राहुल मुझे एकदम से ऐसे चूमने लगा, जैसे मैं कहीं भागा जा रहा हूं.

मैंने कहा- अरे आज मैं सिर्फ तुम लोगों की हूँ, थोड़ा आराम से करो न मेरी जान, मैं कहीं भागी नहीं जा रही हूँ.
उसने मेरे होंठों को किस किया और चूमने के साथ ही हल्के से मेरे होंठों को काट भी लिया.

मेरी सिसकारी निकल गई.

उधर रोहन और सोनू मेरी शर्ट को उतार कर ब्रा को फाड़ दिया और मेरी चूचियों पर टूट पड़े.
वे दोनों मेरी चूचियों को मसलने लगे और चूसने लगे.

वे बीच बीच में चूचियों को काट भी ले रहे थे जिससे मुझे बहुत मजा आ रहा था.

मैं जोश में मस्ता रही थी- अआ आ‌ह आह और जोर से दबाओ .. आज इसे नीबू से संतरा बना दो!
मैं उनके साथ मजा ले रहा था.

सनी ने मेरे ठोड़ी को चाटकर कहा कि साली की ठोड़ी एकदम लड़की के जैसे है.

उधर मोनू ने मेरे लोअर को निकाल कर फेंक दिया और मेरी पैन्टी को भी फाड़ दिया.
वह मेरी गांड पर हाथ फेरने लगा और तमाचा मारने लगा.

उनकी हरकतों से मुझे ऐसा लगने लगा था मानो आज खुद कामदेव मेरा भोग कर रहे हैं.

मैं भी जोश में था और उन लोगों के कपड़े उतारने लगा.
मैंने जल्दी ही उन सभी को नंगा कर दिया.

उन सभी के लंड वाकयी में बहुत बड़े बड़े थे.
सभी के लंड मेरे सामने थे. सभी के लंड लगभग सात से साढ़े सात इंच लम्बे और ढाई इंच मोटे थे.
उनमें से सबसे बड़ा लंड रोहन का था.

सनी ने कहा कि चल रंडी अब इसे तैयार कर!

मैं बारी बारी से उनके लंड को चूसने लगी.
सोनू ने कहा- आह साली क्या मस्त लंड को चूस रही है.

सभी ने मेरे मुँह को लगभग आधा घंटा तक चोदा.
इसके बाद उन्होंने मुझे डॉगी स्टाईल में बैठा दिया.

अब रोहन मेरी गांड को सहलाने लगा.
सोनू और सनी मेरी चूचियों को मसलने लगे और राहुल मेरे मुँह को चोदने लगा.

रोहन ने मेरी गांड को सहलाते सहलाते एक खींच के- तमाचा मारा, जिससे मैं ‘अआ मर गई …’ कहती हुई चिल्ला उठी.

रोहन अब लगातार मेरी गांड पर तमाचा मारकर मेरी गांड को लाल कर दिया.
उसके बाद रोहन ने मेरी गांड में उंगली डाल दी और मेरी गांड में अन्दर बाहर करने लगा.
ऐसा करने से मुझे बहुत मजा आया.

रोहन ने उंगली करने के बाद अपने लंड को मेरी गांड के छेद से लगाया और रगड़ने लगा.
तब मैंने कहा कि अब और न तड़पाओ, मेरी गांड को जल्दी से फाड़ दो!

यह सुनते ही रोहन ने ढेर सारा थूक मेरी गांड पर लगाया और अपने लंड पर भी लगा कर मेरी गांड में घुसाना चाहा.
लेकिन उसका लंड फिसल गया.

तब वह तेल ले आया और मेरी गांड पर गिरा कर उसे उंगली से अन्दर तक फैला दिया.

थोड़ा तेल उसने अपने लंड पर भी लगाया.
उसके बाद उसने अपने लंड को मेरी गांड की छेद पर रखा और एक झटके में अपना पूरा लंड मेरी गांड में घुसा दिया.

मेरी चीख निकल गई ‘अआ फट गई आह मम्मी रे उउ‌ ऊउई.’

मेरी गांड में लंड जाते ही मुझे ऐसा लगा, जैसे कोई गर्म लोहा मेरी गांड में घुसा दिया गया है.
मैं आह आह कर चिल्लाने लगा और रोते हुए कहने लगा- प्लीज इसे बाहर निकालो.

लेकिन रोहन ने लंड नहीं निकाला और वह मेरे चूचियों को मसलने लगा.

उधर सोनू, मोनू, सनी व राहुल मेरे मुँह को लंड बदल बदल कर चोद रहे थे.
जब मेरा दर्द कम हुआ तो मैं गांड को हिलाने लगा.

रोहन समझ गया कि अब स्पीड बढ़ानी है.
वह बहुत स्पीड में मेरी गांड फाड़ने लगा.

लगभग दस मिनट तक मेरी गांड फाड़ने के बाद वह हट गया और सोनू आ गया.

उसने डॉगी स्टाइल में मेरी गांड में लंड डाला और बेरहमी से चोदने लगा.

उधर मोनू और राहुल मेरी चूचियों को पी रहे थे. रोहन व सनी मेरे मुँह को चोद रहे थे.

कुछ देर चोदने के बाद वह हट गया और सनी आकर मुझे घोड़ी बनाकर चोदने लगा.
पाँच मिनट गांड फाड़ने के बाद वह हट गया और राहुल आ गया.

उसने मुझे दीवार से चिपकाकर मेरी गांड को फाड़ना शुरू कर दिया.
वह भी कुछ समय बाद हट गया.

अब रोहन ने मुझे बिस्तर पर पटक दिया और मेरे पैरों को टांग कर गांड को फाड़ा.
इसी पोजीशन में सभी ने मेरी गांड फाड़ी.
साले सब तीन घंटे तक गांड फाड़ते रहे.

फिर कहा कि कहां लोगी? गांड में कि मुँह में?
मैंने कहा कि मुँह में लेकर स्वाद चखना चाहता हूं.

तब सभी ने मुझे जमीन पर घुटने के बल बैठाया और कहा- चूसो.
मैंने वैसा ही किया.

लगभग पाँच मिनट तक सबके लंड चूसने के बाद उन्होंने एक एक करके मेरे मुँह में अपना वीर्य गिराना शुरू कर दिया.

मैं उनके लंड से टपका अमृत पीता गया.
फिर उन सबके लंड को चाटकर साफ़ कर दिया.

मैंने उंगली लगा कर देखा कि मेरी गांड से खून आ रहा है और मैं ठीक से चल भी नहीं पा रहा था.
मैं बाथरूम में लड़खड़ाते हुए गया और सारा खून को साफ किया, फिर नहा कर बाहर आ गया.

तब सनी ने पूछा कि क्या रे रंडी, गांड फड़वाकर कैसा लगा?
मैंने मुस्कुरा कर कहा- मुझे बहुत मज़ा आया. पहली बार में इतना मजा आया कि मैं सोच भी नहीं सकती थी. आज मैं जैसा चुदाना चाहती थी, वैसे ही तुम लोगों ने फाड़ी है. आज मैं ठीक से चल भी नहीं पा रही हूँ. मैं बहुत खुश हूँ.

वे सब खुश हो कर मुझे चूमने लगे.

तब मैंने रोहन से कहा कि मेरे लिए ब्रा और पैन्टी लाकर दो.
रोहन झट से गया और पाँच सैट ब्रा और पैन्टी के लाकर दिए.

मैंने एक ब्रा और पैन्टी उन लोगों के सामने पहन ली और आगे जाकर रोहन के लंड को सहलाने लगा.

तब सनी ने कहा- साली अभी तेरा मन नहीं भरा क्या रंडी!
मैंने कहा- हां मेरे मालिक, अभी एक बार और अपनी गांड को फड़वाना चाहती हूं.
तब रोहन ने कहा कि ठीक है, चल लंड को चूसो.

मैं लंड चूसने लगी.

उन लोगों का लंड जल्दी ही तैयार हो गया और रोहन ने कहा- चल साली, एक बार फिर तेरी गांड को फाड़ देते हैं.
रोहन ने मुझे उठा कर बिस्तर पर पटक दिया.
उसने मेरी ब्रा को निकाल कर फेंक दिया व पैन्टी को भी उतार दिया. फिर मेरी टांग को उठा कर मेरी गांड में अपना मूसल जैसा लंड डाल दिया. उसने पल भर का भी समय नहीं दिया और बेरहमी से चोदने लगा.

मैं मज़े में ‘अआह आआ‌ह.’ करके चिल्लाने लगी.

उसके बाद एक एक करके सभी लोग अलग अलग पोजीशन में लगभग डेढ़ घंटे तक मेरी गांड को फाड़ते रहे. सबने अपना सारा वीर्य मेरी गांड में डाल दिया.

उसके बाद सब मेरी चूची को मसलने लगे. उसके बाद रोहन ने कहा कि मुझे पेशाब लगी है, जाकर मूत कर आता हूं.
तब मैंने कहा- आज तुम अपनी पेशाब से मुझे नहा दो. रोहन मुझे बाथरूम में लेकर गया और मुझे घुटने के बल बिठा कर मेरे ऊपर मूतने लगा.
मुझे बहुत मजा आया.

वह वहां से चला गया और मैं नहा कर लड़खड़ाते हुए बाहर आई.
तब राहुल ने पूछा कि रंडी तुझे मजा आया?

मैंने कहा- हां मुझे मजा आया. तुम लोगों को आया कि नहीं?
इस पर सोनू ने कहा- पहली बार तेरी जैसी रंडी की गांड फाड़कर मजा आ गया.

मैंने कहा- तुम लोग ने मेरी चूचियों को काटकर अपनी अपनी निशान दे दो. फिर जब भी मैं इन निशानों को देखूँगी, तब तब मुझे यह चुदाई याद आएगी.

यह सुनते ही रोहन ने मेरे दाएं साइड की चूची के बीच में काटा और सोनू ने बाईं साइड की चूची के बीच में काटा.
इसी तरह से मोनू और राहुल ने अलग अलग साइड की चूची को काट कर निशान बनाए.

उसके बाद मैंने ब्रा और पैन्टी को पहना. उसके ऊपर शर्ट और लोअर पहना. उन लोगों ने भी अपने अपने कपड़े पहने और मेरा नंबर लिया.

मैंने कहा कि जब भी तुम लोगों का मन किया करे, तब मुझे बुला कर मेरी गांड फाड़ कर मजा ले लेना.
जो ब्रा और पैन्टी उन लोगों ने मुझे दिए थे, उसे लेकर मैं घर आ गई.

सही में बता रहा हूं दोस्तो, उन सालों ने मेरी गांड को फाड़ा ही नहीं था बल्कि भोसड़ा बना दिया था.

मैं चार दिनों तक ठीक से चल भी नहीं पा रहा था और मेरी गांड सूज गई थी.

उनकी गांड चुदाई से मेरा शरीर तीन दिन तक दर्द किया. सही में दोस्तों, जब भी मैं वह दिन याद करता हूं तो मेरी गांड मराने के लिए मन मचलने लगता है.

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