जीजू से गांड मरवाकर बना जीजी का सौतन

(Gay Boy Gand Xxx Kahani)

राजन बजाज 2024-12-28 Comments

गे बॉय गांड Xxx कहानी में मैं अपनी रिश्तेदारी में शादी में गया तो रिश्ते में मेरे जीजू से मिला। जीजू का जिम वाला बदन देख मेरी गांड में खुजली होने लगी. मैंने जीजू को पटाना शुरू किया.

नमस्कार दोस्तो,
मैं आपका प्यारा रंजन एक और घटना लेकर हाज़िर हूँ।
एक बात बता दूं दोस्तो कि हम जैसे होते हैं तो हादसे भी ज़िन्दगी में वैसे ही घटते चले जाते हैं।

हाल ही में हुई मीठी सी घटना ले कर मैं आपके लिए हाज़िर हूँ।
यह प्यारा हादसा इतना दिल को लगा कि पहले इसे ही पोस्ट करने का इरादा कर लिया।
इसलिए देर न करते हुए मैं अपनी गे बॉय गांड Xxx कहानी आपको सुनाता हूं।

मामीजी के भाई की बेटी की शादी थी।
तो हम सबको उसके ससुराल से न्यौता था तो जाना पड़ा।

इस बार मम्मी मुझे भी साथ ले गई कि पापा मेरी गांड न मार सकें।
मेरी पिछली कहानी
पापा की मार फिर लंड से प्यार
में आपने पढ़ा होगा कि कैसे मेरे पापा ने मेरी गांड मारी थी.

दोस्तो, लेकिन क्या पता था कि वहाँ भी मुझे मेरा आशिक़ मिल जाएगा।

वहां पर मैं अपने नये जीजू से मिला।
बातों बातों में उनसे पट गई।

चाय-पानी के बाद जीजू मुझे अपने रूम में ले गये।
बातें करते हुए बोले- रंजन, तू बोलता बहुत कम है और शर्माता लड़कियों की तरह है। इसे अपना ही घर समझ!

मैंने कहा- जीजू, यह बात नहीं है, औरतों में मैं क्या बोलता … मुझे तो लेडीज़ पसंद ही नहीं।
वो हँसकर बोले- तो क्या लड़के पसंद हैं?

उनके चेहरे पर मुस्कान थी तो मैंने भी मौके पर चौका मारते हुए कहा- हां लड़के तो बहुत पसंद हैं जीजू, लेकिन आप जैसे हैंडसम!

वे एक पल के लिए मुझे देखते रह गए।

इतने में मैंने बात बदल दी- जीजू, मतलब आप जैसी मस्क्युलर बॉडी वाले … जो मुझे जिम की टिप्स दे सकें।
वे हँसते हुए बोले- जिस्म तेरा लड़कियों की तरह नाजुक है, तू जिम के टिप्स लेकर क्या करेगा?

मैंने कहा- ऐसा मत बोलो जीजू, मैं भी बहुत वजन उठा सकता हूँ।
जीजू हंस दिये और बात खत्म हो गई।

लेकिन मेरे दिल में तो जीजू की बॉडी बस गई थी और मैं अपनी बहन का सौतन बनने का सोचने लगा।

जैसे-तैसे शाम हुई तो जीजू बोले- रंजन पार्टी करते हैं आ जा … ड्रिंक एंजॉय करते हैं।
मैं तो वैसे ही दारू का शौकीन था और सोचा कि जीजू का मूड बनवाकर अपनी खुजली मिटवा लेता हूँ, शायद आज जवान लंड मिल जाये.

और रिश्तेदारी में बदनामी का डर भी नहीं था तो मेरे दिमाग में प्लान बनने लगा।

हम लोग बाहर पीने के लिए चले गए। हम पास के एक बार में गए।
वहां हमने पार्टी शुरू कर दी।

दो तीन पैग के बाद जीजू मेरे साथ रोमांटिक होने लगे और बातों बातों में सेक्स की बातें करने लगे।
बोले- और सुना कितनी गर्लफ्रेंड हैं तेरी?
मैं- मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है जीजू!

जीजू- क्या? एक भी नहीं? अरे तू तो इतना चिकना है कि लड़कियां क्या लड़के भी तुम पर फिदा हो जाएं।
मैंने कहा- जीजू, लड़के ही मुझ पर फिदा होते हैं, लड़कियां नहीं।

वे हँस पड़े।

फिर हम बियर बार से घर की तरफ चल पड़े।

जीजू ने दारू, सोडा, चखना साथ ले लिया और घर आकर बोले- चल छत पर बैठ कर पीते हैं और वहीं रूम में सो जाएंगे।

मैंने हंस कर कहा- आप मेरे साथ सोयेंगे?
वो बोले- घर में इतने मेहमान हैं, और ज्यादातर लेडीज ही हैं। वो नीचे रूम में सो जाएंगी और हम ऊपर वाले रूम में।

मैंने मन ही मन भगवान से प्रार्थना की कि भगवान आज मेरी सुहागरात मनवा दे तो तेरा सारी उम्र धन्यवाद करता रहूंगा।
मगर मुझे क्या पता था कि जीजू खुद भी मुझ पर फिदा हैं, और आज रात मेरी ढोलकी बजने वाली है।

फिर हम छत पर जाकर अपनी पार्टी करने लगे।
हमने छत पर बैठे-बैठे बोतल खत्म कर दी।

मम्मी छत पर आई और बोली- तू कहाँ सोयेगा?
मेरे कहने से पहले ही जीजू बोले- आंटी ये मेरे साथ ही सोयेगा।

मम्मी ने एक पल मुझे देखा जैसे मन में ही मुझे कह रही हो कि यहां अपना रंडीपना मत दिखाना।

तब मम्मी बोली- दामाद जी, इसे नीचे ही सोने दीजिये कहीं आपको तंगी न हो?

जीजू टल्ली हो चुके थे, वे मुझे जफ्फी डालते हुए बोले- नहीं-नहीं आँटी … ये तो बहुत प्यारा है, ये क्या डिस्टर्ब करेगा, हम बातें करते हुए सो जाएंगे।

मम्मी के पास कोई चारा नहीं था तो वो मुझे साइड करते हुए अपने करीब ले जाकर बोली- इसे खसम मत बना लेना!
मैंने स्माइल देते हुए कहा- मम्मी ये तो रात ही बताएगी!

दोस्तो, मम्मी जानती थी कि मैं गांडू गे बॉय हूँ.
वो बात मैं अगली गांड Xxx स्टोरी में बताऊंगा।

तो हमसे बातें करने के बाद मम्मी चली गई।
मैं जीजू के साथ बेड पर आ गया।

मुझे भी बहुत नशा हो गया था और मेरी गांड की खुजली मुझे चीख-चीखकर कह रही थी कि आज जीजू के लन्ड का टेस्ट जल्दी दिला, मेरा मुँह जीजू का लंड चूसने के लिए कब से लार बहा रहा था।

जीजू बोले- ये कमीज और पैंट उतार दे, इन कपड़ो में नींद नहीं आएगी।
मैं कोई नाइट सूट भी साथ नहीं ले गया था।

मैंने जब कपड़े उतारे तो जीजू बोले- वाह रंजन, तेरा जिस्म तो सच में लड़कियों जैसा है! जरा बनियान तो उतार कर दिखा।

मैं भी नशे में था और मैंने फॉरमेल्टी करनी जरूरी नहीं समझी क्योंकि मुझे भी चुदने की आग लगी हुई थी।
मेरा चिकना बदन देखकर जीजू की आंखों में चमक आ गई।

वे मेरी छाती पर हाथ फिराते हुए बोले- वाह मेरी जान … तेरी छाती तो लड़कियों जैसी है।
उनके हाथ फेरते ही मेरे मुंह से सिसकारी निकल गई।
जीजू बोले- सच बता तू गे बॉय है ना … बॉटम Xxx गांड मरवाने वाला?

मैंने सिर झुकाकर कहा- हाँ जीजू, मगर प्लीज मुझे डांटना मत और किसी को बताना मत!
जीजू हँस पड़े और बोले- मैं सुबह ही तुमसे बातें करते वक़्त समझ गया था कि तू चिकनी चमेली है, तेरी Xxx गांड मारने तो तुझे अपने पास सुलाया है।

ये सुनते ही मैं चौंक पड़ा और बोला- सच जीजू? आप भी मुझे प्यार करने को बेकरार थे?
जीजू- मैं भी मतलब? अच्छा मतलब तू मन ही मन मुझसे चुदवा रहा था खुद को?

मैं- हाँ जीजू … मैं तो आप पर सुबह ही फिदा हो गया था और भगवान से कह रहा था कि भगवान जी मुझे जीजू दे दो, चाहे एक ही रात के लिए।

जीजू- अरे वाह मेरी जान, तू तो बहुत प्यारी चीज़ है।
इतना कहते ही उन्होंने मुझे बांहों में भर कर मेरे होंठों से होंठ मिला दिए।
मैं भी उनका साथ देने लग गया।

दोस्तो, आप सोचो कि शराब का नशा और ऊपर से सेक्स की आग … उई मा … मैं तो जीजू की बांहों में सिमट ही गया।
जीजू ने झट से अपना अंडरवियर उतारा और मुझे भी नंगा कर दिया।

कमरे की दूधिया रोशनी और मेरा गोरा बदन, जिस पर एक भी बाल नहीं था।
आप सोच कर देखिये कि मेरी कातिल जवानी कैसी रही होगी।

जीजू मेरे लड़कियों जैसे दूध जोर से भींचने लगे।
मुझे दर्द के साथ जो मजा आ रहा था बस क्या बताऊँ … मेरे हाथ खुद ही जीजू के लन्ड पर चले गए।

जब मैंने लंड हाथ में लिया तो मैं शॉक रह गया!
इतना विशाल लंड!

जीजू सीधे लेट गए और बोले- चूस इसे … तेरी दीदी तो मुँह में लेती नहीं। मैंने तो सोचा था कि लंड चुसवाने की तमन्ना दिल में ही रह जाएगी।

मैंने हँसते हुए कहा- जीजू मेरी जान … आपकी हर इच्छा पूरी करना मेरा धर्म है क्योंकि आप मेरे एक रात के पति हो।

जीजू का गोरा-चिट्टा लंड देखकर तो मुझसे रहा नहीं गया और घप्प से मैंने लंड को मुंह में ले लिया।
मुंह में लंड मुश्किल से आ रहा था।

जीजू के लंड का गुलाबी सुपाड़ा मुझे और पागल बना रहा था।
मैंने जीभ से सुपाड़ा चाटा तो जीजू की आह … निकल गई।

लंड की चमड़ी पीछे करके सुपाड़े को मुंह में भरकर मैंने हल्के दांतों से चमड़ी को थोड़ा काट लिया।
जीजू बोल पड़े- आह मेरी जान … तुमने तो मुझे जन्नत का सुख दे दिया।

जीजू का लंड पाकर मैं भी मस्त होता जा रहा था।
कभी मुंह में भरता तो कभी लंड को हल्का सा काटता।

अब नीचे गोटियों को एक-एक करके मुंह में भरा तो जीजू जन्नत की सैर पर निकल गए।

जीजू की आंखें मारे मजे के एकदम से ऊपर चढ़ गईं।
वो बस आह्ह … आह्ह … के अलावा कुछ नहीं बोल पा रहे थे।

मैंने और ज्यादा मस्ती में लंड को मुंह के अंदर पपोलना शुरू कर दिया।

अब जीजू से कंट्रोल करना जैसे अंसभव हो गया।
जीजू ने मेरे सिर को दोनों हाथों से दबा दिया और उनके लंड ने मेरे गले में जोर की पिचकारी दे मारी।

झटके पर झटके देते हुए जीजू मेरे मुंह में खाली होने लगे।
उनके वीर्य की हर पिचकारी मुझे मेरे गले में लगती हुई महसूस हो रही थी।
तभी उन्होंने एकदम से लंड को बाहर खींच लिया और कुछ वीर्य धार मेरे गालों और आंखों पर भी आ गिरी।

मुझे वीर्य चाटने में घिन आती है।
वाशरूम अटैच था तो मैं उठकर वहां चला गया।
मैं जल्दी से मुंह धोकर आ गया।

मैंने जीजू का लंड साफ करके फिर से चूसना शुरू कर दिया।
दस-पन्द्रह मिनट में ही लंड फिर से फुँकारे मारने लगा।

जीजू बोले- चल गांडू … मेरे खड़े लंड पर बैठ जा!

मैंने कहा- जीजू मेरी फट जाएगी! मैं कोई रोज-रोज गांड नहीं मरवाता कि मुझे तजुर्बा हो, और मेरा छेद खुला हुआ हो।
जीजू उठ कर फ्रिज से मलाई ले कर आए और अपने लंड पर लगा ली।

फिर एक उंगली से मेरी गांड पर भी मलाई लगा दी।
बोले- अब बैठ!

मैं हिम्मत करके बैठने लगा तो जीजू ने कंधे पकड़कर जोर से मुझे नीचे की तरफ धकेल दिया।

पच्च से लंड एक चौथाई अंदर चला गया।
इससे पहले कि मैं चीखता … जीजू ने मेरे होंठ अपने होंठों से बंद कर दिए।

मैं दर्द से बिलबिला उठा लेकिन नशे के असर और गांड मरवाने के सुरूर में मेरी आवाज दब गई।

तभी जीजू ने दूसरा झटका मारा और उनका लन्ड मेरी गांड में घर बना गया।
मैं चीखा- आह्हह जीजू … ईईईस ऊईईई मा … निकाल लो … ओह्ह दर्द हो रहा है बहुत! प्लीज जीजू!

लेकिन जीजू बोले- साले गांडू आराम से बैठा रह, थोड़ी देर दुखेगी फिर मजे से चुदेगा तू।

जीजू मेरी चूचियों को भींचने लगे और गांड को प्यार से सहलाने लगे।
पांच मिनट बाद मेरा दर्द खत्म हो गया।

अब मैं आराम से जीजू के लंड पर कूदने लगा।

कुछ देर में ही मुझे चुदाई का पूरा मजा आने लगा और मैं उछल-उछल कर गांड मरवाने लगा।
जीजू का मूसल लौड़ा मेरी गांड को चौड़ी फैलाता जा रहा था।

वे मेरे चूतड़ों को पकड़े हुए मुझे ऊपर-नीचे करते हुए लंड पर कूदने में मदद कर रहे थे।

मैं रंडी की तरह जीजू के लंड की सवारी कर रहा था और मेरी गांड में लंड इतना मजा दे रहा था कि क्या बताऊं।
मन कर रहा था कि जीजू के लंड से चुदता ही रहूं।

दस मिनट बाद जीजू ने मुझे घोड़ी बना लिया और दे दनादन झटके पर झटके देने लगे।
मैं सिसकारते हुए कहने लगा- आह्ह … जीजू मजा आ गया … फाड़ दो मेरी गांड, बहुत तंग करती है इसकी खुजली! आह जीजू … मुझे अपनी रखैल बना लो, रोज मेरी गांड मारा करो।

जीजू भी मेरी हर सिसकारी के साथ जोर का धक्का मार रहे थे।

पांच मिनट उन्होंने मुझे नीचे लिटा लिया।
अब मेरी टांगें उठाकर कंधों तक लगा दीं।
वे फिर से लंड डालने लगे।

अब उनका लंड मुझे अंदर तक महसूस हो रहा था।
मैं तो जैसे चुदाई के मजे में हवा में उड़ने लगा था।

तभी एकाएक जीजू के बदन में झटके लगने लगे।
मेरी गांड में जीजू के लंड के वीर्य का विस्फोट होने लगा और जीजू ने अपना लावा मेरे अंदर भर दिया।

मेरी खुजली मिट चुकी थी।
हमने उठकर कपड़े पहने और मैंने खुद को धोया और साफ किया।

फिर हम दोनों सो गये।
रात को मुझे बहुत अच्छी नींद आई।

सुबह उठा तो शराब की वजह से थोड़ा सिर दर्द कर रहा था।
लेकिन जीजू के लंड की वजह से गांड में मीठी-मीठी जलन हो रही थी।

दोस्तो, यह थी मेरी कहानी!
कई दिन हो गए हैं जीजू के घर से आए हुए लेकिन अब दिल नहीं लग रहा है।
दिल चाहता है कि कोई जीजू जैसा लंड मिल जाए जो अच्छे से चोदकर मेरी गांड की प्यास बुझा दे।

आपको मेरी स्टोरी कैसी लगी जरूर बताना।
मैं अपनी चुदाई की और भी कहानियां व गांडूपने के किस्से आप लोगों तक पहुंचाता रहूंगा।
लेकिन उससे पहले इस गे बॉय गांड Xxx कहानी पर अपने कमेंट्स जरूर दें।
कमेंट बॉक्स में अपनी राय लिखें।

आप मुझे ईमेल भी कर सकते हैं।
[email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top