दुल्हन भाभी की कुंवारी चूत मिल गयी
(Xxx Dulhan Sex Kahani)
Xxx दुल्हन सेक्स कहानी में पढ़ें कि जब मैंने अपने ममेरे भाई की दुल्हन को देखा तो मेरा लंड पागल सा हो गया. मुझे उसी भाभी की कुंवारी चूत कैसे मिल गयी?
दोस्तो, मेरा नाम आलोक है और मैं जयपुर से हूँ. आप सभी ने मेरी आपबीती
बीवी के धोखे में दूसरी चूत मिल गयी
नामक सेक्स कहानी को बहुत सारा प्यार दिया.
मुझे खुशी हुई कि आप सब कामुकता की बारिश में नहाये.
आज की Xxx दुल्हन सेक्स कहानी भी मेरे साथ हुई एक अनसोची घटना थी.
यह घटना सन 2020 में लॉकडाउन से पहले फरवरी महीने की है.
हुआ ये कि मेरे मामा के लड़के की शादी थी. मैं उस समय काम से पंजाब गया हुआ था.
मामी का फोन आया कि घर में ये अंतिम शादी है, तुझे आना ही है.
मैं काम में अति व्यस्त था लेकिन मामी के बोलने पर आने को तैयार हो गया.
मामी के घर आया तो शादी में एक से बढ़कर एक मोटी गांड और बड़े बड़े चूचों वाली लड़कियों और भाभियों को देखकर लंड खड़ा हो गया.
उनके रसीले लाल लाल गुलाबी होंठों को देख कर मैं सोच रहा था कि काश इनमें से कोई भी मिल जाए तो सारा रस पी जाऊं. पर किस्मत में चूत हो तब तो मिले ना.
फिर वो दिन भी आ गया जब बारात पास ही के गांव में गई.
वो पल में कभी नहीं भूल सकता जब दुल्हन स्टेज पर आई.
उसको देखते ही मेरा लंड पागल सा हो गया.
भाभी बला की खूबसूरत और कामदेवी सी लग रही थीं.
सुर्ख गुलाबी रंग का कामदार लहंगा और नेट की चूनर में भाभी की जवानी मस्त दिख रही थी.
कमर के नीचे से लहंगा बांधा हुआ था, तो सपाट पेट पर नाभि बड़ी ही दिलकश लग रही थी.
नाभि के नीचे एक टैटू बना था और नाभि में एक चमकदार नग चिपकाया हुआ था जो भाभी के चलने से चमक रहा था.
झीनी नेट की चूनर से भाभी का चुस्त और गहरे गले का ब्लाउज एक अलग ही मादकता बिखेर रहा था.
भाभी की अल्हड़ जवानी को देख कर लंड मान ही नहीं रहा था.
उनकी उठी और तनी हुई चूचियां लंड का हाल बेहाल किए हुई थीं.
भाभी की आँखों में लाज का काजल उन्हें बेहद खूबसूरत बना रहा था.
मुझे भईया से जलन होने लगी कि क्या माल मिला है. मुझे मिल जाता तो रात दिन बस चोदता रहता.
खैर … शादी हुई, भाभी घर आ गईं.
भाई की सुहागरात थी और मैं यही सोच रहा था कि भाई, भाभी को जमकर चोदेगा … एकदम कांटा माल जो मिला है.
मैंने भाई से बोला- आपका रूम सुहागरात के लिए तैयार कर देते हैं.
भईया बोले- हमारे यहां पहले कुल देवी की देहरी पर धोक लगने के बाद ही साथ सो सकते हैं.
मामी ने मन्नत ली थी कि बेटे की शादी हो गई तो धोक लगवाएंगी. इसी मन्नत के चलते भाभी भाई दोनों की वो रात तो काली हो गई.
अगले दिन मैं सो कर उठा तो सोचा नई भाभी को गुड मॉर्निंग बोलने उनके कमरे में चलते हैं.
मैं गेट के पास गया तो सुनाई दिया कि भाभी किसी से बात कर रही थीं.
‘काहे का मजा … सुहागरात हुई ही नहीं तो क्या बताऊं, पता नहीं यार, कब सुहागरात होगी.’
मैं समझ गया कि Xxx दुल्हन की चूत लंड के लिए प्यासी हो रही है.
खैर … पंडित जी ने चार दिन बाद धोक लगाने का मुहूर्त निकाला.
दो दिन तो निकल गए.
लेकिन तीसरे दिन हुआ क्या कि जिस कमरे में भईया सोते थे, उसमें सोने के लिए मामी ने मुझसे कहा.
मामी- आलोक तुम आज यहां सो जाओ, भईया आज ऊपर वाले कमरे में सो गया है.
मैंने बोला- ठीक है मामी जी, मैं सो जाता हूँ.
मैं थका हुआ था तो लाईट बंद करके सो गया.
कुछ टाईम बाद मुझे ऐसा लगा जैसे कोई पैंट के ऊपर से मेरे लंड को छू रहा है.
किसी ने मेरे लंड को बाहर निकाल लिया था. किसी मखमल जैसे मुलायम हाथ की छुअन से मेरा लंड पूरे जोश में आ गया.
मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं सपना देख रहा हूँ या सच है.
तभी उस नर्म होंठों वाली नाजनीन ने अपने होंठों से मेरे लंड को छुआ, मैं पूरा हिल गया.
चुप होकर मजे लेते हुए सोचता रहा कि जो भी हो, ये बड़ा मस्त लंड चूस रही है.
अब वो मेरे लंड की टोपी पर अपनी जीभ फिराने लग गयी, मेरे पूरे शरीर में करंट सा दौड़ गया.
फिर उसने आधा लंड मुँह में भर लिया और अन्दर बाहर करके ऐसे चूसने लगी, जैसे कोई आईसक्रीम चूस रही हो.
दुल्हन सेक्स की प्यास से कभी लंड को हाथ से हिलाती हुई जोर जोर से चूसती, तो कभी टोपे पर जीभ से लिकलिक करके मजा देती.
मैं जन्नत की सैर कर रहा था.
उसकी लंड चुसाई से ऐसा लग रहा था, जैसे वो लंड को खा ही जाएगी.
अब मुझसे रहा नहीं गया. मैं उसे नीचे पटक कर उसके ऊपर आ गया.
उसके बदन की खुशबू मेरे लंड को पागल बना रही थी.
मैंने उसके शरीर से साड़ी को उतार दिया.
अब वो केवल ब्लाउज और पेटीकोट में थी.
मैं उसके होंठों को मुँह में लेकर जोर जोर से चूसने लगा, सच में बहुत रसीले होंठ थे.
उसके बाद मैंने उसकी गर्दन पर होंठ से चूमना जीभ से चाटना शुरू कर दिया
उसके मुँह से सीई ईईईई की आवाजें निकल रही थी.
मैं ये आवाज सुनकर एक बार को तो चौंक गया.
मुझे समझ आ गया कि ये नई वाली भाभी हैं.
मगर मैं चुप रहा और मजा लेता रहा.
उसके बाद मैं भाभी की चुचियों को मुँह में लेकर चूसने लगा.
दोनों मम्मों के निप्पलों को बारी बारी से होंठों में लेकर उन पर जीभ घुमाने लगा.
वो भी मजे में पागल हो रही थी, अपने मम्मों को मेरे मुँह में देती हुई मुझे अपने मम्मों का रस पिला रही थीं.
कुछ देर बाद मैं भाभी की नाभि के छेद पर जीभ से जोर जोर से चाटने लग गया.
भाभी वासना के मजे में डूबी हुई कामुक सिसकारियां ले रही थीं- आआआ … आआआ आहहह जान … खा लो मुझे.
उसके बाद मैं भाभी की पैंटी के ऊपर से ही जीभ लगा कर उनकी चूत चाटने लगा.
भाभी के मुँह से लगातार ‘आआ आहहह …’ की आवाजें आ रही थीं.
फिर मैंने उनकी पैंटी को खोले बिना ही साईड में कर दिया और चूत के दाने को पूरा होंठों में भरके चूसने लगा.
चूत को चाटना चूसना मुझे बहुत ज्यादा पसंद है. वो अपनी चुत का दाना चूसे जाने से ही एकदम से कड़क होने लगीं.
मैंने अपना सर भाभी के दोनों पैरों के बीच में करके दोनों हाथों से चूत को खोल दिया और जीभ से चुत को कुरेदने लगा.
भाभी मजे में पागल हो रही थीं.
मैं और जोश में आकर उनकी चूत को तेज तेज चूसने लगा.
तभी भाभी धीरे से बोलीं- आआ आह जान कुछ करो … रहा नहीं जा रहा आआ आहह … पेल दो न.
मैं देर ना करते हुए अपने लंड को चूत पर रगड़ने लगा.
भाभी ने चुत खोल दी और मैं चुत के छेद में लंड घुसाने लगा.
भाभी अपनी कमर हिला कर चूत में लंड लेने की कोशिश करने लगीं.
लंड का सुपारा चूत के होंठों में फंसा, तो मैंने धक्का दे मारा, पर लंड फिसल गया.
मैं समझ गया कि आज तो सील पैक चूत मिल गई.
भाभी की भी आह निकल गई.
मैंने लंड को थूक से गीला करके उनके होंठों को अपने होंठों में दबाया और लंड को जोर से चूत में घुसाने लगा.
बहुत ज्यादा टाईट चूत थी.
पूरी ताकत लगाकर मैंने आधा लंड उसकी चूत में घुसा दिया और जोर जोर से झटके देने लगा.
भाभी मोटा लंड लेने से कांप उठीं और छटपटाने लगीं.
उनके होंठ मेरे होंठों से जकड़े हुए थे तो आवाज निकल ही न सकी.
वो किसी मेमने की तरह मुझसे छूटने की कोशिश करने लगीं पर मैंने उनके शरीर पर अपनी पकड़ बना रखी थी जिससे वो चाह कर भी नहीं छूट पा रही थीं.
चूंकि लंड ने चुत में जगह बना ली थी. इसलिए मैं बिना रुके धक्के लगाता रहा.
भाभी की आंखों से आंसू निकल रहे थे.
कुछ देर बाद उनकी पकड़ ढीली हो गई. उन्हें भी अब चुदने में मजा आने लगा था.
मुझे खुशी हो रही थी कि आज मैंने भाभी की सील तोड़ दी … वो भी इतनी मस्त भाभी की.
भाभी भी मुझे अपना पति समझ कर चुद रही थीं.
मैंने अपने धक्के और भी तेज कर दिए. चूत के दाने को हाथ से रगड़ते हुए लंड अन्दर बाहर करने लगा.
काफी देर चोदने के बाद मैंने अपना वीर्य भाभी की टाईट चूत में निकाल दिया.
कुछ पल बाद मैं भाभी से अलग हुआ तो भाभी ने जल्दी से अपने कपड़े पहन लिए और निकल गईं.
अगले दिन मैं देर तक सोता रहा.
भाभी मुझे भईया समझ कर चुद गई थी.
सुबह वो रूम में चाय देने आईं और मुझे देखकर चौंक गईं.
भाभी- तत…तुम यहां सो रहे हो … तुम्हारे भईया सो रहे थे ना यहां तो?
मैं बोला- नहीं भाभी, रात से ही सो रहा हूँ.
भाभी- तो क्या रात में तुम ही थे?
मै- हां भाभी, आपने मुझे भईया समझ कर सुहागरात मनाई.
भाभी धीरे से बोलीं- जो होना था, सो हो गया … मगर अब ये बात किसी से न कहना.
मैं- मैं कभी किसी को नहीं बताऊंगा … ये सब राज ही रहेगा. आप बेफिक्र रहें.
मेरी बात से भाभी थोड़ी रिलेक्स हुईं.
तो मैं बोला- भाभी आपको देखकर लंड खड़ा हो गया. एक बार मुँह में लेकर चूस दो ना.
भाभी भी मेरे लंड को ललचायी नजरों से देख रही थीं, पर पास आने से हिचक रही थीं.
मेरे जोर देने पर पास मैं बैठ गईं. मैंने लंड उनके हाथ में दे दिया और कहा- चूस दो ना जल्दी से भाभी.
भाभी का भी मोटे लंड को चूसने का मन तो था, पर डर या शर्म की वजह से नहीं कर पा रही थीं.
मैं- भाभी, जब हम सब कर चुके हैं, तो सोच क्या रही हो, चूस लो ना.
भाभी ना ना करके लंड चूसने लगीं.
आआ आआह … जब मखमली होंठों में लंड को लेकर भाभी ने चूसना शुरू किया तो उस मजे का कहना ही क्या … सच में भाभी ने मस्त लंड चुसाई की.
जिन्होंने लंड चुसवाया है, इस मजे को वो ही समझ सकते हैं.
भाभी जोर जोर से लंड को मुँह में अन्दर बाहर करने लगीं.
कुछ देर बाद मैं बोला- बाहर निकाल दो … मेरा होने वाला है.
तो उन्होंने लंड बाहर निकाल कर हाथ से हिला हिला कर पानी निकाल दिया.
मैंने भाभी को थैंक्स बोला.
तो भाभी बोलीं- जरा बाथरूम में चलो और मुझे भी मजा दे दो.
मैंने कहा- ओके चलो.
हम दोनों बाथरूम में आ गए और मैंने भाभी की चुदाई शुरू कर दी.
इस बार जल्दी वाला मामला था तो दस मिनट में भी फारिग हो गया.
फिर आज धोक लगने का भी दिन था.
भाभी चली गईं.
उसके बाद मैं अपने घर आ गया.
मामी के घर का मामला नजदीकी था तो बाद में भी मैंने भाभी को बहुत बार चोदा है.
अब जब भी जाता हूँ, भाभी को चोद कर ही आता हूँ.
Xxx दुल्हन सेक्स कहानी कैसी लगी, अपनी राय जरूर दीजिएगा.
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