घर में ही मिला चुदाई का रास्ता- 3

(Xxx Uncle Porn Kahani)

सोनम वर्मा 2025-02-11 Comments

Xxx अंकल पोर्न कहानी में मैं अपने घर में रहने वाले पापा के दोस्त से चुदाई के लिए बेचैन थी. मौक़ा मिलते ही अंकल ने मुझे नंगी करके चोद दिया, मेरी कुंवारी चूत को फाड़ फिया.

दोस्तो,
मैं सविता कहानी के अगले भाग में आप सभी का स्वागत करती हूं।

कहानी के पिछले भाग
अंकल के साथ ओरल सेक्स का मजा
में आपने पढ़ा कि किस तरह से हमारे घर पर पापा के दोस्त रहने के लिए आये और कैसे उनके साथ मेरा रिश्ता नजदीक आता गया।
अभी तक हम दोनों के बीच चुदाई नहीं हुई थी लेकिन हम दोनों एक दूसरे के नंगे बदन को चूमकर संतुष्ट किया था।
आये दिन अंकल रात में मेरे कमरे में आते थे और हम दोनों नंगे होकर एक दूसरे के गुप्तांग को चूमकर एक दूसरे को मजा देते थे।
मैं उनका लंड चूसकर और हिलाकर उनका पानी निकालती थी और अंकल भी मेरी चूत को चाट कर और उंगली करते हुए मुझे मजा देते थे।
अंकल मुझे चोदने से डर रहे थे क्योंकि उनके लंड के सामने मैं और मेरी छोटी सी चूत कुछ नहीं थे।

यह कहानी सुनें.

अब आगे Xxx अंकल पोर्न कहानी:

उनका भारी भरकम शरीर और साथ ही उनका 8 इंच बड़ा लंड।
वे एक सही मौके का इंतजार कर रहे थे जब वे मुझे चोद सकें.
क्योंकि अगर वे अभी सब लोगों के रहते मुझे चोदते हैं तो पता नहीं मैं उनके बड़े लंड को झेल पाती हूँ या नहीं … और उससे कहीं कोई दिक्कत न हो जाये।

लेकिन जल्द ही हम दोनों को ऐसा बेहतरीन मौका मिल गया जिसके कारण अंकल ने मुझे लगातार 4 दिनों तक चोदा और फिर हम दोनों के बीच चुदाई का सिलसिला शुरू हो गया।

जनवरी का महीना चल रहा था और मार्च में मेरे कालेज के पेपर शुरू होने वाले थे।
मैं कालेज तो कम जाती थी लेकिन दो जगह टयूशन के लिए जाती थी।

अचानक से मेरे मम्मी पापा को एक शादी में जाना था।
वे लोग मुझे भी अपने साथ ले जाना चाहते थे लेकिन मेरी पढ़ाई के कारण संकोच में थे।

फिर उन्होंने मुझे घर पर ही रहने के लिए कह दिया क्योंकि साथ में अंकल भी थे।

मम्मी पापा को अंकल पर बहुत भरोसा हो गया था इसलिए उन्हें मुझे रुकने के लिए कह दिया था.
लेकिन उनको ये कहा पता था कि जिन पर वे भरोसा करते हैं, उनकी बेटी उनके साथ चुदाई के सपने देखती है।

अंकल और मुझको एक बेहतरीन मौका मिल गया था जिससे हम दोनों अपनी इतने दिनों की प्यास बुझा सकते थे।
मुझे भी पता था कि अंकल इस मौके का फायदा उठाकर मेरी चुदाई जरूर करेंगे.
इसलिए मैं भी मन ही मन बहुत उत्साहित थी।

मम्मी पापा को सोमवार को जाना था और रविवार के दिन से ही उन्होंने अपनी तैयारी शुरू कर दी थी।
अंकल को भी यह बात पता चल गई थी इसलिए वे 3 दिन से मेरे कमरे में नहीं आये थे।

सोमवार को शाम को 4 बजे मम्मी पापा शादी के लिए निकल गए और अगले 4 दिनों तक घर पर केवल मैं और अंकल ही रहने वाले थे।

मैं इतना तो जानती थी कि अब अंकल और मेरे बीच सब कुछ हो ही जायेगा.
इसलिए मैंने पहले ही अपने गुप्तांगों के अनचाहे बालों की साफ सफाई कर ली थी।

शाम को 6 बजे अंकल अपने ऑफिस से घर वापस आये।

इसके बाद अंकल और मैं 8 बजे तक खाना खा का फुर्सत हो गए थे।

रात 9 बजे अंकल ने जाकर घर के बाहर और अंदर के सभी दरवाजे बंद कर दिए।
उसके बाद अंकल मेरे पास आये उस वक्त मैं टीवी देख रही थी।

अंकल ने रिमोट से टीवी बंद कर दी और मेरा हाथ पकड़कर मुझे अपनी बांहों में खींच लिया।

मैं भी खुशी खुशी उनकी बांहों में चली गई और अंकल ने मुझे अपनी गोद में उठा लिया।

मुझे गोद में उठाये हुए अंकल मुझे बेडरूम में ले गए।

बेडरूम में लेजाकर अंकल मेरे होंठों पर टूट पड़े और मैंने भी उनका साथ देते हुए अपने आप को उनको सौम्प दिया।

अंकल लगातार मेरे होंठों को चूम रहे थे और इसके साथ ही उन्होंने मेरी फ्रॉक भी निकाल दी.
मैं ब्रा पैंटी में उनके गले लगी हुई थी।

जल्द ही अंकल ने भी अपने कपड़े निकाल दिए और केवल अन्डरवियर में रह गए।

काफी देर तक हम दोनों बिस्तर के बाहर ही एक दूसरे को चूमते सहलाते रहे और फिर अंकल ने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और मेरे ऊपर आ गए।

अंकल ने एक झटके में ही मेरी ब्रा को निकालकर फेंक दिया और मेरे तने हुए दूध पर टूट पड़े।
वे मेरे दूध को अपनी मुठ्ठी में भरकर मसलने लगे और निप्पलों को चूसने लगे।

उनके निप्पल चूसने से मेरे पूरे बदन में आग लग गई और मैं बिस्तर पर मछली की तरह मचलने लगी।
मैं जोर जोर से बस यही कह रही थी- आआह अंकल … आह अंकल … ऊऊईई मम्मीई … अंकल आराम से … आआह ऊऊऊ ऊऊ ऊऊईई!

अंकल लगातार मेरे दूध को चूस रहे थे और मेरे बदन को सहलाते जा रहे थे।

जल्द ही अंकल ने मेरी पैन्टी भी निकालकर मुझे पूरी तरह से नंगी कर दिया और उसके बाद खुद भी नंगे हो गए।

अब हम दोनों एक दूसरे के नंगे बदन को सहला रहे थे और चूम रहे थे।

हम दोनों एक दूसरे से बुरी तरह से लिपटे हुए थे और कभी मैं अंकल के ऊपर होती कभी अंकल मेरे ऊपर हो जाते थे।

काफी देर तक हम दोनों के बीच ऐसे ही आलिंगन चलता रहा और फिर अंकल ने मुझे लेटा कर मेरे दोनों पैरों को फैला दिया और मेरी छोटी सी खूबसूरत चूत उनके सामने आ गई।

उन्होंने मेरे जांघों को जकड़ लिया और अपना मुंह मेरी चूत पर लगा दिया।
अंकल अपनी जीभ निकाल कर मेरी चूत को बुरी तरह से चाटने लगे।

मेरी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था और अंकल उस पानी को पूरा ही चाट रहे थे।

मेरे बदन में जैसे आग ही लग चुकी थी और मुझे अब बस ऐसा लग रहा था कि कितनी जल्दी अंकल अपना लंड मेरी चूत में डाल दें और मेरी इतने दिनों की गर्मी को शांत कर दे।

अंकल मेरी चूत को बुरी तरह से चाट रहे थे और मैं जोर जोर से ‘आआह अंकल … आआह अंकल’ कर रही थी।

अंकल भी मुझे बुरी तरह से गर्म कर रहे थे और लगातार मेरी चूत को चाट रहे थे।

काफी देर बाद जब मैं बुरी तरह से मदहोश हो गई और मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था और मैं अपने हाथ बिस्तर पर पटकने लगी तब अंकल ने मेरी चूत चाटना बंद किया।

अब अंकल ने मेरी टाँगों को फैलाकर अपने हाथ में फ़सा लिया और मेरे ऊपर लेट गए।
अंकल का विशाल मोटा लंड बिल्कुल मेरी चूत के छेद पर लगा हुआ था।

अब वह पल आ गया था जब मेरी पहली चुदाई होने वाली थी.
और हम दोनों के बीच का इतने दिनों का रिश्ता अपने मुकाम पर पहुँचने वाला था।

अंकल का लंड पहली बार मेरी चूत के अंदर जाने के लिए बिल्कुल तैयार था और मैं भी चुदाई के लिए बिल्कुल तैयार थी।

लेकिन मुझे पता था कि अंकल का विशाल लंड मेरी छोटी सी चूत के लिए काफी बड़ा है और मुझे बहुत दर्द भी होने वाला था.
लेकिन इन सब को भुलाकर उस वक्त मुझे बस ऐसा लग रहा था कि बस आज अंकल मुझे चोद ही दें।
उस वक्त मेरे बदन की गर्मी अपने उफान पर थी और मैं हर दर्द सहने के लिए तैयार थी।

अंकल मेरे ऊपर लेटे हुए थे और फिर उन्होंने मेरे गालों को चूमते हुए कहा- तुम तैयार हो न?
“हाँ अंकल!”

मेरी हाँ सुनते ही अंकल ने मुझे अपनी बांहों में जकड़ लिया और अपने लंड पर जोर देना शुरू कर दिया।
लंड का सुपारा चूत को फैलाकर अंदर छेद में गया और मेरे मुँह से निकला- सीईई ईईई ईईई अनकल आ!

उस वक्त तक मुझे लगा कि लंड तो आराम से अंदर जा रहा है लेकिन ये मेरी गलतफहमी थी लंड तो अभी बस चूत के थोड़ा अंदर गया था।

इसके बाद अंकल ने और जोर लगाया और लंड चूत में धंसने लगा और मुझे ऐसा लगा जैसे मेरी चूत के अंदर कोई गर्म रॉड डाल रहा है।
अंकल ने मुझे जोर से जकड़ लिया और मैं भी उनसे चिपक गई।

जैसे ही अंकल ने थोड़ा और जोर दिया लंड मेरी सील को तोड़ता हुआ आधा अंदर चला गया।

मेरे मुंह से जोर से चीख निकली- ऊऊईई ईईई मम्मीई ईईईई आ आआ आआह!
मेरी आँखों के सामने जैसे अंधेरा छा गया और उनसे आंसुओं की धार निकल पड़ी।

मैं अंकल को जोर जोर से धक्का देने लगी और किसी तरह से उनसे छूटने की कोशिश करने लगी.
लेकिन अंकल ने मुझे जबरदस्त तरीके से जकड़ लिया था जिससे मैं हिल भी नहीं पा रही थी।

जल्द ही अंकल ने एक जोर का धक्का लगा दिया और पूरा का पूरा लंड चूत को चीरता हुआ अंदर तक चला गया।

मैं तो दर्द से जैसे पागल सी हो गई थी और बुरी तरह से चिल्ला रही थी।

अंकल बार बार मेरे मुँह को बंद कर रहे थे लेकिन दर्द के कारण मैं उनका हाथ झटक दे रही थी।

मैं जोर जोर से कह रही थी- अंकल निकाल लो … निकाल लो प्लीज … निकाल लो. मैं नहीं सह पाऊंगी. प्लीज निकाल लो।

अंकल मेरी बातों को अनसुना करते हुए एक दो बार लंड को बाहर करते हुए फिर से अंदर पेल दिए जिससे उनका लंड अच्छे से मेरी चूत में सेट हो गया।

उनका लंड इतना मोटा था कि चूत के अंदर हवा तक जाने की जगह नहीं थी।

इतने दिनों तक अंकल ने मेरे बदन में चुदाई की जो गर्मी भरी थी वो उस वक्त हवा हो गई थी।

उस वक्त मुझे समझ में आया कि अंकल में सबके रहते हुए मुझे क्यो नहीं चोदा था अगर घर वालो के रहते हुए मेरी चुदाई हुई होती तो मेरी चीखे सुनकर पता नहीं क्या हो जाता।

अंकल को चुदाई का बहुत अनुभव था और वे उस वक्त अपने अनुभव का पूरा इस्तेमाल कर रहे थे।
वे चुपचाप मेरे ऊपर लेटे हुए थे और उनका लंड मेरी चूत में धंसा हुआ था।

काफी देर तक अंकल ऐसे ही बिना कुछ किये मेरे ऊपर लेटे रहे और मेरे गालों और जांघों को सहलाते रहे।

काफी देर बाद मेरे अंदर दर्द की लहर धीमी होने लगी और धीरे धीरे दर्द कम होने लगा।

अंकल लगातार मेरी जांघ पर अपनी उंगली चला रहे थे और एक बार फिर से मेरी चूत से पानी निकलना शुरू हो गया था।

मेरे बदन में वासना की लहर फिर से दौड़ने लगी थी और मेरी चीखें मदहोश करने वाली सिसकारियों में बदल गई थी।

अब अंकल ने भी आहिस्ते आहिस्ते लंड को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया.
और मेरे मुंह से बेहद गंदी गंदी आवाजें निकलने लगी- आआ आऊ ऊऊऊ ऊऊ आआ आऊ ऊह अंकल लल्लऊऊऊ अंकल आआह ऊऊह!

उस वक्त अंकल बेहद आहिस्ते आहिस्ते मुझे चोद रहे थे लेकिन अब मुझे दर्द की जगह मजा आ रहा था।

मेरी उंगलियां अंकल की पीठ पर चलने लगी थी और मेरे होंठ अंकल के सीने को चूम रहे थे।

अब तक अंकल भी समझ चुके थे कि अब मुझे चुदाई में मजा आ रहा है इसलिए अंकल ने भी चुदाई की रफ्तार तेज करनी शुरू कर दी।

अंकल के धक्कों की रफ्तार तेज होती जा रही थी और मेरी सिसकारियों की आवाज भी कमरे में गूंजती जा रही थी।
सारा कमरा मेरी कामुक आवाज से गूंज रहा था- अई अई ऊह ऊऊह आह आअ आह ऊऊई उई अई मम्मीई ऊऊई अई फ़फ़ ऊऊफ़ अंकल आआह ओह आआह ऊऊई मम्मीई अई!

जल्द ही अंकल की रफ्तार इतनी तेज हो गई थी कि पूरा पलंग जोर जोर से हिलने लगा था और अंकल के धक्के मेरे पेट पर जोर जोर से बज रहा था।

अब तक अंकल को समझ आ गया था कि मुझे दर्द नहीं हो रहा है और मैं चुदाई का मजा ले रही हूं.
इसलिए अंकल ने अपने दोनों हाथ मेरे चूतड़ के नीचे लगाकर मेरे चूतड़ को हवा में उठा लिया और अपनी पूरी रफ्तार से धक्के लगा लगा कर मेरी चुदाई करने लगे।

मेरी चूत पूरी तरह से पानी से भर गई थी और चुदाई करते समय फच्च फच्च की आवाज निकलने लगी।

जल्द ही अंकल ने अपना लंड बाहर किया और मुझे घुटनों पर होने के लिए कहा।

मैं समझ गई कि वे मुझे घोड़ी बनने के लिए कह रहे हैं और मैं चुपचाप घोड़ी बन गई।
अंकल अब मेरी गांड की तरफ थे और पीछे से उन्होंने मेरी चूत में लंड डाल दिया।

उन्होंने मेरी कमर को पकड़ा और धक्के देना शुरू कर दिया।
मेरे दोनों दूध नीचे की तरफ लटकते हुए तेजी से झूल रहे थे और अंकल दनादन धक्के लगा रहे थे।

इस पोजीशन में चुदाई को मैं ज्यादा समय तक बर्दाश्त नहीं कर पाई और जल्द ही झड़ गई।

चूत का गर्म गर्म पानी बिस्तर पर टपक रहा था और अंकल लगातार चुदाई किये जा रहे थे।

कुछ देर बाद एक बार फिर से पोर्न अंकल ने अपना लंड बाहर किया और अब मुझे बिस्तर से बाहर ले आये।

अब उन्होंने मुझे पलंग के नीचे खड़ी कर दिया और मेरी एक टांग उठाकर पलंग पर रख दिया.
Xxx अंकल ने अपना एक हाथ मेरी कमर पर कसा और लंड को चूत में पेल दिया।

उन्होंने मुझे अपने सीने से लगा लिया और दूसरे हाथ से मेरी गांड थामकर धक्के देना शुरू कर दिया।

उनका लंड किसी मशीन की तरह मेरी चूत में अंदर बाहर हो रहा था और मेरे दोनों दूध उनके सीने पर दबे जा रहे थे।

ऐसे ही चोदते हुए अंकल ने मुझे अपनी गोद में उठा लिया और मुझे उछाल उछाल कर मेरी चुदाई शुरू करने लगे।

अंकल के हर पोजीशन में मुझे अलग ही मजा आ रहा था।

मेरी पहली ही चुदाई में अंकल ने इतने सारे पोजीशन में मुझे चोद लिया था।

अंकल लगभग 40 मिनट से मुझे चोद रहे थे और मैं दो बार झड़ चुकी थी लेकिन अंकल का अभी तक पानी नहीं निकला था।

अंकल पोजिशन बदल बदल कर मुझे चोदे जा रहे थे और मैं बिंदास होकर अपनी पहली चुदाई का मजा ले रही थी।

इसके बाद अंकल ने मुझे खड़े खड़े ही घोड़ी बना लिया और पीछे से आकर मेरी चुदाई करने लगे।

इस बार अंकल के धक्के इतने ज्यादा जोरदार थे कि मेरा पूरा बदन हिल गया था।

मेरी गांड में फट फट करते हुए धक्के पड़ रहे थे और मेरे दूध बुरी तरह से इधर उधर उछल कूद कर रहे थे।

जल्द ही अंकल ने मुझे बुरी तरह से जकड़ लिया और उनका गर्म फव्वारा मेरी चूत के अंदर ही फट गया।

उनके गर्म गर्म पानी से मेरी चूत पूरी भर गई थी और मेरे जांघों से होकर जमीन पर टपक रहा था।

अंकल ऐसे ही लंड डाले हुए मुझे बिस्तर पर लेटा दिए और मेरे ऊपर ही लेट गए।
उनका लंड अभी भी मेरी चूत के अंदर धसा हुआ था लेकिन जल्द ही उनका लंड ढीला होकर चूत से बाहर निकल आया।

अंकल मुझसे अलग हुए और हम दोनों काफी देर तक नंगे बदन बिस्तर पर लेटे रहे।

उसके बाद आधे घंटे के आराम के बाद चुदाई का दूसरा दौर शुरू हुआ.
और इस बार भी अंकल ने मुझे जोरदार तरीके से चोदा।

ऐसे ही करते हुए सुबह के 3 बज चुके थे और इस बीच 4 बार मेरी चुदाई हो गई थी।

मैं बुरी तरह से थक चुकी थी और अब मेरी हिम्मत जवाब दे चुकी थी।

अंकल भी थक गए थे और फिर वे मेरे नंगे बदन से लपट कर सो गए।

सुबह जब मैं उठी तो पूरा बदन दर्द से टूट रहा था।

बाथरूम जाकर जब मैंने अपने नंगे बदन को आईने में देखा तो मेरे दूध और जांघ पर लाल निशान पड़ गए थे जो अंकल के मसलने के कारण बने थे।

दोपहर में नहाते हुए अंकल ने बाथरूम में ही मेरी फिर से चुदाई की और उसके बाद रात में फिर से हम दोनों के बीच चुदाई ही चुदाई चलती रही।

हम दोनों ही महीनों से चुदाई के प्यासे थे और हम दोनों को ही चुदाई की भूख थी।

4 दिनों तक हम दोनों अकेले रहे थे और हम दोनों के बीच बस चुदाई ही चुदाई होती रही।
इन 4 दिनों में एक बार भी मैंने अपनी चड्डी नहीं पहनी थी रुक रुककर बस हम चुदाई कर रहे थे।

इसके बाद मम्मी पापा के आने के बाद 3 दिनों तक हम दोनों के बीच कुछ भी नहीं हुआ और मैंने जम कर आराम किया।

इसके बाद चौथी रात अंकल मेरे कमरे में आये और पहली बार मम्मी पापा के होते हुए अंकल ने मुझे चोदा।
उस रात 2 बार उन्होंने मुझे चोद कर मेरी प्यास बुझाई।

फिर ये Xxx अंकल पोर्न का सिलसिला चलता ही रहा और अक्सर रात में अंकल मेरे कमरे में आकर मेरी चुदाई करने लगे।

अब मुझे बाहर किसी लड़के की कोई जरूरत नहीं थी.
मुझे घर पर ही एक अनुभवी लंड मिल गया था और इसके बारे में कभी किसी को भी पता नहीं चला।

2 सालों तक अंकल मेरे घर पर रहे थे और उन दो सालों में उन्होंने न जाने कितनी बार मेरी चुदाई की थी।
उनके जाने के कुछ महीनों बाद ही मेरी शादी तय हो गई और अब जल्द ही मेरी शादी होने वाली है।

घर वालों की पाबंदी के बावजूद भी इतने सालों तक मैंने जी भरकर चुदाई का मजा लिया और कभी भी किसी को भनक नहीं लगी।

दोस्तो, मेरी Xxx अंकल पोर्न कहानी आप सभी को कैसी लगी?
जरूर बताइए।
कहानी पढ़ने के लिए धन्यवाद.
[email protected]

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