बीएसएफ वाले ने मेरी कुंवारी गांड मार ली

(BSF wale ne Meri Kunvari Gand Mar Li)

मैं विजय, गंगानगर राजस्थान से हूँ, यह मेरी पहली कहानी है। मैं 20 साल का हूँ, मेरा रंग गोरा है व लड़कियों की तरह दिखता हूँ।

मैं रोज कॉलेज जाने के लिए बीएसएफ की चौकी के सामने से जाता हूँ। जब मैं गेट के सामने से गुजरता.. तो मेरी नजर बीएसएफ वालों पर जाती। धीरे-धीरे मेरी दोस्ती एक बीएसएफ वाले से हो गई।

एक दिन वो मुझे अपने साथ अपने कमरे पर ले गया। कमरे पहुँच कर वो मेरे सामने ही कपड़े बदलने लगा। जब उसने पैंट खोली तो उसके अंडरवियर में नजारा बहुत मस्त लग रहा था।

मेरी नजर तो वहीं पर रूक गई.. उसका लंड बड़ा कामुक दिख रहा था और इस वक्त सोया हुआ ही बहुत बड़ा लग रहा था।

उसने भी ये सब देख लिया था और कुछ देर के लिए वो यूं ही अंडरवियर में ही सामने आकर बैठ गया। मैं भी वहीं खड़ा उससे बात करता रहा..
कुछ देर बाद घर से कॉल आने पर मैं घर चला गया। आते समय उसने मुझे अपना नम्बर दे दिया।

एक दिन मेरे घर वाले किसी काम से दो दिन के लिए बाहर चले गए। मैं घर में अकेला था.. तो मैंने उसे कॉल किया- यार मैं घर में अकेला हूँ.. कोई साथ देने वाला भी नहीं है, तुम आ जाते शाम को!

पहले तो उसने मना किया.. फिर वो मान गया और शाम को वो आ गया, हम दोनों टीवी देखने लगे।

कुछ देर बाद वो जाने लगा.. तो मैंने रूकने के लिए कहा लेकिन वो मना करने लगा.. पर मैंने किसी तरह उसे रोक लिया। रात को खाना खाकर हम दोनों कमरे में सोने चले गए।

उसने कहा- मैं कपड़े उतार कर सोता हूँ!
मैंने कहा- कोई दिक्कत नहीं.. मैं भी कपड़े उतार कर ही सोता हूँ।
इसके बाद हम दोनों अंडरवियर में हो गए।

एक ही बिस्तर पर लेटने के बाद वो sexy film देखने लगा.. तो मैं भी उसके साथ देखने लगा।

थोड़ी देर बाद वो अपना हाथ मेरे पेट पर घुमाने लगा, जिससे मुझे गुदगुदी हो रही थी। वो धीरे-धीरे अपना हाथ मेरी छाती पे ले गया। मैंने उसे मना किया, पर वो माना नहीं और हाथ घुमाता रहा.. जिससे मैं उत्तेजित होने लगा।

फिर उसने मेरा लंड पकड़ लिया और हिलाने लगा, जिससे मुझे मजा आने लगा और मुँह से हल्की आवाज आने लगी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’

इसी के साथ उसने अपना लंड निकाल कर मेरे हाथ में पकड़ा दिया।
क्या लंड था उसका.. एकदम काले रंग का किसी लम्बे बैगन सा लम्बा और मोटा.. मैं तो लंड देख कर हैरान रह गया।
उसने लंड हिलाने का कहा और मैं हिलाने लगा।

वो अपना हाथ मेरे लौड़े से हटाकर मेरी गोरी-गोरी गांड पर घुमाने लगा। मैंने उसे मना किया.. पर वो नहीं माना और उंगली मेरी गांड में डालने लगा।
एक बार तो मुझे दर्द हुआ, फिर मजा आने लगा, वो अपना लंड मेरे हाथ से हटाकर मेरे मुँह पर रगड़ने लगा और मुँह में लंड डाल दिया।

मैं उसका लंड चूसने लगा और वो मेरी गांड में उंगली डालता रहा, मेरे एक निप्पल को मींजता रहा। कुछ मिनट बाद उसने लंड मुँह से निकाला और गांड मारने के लिए कहने लगा।

मैंने मना कर दिया क्योंकि मैंने पहले कभी गांड नहीं मरवाई थी, तो मुझे डर लग रहा था, मैंने उससे कहा- मैंने पहले कभी नहीं मरवाई.. दर्द होगा!
उसने कहा- मैं आराम से तेल लगा कर धीरे-धीरे डालूँगा.. तुम्हें दर्द नहीं होगा।

मैं मान गया और तेल ले आया, फिर उसने मुझे उल्टा किया और घोड़ी बना दिया, फिर मेरी गांड पर तेल लगाया और अपना लंड मेरी गांड के छेद पर रखा।
अब उसने मेरी कमर अपने हाथों से पकड़ कर झटका मारा, मुझे जोर से दर्द हुआ और मैं रोने लगा, मैं दर्द से बिलबिलाते हुए उससे लंड बाहर निकालने के लिए कहने लगा।

लेकिन उसने लंड बाहर नहीं निकाला उल्टे एक और तेज झटका मार दिया। अब तो मेरी चीख निकल पड़ी और मैं रोने लगा.. मेरी आँखों से पानी निकलने लगा।

इस बार के झटके में उसका हब्शी लंड पूरा का पूरा मेरी गांड में घुस गया था, मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे कोई लोहे की रॉड मेरी गांड में पेल दी गई हो।

उसने कुछ देर यूं ही लंड को मेरी गांड में घुसा रहने दिया.. और मुझे सहलाता रहा। मेरा दर्द कम हो चला था। मेरा कराहना बंद हुआ तो वो झटके मारने लगा.. जिससे अब मुझे भी मजा आने लगा और मेरी कामुक आवाजें निकलने लगीं। उसका लंड मेरी गांड में अन्दर-बाहर हो रहा था।

कई मिनट तक मेरी गांड मारने के बाद उसने अपना गरम-गरम लावा मेरी गांड में छोड़ दिया और निढाल होकर मेरे ऊपर गिर गया।
कुछ पल बाद मैंने उठकर मेरी गांड देखी तो गांड की जगह एक बड़ा सा छेद हो गया था।

उस रात उसने मेरी गांड 3 बार मारी.. मुझे बहुत मजा आ़या, पर सुबह मेरे से चला नहीं जा रहा था।
वो मेरा चुम्मा लेकर चला गया और मैं उसके लंड के लिए एक मजेदार गांडू बन गया।

अब आगे जब मेरी चुदाई होगी.. तो वो मैं अगली कहानी में बताऊँगा.. धन्यवाद।
आप अपने मेल जरूर लिखना। जिन्हें गांड मारना या मरवाना सीखना हो, वे जरूर लिखें।
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