बाप बेटे दोनों ने मेरी गांड मारी
(Bhai Ki Gand Mari)
भाई की गांड मारी मेरे चचेरे भाई ने … यानि उसने मेरी ही गांड मारी. और चाचा ने हमें समलिंगी सेक्स करते देख लिया. तो उन्होंने मुझे अपने कमरे में बुला लिया.
दोस्तो, मेरा नाम दीपक है.
मैं गुजरात से हूँ, अभी मेरी उम्र 26 साल की है.
यह मेरी पहली सेक्स कहानी है भाई की गांड मारी की … अगर कोई भूल हो जाए तो प्लीज मुझे माफ़ कर देना.
पहले मैं आप लोगों को अपने बारे में थोड़ा बता दूँ.
मेरी बॉडी एकदम लड़कियों के जैसी है. पहले से ही, स्लिमबॉडी, थोड़े बूब्स निकले हुए हैं और मेरी गांड कुछ ज्यादा ही बाहर को निकली हुई है. गांड मरवाने का शौक है.
मेरे घर से बस थोड़ी ही दूरी पर मेरे एक अंकल का घर है.
वे वहां अपनी फैमिली के साथ रहते हैं.
घर में अंकल, आंटी और उनका एक बेटा किशोर रहते हैं.
किशोर मेरी ही उम्र का है.
अंकल और उनका बेटा दोनों पढ़े-लिखे नहीं हैं, तो वे मजदूरी करके घर चलाते हैं और आंटी भी दूसरों के यहां साफ-सफाई का छोटा-मोटा काम करती रहती थीं.
दोनों बाप और बेटे मजदूर थे तो उनकी सेहत बहुत अच्छी थी.
उन दोनों के जिस्म एकदम ऐसे कड़ियल थे मानो वे रोज जिम जाते हों.
किशोर और मैं बचपन से दोस्त थे.
साथ बड़े हुए तो कई बार मौका मिलने पर मैंने उसका बहुत बार चूसा था पर मैंने उससे कभी मेरी गांड नहीं मरवाई थी क्योंकि उसका लंड बहुत मोटा और लंबा था.
उसके लंड को देखकर मैं डर जाता था.
वह जब भी मेरी गांड पर अपना लंड चोदने के लिए रखता, तो मैं डर के मारे उसे मना कर देता था और वह भी कभी जिद नहीं करता था.
इसलिए मैं बस उसका लंड चूस कर पानी निकाल देता था.
फिर मैं अपनी आगे की पढ़ाई के लिए बाहर चला गया और किशोर ने 21 साल का होते ही शादी कर ली.
शादी के कुछ ही महीनों के बाद उसकी बीवी पेट से हो गई और आखिरी के कुछ महीने में वह मायके चली गई.
तब मेरे कॉलेज की छुट्टियां हो गई थीं, तो मैं घर आया हुआ था.
एक दिन दोपहर को पता नहीं क्यों … अचानक से किशोर का फ़ोन आया.
उसने कहा कि उसे मुझसे कोई काम है और मिलना चाहता है.
मैं उसके घर चला गया.
आंटी काम से बाहर गई थीं.
घर मैं अन्दर जाते ही पहले एक हॉल जैसा है और हॉल से आगे पास पास में दो कमरे हैं.
एक कमरे में अंकल बेड पर सोये हुए थे और दूसरा कमरा किशोर का था.
वह अपने कमरे में था और टीवी देख रहा था.
मैं रूम में गया और हम दोनों मिले. हाय, हैलो किया.
किशोर ने मुझसे अन्दर आने को कहा.
जैसे ही मैं रूम में अन्दर गया मैंने मुड़ कर देखा कि उसने रूम का दरवाजा बंद कर दिया.
मैं उसके बेड पर बैठ गया और वह भी पास में बैठ गया.
हम दोनों में थोड़ी सामान्य सी बातें हुईं.
कुछ मेरे कॉलेज के बारे में और कुछ उसकी शादी और उसके काम के बारे में.
फिर हम दोनों टीवी देख रहे थे कि उसने अंगड़ाई लेने के बहाने अपना हाथ पीछे घुमाते हुए बेड पर बिल्कुल मेरी गांड के पास रख दिया.
फिर धीरे धीरे वह अपना हाथ मेरी कमर पर फेरने लगा.
मुझे पता चल गया कि उसने किस काम के लिए बुलाया है.
उसकी बीवी पेट से थी, तो कई महीनों से उसे चुदाई का मजा नहीं मिला था.
वह मेरी कमर और गांड पर हाथ फेरने लगा.
मैंने उसे मुड़ कर देखा भी नहीं, बस टीवी देखता रहा और अनजान बनकर मैं उसे सब करने दे रहा था.
फिर उसने मेरी पैंट में हाथ डाल दिया और मेरी गांड की दरार में अपनी उंगली रगड़ने लगा.
साथ ही उसने अपनी पैंट से अपना बड़ा और मोटा लंड निकाल लिया.
मैं तिरछी नजरों से उसके लंड को देखने लगा, वह उसे हिलाने लगा था.
अभी भी मैं बस टीवी देख रहा था और अपना हाथ उसके लंड पर रख दिया था.
मैं उसके मोटे लंड को हिलाने लगा था.
कुछ पल बाद उसने मुझे अपनी तरफ खींचा और मुझे किस करने लगा.
वह मुझे पागलों की तरह किस करता गया और मैं भी उसका साथ देने लगा.
चूमने के साथ साथ मैं उसका लंड पकड़ कर हिला भी रहा था.
वह मेरी गांड पर हाथ फेर रहा था.
किस करते करते उसने मेरे कपड़े उतार दिए और मैंने उसके!
अब मैंने उसका लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगा.
वह मुझसे लंड चुसवा रहा था और हल्की आवाज में सिसकारियां ले रहा था.
तभी मेरे पास बेड पर रखा उसका मोबाइल पड़ा था, वह बजने लगा.
मैंने देखा तो उसकी बीवी का फ़ोन आ रहा था.
मुझे लगा कि वह फ़ोन नहीं उठाएगा.
पर उसने उठा लिया और सामान्य होकर बात करने लगा.
मैं उसका लंड चूसना बंद करने वाला था कि उसने अपना हाथ मेरे सर पर रखा और चूसते रहने का इशारा किया.
मैं बिना ज्यादा आवाज किए उसका लंड चूसता रहा पर मेरे लंड चूसने के कारण उसकी सांसें तेज़ चल रही थीं.
उसकी बीवी ने पूछा- सांसें तेज़ क्यों हैं?
तो वह बोला- नहाने जा रहा था, पानी की बाल्टी भरी है, तो चलते समय सांस थोड़ी तेज़ हो गई है. चलो मैं बाद में फ़ोन करता हूँ.
उसने फ़ोन रख दिया और वापस लंड चुसवाने का मजा लेने लगा.
कुछ देर बाद उसने मुझे डॉगी स्टाइल में खड़ा किया और बहुत सारा थूक अपने लंड पर और मेरी गांड के छेदे पर लगा दिया.
पहले की तरह ही जब उसने लंड मेरी गांड पर रखा तो मैं उसे मना करने लगा.
उसने कहा- आज कर लेने दो ना प्लीज … बहुत मन है!
वह मुझे प्यार से किस करने लगा और मनाने लगा.
मैं उसके बड़े लंड से थोड़ा डरा हुआ था, पर मन ही मन उससे चुदवाना भी चाहता था.
उसने अपना लंड मेरी गांड पर रखा और जोर लगाया.
मेरी गांड बहुत टाइट थी तो लंड बार बार फिसल रहा था.
फिर उसने लंड को अच्छे से पकड़ कर सैट किया और जोर का धक्का मार दिया.
इस बार उसके लंड का सुपारा अन्दर चला गया.
दर्द के मारे मेरी चीख निकल गई.
मैंने उससे कहा- किशोर निकालो इसको … बहुत बड़ा है तुम्हारा लंड … मैं नहीं ले पाऊंगा, बहुत दर्द हो रहा है!
वह बोला- बस यार एक बार पूरा अन्दर घुस जाए … फिर देखना दर्द कैसे छू मंतर हो जाएगा और तुझे बहुत मजा आएगा. कई महीनों से चोदने को नहीं मिला यार, प्लीज चोदने दे न!
मैं लगातार उससे लंड निकालने को कहता रहा पर उसने नहीं निकाला.
वह लंड पेलता रहा और अब तो वह मुझे पीछे से मेरी गर्दन पर किस भी करने लगा.
थोड़ी देर बाद उसने धीरे से अपना हाथ मेरे मुँह पर रख दिया और एक और जोर का धक्का मारकर अपना पूरा मोटा लंड मेरी गांड में ठेल दिया.
इससे मेरे मुँह से तेज चीख निकलने वाली थी कि उसने अपने हाथ से मेरा मुँह दबा दिया और खुद रुक गया.
थोड़ी देर तक उसने कुछ नहीं किया और जब मेरा दर्द कम हुआ तो उसने मेरी गांड मारना चालू कर दिया.
पहले तो उसने धीरे धीरे से कुछ धक्के मारे, फिर तो अचानक से जोर पकड़ लिया.
अब वह जोर जोर से धक्के मारने लगा.
मैं मजा लेने लगा, पर दर्द हो रहा था तो बोला- आह … आह … धीरे धीरे करो प्लीज किशोर … दर्द हो रहा है.
वह बोला- बस यार अब नहीं रहा जाता, सह ले थोड़ा दर्द … यार आज मेरी प्यास बुझा दे!
पहले तो दर्द ज्यादा हो रहा था, पर बाद में मुझे भी मजा आने लगा और मैं भी पीछे अपनी गांड हिला हिला कर चुदवाने लगा.
उसे कई महीनों से सेक्स नहीं मिला था तो वह किसी कुत्ते की तरह जोर जोर से मेरी गांड मारे जा रहा था.
फिर उसने मुझे लेटा कर मेरे पैरों को अपने कंधों पर लेकर फिर से अपना लंड मेरी गांड में डाल दिया और अब वह फिर से जोर जोर से चोदने लगा.
तक़रीबन दस मिनट तक उसने मेरी जम कर गांड मारी और उसके बाद उसने अपना वीर्य मेरी गांड में ही छोड़ दिया.
इस तरह से भाई की गांड मारी.
अब उसने मुझे किस किया और बोला- मैं नहाने जा रहा हूँ.
मैंने सोचा कि अब मुझे घर चलना चाहिए.
जैसे ही मैं कमरे से बाहर गया तो मैंने देखा कि अंकल दूसरे रूम में जागे हुए अपने बेड पर बैठे थे.
उन्होंने मुझे कमरे में बुलाया.
अंकल ने पूछा- तुम दोनों कमरे में क्या कर रहे थे?
मैं उनके इस सवाल से डर गया और मैंने कहा- कुछ नहीं अंकल हम दोनों बस टीवी देख रहे थे!
अंकल ने कहा- मैंने खिड़की में से सब देखा था कि तुम दोनों क्या कर रहे थे. बताऊं तुम्हारे पप्पा को सब?
मैं डर गया और कहा- प्लीज पप्पा को कुछ मत बताना अंकल!
उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और अपने पास खींच लिया.
मुझे अपने पास लेते ही उन्होंने मेरा हाथ अपने लंड पर रख दिया.
अंकल बोले- तो मुझे भी मेरे बेटे की तरह ख़ुश कर दो, तेरी आंटी तो अब चोदने नहीं देती, मेरा भी बहुत मन है.
वे मुझे किस करने लगे और अपना लंड पैंट से बाहर निकाल कर मुझे मेरे हाथ में दे दिया.
मैंने हाथ जब उनके लंड पर रखा तो पता चला कि उनका लंड तो किशोर से भी बड़ा और मोटा था.
अब मुझे पता चला किशोर का लंड इतना बड़ा क्यों है.
फिर अंकल ने मुझे बेड पर खींच लिया.
वे मेरे कपड़े उतारने लगे और किस करते करते उन्होंने अपने कपड़े भी उतार दिए.
अंकल अपना लंड मेरे मुँह में देकर चुसवाने लगे.
उनका लंड बड़ा था तो मेरे लिए उसे आसानी से चूस पाना थोड़ा मुश्किल था.
फिर भी मैं चूसता रहा.
वे भी मिसमिसा कर अपना लंड अन्दर बाहर कर रहे थे.
फिर अंकल ने मुझे उल्टा लिटा दिया और अपने लंड पर व मेरी गांड पर थूक लगाने लगे.
किशोर ने कुछ ही देर पहले ही मेरी गांड मारी थी तो गांड थोड़ी खुल गई थी.
पर अंकल का लंड किशोर से बड़ा था.
अंकल किशोर से भी ज्यादा उत्तेजित थे … और शायद सालों के भूखे थे.
तो अंकल ने लंड मेरी गांड पर टिका कर एक जोरदार धक्के के साथ पूरा लंड अन्दर डाल दिया और चोदने लगे.
मैं डर के मारे चिल्लाने लगा- आह … आह … दर्द हो रहा है … छोड़ो अंकल प्लीज!
पर अंकल तो बिना रुके मुझे चोद जा रहे थे.
पांच मिनट हो गए थे पर अंकल अभी भी मुझे धकापेल चोद रहे थे.
अब मुझे भी मजा आ रहा था और मैं भी मस्त होकर उनसे गांड चुदवा रहा था.
तब मेरी नजर दरवाजे पर गई जो खुला था और लिविंग रूम में किशोर नहा कर बस आया ही था.
उसने मुझे अंकल से चुदवाते देखा और अंकल ने भी किशोर को देखा, पर अंकल रुके नहीं … मुझे चोदते रहे.
किशोर एक नजर देखकर वहां से अपने कमरे में चला गया मानो कुछ देखा ही नहीं.
अंकल ने चोदना चालू रखा और किशोर अपने रूम का दरवाजा खुला रख अनजान बन हमारी चुदाई की आवाजें सुनता रहा.
अंकल पूरे जोर-शोर से ‘आह … आह … ओह्ह साले नमकीन लड़के … मजा आ गया … आह.’ की आवाजे निकाल कर मेरी गांड मार रहे थे.
कुछ देर बाद उन्होंने मेरी गांड में अपना पानी निकाल दिया और आराम से लेट गए.
मैं फिर से अपने कपड़े पहनने लगा.
अंकल टॉयलेट चले गए.
तब किशोर रूम में आया.
उसने मुझसे कहा- यार, मेरी बीवी पेट से है, तो बहुत मन था मेरा … और मम्मी काम और घर में व्यस्त रहती हैं, तो पप्पा का भी मेरी तरह मन चुदाई का करता होगा. इसलिए दोनों ने आज तुझे चोद दिया.
मैंने कहा- मैं समझता हूँ यार, कोई बात नहीं. मुझे भी दोनों के साथ मजा आया. अब जब तक मैं यहां वेकेशन पर हूँ, रोज तुम्हें और तुम्हारे पप्पा को ख़ुश रखूँगा.
फिर मैं अपने घर चला गया.
उसके बाद तो आंटी किशोर और अंकल के लिए खाना बना कर रोज अपने काम पर निकल जातीं.
किशोर और अंकल काम से खाना खाने आते और खाने के बाद पहले मैं किशोर के रूम में अंकल की बहू बन कर किशोर से चुदती और अंकल मेरी चुदने की आवाजें सुनते.
उसके बाद मैं अंकल के रूम में उनकी वाइफ बनकर चुदती और किशोर मेरी चुदने की आवाजें सुनता.
मैं अपने पूरे वेकेशन में दोनों बाप और बेटे से रोज अपनी गांड चुदवाता रहा.
आपको मेरी ये भाई की गांड मारी कहानी कैसी लगी. बताएं जरूर.
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