लॉकडाउन में सरदार के ट्रक में गुजारी रात- 2
(Bisexual Ladka Gaand Chudai Kahani )
बाईसेक्सुअल लड़का गांड चुदाई कहानी में एक चिकने लड़के ने एक ट्रक ड्राईवर सरदार से गांड मरवाई. सरदार के बड़े लंड से लड़के को दर्द के साथ मजा भी आया.
कहानी के पहले भाग
लिफ्ट के बदले गांड मरवाने का सौदा
में अपने पढ़ा कि लॉकडाउन लगा तो मैं हरियाणा में एक होस्टल में था. कोई साधन ना मिलने पर मैं पैदल अपने घर जाने के लिए निकल पड़ा.
रास्ते में एक ट्रक वाले सरदार से मैंने मदद मांगी.
उसने बदले में मेरी गांड का सौदा मुझसे किया. मैं गांड मरवाने का शौक़ीन था तो इसमें मेरा ही फायदा था.
>सरदार दूसरी उंगली मेरी गांड में डालते हुए बोला- बहन के लौड़े, झूठ बोलता है कि गांड नहीं मराई है. मैं उड़ती हुई चिड़िया की गांड पहचान लेता हूं और तू मुझे सिखाने चला है. कोई बात नहीं, तब तो तुझ पर ज़्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी.
मैं बोला- सरदार जी, लाइट ऑफ कर दीजिए. मुझे शर्म आ रही है.
सरदार बोला- तेरे हुस्न का मज़ा अंधेरे में नहीं, उजाले में लूंगा. अब 4 दिन की बीवी है तू मेरी … जब मन होगा, तब तेरा भोसड़ा मारूँगा. अब शर्माना भूल जा और मज़ा ले!< अब आगे बाईसेक्सुअल लड़का गांड चुदाई कहानी: इतना बोलने के बाद सरदार भी पीछे बेड पर आ कर बैठ गया. मैं अभी उल्टा ही लेटा हुआ था सरदार जी के बैठने के लिए मैंने अपने पैर थोड़ा मोड़ लिये, जिससे मेरी कमर ऊपर उठ गई और गांड खुल गई. सरदार ने अपने दोनों हाथों से मेरी कमर पकड़ कर अपनी ओर खींचा. मेरी नंगी गांड एकदम उसके सामने थी. उसने जोर से मेरे चूतड़ों पर आठ दस थपकी मारी. मेरे चूतड़ लाल हो गये और दर्द से मैं पलट कर लेट गया. सरदार भी मेरे बगल में आ कर लेट गया. जगह कम थी इसलिए उसका आधा बदन में ऊपर था. उसने एक हाथ से मेरे नंगे बदन को सहलाने लगा. मेरे बदन में गुदगुदी होने लगी और मेरे मुंह से सिसकारी निकल गई. सरदार जोश में मेरे होंठों को चूसने लगा और एक हाथ से मेरा लन्ड पकड़ कर हिलाने लगा. मैंने भी जोश में आकर उसे पकड़ लिया और उसका लुंगी खोल दिया. अब हम पूरी तरह से नंगे थे. उसका लन्ड मेरी नाभि से टकरा रहा था. वह भी बीच बीच में अपना कमर चला कर मेरी नाभि को चोदने लगता. उसका लन्ड इतना सख्त था कि मेरी नाभि में दर्द होने लगा. तो मैं उसका लन्ड पकड़ कर हिलाने लगा. उसका लन्ड पकड़ते ही मैं समझ गया कि उसको उसके दोस्त मूसल सिंह क्यूं बोलते थे. उसका मोटा लन्ड मेरे हाथ में पूरी तरह नहीं पकड़ा जा रहा था. कम से कम आठ इंच का लन्ड का मालिक था सरदार! खैर मैंने उसके लन्ड को अपनी दोनों जाँघों के बीच में डाल लिया. वह मेरे होंठों को चूसते हुए अपनी कमर चला रहा था. उसके प्रीकम से मेरी जांघें भीग गई थी और व्बह आसानी से मेरी जाँघों को चोद रहा था. अब उसने मुझे पलट दिया और तकिया मेरी कमर के नीचे डाल दिया जिससे मेरी गान्ड थोड़ा ऊपर की ओर उठ गई. वह मेरी जाँघों पर बैठ गया और मेरे ऊपर लेट कर मेरी गर्दन और पीठ को चूमने लगा. धीरे धीरे वह मेरे चूतड़ों के पास पहुंचा और चूमने चाटने लगा. थोड़ी देर चाटने के बाद उसने मुझे पलट और गोदी में बैठा लिया. अब मैं उसके गर्म मोटे लन्ड पर बैठा हुआ था. वह मेरे होंठों को पीने लगा. मैंने भी अपना मुंह खोल कर अपनी जीभ उसके मुंह में डाल दी और उसको अपनी लार पिलाने लगा. वह पूरे मजे में गटक रहा था. कुछ देर बाद वह मेरी चूचियों पर टूट पड़ा. इससे मेरे निप्पल एकदम टाइट हो गए, मेरे शरीर में अजीब सी सिहरन हो रही थी. मैं आँखें बंद कर सिसकारियां मारने लगा और उसे जोर से पकड़ लिया. वह रुकने का नाम नहीं ले रहा था. उसने मेरे दोनों हाथों छुड़ाया और मेरे सर के ऊपर रख दिया और दोबारा मेरी चूचियों पर टूट पड़ा. वह मेरे चिकनी गोरी कांखों को चाटने चूमने लगा. मेरी हालत बहुत खराब हो रही थी, मेरा खुद पर से कंट्रोल खत्म हो गया था. मुझे अजीब सी मस्ती चढ़ी हुई थी. मैंने उसका सिर पकड़ लिया और उसे नीचे ले जाने लगा. अब उसने मुझे लिटा दिया और मेरे पेट को और नाभि को चाट रहा था. मैंने दोनों टांगों को ऊपर कर लिया. वह समझ गया कि मैं पूरी तरह से गर्म हो गया हूँ. मैं एकदम चिकना हूँ, पूरी बॉडी मेरी क्लीन शेव थी. वह और पागल हो रहा था और दारू का नशा अलग से था. अब उसने मेरे टांगों को अपने हाथों से उठाया और मेरे आंड चाटने लगा. मेरी तो हालत खराब हो गई. मैं अब जोर जोर से सिसकारी मारने लगा और कमर उचका उचका कर उसका साथ दे रहा था. फिर उसने मेरी जाँघों को चाटते हुए मुझे पेट के बल पलट दिया. सरदार दोबारा मेरी गर्दन को चाटते हुए मेरी पीठ को चाटने लगा. धीरे धीरे वह नीचे कमर तक पहुँच कर अचानक मेरे चूतड़ों को जोर से दाँत से काटने चाटने लगा. मैंने कमर उचका कर छुड़ाने की कोशिश की. लेकिन उसने मुझे अपने मजबूत हाथों से पकड़ लिया और दोबारा टूट पड़ा. कुछ देर बाद मैं शांत हो गया तो उसने मेरी गांड की दरार को खोल दिया. उसने मुझे डोगी स्टाइल में बैठा दिया और अपना मुंह मेरी गांड की दरार में डाल कर चाटने लगा. मैंने अपनी आंखें बंद कर ली और जोर जोर से सिसकारी भरने लगा. मेरी सिसकारी से सरदार और जोश में आ गया. जोश में वह जीभ को गांड के छेद में डाल कर चोदने लगा. मैं भी कमर हिला कर उसका साथ देने लगा. उसकी लार से मेरी पूरी गांड अच्छी तरह से भीग गई थी. फिर वह उठा और एक ग्लास में देसी दारू डालकर मेरी तरफ बढ़ा दिया. मैंने इन्कार किया तो उसने बोला- पी ले लाले इन्नू! जरूरत पड़ेगी तुझे! मैं समझ गया कि मेरी गान्ड की आज खैर नहीं है. तो मैंने ग्लास लिया और नाक बंद करके एक ही झटके में पी गया. इतनी गन्दी शराब ... लगा केवल स्पिरिट पी रहा हूं. खैर किसी तरह मैं पी गया. कुछ देर में शराब ने अपना असर दिखाना चालू कर दिया. पूरी दुनिया ही घूमने लगी. अब मैं भी तैयार था. सरदार को मैंने लगभग धक्का मार कर लेटा दिया और उनके मुंह की तरफ अपनी गांड खोल के उसकी छाती पर बैठ गया और उसका लन्ड अपने मुंह डाल कर चूसने लगा. वह भी अपना कमर उठा कर मेरे मुंह को चोदने लगा. सरदार मेरी खुली चिकनी गांड को देख रहा था. उसने कमर पकड़ कर अपनी ओर खींचा. अब मेरी गान्ड उसके चेहरे पर थी. उसने अपने दोनों हाथों से मेरे चूतड़ों को फैलाया और गान्ड की छेद को अपनी जीभ से कुरेदने लगा. मैं आंखें बंद कर सिसकारी मारने लगा. बीच बीच में वह थूकता और अपना मोटा अंगूठा मेरे गांड में डाल देता. कुछ ही देर में मेरी गांड का रिम ढीला हो गया. अब उसकी जीभ मुझे गांड के अंदर महसूस हो रही थी. पाँच मिनट बाद सरदार ने मुझे डोगी स्टाइल में बैठाया. अब गांड चुदाने का समय आ गया था. उसके लन्ड से ढेर सारा प्रिकम निकल रहा था. उसने मेरी गांड के छेद पर अपना सुपारा रखा और रगड़ने लगा. और तब एक के बाद एक झटका मारा और उसका सुपारा मेरी गांड में घुस गया. दर्द से चिल्लाते हुए मैंने अपनी गांड सिकोड़ ली. उसने मेरी कमर जोर से पकड़ ली ताकि मैं लन्ड निकाल नहीं लूं. थोड़ी देर बाद मैंने अपनी गांड को ढीला कर दिया. सरदार अब धीरे धीरे अपना कमर चलाने लगा. कुछ देर में उसके प्री–कम से मेरी गांड पूरी तरह से भीग गई और आसानी से लन्ड अंदर बाहर जाने लगा. तभी उसने एक और झटका मारा और आधा लन्ड मेरी गांड में पेल दिया. मुझे दर्द तो हुआ लेकिन दांत भींच कर मैंने बर्दाश्त कर लिया. अब सरदार की स्पीड भी बढ़ने लगी थी. मैं भी कमर हिलाने लगा और धीरे धीरे पूरा लन्ड अंदर ले लिया. सरदार पूरा लन्ड निकालता और एक बार में ही पेल देता, फिर अपनी कमर को गोल गोल घुमाता. इस तरह मेरी गांड में उसका लन्ड एकदम फिट हो गया था. अब हम दोनों जोश में थे. मेरे अंदर की आग पूरी तरह से भड़क गई थी. बहुत दिनों बाद मेरी लन्ड की भूख मिट रही थी तो मैं भी रंडीपने पर उतर गया और पूरी कमर हिला हिला कर उसका लन्ड गपकने लगा. चुदाई की मादक आवाज़ से माहौल और गर्म हो रहा था. हम दोनों पसीना पसीना हो गए. लेकिन न वह छोड़ रहा था न मैं! काफी देर डोगी स्टाइल में चोदने के बाद उसने मुझे पलट कर लिटा डाला और मेरे ऊपर लेट कर मेरे लबों को पीने लगा. मैं भी उसका लन्ड पकड़ कर मुठियाने लगा. वह और जोश में आ गया. उठ कर उसने मेरी कमर के नीचे तकिया रखा, मेरी दोनों टांगों को अपने कंधे पर रखा। अब मेरी गांड उसके लन्ड के सामने थी. उसने लन्ड मेरी गांड के छेद पर सेट किया और एक बार में पूरा पेल कर ताबड़ तोड़ शॉट मारने लगा. मैं भी पूरा मजा लेते हुए 'आह हाय ... सी सी' की आवाज के साथ कमर उचका उचका के सरदार को और उत्तेजित करने लगा. सरदार थक के पसीना पसीना हो गया. मेरा भी यही हाल था. उसकी कमर की चोट से मेरी कमर में दर्द होने लगा था लेकिन दारू के नशे से उसका माल झड़ने का नाम नहीं ले रहा था. सरदार अब हाम्फने लगा था लेकिन मुझे छोड़ नहीं रहा था. मैंने कमर उचकाकर लन्ड बाहर निकाल लिया और पैर कंधे से नीचे करके पेट के बल लेट गया. तब मैंने तकिये को अपने कूल्हों के नीचे रख लिया जिससे मेरी गांड ऊपर की उठ गई. अब सरदार मेरे ऊपर लेट गया. पसीने से हमारा शरीर आपस में फिसल रहा था. मैंने अपनी कमर थोड़ा ऊपर उठा कर गांड जितना खोल सकता था, खोल लिया. उसने अपना लन्ड सेट किया और मेरी गांड में पूरी तरह पेल दिया. अब उसका पूरा वजन मेरे ऊपर था. उसने अपने दोनों पैरों से मेरा मेरी दोनों टांगें सटा दी. उसका लन्ड अब मेरी गांड में पूरा टाइट जा रहा था. लन्ड का एक एक इंच मुझे मेरे गांड में महसूस हो रहा था. उसका लन्ड मेरे गांड के दीवारों को खुरच रहा था. इधर मेरा लंड तकिये से रगड़ा रहा था. कुछ देर में मेरा लन्ड अकड़ने लगा. मैं ज़ोर ज़ोर से सिसियाने लगा. मेरी सिसकारी सुन कर सरदार पूरा उत्तेजित हो गया और जोर जोर से धक्का मारने लगा. अब मेरा शरीर अकड़ने लगा. मैं भी अपनी कमर चलाते हुए बोलने लगा- ओह सरदार जी ... और जोर से चोदो ... मैं झड़ने वाला हूं. और जोर से चोदो ... आह आह आह ... और जोर से ... मैं झड़ रहा हूं! सरदार पूरा जोश में आ गया और हुमच के चोदने लगा मुझे! उसका शरीर भी अकड़ने लगा. उसने मुझे जोर से भींच लिया. तभी मेरा लन्ड से पिचकारी निकलने लगी. मैं जोर जोर से सिसकारियां मारने लगा- ओह आह ... आह सी सी आह ... मैं झड़ रहा हूं. तभी मेरी गांड में सरदार का गर्म गर्म माल महसूस हुआ. उसने भी मेरी गर्दन पर अपने दांत गड़ा दिए और 'ओह ओन्ह हुं हुं' करते हुए सारा माल मेरे गांड में उतार दिया. हम दोनों साथ में ही झड़ गए. कुछ देर बाद उसका लन्ड छोटा होकर मेरी गांड से निकल गया और उसका वीर्य मेरी गांड से रिसने लगा. सरदार थोड़ा नॉर्मल हुआ तो उठा. मेरी रिसती हुई गांड को अपने तौलिये से अच्छी तरह से पौंछा. फिर मुस्कुराते हुए मेरे चूतड़ों को फैला कर मेरी गांड को देखते हुए बोला- यार, तेरी गांड का छेद तो लिपस्टिक की तरह लाल हो गया है. दर्द की लहर से मेरी हालत खराब हो गई थी, उसने मेरीगांड में थूक लगाया और फूंका तो थोड़ा ठंडक लगा. और वह मुझे अपनी बांहों में लेकर नंगा ही सो गया. थकावट से सीधे सुबह नींद टूटी. सरदार वहां नहीं था. मैं तौलिया पहन कर ट्रक से नीचे उतरा तो देखा सरदार नहा रहा था. मुस्कुराते हुए उसने मेरी तरफ देखा और अपना लन्ड में साबुन लगाने लगा. मैंने भी शरमाते हुए उसे देखा और जोर से शरीर ऐंठते हुए अंगड़ाई लेने लगा. यह देख कर सरदार जी का लन्ड फिर से अपना आकार बदलने लगा और मेरी हंसी निकल गई. तो दोस्तो, ऐसा गुजरी हमारी पहली रात! अभी तो तीन दिन और तीन रात और गुजारने थे सरदार की बीवी बनकर! कैसी लगी मेरी यह बाईसेक्सुअल लड़का गांड चुदाई कहानी? मेल करके बताइएगा जरूर! मेरा इमेल आईडी है [email protected]
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