कॉलेज में सबके सामने गांड मराई

(College Me Sabke Samne Gand Marayi)

मेरा नाम सद्दाम अंसारी है, मेरी उम्र 21 साल है मैं बी ए सेकंड ईयर का स्टूडेंट हूँ. मेरे शरीर का आकार कुछ इस तरह है मेरी गांड 32″ कमर 28″ सीना 36″ रंग गेहुंआ आंखों का रंग भूरा और बाल सामान्य भूरे रंग के हैं.

मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ और मुझे भी गांड मारने और मरवाने का शौक है. मैं अब तक कई लौंडों से गांड मरवा चुका हूँ.

मेरी गांड की चुदाई की पिछली कहानी थी-
बरसात में मेरी ज़बरदस्त गांड चुदाई

आज सुबह जब मैं अन्तर्वासना पर ट्रेन में गांड मरवाई वाली कहानी पढ़ रहा था तो मुझे लगा कि इसने पूरी बोगी के सामने गांड मारवाई होगी लेकिन जब पूरी कहानी पढ़ी तो ऐसा नहीं था. लेकिन मैं अपनी सोच को सच करना चाहता था.

मैं जब से कॉलेज में हूँ, तब से बस एक ही ख्वाहिश थी कि पूरे कॉलेज के सामने गांड मरवाऊं.

आज यानि 17 दिसंबर 2016 में सुबह 9 बजे कॉलेज पहुँचा. कॉलेज मेरे गाउन से करीब 10 किलोमीटर पड़ता है और रोड से 4 किलोमीटर अन्दर मेरा कॉलेज आबादी से काफ़ी दूर है. कॉलेज के पीछे करीब 2 या 3 किलोमीटर तक कुछ भी नहीं है, सिर्फ़ झाड़ियां बबूल और बेर के पेड़, सरपट या काँस की झाड़ियां हैं. आप लोग उसे जंगल कह सकते हो.

आज सुबह जब मैं कॉलेज पहुँचा तो लड़के बहुत ही कम थे क्योंकि आज मैं जल्दी पहुँच गया था. मैं सीधा ऊपर क्लास में चला गया, जब मैंने ऊपर खिड़की से देखा तो वो जंगल जन्नत लग रहा था क्योंकि उस जंगल में मुझे असली सुख मिलने वाला था, मेरे सारे अरमान पूरे होने वाले थे.

मैं खिड़की पर खड़ा था, तभी मुझे लगा कोई आ रहा है. मैं बाहर आया तो देखा कि पवन और अजय आ रहे थे. मैं तुरंत भाग कर खिड़की पर गया और अपनी मोबाइल का फ्रंट कैमरा चालू करके रख दिया ताकि दरवाज़ा और सामने की खिड़की मुझे दिखती रहे. इसके बाद मैंने अपनी पेंट में हाथ डाल कर अपनी गांड को सहलाने लगा. जैसे ही उन दोनों ने मुझे अपनी गांड को सहलाते देखा तो वे दोनों रुक गए. मैं भी अपने मोबाइल के माध्यम से उन दोनों को देख रहा था.

अब मैंने अपनी पैंट को थोड़ा सरका दिया. मेरी लगभग आधी गांड खुली हुई थी. इधर मेरी नज़र मेरी मोबाइल पर लगी थी और मैं साफ़ देख रहा था कि उन दोनों की नजरें मेरे गांड पर लगी थीं. अगले ही पल मैंने अपनी पैंट को घुटने तक सरका दिया और मैं नंगा हो गया.

मेरी गांड गोल एकदम लड़कियों जैसी है. वो दोनों बड़े ध्यान से मुझे देख रहे थे. वो समझ रहे थे कि मुझे कुछ भी पता नहीं है. मैं भी अनजान बना हुआ था.

वो दोनों दबे पाँव अन्दर आ गए और अजय ने मेरी गांड पर हाथ रख दिया. मैं डरने का नाटक करते हुए जल्दी से अपनी पैंट ऊपर करने लगा.

लेकिन पवन ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोला- बेटा, क्या हो रहा है?
मैं कुछ बोलता, इससे पहले अजय ने मेरी गांड को मसलना शुरू कर दिया और पवन ने मेरा हाथ अपने लंड पे रखवा दिया, वो मेरे होंठों को चूमने लगा.
मैं भी उन दोनों के लंड को सहलाने लगा.

अब तक करीब साढ़े नौ बज चुके थे.. और काफ़ी लड़के भी आ चुके थे.
अजय ने कहा कि कॉलेज के पीछे चलो.
मैंने क्लास में करने के लिए कहा और उसका लंड पकड़ कर दबाने लगा.
अजय बोला- साली रंडी है क्या.. सब देख लेंगे?
मैंने कहा- देखने दो.. आज तुम मुझे रंडी ही बना दो.

लेकिन वो दोनों नहीं माने, फिर हम तीनों साथ में कॉलेज के पीछे चल दिए.
मैंने अजय से कहा- तुम लोग अपने दोस्तों को ही बुला लो.

उन लोगों ने अपने दोस्तों को फोन कर दिया और सबको कॉलेज के पीछे बुला लिया. उनके साथ करीब दो दर्जन लड़के थे और यही मैं चाहता था कि मैं पूरी भीड़ के सामने में गांड मरवाऊं.

जब सब जमा हो गए, अजय ने मुझे नंगा कर दिया… बिल्कुल नंगा, यहाँ तक की मेरी चप्पलें भी उतरवा दीं और सब सामान बैग में रख दिया. मैं सबके सामने नंगा खड़ा था, सबके सब आँखें फाड़ कर मुझे देख रहे थे.
मैंने अजय से कहा- यहीं शुरू करें?
उसने कहा- नहीं, झाड़ियों के अन्दर चलो.

हम सब कम से कम एक किलोमीटर तक अन्दर चले गए और एक साफ जगह देख कर रुक गए.
अजय ने पूछा- कौन कौन इसकी गांड मारेगा?

साले सबके सब तैयार हो गए, सबने तीन तीन के झुण्ड बना लिए. लेकिन उद्घाटन अजय और पवन को ही करना था, उन दोनों ने अपनी पैंट उतार दी. दोनों के लंड एकदम सीधे खड़े थे.

अजय ने मुझे बैठने को कहा और अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया. मैं उसका लंड चूसने लगा. पवन मेरी गांड को सहला रहा था.

फिर पवन ने मुझे खड़ा कर दिया, अब मेरी गांड पवन के लंड के पास थी और अजय का लंड मेरे मुँह में था. मैं बड़े प्यार से अजय का लंड चूस रहा था. पवन ने 3 लड़कों को बुलाया और मेरी गांड के छेद पर थूकने को कहा. सब भैन के लंड निशाना साध कर मेरी गांड पे थूकने लगे.

अब उन चारों ने बारी बारी से मेरी गांड में उंगली डालना शुरू कर दिया. जैसे ही मेरी गांड में पहली उंगली घुसी, मेरी गांड की आग भड़कने लगी. मैं गांड मरवाने के लिए बेचैन हो गया. मैं अपनी गांड को पवन के लंड पे घिसने लगा. मैंने अजय का लंड अपने मुँह से बाहर निकाला और और पवन का लंड पकड़ कर अपनी गांड में ठेलने लगा. पवन ने मुझे अपनी तरफ घुमा दिया और मेरी लड़कियों जैसी चुचियों को चूसने लगा.

तभी उनमें से कोई मेरी गांड को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा. कोई मेरे होंठ चूस रहा था, तो कोई गाल चूम रहा था. आज मैं अपनी कामनाओं को पूरा होते देख रहा था. मुझे लगा कि जैसे आज का दिन मेरे लिए ही बना हो.

अब पवन मुझे अपना लंड चुसवाने लगा. मेरी गांड में अजय का लंड था. अजय ने उनसे मेरी गांड को फैलाने के लिए कहा और अपना लंड मेरी गांड के छेद पर रख दिया. अजय का लंड काफ़ी मोटा और लंबा था. उसने एक तेज़ झटका दिया और लंड को मेरी गांड में प्रवेश करा दिया. मैं सिहर उठा और मुँह से आह की आवाज़ निकल गई.

अजय ने हड़काते हुए कहा- क्या साली रंडी.. दर्द हो रहा है क्या भोसड़ी वाली रंडी.. अब तक कितने लंड का भोग लगा चुकी है.. अभी तो हम सब मिल कर तेरी गांड का भुर्ता बनाएंगे, आज तेरी गांड सुजा देंगे साली रंडी.
मैं- मेरी जान, बहुत लंड तो बहुतेरे लिए हैं.. लेकिन तेरे जैसा लंड नहीं मिल सका आह…
पवन- अभी तो तुझे कई लंड लेने है रंडी.

अजय लगातार मेरी गांड अपना लंड अन्दर बाहर कर रहा था. थोड़ी देर के बाद उसने मुझे सीधा कर दिया और मेरी एक टांग उठा कर पवन के कंधे पर रख दी. मेरे सर को अपने कंधे पर रख लिया और वो तीनों मेरी गांड फैलाने में लगे हुए थे.

अब अजय ने खड़ा करके मुझे चोदना शुरू कर दिया. कुछ देर इस तरह चोदने के बाद वो हट गया.

अब पवन मेरे पीछे आ गया. उसने मुझे ज़मीन पर कुतिया की तरह बना दिया और अपने लंड का सुपारा मेरी गांड पे रख कर पूरी ताक़त से धक्का लगा दिया. उसका पूरा लंड मेरी गांड में समा गया.
मैं एकदम से उछल गया.
पवन ने एक थप्पड़ मेरी गांड पे मारा और कहा- चुपचाप गांड मरवा रंडी..

मैं दोनों हाथ ज़मीन पर टिका कर खड़ा था. पवन मेरी गांड मार रहा था. मैं भी बिल्कुल मस्त हो गया था और चुदाई का आनन्द ले रहा था.

अब पवन झड़ने वाला था, उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया और मेरे बाल पकड़ कर मुझे बैठा कर अपने लंड को मेरे मुँह में पेल दिया. वो आह.. करते हुए मेरे मुँह में झड़ने लगा.

मैं उसके लंड का गरम गरम शहद बड़े मजे से पीने लगा. उसके बाद अजय फिर से मुझे चोदने लगा. कुछ देर बाद वो मेरी गांड में ही झड़ गया.

इन दोनों के बाद अभी 2 दर्जन से ज़्यादा लड़के मेरी गांड मारने के लिए खड़े थे. पवन को पेशाब लग गई, उसने मेरे मुँह पे मूतना चालू कर दिया. उसको देख कर अजय भी मेरे ऊपर मूतने लगा.

मैंने दोनों का मूत पी लिया, बहुत खारा था.

मैं वैसे ही फिर कुतिया बन गया. अब एक एक करके सब मेरी गांड मारने लगे. कोई मेरे मुँह पर झड़ रहा था, तो कोई गांड पे, तो कोई पीठ पर अपना लंड खाली कर रहा था.
मैं मूत और वीर्य से नहाने लगा.

करीब 8 या 10 लड़के मेरी गांड मार चुके थे. अब मैं एक पेड़ का सहारा ले कर खड़ा हो गया. फिर दो लड़कों से खड़े खड़े गांड मरवाई. लगातार 2 घंटों से मैं गांड मरवा रहा था. मैं बेहद थक चुका था. मैं थोड़ी देर आराम करने के लिए बैठ गया. सब मुझे इधर उधर से नोंच रहे थे.

तभी शैलेश नाम के एक लड़के ने मुझे उल्टा पटक दिया और मेरे पैरों को मोड़ कर मेरे पेट से जोड़ दिया. उसने मुझे चोदना स्टार्ट कर दिया. अब मैं बिना मन के चुदवा रहा था. लगभग 15 मिनट तक मुझे चोदने के बाद उसने मेरे सर पर अपना लंड झाड़ दिया.

फिर लगभग एक घंटे मैं उसी पोज़िशन में चुदता रहा. अब उन लोगों ने मुझे सीधा लिटा दिया, मेरी टांगों को उठा कर दो लड़कों ने अपने कंधे पे रख लिया और फिर मेरी चुदाई शुरू हो गई.

लगातार 4 घंटे चुदने के बाद मुझे राहत मिली. मैं ज़मीन पे लेट गया. मेरी हालत अब लस्त हो गई थी लेकिन मन में एक जबरदस्त गांडू की आत्मा बार बार ऐसे कह रही थी कि और खा ले साले फिर पता नहीं कब ऐसा मौका मिले.

इस वक्त सच में मेरी वो स्थिति हो रही थी, जैसे एक भूखे भिखारी की होती है, जिसे कई दिनों से खा न मिला हो और अचानक से छप्पन व्यंजन से भरी थाली मिल गई हो. मैं इतनी थकान के बाद भी लंड लेने को आतुर था. मुझे आज बहुत मजा आ रहा था.

मेरे सामने अब सब अपना अपना लंड निकाले हुए चारों ओर खड़े थे. कोई मेरे ऊपर मूत रहा था, तो कोई लंड झाड़ रहा था. मैं सबके लंड का पानी पी रहा था. मेरा पूरा चेहरा वीर्य से सन गया था. मैं अपने आपको बड़ा ही किस्मत वाला समझ रहा था.

तभी पवन ने मुझे उल्टा कर दिया और मेरी गांड पे मूत दिया. अब तक मैं 27 बार अलग अलग लंड ले चुका था. अब भी लड़के मेरी गांड से मज़ा लूट रहे थे. चार चार लड़के एक साथ मेरी गांड में उंगली घुसा रहे थे और मेरी गांड को पूरी ताक़त से फैला रहे थे, आज मुझे चुदाई का असली मज़ा मिल गया था.. और मेरी मनोकामना पूरी हो गई थी.

दोस्तो, आप सभी के कमेंट्स का इन्तजार रहेगा.
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