आंटी के यार ने की गांड चुदाई दमदार- 2
(Cross Dress Xxx Kahani)
क्रॉस ड्रेस Xxx कहानी में मेरी मकान मालकिन ने बॉयफ्रेंड ने मेरी गांड मारी मुझे लड़कियों वाले कपड़े पहना कर. वह मेरे लिए लड़की बनने का सारा सामान लेकर आया था.
फ्रेंड्स, मैं अपनी गांड चुदाई की इस गे सेक्स कहानी में आपका पुनः स्वागत करता हूँ।
कहानी के पहले भाग
आंटी के बॉयफ्रेंड ने मुझे देख लिया
में अब तक आपने पढ़ लिया था कि रमन मुझे एक पैकेट थमा कर यह कहते हुए चला गया था कि तेरे पास 15 मिनट हैं।
अब आगे क्रॉस ड्रेस Xxx कहानी:
मैंने देखा कि यह तो वह थैली है, जो रमन आंटी के लिए लाया था.
उसे मैंने खोल कर देखा तो उसमें एक पर्पल कलर की मस्त नाइटी थी. बड़े नेट वाली ब्रा पैंटी थी. कंडोम के दो पैकेट थे, एक परफ्यूम था और लिपस्टिक थी.
मैंने गेट बंद किया और वह सब सामान निकाला.
अगले ही पल मैं पूरा नंगा हो गया.
मैंने पहले बाथरूम में जाकर देखा, वहां ट्रिमर था.
मैंने फटाफट अपनी बॉडी से सारे बाल निकाले और थोड़ा डियो लगाया.
फिर बाहर आकर ब्रा पैंटी पहन ली.
वह मुझे हल्की टाइट लगी, पर फिट आ गई.
मैंने नाइटी को पहन लिया और बेड पर बैठ गया.
तब मैंने खुद को दर्पण में देखा, मैं लड़की तो नहीं … पर काफी सही लग रही थी.
मैंने सोचा कि आज मेरी दमदार ठुकाई होगी.
तभी वह आ गया.
दरवाजे पर खटखट हुई तो मैंने दरवाजा खोला.
उसने अन्दर आकर दरवाज़ा बंद किया और मुझे कमर से पकड़ कर पास खींच लिया.
मैंने भी खुद को उसे सौंप दिया.
मुझे उठा कर उसने बेड पर पटक दिया और खुद मेरे ऊपर पूरा चढ़ गया.
उसने कहा- तेरी कमर तो किसी भी लड़की से पतली है, काफी मस्त है.
मैंने उसको कस के पकड़ लिया.
उसने खुद को छुड़ाया और खुद की टी- शर्ट को निकाल कर लेट गया.
मैं भी उसके ऊपर चढ़ गया और चूमते हुए उसकी पैंट के पास आ पहुंचा.
मैंने उसकी पैंट खोली और धीरे हाथ घुमाया.
मुझे पता चला कि उसका सांप मेरी लेने को पूरा तैयार था.
मैंने बिना देरी किए अंडरवियर भी निकाल दिया.
अब उसका नंगा सांप मेरे सामने था.
मैंने कहा- ओह रमन, क्या मस्त लंड है तुम्हारा!
उसने मेरा सर पकड़ा और धप करके मेरे मुँह में लंड डाल दिया.
मैंने भी लपक लपक कर लंड चूसना शुरू किया.
वह बोला- चल बे, मुझे तुझसे रोमांस नहीं करना … बस वह साली कुतिया 3 महीने से चुदने को मना कर रही है इसलिए तेरी बजाने का मन हुआ.
मैंने मन ही मन आंटी को थैंक्स बोला और जोर जोर से उसका लंड निगलने लगा.
उसने मुझे ऊपर खींचा और बोला- पहले कभी लिया है?
मैंने हामी में सर हिलाया.
उसने कहा- फिर ठीक है.
अब उसने मुझे बेड पर उल्टा पटक दिया.
मैंने उसे रोका और पैकेट से कंडोम निकाल कर उसे पहना दिया.
उसके लंड को कंडोम पूरा कवर नहीं कर पा रहा था, पर इतना भी ठीक था.
उसका लंड काफी मोटा था.
उसने मुझे गाली दी- चल साली, कुतिया बन जा!
मैंने वैसे ही किया.
उसने मेरी नाइटी थोड़ी ऊपर सरका दी और गांड नंगी कर दी.
उसने कहा- तेरी गांड तो काफी पतली है, चल जो भी है … मुझसे चुदेगा तो मोटी कर दूंगा!
मैं तैयार तो था ही … पर डर बहुत लग रहा था.
मैंने उससे पूछा- आप आंटी से कैसे मिले?
उसने मुझे बताया- मैं एक प्ले ब्वॉय था पहले … और वहीं आंटी से मिलना हुआ था।
इतना कह कर उसने मेरी गांड पर थूका और पास को सरक आया.
मैंने भी स्वागत मैं अपनी गांड ढीली छोड़ ऊपर कर दी.
उसने कहा- सह लेगा?
मैंने हां बोला.
उसने थोड़ा लंड को गांड पर घिसा और मैंने आंखें बंद कर लीं.
मेरी कमर को उसने कस कर पकड़ा, मैंने भी तकिए को कस कर पकड़ा और दांतों के बीच दबा दिया.
उसने दम लगा कर एक जोर का धक्का दिया, मेरी आंखें फट गईं … मुँह से आवाज नहीं निकल पा रही थी और गांड तो मानो फट गई हो, इतना दर्द होने लगा था.
मैं छटपटाने लगा.
मेरी टांगें कांपने लगीं, मैं हाथों से विरोध करने लगा.
उसने मुझे झापड़ मारा, अपने नीचे दबाया और एक जोर का धक्का दे मारा.
इस बार मेरे मुँह से तेज चीख निकल गई.
मैं जितना खुश पहले था, उतना रोने लगा.
मैंने उससे कहा- प्लीज़ निकाल दो, मैं नहीं सहन कर पाऊंगा तुम्हारा फ़ौलाद … मुझे माफ कर दो!
उसने मेरे मुँह में कपड़ा डाल दिया और थोड़ा और जोर लगाया.
मुझे असहनीय दर्द हो रहा था.
मैं नीचे गिरने की कोशिश कर रहा था पर उसने मेरी कमर कसके पकड़ रखी थी.
मैंने छुड़ाने की कोशिश की, उसने और जोर से धक्का दे दिया.
मैंने रोते हुए बोला- जान ले लो या छोड़ दो!
उसने कहा- शुरू शुरू में ऐसे ही होता है, बाद में सब कहती हैं और डालो और डालो.
मैंने कराहते हुए कहा कि लड़कियों का छेद गहरा होता है.
उसने कहा- तू भी किसी रण्डी से कम नहीं है भोसड़ी के!
इतना कह कर उसने लगातार धक्के लगाने शुरू कर दिए.
उसने मेरी लेते हुए बताया- उस प्लेब्वॉय क्लब से मेरी पहली कॉल पर मुझे एक होटल जाना था. मैं वहां पहुंचा और वहां जाकर मैंने कस्टमर के कमरे का नंबर लिया. उस कमरे में ये आंटी रो रही थी. मैं उसके पास गया और मैंने उसे थोड़ा संभाला.
मैंने उसकी बात में रुचि लेते हुए ‘हुं हुं.’ कहा।
वह आगे बोला- कुछ देर बाद हम दोनों ने किस शुरू किया और बहुत अच्छा सेक्स किया. सेक्स के बाद पता चला कि जहां मुझे जाना था, वह कमरा दूसरा वाला था और यहां मैं गलती से आ गया था. आंटी चुदाई में मस्त माल लगी, तो मैंने उसे अपनी गर्लफ्रेंड बना लिया और मेरी इस हरकत की वजह से कस्टमर ने कंप्लेन कर दी. मेरी पहली मीटिंग थी तो मुझे निकाल दिया गया.
इतना कह कर उसने और तेज तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए.
अब मेरी गांड बुरी तरह फट रही थी, खून बह कर मेरी जांघों तक आ रहा था.
उसने बिना दया किए 10 मिनट लगातार मेरी बजाई.
मैंने आंखें बंद कर लीं और चीखों के साथ उसके झटके सहने लगा.
उस वक्त मैं मन ही मन खुद को गाली देने लगा था कि किस राक्षस से अपनी फड़वाने आ गया.
इतनी देर तक गांड मराने के बाद भी मेरा दर्द कम नहीं हुआ था.
फिर उसकी पकड़ ढीली होते ही मैं नीचे गिर गया.
मैं शायद बेहोश हो चुका था.
जब होश आया, तब वह मेरे ऊपर ही लेटा था और दमदार तरीके से अब भी मेरी गांड बजा रहा था.
उसके धक्के इतनी तेज लग रहे थे कि पूरा बेड हिल रहा था.
मेरी गांड फट चुकी थी और उसका पूरा लंड गांड में अन्दर तक किसी तलवार की तरह घुस रहा था.
अब भी मुझे दर्द पहले जितना ही था मेरी गांड चुदाई को 20 मिनट हो गए थे.
वह किसी हैवान की तरह चिल्ला चिल्ला कर मेरी लिए जा रहा था- साली कुतिया उठ … तूने बहुत तंग किया है बहन की लौड़ी … आज तेरी गांड ही फाड़ डालूंगा.
मुझे समझ में आ गया कि वह आंटी का सारा गुस्सा मेरी गांड पर निकाल रहा है.
जब मैंने उसे समझाते हुए शांत किया।
उसने कहा- अरे यार, 5 महीने तक इस आंटी ने बहुत मजे दिए, पर अभी कुछ दो महीने से उसे सेक्स अच्छा नहीं लग रहा है और मेरे पास दूसरी लड़की पटाने का टाइम नहीं होता, तो उसे ही झेल रहा हूँ.
इतना कह कर उसने एक बार फिर से मेरे बाल पकड़ लिए और कमर हिला हिला कर मेरी गांड को बुरी तरह बजाने लगा था.
मैंने आस छोड़ दी थी कि ये आज मुझे जिंदा छोड़ेगा. मैंने आंखें बंद की और कोशिश की कि मैं भी इस चुदाई को थोड़ा ही सही, पर एन्जॉय कर पाऊं.
तब मैंने उसे रोका और बताया कि शायद कंडोम का लुब्रिकेंट खत्म हो गया है!
वह मेरी गांड से लंड निकाल कर हटा और उसी के साथ मैं भी उठ गया.
उसने फटाक से कंडोम निकाल कर फेंक दिया. मैंने अंडरवियर से उसका लंड साफ किया.
उसने मुझे कमर से पकड़ा और बैठे बैठे ही खुद के लंड पर लैंड करा दिया.
अब मैंने उसे टाइट पकड़ा और उसने लंड पकड़ कर मेरी गांड में दन्न से घुसा दिया.
इस बार मुझे शुरू में दर्द नहीं हुआ, पर जैसे ही उसने धक्के लगाए … दर्द बहुत तेज होने लगा.
मैंने उसे बहुत टाइट पकड़ लिया और उससे कहा- रमन मार डालो आज मुझे … मैं तुम्हारी हूं!
उसने इतना सुन कर धक्कों की स्पीड दोगुनी कर दी.
अब मुझे दर्द तो कम नहीं हुआ, पर मजा आना शुरू हो गया.
मैंने खुद को संभाला, दर्द को भुलाया और उछलने लगा.
मैं भी किसी चालू रण्डी से कम नहीं था.
उसने कहा- अब बहुत मजा आ रहा है!
मैंने कहा- हां अब अच्छा लग रहा है!
उसने मुझे थोड़ा कसके पकड़ कर नीचे को धकेला और मेरी कमर को किसी शिकंजा के जैसे दबोच कर जोर के झटके देता हुआ झड़ गया.
मेरी अन्दर की रण्डी अब भी उसके लंड पर उछल रही थी. पूरा रस निकलने के बाद उसने मुझे साइड में फेंक दिया.
क्रॉस ड्रेस Xxx करने से मुझे अभी भी बहुत दर्द था, मैं लेट गई.
अगले कुछ पल बाद वह वापस मेरे ऊपर आ गया और बोलने लगा- मैंने बहुत लड़कियों की मारी है, पर तेरी लेने में उनसे कम मजा नहीं आया!
मैं खुश था कि मैंने रमन को मजा दिया.
उसने मुझे पकड़े रखा और मैं थक कर सो गया.
जब उठा तब तक सुबह के 5 बज गए थे.
मेरी दमदार चुदाई हुई थी तो अब मुझसे चला भी नहीं जा रहा था.
मैं जैसे तैसे उठा और वाशरूम यूज किया, उधर खुद को साफ किया और बाहर आकर उसे देखा.
उसने लोअर पहन रखा था. रात को शायद उसने उठकर खुद को साफ किया था.
मैं जाकर उससे चिपक गई.
इतने खतरनाक दर्द लेने के बाद भी मेरे अन्दर की रण्डी उससे और चुदवाना चाह रही थी.
मैंने उसके लोवर के ऊपर से उसके लंड को सहलाना शुरू कर दिया.
वह कच्ची नींद में था तो उसका लंड अकड़ कर खड़ा हो गया.
उसने मुझे पकड़ कर अपने पास खींचा और बोला- साली छमिया, आ जा तेरी और बजाता हूँ!
मैंने उसे पकड़ा और उसके ऊपर चढ़ गया; उसका लोअर निकाला और लंड निकाल कर थोड़ा सहलाया.
उसका लंड अब मूसल कड़क बन चुका था और फुंफकार भर रहा था.
मैंने हल्का सा दबाया, तो उसने कहा- रुक जा रण्डी, तेरी गांड मारकर ये छिल गया है!
उसने इतना कहा तो मैंने कंडोम निकाला और लंड को पहना दिया.
मैंने कहा- इससे नहीं छिलेगा!
उसने मुझे पकड़ कर अपने ऊपर लिया और लंड पर बिठा दिया.
मैंने थोड़ा ऊपर होकर लंड को गांड पर सैट किया.
तभी उसने मुझे जोर से दबाया और भक्क करके पूरा लंड मेरी गांड में उतर गया.
उसने मेरा मुँह दबा रखा था, जिससे मैं चिल्ला नहीं पाया.
उसने जोर जोर के धक्के देने शुरू किए.
मैं उसके ऊपर लेट गया तो उसके बदन की गर्मी और स्पर्श से मेरे अन्दर कुछ कुछ होने लगा था.
मैंने अपनी गांड को पीछे धकेल उसका साथ देना शुरू कर दिया.
मेरी सिसकारियां निकलनी शुरू हो गई थीं.
उसने मुझे कस कर पकड़ रखा था.
थोड़ी ही देर में मैं उसके लंड पर सही से बैठ गया.
मुझे दर्द हो रहा था पर मैंने उछलना शुरू कर दिया.
अब उसे बहुत मजा आ रहा था.
उसने कहा- आह हां … इतनी सेक्सी है तेरी गांड … पूरी चूत वाले मजे दे रही है!
मैंने कहा- हां रमन डार्लिंग, इस गांड को जिसने भी मारा है … उसने यही बोला कि लड़की वाले मजे दे देती है.
मैंने उछल उछल कर खुद को औरत जैसा बना दिया.
आखिर में उसने मुझे कसके पकड़ा और एक खतरनाक धक्के के साथ वह झड़ गया.
मैंने आश्चर्य जताते हुए कहा- बस … रात मैं तो काफी देर टिके थे? अब जब मुझे मजे आने लगे तो झड़ गए!
उसने कहा- साली रण्डी, ध्यान से देख … अभी भी आधा घंटा हो चुका है!
मैंने टाइम देखा तो हैरान रह गया.
सच में जब सेक्स में मजा आने लगता है तो ऐसा लगता है कि रुकना नहीं चाहिए.
मैं उसके ऊपर ही बैठा रहा.
उसने मुझे बताया कि जब से ये आंटी मिली, तब से उसके बाद सिर्फ तुझे चोदा है.
मैंने कहा- अब तो मैं चाहूंगा कि तुम सिर्फ मुझे ही चोदो!
उसका लंड अब ढीला पड़ गया था पर मुझे अच्छा लग रहा था तो मैंने निकाला नहीं.
मैंने उससे पूछा- आंटी भी ज्यादा मजा देती होगी?
उसने कहा- हां, उसकी बजाने में काफी मज़ा आता है. तेरी गांड मार कर भी मुझे बड़ा मजा आया है.
मैंने भी उसे बताया- तुमने मेरी एक फौलादी मर्द के जैसी चुदाई की है.
उसने मुझे अपने लौड़े से नीचे उतारा तो मैं भी गिर गया.
मेरी हालत खराब हो गई थी.
थोड़ी देर के लिए मैं सो गया.
जब उठा तब देखा वह तैयार हो चुका था.
मुझे भी काम पर जाना था.
पर काम नहीं कर पाऊंगा इसलिए छुट्टी का मैसेज डाल दिया.
वह बोला- चलो तुम्हें रूम पर छोड़ देता हूँ!
मैंने कहा- क्या, मैं तुम्हारे यहां रुक सकता हूँ?
उसने कहा- रुक जाओ, पर मैं शाम तक वापस आऊंगा नहीं!
मैंने कहा- फिर मुझे रूम छोड़ दो, पर प्लीज शाम को लेने आ जाना. मुझे अभी और चुदना है!
इतना कहकर मैंने उसे पकड़ लिया.
हम दोनों साथ में नीचे गए.
उसने मुझे रूम पर छोड़ दिया.
मैं भी थका हुआ था तो सो गया.
मेरे मन में अब आंटी और रमन के साथ थ्री-सम करने की ख्वाइश होने लगी.
मुझे और आंटी दोनों को रमन जम कर चोदे, ऐसा मेरा मन था.
पर शायद मेरी ये ख्वाइश ख्वाइश ही रहेगी.
शाम ठीक 8 बजे मुझे रमन का फोन आया.
मैं बिना एक मिनट गंवाए उसके पास पहुंच गई.
इस बार मैं आंटी के सलवार सूट साथ लेकर आया था.
मैं उसके फ्लैट पहुंचा और चेंज किया. उसने कपड़े उतार दिए.
मैं बैठ गया तो उसने मेरा मुँह पकड़ा और लंड दे मारा.
उसका लंड मुझे काफी जोर से लगा.
मैंने उसके लंड को पकड़ा और मसलने लगा.
अब भी मुझे भरोसा नहीं था कि ये लंड मेरी बजा चुका है.
मैंने उससे कहा कि तुम मुझे आज पूरा दम लगा कर चोदना!
उसने कहा- हां तूने आज उसके कपड़े पहने है तो आज तेरी और जोर से बजाऊंगा.
बस इतना कहकर उसने मुझे उठाया और दीवार से सटा दिया, मेरी सलवार को नीचे किया और मुझे घुमा दिया.
मैंने भी अपनी गांड आगे कर दी.
उतने मैं उसने थोड़ा थूक अपने नंगे लंड पर लगाया और थोड़ा मेरी गांड पर.
फिर लंड को रखा तो मैंने आंखें बंद की और उसने घप करके पूरा घुसा दिया.
मुझे दर्द कम हुआ और मजा दोगुना हो गया.
आज मैं पूरी रात जम कर चुदा.
उसकी स्टेमिना का जवाब नहीं था. उसने मुझे खुश कर दिया.
अगर मेरी थ्रीसम की ख्वाइश पूरी हुई तो हमारे थ्री-सम सेक्स की कहानी मैं जरूर लिखूंगा.
धन्यवाद, मेरी इस क्रॉस ड्रेस Xxx कहानी को पढ़ कर आपको कैसा लगा, प्लीज मुझे मेल जरूर भेजें.
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