मेरी जिन्दगी की पहली चुदाई- 2
(Young Girl Cute Sex Kahani)
यंग गर्ल क्यूट सेक्स कहानी में पढ़ें कि कैसे मैंने अपने दोस्त की रिश्तेदार खूबसूरत लड़की से दोस्ती करके उसको प्रोपोज किया. उसके बाद मौक़ा मिलते ही मैंने उसकी चिकनी बुर का मजा लिया.
कहानी के पहले भाग
हूर सी परी बनी मेरी गर्लफ्रेंड
में आपने पढ़ा कि मेरे दोस्त की शादी में दोस्त की किसी रिश्तेदार लड़की से मेरी दोस्ती हो गयी. मैंने उसे प्रोपोज किया. वह भी मेरे में रूचि ले रही थी.
अब आगे यंग गर्ल क्यूट सेक्स कहानी:
सुबह पता चला कि साराह का परिवार घर जा रहा है.
मैंने तुरंत असलम को बुला कर उससे बोला- भाई कुछ भी कर … लेकिन साराह को रोक ले!
उसने कहा- मैं क्या कर सकता हूं?
मैंने कहा- कुछ भी कर!
तभी साराह आई.
उसके आते ही असलम चला गया.
साराह ने कहा- शायद हम दोनों का साथ यही तक था.
मैंने कहा- तुम कहीं नहीं जाओगी.
तो उसने कहा- अब्बा नहीं मानेंगे. मेरा भी रुकने का मन है पर मैं कुछ नहीं कर सकती.
यह कहते हुए उसने मुझे जोर से गले लगाया और रोने लगी.
इससे मुझे यकीन हो गया कि इसका मन नहीं है जाने का!
फिर मैंने उसके कान में धीरे से बोला- अगर तुम्हें रोक लिया तो मुझे क्या मिलेगा?
उसने मुझसे दूर होते हुए पूछा- मतलब?
मैंने कहा- अगर मैं तुम्हें घर जाने से रोक लूं, यहीं रहो कुछ दिनों तक … तो मुझे क्या मिलेगा?
उसने कहा- जो तुम चाहो!
फिर मैंने उसका चेहरा उठाते हुए उसे एक लिप किस किया जिसका उसने कोई विरोध नहीं किया.
फिर मैंने असलम को बोला- क्या हुआ? बात बनी?
तो उसने कहा- यार अजय, अम्मी अब्बा ने बहुत रोका … पर नहीं रुक रहे हैं.
मेरा दिल उदास हो गया.
तभी साराह के अब्बा ने बोला- बेटा, हमें स्टेशन तक छोड़ने चलोगे?
मैं हाँ करते हुए गाड़ी लेकर आ गया।
रास्ते भर साराह रोते हुए जा रही थी.
तभी स्टेशन पहुँच कर साराह के अम्मी अब्बा एक कोने में गए और कुछ बात की.
फिर मुझसे बोले- बेटा अजय, साराह का मन नहीं है जाने का!
तो मैंने कहा- फिर रुकने दीजिए, कुछ दिन रहेगी, घूमने के बाद चली जाएगी.
उनके अब्बा बोले- यही तो मुश्किल है. यहां रुक गयी तो आयेगी कैसे? मुझे ज्यादा छुट्टी नहीं मिलती है.
साराह के अब्बा रेलवे में सरकारी नौकरी करते थे.
तब मैंने थोड़ा हिम्मत करके कहा- अगर आप लोग बुरा ना माने तो मैं साराह को आपके घर छोड़ आऊंगा. आखिर कुछ दिनों बाद मैं लखनऊ वापस जा रहा हूँ. लखनऊ पहुँच कर मैं इसको आपके घर कानपुर छोड़ आऊंगा.
मेरे इस जवाब पर साराह मुझे तिरछी नजर से देख रही थी।
फिर कुछ देर सोचने के बाद उनके अब्बा मान गए लेकिन मुझे बोला- इसका ध्यान रखना, यह बहुत शैतान है!
मैंने हंसते हुए कहा- अंकल, आप बिल्कुल चिंता ना करें, मैं पूरा ध्यान रखूँगा.
साराह को आंख मारते हुए मैंने कहा.
अब साराह भी खुश थी.
उसकी खुसही उसकी आंखों में दिख रही थी.
तभी ट्रेन आई और साराह के अब्बा अम्मी और उसका भाई ट्रेन में बैठ गए.
हमने उन्हें सलाम किया और वहां से मैं साराह को लेकर वापस चल दिया।
गाड़ी में बैठते ही साराह ने अपना चेहरा खोला जो हिजाब से ढका हुआ था.
वह बहुत खुश थी.
उसने मुझे धन्यवाद बोला.
मैंने कहा- धन्यवाद किस बात का?
उसने कहा- मुझे यहां रोकने के लिए!
मैंने कहा- उसकी कोई आवश्यकता नहीं है. बस मैंने अपना वादा पूरा किया. अब तुम अपना करो!
उसने कहा- मैंने कोई वादा नहीं किया था, सिर्फ हाँ किया था.
मैंने भी कहा- हाँ मेरा वही मतलब है.
फिर मैं साराह को किस करने के लिए उसके करीब जाने लगा.
तभी उसने मुझे रोका और कहा- यहां कुछ नहीं … जो भी करना है, घर पर करना।
फिर मैं साराह को लेकर असलम के घर पहुँचा और सारी बात बतायी.
उसने मुझे धीरे से कहा- तेरी किस्मत साथ दे रही है.
मैंने भी हाँ बोला.
फिर मैं अपने घर आया और नहा कर बाहर निकला.
तो तभी दरवाजे पर किसी की दस्तक हुई.
मैंने दरवाजा खोला तो सामने साराह खाड़ी थी और वह भी अकेली!
लेकिन मैंने संतुष्टि करने के लिए पूछा- अरे साराह, तुम यहां इस गरीब के घर पर क्या कर रही हो?
उसने कहा- क्यों नहीं आ सकती?
तो मैंने कहा- घर तुम्हारा है, कभी भी आ सकती हो. और कोई है तुम्हारे साथ में?
उसने बताया- नहीं, मैं अकेली आई थी एक लड़की के साथ जिसने तुम्हारा घर बताया है. और वह चली गयी।
मैंने यह सुनते ही साराह को गोद में उठाया और अपने बेडरूम में ले जाने लगा.
दरवाजा बंद किया और उसको बेड पर लाकर पटक दिया.
साराह दिखने में जितनी दिखती थी हकीकत में वह काफी हेल्दी लड़की थी.
होती भी क्यों ना … खाते पीते घर की जो थी.
मैंने उसको चिढ़ाते हुए कहा- यार, तुमको देख कर लगता नहीं है कि तुम्हारा वजन ज्यादा होगा.
इस पर वह मुंह बनाते हुए बोली- क्या मैं मोटी हूं?
मैंने कहा- जी नहीं, बिल्कुल नहीं!
इससे पहले वह कुछ कहती, मैंने उसके ओठों पर अपने ओठ रख दिए और उनका रसपान करने लगा.
साराह भी मेरा साथ दे रही थी. कभी वह मेरे ओठ चूसती, कभी मैं उसके ओठों को चूसता.
कुछ ही देर के बाद मेरा लिंग तन गया जिसका आभार साराह को हो गया।
क्योंकि मैं नहा के निकला था तो मैं सिर्फ तौलिया ही लपेटा हुआ था जो मेरे लिंग के टाईट होते ही बाहर निकलने के लिए बेकरार था.
इधर मैं साराह को किस करते करते उसकी चूचियां भी दबा रहा था … लेकिन बहुत आराम से … क्योंकि उसका भी पहली बार था और मेरा भी!
कुछ देर बाद साराह मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी.
मैंने पूछा- क्या हुआ?
तो उसने कहा- मुझे सुसु आई है.
मैं समझ गया कि इसका पानी निकलने लगा है.
मैंने उसको बताया कि सुसु नहीं आई है, तुम्हारी बुर से पानी निकाल रहा है.
तब उसे मेरी बात पर यकीन नहीं हुआ तो मैंने उसको अपने फोन में एक पोर्न फिल्म लगा कर दे दिया और कहा- इसको देखो!
वह फिल्म देखने लगी और मैं उसकी चूचियों को कपड़ों के ऊपर से ही मुंह में लेकर चूसने लगा, दबाने लगा.
करीब 10 मिनट के बाद मैंने उसके कपड़ों को उतारने के लिए कहा.
तो वह हाँ बोलकर कपड़े उतारने लगी।
पहले उसने अपना टॉप उतरा, फिर नीचे का लोअर!
अब वह सिर्फ मेरे सामने स्पोर्ट ब्रा और पेन्टी में थी.
मैंने देर ना करते हुए उसकी ब्रा भी निकाल दी.
ब्रा निकालते ही मेरे सामने एकदम कड़क कटोरे जैसे दो सफेद रंग के संतरे थे जिनमें बीच में किसी ने भूरे रंग के एक एक चना रख दिया हो.
मैं तो देखते ही पागल हो गया और एक निप्पल को मुंह में लेकर चूसने लगा.
मेरे मुंह लगाते ही साराह को जैसे करेंट लगा, वह पूरी हिल गयी और मोबाइल फोन छोड़ के मुझे देखने लगी कि मैं क्या कर रहा हूँ.
उसने अपनी आँखें बंद कर ली और सिसकारी भरने लगी- स्स … सश्सस … स्स … सस … आराम से … दर्द हो रहा है!
कहती हुई मजा लेने लगी।
कुछ देर बाद मैंने साराह की पेन्टी भी उतार दी जो पूरी भीग चुकी थी सामने से!
लेकिन जैसे ही मैंने उसकी पेन्टी को निकाला तो मैं क्या देखता हूं … मेरे सामने एक ऐसी बुर थी जिसपर अभी पूरी तरीके से बाल भी नहीं आए थे.
कुछ बाल थे हल्के हल्के भूरे रंग के!
मैंने साराह से पूछा- तुम्हारी अभी झांट नहीं आई?
मेरी इस बात पर वह शर्मा गयी और हल्के से मुस्कराई और इशारे में उसने ना बोला.
यह मेरे लिए तो बहुत ही अच्छा मौका था, मैं एक कच्ची कली को फूल बनाने वाला था.
मैंने उसकी बुर पर हाथ लगाया तो वह अपनी दोनों टांगों को सिकोड़ने लगी और मुझे गले लगा कर किस करने लगी.
लेकिन मेरे दोनों हाथ उसके बदन पर चल रहे थे.
एक हाथ से मैं उसके छोटे छोटे स्तनों को मसल रहा था तो दूसरे हाथ से उसकी योनि को भी सहला रहा था.
कुछ देर उसके बदन से खेलने के बाद मैंने उसको अपना लंड थमा दिया और उसको सहलाने को बोला.
साराह मेरा लंड हाथ में लेते ही चौंक गयी और उसको आँखें फाड़ फाड़ के देखने लगी.
वह बोली- अजय, यह क्या है? तुम मुझे मारना चाहते हो क्या? मैं इसको कैसे ले पाऊँगी. यह बिल्कुल नामुमकिन है.
मैंने उसको किस करते हुए और बदन पर हाथ फेरते हुए कहा- साराह मेरी जान, तुम्हें कुछ नहीं होगा. चिंता मत करो, मैं बहुत ही आराम से करूंगा और अपनी पूरी कोशिश करूंगा कि तुम्हें तकलीफ ना हो।
कुछ देर बाद मैंने साराह को अपना लंड मुंह में लेने को बोला.
उसने गुस्से से मना कर दिया.
फिर मैं उसकी चूचियों को जोर से दबाते हुए उन्हें अपने दांतों से काटने लगा जिससे उसको दर्द हुआ और वह जोर जोर से आहें भरने लगी- आह … आराम से!
उसकी चूचियों को किस करते करते मैं उसकी बुर को मसलने लगा जिससे वह और भी उत्तेजित हो गयी और मेरे लंड को मसलने लगी, हिलाने लगी.
फिर मैंने उसको घुटनों के बल बैठाया और मुंह में लंड देने लगा.
लेकिन उसने सिर्फ मेरे लंड के सुपारे को ही अपनी जीभ से चाटना शुरु किया जिससे मुझे एक अलग ही आनंद आ रहा था.
फिर मैं धीरे-धीरे उसके मुंह में अंदर अपने लंड को डालने लगा.
उसने भी मेरा साथ दिया और लंड मुंह में लेकर चूमना चाटना शुरु कर दिया.
मेरी भी साँसें तेज हो गयी और मैं बोलने लगा- ले मेरी जान … मेरा लंड को पूरा ले! आज तक तुमने इसका मजा नहीं लिया होगा।
फिर कुछ समय के बाद पूरा कमरा उसके मुंह से निकलने वाली आवाज से गूँजने लगा.
तभी मैंने एक झटके में अपना लंड उसके हलक तक कर दिया जिससे उसको बहुत तकलीफ हुई और उसकी आँखें जैसे बाहर आ गयी. उसकी आंखों से आंसू भी आ गए.
मेरा लंड उसके हलक तक चला गया ठा.
पर उसने गुस्से में मेरा लंड बाहर कर दिया और बोली- ऐसा करोगे तो मैं जा रही हूं!
मैंने उसको उठाया और बेड पर लेटा दिया और प्यार करते हुए उसके होठों को किस करने लगा.
किस करते करते मैं उसकी चूचियों तक आया, उसको किस किया, फिर उसकी नाभि को किस किया.
तब मैं उसकी छोटी सी फूल जैसी बुर पर आया और उसको चूमने लगा.
जैसे ही मैंने उसकी बुर को चूमा, साराह एकदम मचल गयी.
और फिर मैंने उसके बुर को खोलना चाहा. लेकिन सच बताऊं तो दोस्तो, उसकी बुर में तो जैसे कोई छेद ही नहीं था, एकदम चिपकी हुई थी।
फिर मैंने उसकी बुर की गुलाबी ओठों को खोला जिसमें बहुत ही बारीक सा छेद था.
मैंने अपनी जुबान को उसके अंदर डालना चाहा पर जगह ना होने के कारण नहीं गयी, बस सिर्फ थोड़ा ही अंदर गयी.
जिस पर साराह का बदन अकड़ने लगा.
कुछ समय तक मैंने उसकी बुर को बहुत से चूमा जिससे उसकी बुर से पानी की तार गिरने लगी और मैंने उस पानी को अपने जीवन में पहली बार अनुभव किया था जिसका स्वाद थोड़ा सा नमकीन- नमकीन सा लग रहा था मुझे!
लेकिन मुझे वह पानी इतना पसंद आया कि मैं चाहता था कि मैं इसे खूब पीयूं.
मैंने साराह की तरफ देखा, वह अपनी आँखें बंद किए वासना के नशे में चूर आहें भरे जा रही थी।
जब मैंने उसको सेक्स के लिए पूछा तो उसने कहा- यार इसमें जैसे चीटियां काट रही हैं. कुछ करो!
तो मतलब वह राजी थी.
मैंने देर ना करते हुए उसकी कमर के नीचे एक तकिया रखा और अपना लंड डालने लगा.
पर लंड अंदर जाने के बजाय बाहर ही फिसल रहा था.
काफी देर कोशिश के बाद मैंने उसकी टांगों को चौड़ा किया और उसकी बुर को खोला फिर उसमें अपना लंड फंसाया और धक्का दिया.
इस बार मैं कामयाब हुआ लंड का सुपारा अंदर गया और मुझे हल्का दर्द हुआ जैसे मैंने अपना लंड किसी छोटे मुंह के बोतल में डाला हो.
और उधर साराह दर्द की वजह से छटपटाने लगी, काफी जोर जोर से चिल्लाने लगी.
उसके इतनी तेज छटपटाने की वजह से लंड बाहर निकल गया.
मैंने साराह का चेहरा देखा तो डर गया.
मोटे मोटे आंसू उसकी आंखों में थे और वह काफी तेज रोये जा रही थी.
मैंने उसको शान्त किया और समझाया- पहली बार में थोड़ा दर्द होगा!
तो उसने मुझे जोर से धक्का दिया और बोली- मुझे कुछ नहीं करना है, प्लीज मुझे छोड़ दो, मुझे जाने दो!
मैंने उसको समझाया और प्यार से किस किया.
फिर कुछ समय बाद उसका दर्द कम हुआ।
जब मैंने उसको किसी तरीके से दुबारा सेक्स के लिए राजी किया तो मैं नहीं चाहता था कि इस बार कोई गलती हो … नहीं तो साराह मुझे कभी करने नहीं देगी.
मैंने अपने लंड पर देखा तो खून लगा हुआ था और साराह की बुरा से खून टपक रहा था. साराह खून देखे, उससे पहले मैंने एक कपड़ा लिया और उसकी बुर और अपना लंड जल्दी से साफ किया.
फिर मैंने साराह को बेड के नीचे खाड़ा किया और बेड पर झुकाया, आप लोगों की भाषा में घोड़ी बनाया.
तब मैंने अपने लंड पर थोड़ा सा थूक लगाया और उसकी बुर पर धक्का मारा. जिससे मेरा थोड़ा लंड सुपारे के साथ अंदर चला गया.
फिर से साराह चिल्लाने लगी और और जोर जोर रोने लगी- अजय, प्लीज मुझे छोड़ दो. मुझे नहीं करना कुछ … प्लीज, मुझे जाने दो. मैं मर जाऊँगी.
लेकिन इस बार मेरी पकड़ बहुत अच्छी थी जिससे वह छुट नहीं पायी और छटपटाती हुई बेड पर गिर गयी.
वह जोर जोर से रोने लगी.
फिर मैंने मौका देखते हुए दूसरा धक्का मारा और पूरा लंड उसकी बुर में उतार दिया.
लेकिन इस बार तो जैसे उसकी आवाज ही नहीं निकल पायी और वह दर्द की वजह से बेहोश हो गयी।
पहले तो मैं डर गया. फिर मुझे याद आया कि पहली बार में ऐसा होता है.
मैं उसके ऊपर लेट कर उसको किस करने लगा और उसके पीठ पर अपने दांतों से काटने लगा.
करीब 5 मिनट बाद उसने फिर से दर्द के वजह से रोना शुरु कर दिया और मुझसे बोलने लगी- अजय प्लीज, मुझे अभी छोड़ दो. मुझे अभी बहुत दर्द हो रहा है. अपना लंड बाहर निकाल लो तुम. बाद में जब मेरा दर्द कम हो जाएगा तो कर लेना. लेकिन प्लीज अभी निकालो इसको!
मैंने उसकी एक बात नहीं सुनी और धक्का मारने लगा.
जिस पर वह बहुत जोर जोर से रोये जा रही थी.
कुछ समय बाद जब लंड ने बुर के अंदर अपनी जगह बना ली तब असानी से अंदर बाहर होने लगा लेकिन दर्द ज्यादा कम नहीं हुआ क्योंकि मुझे भी दर्द हो रहा था जिससे मैं साराह का दर्द महसूस कर सकता था.
मैंने धक्के लगाने नहीं बंद किया. मैं बराबर धक्के मार रहा था.
कुछ समय बाद जब साराह को दर्द की आदत पड़ गयी तो उसने चिल्लाना और छटपटाना बंद कर दिया.
बस उसके मुंह से एक ही बात बार बार निकल रही थी- अजय, इसको बाहर निकाल लो!
कुछ समय धक्के मारने के बाद जब साराह का पानी निकला तब साराह को थोड़ा दर्द से राहत मिली और वह भी लेटे लेटे मजा लेने लगी.
मेरा भी पानी निकलने वाला था.
मैंने उसकी बुर में ही पानी निकाला.
और जब लंड बाहर निकला तो पक्क से आवाज आई जैसे किसी ने बोतल खोली हो।
यंग गर्ल क्यूट सेक्स से मैंने साराह की बुर को अब चूत बना दिया था.
साराह का इतना बुरा हाल था कि वह खुद को पलट भी नहीं सकती थी.
उसको अभी भी बहुत दर्द हो रहा था.
उसकी चूत का निकला हुआ खून उसकी जांघों और टांगों तक बह आया था जिसको देख कर वह मुझसे बोली- तुमने बोला था कुछ नहीं होगा. देखो कितना खून निकला है मेरा!
मैंने उसको अच्छे से साफ़ किया, बाथरूम में ले जाकर अच्छे से नहलाया क्योंकि साराह सही से खड़ी भी नहीं हो पा रही थी, चलने को तो बहुत दूर की बात थी.
तब मैं बोला- पहली बार में होता है, अब नहीं होगा.
उसने मुझे गुस्से से मारते हुए बोला- अब नहीं करने दूंगी!
फिर मैंने खुद को साफ़ किया और अपने लंड को साफ़ करने लगा.
तभी साराह बोली- इतना बड़ा है. इसको इतनी छोटी सी जगह में डालोगे तो खून नहीं निकलेगा तो क्या होगा?
इस पर मैंने उसको बोला- अच्छा ज्यादा अक्ल ना बताओ और इसको साफ़ करो पहले!
उसने मना किया लेकिन बाद मैं उसने बैठे बैठे मेरे लंड को साफ़ किया और मुझे अच्छे से नहलाया.
फिर मैं उसको उठा कर कमरे में लाया और उसको सोफ़े पर बिठाया. फिर मैंने बेड शीट बदली जो साराह की चुत से निकले हुए खून से गंदी हो गयी थी फिर
मैंने उसको बेड पर बिठाया और उसको मैगी खिलाई।
उसके बाद मैंने उसको काफी बार चोदा जब तक साराह थी.
मैंने उसको अपना गाँव घुमाया और फिर उसको उसके घर कानपुर छोड़ कर भी आया.
लेकिन वह मेरी अब बहुत अच्छी गर्लफ्रेंड बन चुकी थी, मेरा उसके घर आना जाना भी चालू हो गया.
अब जब भी मौका मिलता है, मैं उसकी चूत मारने पहुँच जाता हू।
मैंने साराह की गांड भी मारी है लेकिन वह कहानी फिर कभी लिखूँगा.
तो दोस्तो, यह मेरी पहली कहानी थी. मैंने अपने जीवन में पहली बार सम्भोग क्रिया का आनंद लिया.
आप लोग मुझे मेल करके बताना जरूर कि मेरी यह सच्ची यंग गर्ल क्यूट सेक्स कहानी आपको कैसी लगी?
अगर आप लोगों का मुझे प्यार मिला तो मैं अपने जीवन के सारे किस्से आप लोगों के बीच रखूँगा।
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