चाची के भाई ने गांड मारी और मरवाई
(Chachi Ke Bhai Ne Gaand Mari Aur marwai)
मेरा नाम अवि शर्मा है, ग्वालियर मध्य प्रदेश का रहने वाला हूँ। मैं नियमित अन्तर्वासना का वाचक हूँ।
मैं अपनी पहली कहानी लिख रहा हूँ।
बात तब की है जब मैं मैं बारहवीं के पेपर देकर अपनी चाचीजी के मायके डबरा गया हुआ था।
उनके तीन भाई थे जिनमें से उनका सबसे बड़ा भाई मुझे अच्छा लगता था, पर उनके साथ कभी कुछ करने के बारे में मैंने सोचा नहीं था।
जब मैं उनके घर पहुँचा तो सब लोग मुझे देखकर बहुत खुश हुये और मुझसे मिलकर बातें करने लगे।
मैंने दिन भर बैठ कर उन लोगों के साथ बैठकर बातें की और फिर रात हो गई।
रात को हम सब ने मिलकर खाना खाया और उसके बाद टी वी देखा, टी वी देखते हुये हमको रात के 11 बज गये थे तो मैंने अपनी चाचीजी के बड़े भाई, उनका नाम लक्ष्मीनारायण है परन्तु उनको सब लोग प्यार से पपोला कहकर बुलाते हैं, से कहा कि मुझे नींद आ रही है।
तो उन्होंने कहा कि उनको भी नींद आ रही है तो फिर हम दोनों ऊपर वाले कमरे में आ गये।
गर्मियों का समय था तो मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिये बस अंडरवीयर और बनियान छोड़ कर और पपोला ने भी उतार दिये थे। हम दोनों लेटे हुये आपस में बातें कर रहे थे कि उन्होंने अपनी पढ़ाई क्यों छोड़ दी और किसी लड़की के साथ उनका संबंध है या नहीं!
उन्होंने मना किया की उनकी कोई गर्लफ़्रेंड नहीं है।
और मुझसे पूछने लगे- तेरी कोई गर्लफ्रेंड है या नहीं?
तो मैंने भी मना कर दिया।
हम चुपचाप लेटे रहे थोड़ी देर तक… फिर उन्होंने मुझसे पूछा- तूने कभी किसी के साथ सेक्स नहीं किया?
मैंने मना कर दिया तो उन्होंने कहा- सच में तूने अभी तक कुछ नहीं किया?
मैंने कहा- नहीं मामा जी!
फिर मैंने उनसे पूछा- आपने किया है किसी के साथ सेक्स?
उन्होंने भी मना कर दिया।
उसके बाद मैंने अपना एक पैर उनके लंड के ऊपर रख दिया लेकिन वो कुछ नहीं बोले तो मैं अपने पैर से ही उनके लंड को दबाने लगा। फिर भी वो कुछ नहीं बोले तो मैं उनके लंड को दबाता रहा जिसके रहते उनके लंड ने हरकत करना शुरू कर दिया और वो धीरे धीरे बड़ा होने लगा जिससे मुझे और हिम्मत मिलने लगी।
फिर मैंने धीरे से उनका चेहरा अपनी तरफ किया और उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिये।
होंठ रखते ही उन्होंने मेरे होंठों को अपने होंठों से कसकर दबा लिया और जमकर चूसने लगे जिससे मुझे भी मजा आने लगा, फिर मैं भी उनका साथ देने लगा और फिर हम दोंनो मिलकर लिप किस करने लगे, कभी उनकी जीभ मेरे मुहँ के अन्दर तो कभी मेरी जीभ उनके मुहँ के अन्दर हो रही थी।
उन्होंने धीरे से मेरी अंडरवीयर और बनियान उतार दी और मैंने उनकी अंडरवीयर और बनियान उतार दिये।
अब हम दोनों पूरे नंगे हो चुके थे और उनका साढ़े 6 इन्च का काला लंड फुन्कार मार रहा था।
उसके बाद उन्होंने मुझे बिस्तर पर लिटाया और मुझे चूमने लगे। उनके चूमने से मानो मेरे बदन में करन्ट सा दौड़ गया।
फिर वो चूमते हुये नीचे की तरफ आये और उन्होंने एकदम से मेरा 6 इन्च का लंड अपने मुँह में ले लिया और उसको आगे-पीछे करने लगे।
यह सब मेरे साथ पहली बार हो रहा था तो मुझे अच्छा भी लग रहा था, मामा ने लंड को चूसने की स्पीड धीरे-धीरे तेज कर दी और जोर-जोर से मेरा लंड चूसने लगे जिससे मुझसे रहा नहीं गया और मैंने अपना सारा का सारा रस उनके मुँह में छोड़ दिया जिसको वो निगल गये और पूरा का पूरा लंड चाट कर साफ कर दिया।
उसके बाद उन्होंने मुझसे अपना लंड चुसवाया और उसका रस मेरे मुँह में छोड़ दिया जिसे मैंने चाट कर साफ कर दिया और फिर हम दोनों थोड़ी देर ऐसे ही लेटे रहे.
कुछ देर लेटने के बाद उन्होंने फिर से मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया और इस बार हम दोनों 69 की पोजिशन में एक दूसरे के लंड चूस रहे थे।
कुछ देर लंड चूसने के बाद उन्होंने अपनी पोजिशन बदल दी और अपनी गांड मेरी तरफ करके हिलाने लगे जिससे मुझे समझ आ गया था कि वो अपनी गांड मरवाना चाहते हैं तो मैंने उन्होंने से धीरे से कहा- मामाजी, मैंने पहले कभी किसी की गांड नहीं मारी है.
तो उन्होंने कहा- मारी तो मैंने भी नहीं!
फिर उन्होंने कहा- तूने ब्लू फिल्म तो देखी होगी?
मैं तुरन्त बोला- हाँ देखी है!
‘तो बस उसी की तरह मेरी गांड अपना लंड डाल दे।’
फिर क्या था, मैंने ढेर सारा थूक अपने लंड पर लगाया और ढेर सारा उनकी गांड पर, फिर अपना लंड ले जाकर उनकी गांड पर रख दिया और एक झटका मारा तो मेरा टोपा मामा की गांड में चला गया।
मामा को भी दर्द हो रहा था तो मैंने मामा से पूछा- मामा, लंड निकाल लूँ क्या बाहर?
तो उन्होंने मना कर दिया और बोले- थोड़ी देर ऐसे ही खड़े रहो!
मैं थोड़ी देर वैसा ही खड़ा रहा, उसके बाद खुद मामा ने मुझसे कहा- अवि शुरू हो जा!
फिर क्या था, मैंने एक जोरदार झटका और दिया तो मेरा 6 इन्च का पूरा लंड मामा की गांड में चला गया।
तब मैंने उनकी जमकर चुदाई की, करीब 10 मिनट की चुदाई के बाद मैं मामा से बोला- मेरा होने वाला है!
तो उन्होंने कहा कि मेरी गांड में ही निकाल दे!
3-4 झटकों के बाद मैं उनकी गांड में ही झड़ गया और थोड़ी देर उनके ऊपर ही ऐसे लेटा रहा।
उसके बाद उन्होंने मेरी गांड मारी।
उनका लंड मेरे लंड से थोड़ा बड़ा था तो जब उन्होंने मेरी गांड में अपना लंड डाला तो उम्म्ह… अहह… हय… याह… मानो जैसे मेरी जान निकल गई हो!
पर थोड़ी देर रूकने के बाद मेरा दर्द कम हो गया, उसके बाद धक्के लगाना चालू किये जिससे मुझे और मजा आने लगा और मैं अपनी गांड उठा-उठा कर चुदने लगा।
अब बस सारे कमरे में हमारी चुदाई की ही आवाजें आ रही थी।
मामाजी ने काफ़ी देर तक मेरी गांड मारी और अपना सारा का सारा रस मेरी गांड में भर दिया।
जैसे ही उनका गर्म गर्म रस मेरी गांड में गया, मुझे ऐसा लगा कि मानो किसी ने गर्मागर्म लावा मेरी गांड में भर दिया हो।
उसके बाद वो मेरे ऊपर वैसे ही लेटे रहे और चिकनेपन के कारण उनका लंड भी थोड़ी देर बाद अपने आप ही बाहर आ गया और हम दोनों वैसे ही नंगे एक-दूसरे की बांहों में बांह डालकर लेटे रहे और पता ही नहीं चला कि नींद लग गई।
सुबह जब चाचीजी मुझे उठाने के लिये गेट खटखटाया तब मेरी नींद खुली तो देखा कि हम दोनों नंगे सो रहे थे। मैंने तुरन्त मामा को उठाया और जल्दी से कपड़े पहन कर गेट खोला तो चाची ने कहा- आज बड़ी देर तक सोते रहे?
तो मैंने कहा- कुछ नहीं चाची, रात में नींद नहीं लगी थी इसलिये लेट हो गया।
उसके बाद वो वहाँ से चली गई यह कहते हुए कि जल्दी से नीचे आ जाओ।
उनके जाने के बाद मामा ने गेट बंद किया और मुझे जमकर एक लम्बा किस दिया फिर उसके बाद हम दोनों नीचे चले गये।
उसके बाद जब तक मैं वहाँ रूका, तब तक हम दोनों ने खूब जमकर मजे किये।
लेकिन अब उनकी शादी हो गई है तो वो अब मेरे साथ वो सब कुछ नहीं करते हैं।
मेरी पहली कहानी कैसी लगी, दोस्तो बताना जरूर!
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