देसी गर्लफ्रेंड की पहली ठुकाई
(Virgin Girl First Sex Kahani)
वर्जिन गर्ल फर्स्ट सेक्स का मजा मुझे दिया मेरी गाँव वाली देसी गर्लफ्रेंड ने! गर्मियों में मैं अपने गांव गया। वहां मेरी गर्लफ्रेंड मिली तो मैंने उसको चोदने की बात की. एक रात उसने मुझे अपने घर बुलाया!
दोस्तो, मेरा नाम राहुल है और मैं ग्वालियर का रहने वाला हूं।
मैं आज आप लोगों को अपनी गर्लफ्रेंड की चुदाई की कहानी बताने जा रहा हूं।
आशा है आप लोगों को चुदाई की यह कहानी पसंद आएगी।
दोस्तो, मेरा गांव ग्वालियर से कुछ दूरी पर पड़ता है।
गर्मियों में मैं अपने गांव चला जाता था।
यह वर्जिन गर्ल फर्स्ट सेक्स की कहानी उन दिनों की है जब मैं छुट्टियों में गांव गया हुआ था।
गांव में मेरे मम्मी-पापा और छोटा भाई रहते हैं।
वहां पर हमारी एक दुकान है।
दुकान पर कभी मैं तो कभी छोटा भाई रहता था।
आपको बता दूं कि गांव में ही मेरी एक सेटिंग थी, जिसका नाम रश्मि था।
तो जब मैं गांव गया तो रश्मि भी दुकान पर आई।
वह मुझे देखकर मुस्करा दी।
मैं बोला- मुझे मिलना है तुम से!
वह बोली कि वो बता देगी।
दोस्तो, आगे बढ़ने से पहले मैं आपको रश्मि के बारे में बता देता हूं।
मेरी गर्लफ्रेंड रश्मि की उम्र 19 साल है।
उसका रंग थोड़ा सांवला है लेकिन फिगर बहुत ही मस्त है।
उसके बूब्स ज्यादा मोटे नहीं हैं लेकिन एकदम गोल हैं जैसे गेंद होती है।
उसकी कमर एकदम से पतली है और गांड बहुत मोटी है।
देखने में बहुत सेक्सी लगती है उसकी गांड।
मैं रश्मि को चुदाई के लिए तो पसंद करता ही था, उससे प्यार भी करता था।
मैंने रश्मि के बूब्स कई बार दबाए थे, मसले भी थे।
हम दोनों बहुत किस किया करते थे लेकिन चुदाई का मौका अभी तक नहीं मिल पाया था।
जब भी उससे मिलना होता था तो हम दोनों किस करते थे।
मैं कपड़ों के ऊपर से ही उसकी चूत पर से हाथ फेर देता था।
मेरा लंड गीला हो जाता था।
फिर घर आकर मुझे मुठ मारकर पानी निकालना पड़ता था।
दोस्तो, मेरे लंड का साइज 6 इंच के लगभग है और यह 2 इंच मोटा है।
यह चूत में जाकर किसी भी लड़की की जान निकाल सकता है।
लेकिन अपने ही गांव में किसी लड़की से मिलना बहुत मुश्किल होता है।
वैसे भी गांव में लड़कियां डर की वजह से इतनी आसानी से चूत देने के लिए तैयार भी नहीं होती हैं।
इसलिए मैं भी चुदाई के तड़प रहा था।
बस रश्मि की चूत चोदने की ललक थी मुझे अब!
अगले दिन रश्मि ने बताया कि दो दिन बाद उसके पापा कहीं बाहर जाने वाले हैं, घर पर केवल वो और उसकी मम्मी ही रहेंगी।
लेकिन दिक्कत यह थी कि मुझे रात को उसके घर जाना पड़ेगा।
मैंने उससे कह दिया कि चलो देखते हैं।
दो दिन बाद वो रात आ गई।
मैंने घर पर बोल दिया कि रात को मैं दोस्त के घर ही रुकूंगा।
फिर मैं स्टोर से कॉन्डम के पैकेट भी ले आया।
मैंने रश्मि के घर पहुंचने से पहले उसे कॉल किया तो वह बोली- कुंडी खुली है, अंदर आ जाना चुपचाप!
मैं चुपके से अंदर चला गया।
जाते ही भीतर से उसने गेट बंद कर लिया।
उसने चुपके से कान में बताया कि उसकी मम्मी बगल वाले कमरे में सो रही है।
फिर हम उसके रूम में गए।
जाते ही दोनों ने एक दूसरे को बांहों में भर लिया।
दोनों ने जोर से गले लगाया हुआ था एक दूसरे को!
उसकी सांसें तेज चल रही थीं।
मेरी सांसें भी तेज हो गई थीं।
उसका बदन कांप सा रहा था।
मैं बोला- डरो नहीं, आज तुम्हें प्यार करना है जी भरकर … आज चोदना है तुम्हें!
वह बोली- आराम से … मैंने कभी चुदाई नहीं करवाई है।
मैं बोला- ठीक है, आराम से ही करूंगा।
फिर मैंने उसको किस करना शुरू कर दिया।
उसके गालों और गर्दन पर किस करता रहा मैं … और वह भी गर्म होने लगी।
फिर मैंने उसके होंठों को चूसना शुरू कर दिया।
वह भी मेरा साथ देने लगी।
काफी देर तक मैं उसके होंठों को चूसता रहा।
मेरा लंड तना हुआ था और बार बार कपड़ों के ऊपर से ही उसकी चूत पर टकरा रहा था।
अब मेरे हाथ उसके बूब्स पर पहुंचकर उनको दबाने लगे।
उसकी चूची काफी नर्म महसूस हो रही थी।
मैं थोड़ा जोर से दबाने लगा तो उसकी सिसकारी निकल गई- आह्ह … आराम से … मम्मी उठ जाएगी।
मैंने फिर हल्के हाथ से दबाना जारी रखा।
वो ‘उम्म आह्ह स्स्स … आह्ह’ करके मेरा जोश और ज्यादा बढ़ा रही थी।
अब मैं उसको नंगी करना चाह रहा था।
एक-एक करके मैंने उसके कपड़े उतारने शुरू किए।
पहले उसकी कमीज को उतारा तो उसकी ब्रा में कैद उसके चूचे उभर आए।
क्या मस्त शेप की चूचियां लग रही थीं ब्रा में!
ब्रा में ही मैंने उसकी क्लीवेज में मुंह दे दिया।
मैं चूचियों की क्लीवेज को चूमने लगा … ब्रा की पट्टी कंधे से हटाकर वहां भी चूमने लगा जिससे वह मदहोश होती जा रही थी।
फिर मैंने उसको ब्रा खोलने के लिए कहा।
उसने ब्रा खोल दी और उसकी चूचियां नंगी हो गईं।
गोल गेंद जैसी नंगी चूची देखकर मेरे मुंह में पानी आ गया।
मैंने लार से गीली हो चुकी जीभ आगे करते हुए होंठ उन पर कस दिए।
बारी बारी से मैं एक-एक चूची को आम की तरह दबा-दबाकर चूसने लगा।
उसके हाथ मेरे सिर पर आ गए और मुंह से ‘आह … स्स … आह्ह’ करके दबी हुई आहें बाहर आने लगीं।
बहुत ही मस्त चूची थी उसकी!
बीच-बीच में मैं चूचियों के भूरे रंग के निप्पलों पर दांत से हल्का काट भी लेता था जिससे वह उचक जाती थी।
दस मिनट तक मैं उसकी चूचियों से खेलता रहा।
फिर मेरा हाथ नीचे चूत की ओर जाने लगा।
मैंने पजामी के ऊपर से ही उसकी चूत पर हाथ रख दिया।
चूत की गर्मी मुझे अपने हाथ पर साफ महसूस हुई।
मैंने चूत को रगड़ा तो उसका बंदन कांप उठा।
चूत पूरी गीली महसूस हो रही थी अंदर से!
फिर मैंने पजामी में हाथ डाल दिया ताकि चूत की चमड़ी को महसूस कर सकूं।
उसकी चूत वाकई में ही काफी गीली हो चुकी थी।
मैं चूत को हथेली से सहलाने लगा।
उसकी टांगें खुलने लगीं और वह चूत का हल्का धक्का मेरे हाथ की तरफ देने लगी।
रश्मि ने मेरी पीठ पर हाथ जकड़े हुए थे।
अब उसकी उंगलियां मेरी पीठ में गड़ने लगी थीं।
इतने में ही मैंने चूत में उंगली अंदर सरका दी।
गीली चूत में उंगली देने से मजा आ गया।
चूत अंदर से पूरी गर्म थी।
मैं चूत को उंगली से धीरे-धीरे चोदने लगा।
कभी उंगली निकाल कर पूरा हाथ उस पर रगड़ देता था।
वह टांगें चौड़ी करके बार-बार चूत को मेरे हाथ पर रगड़ने की कोशिश कर रही थी।
लग रहा था कि चूत में पूरी चुदास जाग चुकी है और वह अब लंड लेना चाहती है।
चूत में उंगली करते हुए मुझे बहुत मजा आ रहा था।
अब मैंने उसकी पैंटी और पजामी को उतार दिया।
वह नीचे से पूरी नंगी हो गई।
एक बार फिर से मैंने उसे अपने से चिपका लिया और चूत को सहलाने लगा।
मुझे भी चुदाई का जोश चढ़ने लगा।
तो मैंने तेजी से उंगली चलाना शुरू किया तो वो उचक उठी, बोली- आह! आराम से!
चूत चाटने का अब मेरा बहुत मन कर रहा था।
मैं नीचे बैठा और उसकी चूत पर मुंह लगा दिया।
उसकी जांघों के बीच में मुंह देकर मैं चूत के छेद को जीभ से टटोलने लगा।
उसने जांघें भींच ली और साथ में मेरा सिर भी भिंचने लगा।
लेकिन मुझे उसको ऐसे तड़पती हुई देख बहुत मजा आ रहा था।
मैं जोर-जोर से चूत पर जीभ चलाने लगा।
रश्मि ने दोनों हाथों से मेरे सिर को चूत में दबा लिया।
वह पागल सी होने लगी थी, सिसकारते हुए बोली- आह्ह … जोर से … खा जाओ इसे … आह्ह जान! जब भी तुमसे मिलकर आती हूं तो ये पूरी पानी से भर जाती है। मुझे बहुत परेशान करती है … इसकी प्यास मिटा दो।
मैं भी पूरी शिद्दत से उसकी चूत को खाने लगा।
कुछ देर में ही वह बदहवास सी होने लगी।
मेरे लंड का भी बुरा हाल हो रहा था।
उसने अब मुझे दूर हटा दिया और तेजी से मेरे कपड़े खोलने लगी।
दो पल में ही उसने मुझे पूरा नंगा कर दिया।
मेरा लंड फनफना रहा था और उसका टोपा पूरा गीला हो चुका था।
वह मेरा लौड़ा देखकर बोली- इतना मोटा!
उसने लंड हाथ में पकड़ लिया और उसकी आंखें फैल गईं।
वो बोली- ये तो मेरी जान निकाल देगा!
मैं बोला- एक बार प्यार तो कर लो इसे!
वो मुस्करा दी।
मैंने उसको कंधे से दबाते हुए नीचे बैठने के लिए जोर डाला.
तो वह समझ गई कि मैं लंड चुसवाना चाह रहा हूं।
वह नीचे बैठ गई और घुटनों पर होते हुए उसने मेरे लंड को मुंह में भर लिया।
आह्ह … उसके मुंह में लंड देकर मैं तो जन्नत की सैर करने लगा।
बहुत मजा आ रहा था लौड़ा चुसवाते हुए।
कुछ ही देर में मैं बेकाबू सा होने लगा।
अब चूत में लंड दिए बिना नहीं रह सकता था।
मैंने उसे बेड पर लिटा लिया और उसकी टांगें खुलवा दीं।
अब मैंने उसकी चूत के मुंह पर लंड का टोपा रगड़ना शुरू कर दिया।
गीली चूत पर टोपा ऊपर-नीचे हो रहा था।
उसे मजा आने लगा और मेरे लंड में भी दोगुना जोश भरने लगा।
मैंने फिर टोपे को चूत के छेद पर सेट कर दिया।
मैंने रश्मि का चेहरा देखा तो वो थोड़ा डरी हुई लग रही थी।
मेरे देखते ही बोली- आराम से करना, मुझे डर लग रहा है!
मैं बोला- हां, आराम से ही करूंगा मेरी जान!
मैंने लंड छेद पर टिकाकर धक्का दे दिया।
लंड 2 इंच भीतर सरक गया और वो उचक गई।
मैंने हाथ से दबाकर उसे फिर लेटा दिया।
अब दूसरा धक्का मारा तो आधा लंड भीतर चला गया।
रश्मि की आंखें फैल गईँ।
वह चिल्लाना चाहती थी लेकिन चिल्ला नहीं सकी क्योंकि बगल के रूम में उसकी मम्मी भी सो रही थी।
मैंने इतने में तीसरा धक्का देते हुए पूरा लंड घुसा दिया।
चूत में दर्द से उसकी आंखें बाहर आ गईं।
मुंह पर हाथ रखकर वह रोने लगी।
लेकिन लंड नहीं निकाला उसने … वह बर्दाश्त करने की कोशिश कर रही थी जिससे मुझे उस पर प्यार भी आ रहा था।
मैं चोदने लगा उसे … लेकिन दर्द उसके चेहरे पर साफ दिख रहा था।
फिर मैंने उसका हाथ हटाया और होंठों पर किस करने लगा।
कुछ दर्द हल्का पड़ा तो मैंने उसे फिर से चोदना शुरू कर दिया।
इस बार मैं खुद ही उसके मुंह पर हाथ रखकर उसे चोद रहा था, दूसरे हाथ से मैं उसके बालों को सहला रहा था।
कुछ ही देर में उसकी चूत को मजा आने लगा।
अब आराम से चूत में लंड अंदर बाहर हो रहा था।
रश्मि भी चुदाई का मजा लेने लगी थी; उसकी टांगें अब मेरी कमर पर आकर लिपट गई थीं; उसकी बांहें मेरी गर्दन पर कस गईं थी।
हम दोनों के होंठ मिल गए और नीचे से लंड और चूत एक दूसरे को चूम रहे थे।
अब चुदाई का असली मजा मिलने लगा था।
मैंने अब स्पीड बढ़ा दी थी।
रश्मि की चूत भी चुदाई में गीली होकर पच-पच की आवाज करने लगी थी।
दस मिनट चोदने के बाद मैंने उसको घोड़ी बनने के लिए कहा।
वह घोड़ी बन गई और मैंने पीछे से उसकी चूत में लंड को पेल दिया।
उसे भी घोड़ी वाली चुदाई में पूरा मजा आ रहा था।
आधे घंटे तक मैंने रश्मि की चूत जमकर चोदी और इस बीच वो झड़ भी गई थी।
फिर मेरा भी निकलने को हो गया और वीर्य निकलने के कगार पर आते ही मैंने लंड को चूत से बाहर खींच लिया।
मेरा माल उसके पेट पर गिरने लगा।
माल गिराकर मैं उसके बगल में गिर गया।
मैं पागलों की तरह हांफ रहा था।
वर्जिन गर्ल फर्स्ट सेक्स के बाद अब मैं काफी थक गया था और रश्मि की चूत भी सूज गई थी।
फिर हम दोनों बातें करने लगे।
मैंने कहा- कैसा लगा?
वह बोली- बहुत मजा आया। लेकिन तुम्हारा बहुत बड़ा है!
उससे मैंने कहा- कोई बात नहीं, धीरे धीरे तुम्हें इसकी आदत हो जाएगी।
फिर हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर किस करते रहे।
उसके बाद हम सो गए।
सुबह मैं जल्दी ही उठ गया।
पूरा अंधेरा था।
रश्मि ने मुझे घर से बाहर करके दरवाजा बंद कर लिया।
फिर मैं अपने घर आ गया।
यह थी मेरी गर्लफ्रेंड की चुदाई की कहानी।
दोस्तो, जिससे प्यार करते हैं, उसको चोदने में बहुत मजा आता है।
यह मेरी पहली कहानी थी, हो सकता है मुझसे गलतियां हुई हों।
आपसे अनुरोध है कि वर्जिन गर्ल फर्स्ट सेक्स कहानी में गलतियों को माफ करें।
मेरी पहली सेक्स कहानी पर अपनी प्रतिक्रियाएं मुझे जरूर भेजें।
कमेंट्स में मुझे अपनी बात कहें।
या फिर, मेरी ईमेल पर भी अपना मैसेज भेज सकते हैं।
[email protected]
What did you think of this story??
Comments