मेरी स्टूडेंट ने मुझे दुनिया दिखाई-2
(Meri Student Ne Mujhe Duniya Dikhai- Part 2)
मेरी रोमांटिक कहानी के पहले भाग
मेरी स्टूडेंट ने मुझे दुनिया दिखाई-1
में आपने पढ़ा कि मुझे अपनी एक स्टूडेंट से प्यार हो गया था.
उसने बताया कि उसके बॉयफ्रेंड ने उसे चीट किया और वो अब उस से मिलना भी नहीं चाहता।
वो पहले से ज़्यादा ज़ोर से रोने लगी। मैं खड़ा होकर उस के पास गया और उसे ज़ोर से हग कर लिया जवाब में उस ने मुझे ज़ोर से हग किया.
क्या बताऊँ यारो… जिन्दगी में पहली बार मैंने किसी लड़की को हग किया था। उस फीलिंग को बयान नहीं कर सकता।मैं उसे चुप कराते हुए बोला- जिसे जाना था, वो गया! उसके लिए हम अपनी लाइफ क्यों खराब करें। यह जिन्दगी बार बार नहीं मिलती। इसमें अपनी मर्ज़ी से मजा करो किसी दूसरे की मजबूरी से नहीं.
मैंने उसे कहा- मुझे अच्छा लग रहा है कि तुमने मुझे बताया। आज से तुम मुझे अपना बेस्ट फ्रेंड मान सकती हो! मैं ये वादा तो नहीं करता कि सारी उमर तुम्हारा साथ दूँगा, लेकिन यह वादा है कि मेरी वजह से तुम्हें कभी यों रोना नहीं पड़ेगा। जब तक साथ हूँ, तुम्हें खुश रखूँगा और अगर अलग हुए भी तो खुशी खुशी होंगे।
उसका रोना थोड़ा कम हो गया था लेकिन आँसू आ रहे थे। मैंने उसके गालों पर बहते आँसू पी लिए; वो प्यार से मेरी तरफ देखने लगी। उसकी आँखों में जो पानी था वो भी मैंने चूम लिया, वो खुश हो गई थी।
मैंने उससे कहा- क्या मैं तुम्हें किस कर सकता हूँ?
उसने कहा- आपको मुझसे कुछ भी पूछने की ज़रूरत नहीं है..
और उसने अपने होंठ मेरे होंठों से लगा दिए।
मैंने जो सपने में भी नहीं सोचा था वो हो रहा था। मुझे किस करना नहीं आता था मैं बस उस के होंठ चूसे जा रहा था। क्या एहसास था वो मैं ब्यान नहीं कर सकता। कभी मैं उसका ऊपर का होंठ चूसता कभी नीचे वाला…
फिर धीरे धीरे उसने अपनी जीभ मेरे मुंह में दे दी और मैं उसकी जीभ चूसने लगा। उसकी जीभ उसके होंठों जैसे ही सॉफ्ट थी।
फिर वो मेरे मुंह में जीभ डाल के मेरे दाँत चाटने लगी। हम दोनों के हाथ एक दूसरे की कमर पर थे। मैं ज़ोर से उसे हग करते हुए हाथ उस की कमर पे फिरा रहा था। मैंने उस का टॉप हल्का सा ऊपर किया और उसकी कमर पर हाथ फिराने लगा.
वो सिसकारियाँ लेने लगी; बीच बीच में बोलती- आशु आई लव यू…
मैंने भी उसे ‘आई लव यू टू…’ कहा.
लगभग 15 मिनट तक लिप लॉक के बाद हम थोड़ा शांत हुए। मैंने उसे खुद से अलग किया और मैं मेन गेट को अंदर से बंद कर के आया। वापस आकर मैंने उसे जूस पिलाया जो मैंने अननोन नंबर वाली लड़की के लिए ला कर रखा हुआ था।
हम दोनों ने जूस पिया।
फिर वो बोली- क्या मैं जाऊं अब?
मैंने कहा- मन तो नहीं जाने देने का…
वो बोली- क्या मन हैं फिर?
मैंने कहा- तुम्हें किस करते रहने का मन कर रहा है.
वो बोली- शुगर हो जाएगी आपको…
मैंने कहा- मंजूर है.
मैं उठ कर उस के पास गया और उसे हग कर लिया, मैंने उसे कस के खुद से चिपका लिया था। मैं धीरे धीरे उसके बालों में हाथ फिराने लगा, उसे सुकून मिल रहा था।
वो बोली- आशु… काश ये वक़्त यहीं रुक जाए…
मैंने कहा- वक़्त रुके ना रुके, मैं हमेशा हमेशा ऐसा कर सकता हूँ जिससे तुम्हें खुशी मिले…
मेरे मन में उस के लिए प्यार और सहानुभूति दोनों आ रही थी।
मैंने धीरे से एक हाथ उस टॉप के अंदर से उसकी कमर पर लगाया। वो सिसकारियाँ लेने लगी और बोली- करते रहो आशु ऐसे ही। मैं कई दिन से ठीक से सो भी नहीं पा रही हूँ। मुझे बड़ा सुकून मिल रहा है आज…
उसके टॉप के अंदर से मैं उसकी ब्रा का हुक फील कर कर रहा था। वो हमारे आनन्द में अड़चन पैदा कर रहा था, मैंने सोनू से कहा- तुम कहो तो इसे खोल दूं?
उसने कहा- जैसा आपका मन करे!
एक हाथ से वो मुझ से खुल नहीं रहा था तो मैंने उसे दोनों हाथों से खोल दिया पर मैंने उसकी ब्रा उतारी नहीं थी। टॉप के अंदर से ही मैं उसके बूब्स मसलने लगा। वो भी मेरी पीठ पर हाथ चला रही थी।
कुछ देर तक किस करने के बाद मैंने उसका फेस चेंज किया। अब उसकी पीठ मेरी तरफ थी, मैं उसके पेट को सहलाने लगा और उसकी गर्दन और कानों की बालियों को चूमने लगा। वो मस्ती से
पागल हुई जा रही थी।
मैंने अपने हाथ थोड़ा और ऊपर किया और उस के बूब्स मेरे हाथों में आ गये; मैं उन्हें मस्ती से दबाने लगा।
सोनू की सिसकारियाँ बढ़ती ही जा रही थी, उसके बूब्स मेरे हाथों में आ ही नहीं रहे थे। हम दोनों मस्ती के सागर में गोते लगा रहे थे; हमारे दिल की धड़कनें बढ़ती जा रही थी; हम एक दूसरे की धड़कनों को साफ साफ सुन सकते थे.
उसके कूल्हे मेरे नुनू महाराज से बात करने की कोशिश कर रहे थे।
मेरा मन तो था कि आज सब कुछ हो जाए लेकिन मैंने थोड़ा कंट्रोल किया और इसे यादगार बनाने के लिए तैयारी के साथ करने का सोचा।
मैंने सोनू से कहा- अगर मेरा कभी मन करेगा तो क्या तुम आओगी?
उसने कहा- जब भी आप कहोगे, मैं आ जाऊंगी।
मैंने कहा- ओके!
और ज़ोर से उसके होंठों को किस करने लगा, साथ में मैंने उसके बूब्स भी ज़ोर से दबा दिए।
वो सिसक कर रह गई.
फिर कुछ देर बाद हम अलग हुए। इतना सब करते हुए मेरा पानी पैन्ट में ही निकल चुका था और उसका भी… ऐसा उसने मुझे घर जाने के बाद बताया था।
हम कुछ देर और बैठे रहे और करीब दो बजे वो जाने लगी तो मैंने कहा- घर जा के मेसेज करना।
उसने घर जाकर मेसेज किया और कहा- मैं बहुत अच्छा फील कर रही हूँ.
और बोली- आई लव यू आशु..
फिर कुछ देर चैटिंग करने के बाद हम सो गये।
शाम को सात बजे ही आँखें खुली।
वक़्त अपनी रफ़्तार से चल रहा था। हम फोन और मेसेजस से लगे रहते थे, कई बार तो क्लास में भी।
कुछ दिन बाद कॉलेज में कोई फंक्शन था तो क्लासेज नहीं लग रही थी और स्टूडेंट्स मेरे पास भी नहीं आ रहे थे। मैंने अपने दोस्तो के साथ कहीं बाहर जाने का प्रोग्राम बनाया 4-5 दिन का। लेकिन मेरा बेस्ट फ्रेंड नहीं जा पा रहा था तो मैंने वो कैंसिल कर दिया।
अब मैं बोर हो रहा था।
मैंने सोनू से बात की, मैंने कहा कि अगर वो फ्री है तो मेरे पास आ जाए।
आधे घंटे में वो आ गई, हम दोनों एक दूसरे को देख कर खुश हो गये। उस टाइम मेरे पास मेरा एक पड़ोसी बैठा था तो मैंने कहा- आप उधर बैठ के पढ़ो, मैं आता हूँ…
वो बोली- ओके सर…
कुछ देर बाद वो पड़ोसी चला गया तो मैंने सोनू को अपने केबिन में बुलाया। आज वो सलवार सूट में एकदम पंजाबी कुड़ी लग रही थी। वो हमेशा मुझे वक़्त न दे पाने के लिए ताना मारती थी।
मैंने कहा- आज जितना चाहो उतना टाइम ले सकती हो.
वो बोली- आज मैं आप को खा जाऊँगी.
और ऐसा बोलते हुए वो मेरी गोद में आ के बैठ गई।
वो मेरे बालों में हाथ फिराते हुए मुझे होंठों पर किस करने लगी; मैं भी उस का साथ दे रहा था। हम दोनों वहशी बन गए थे।
उसका दुपट्टा मुझे तंग कर रहा था मैंने उसे उतार के दूर फेंक दिया।
तभी ऊपर से कोई आवाज आई, मुझे ध्यान आया कि मेन गेट अन्दर से लॉक नहीं था, वो हवा के कारण बज रहा था। मैंने सोनू को अपनी गोद से उतारा और गेट बंद करने चला गया। वापसी में आते हुए मैं बाहर से डेरी मिल्क ले के आया.
जब मैं वापस आया तो सोनू की आँखों में जबरदस्त प्यास थी, वो बोली- बहुत देर लगा दी आप ने! आज आपको मुझ से कोई नहीं बचा सकता…
मैंने कहा- कौन साला बचना चाहता भी है.
हम दोनों हंसने लगे..
आते ही वो फिर से मेरे से लिपट गई और एड़ियाँ उठाकर मुझे होंठों पे किस करने लगी। उसकी हाइट कम होने के कारण उसे थोड़ा परेशानी हो रही थी, मैंने उसे उठा कर टेबल पर बिठा दिया और हम फिर से किस करने लगे। मैं उस की कमर पर हाथ फिरा रहा था और वो मेरी कमर पे। हम दोनों ही एक दूसरे के भीतर समा जाने को आतुर थे.
मैंने उसके बालों की क्लिप्स खोल दी, वो एक हाथ से मेरा सर पकड़े हुए थी और दूसरे हाथ से मेरी शर्ट के बटन खोलने लगी, उसका जूनून देखते ही बन रहा था। वो साक्षात काम की देवी लग रही थी। उसे एक प्रतिशत भी संकोच नहीं हो रहा था और वो खुल कर एक एक पल का मजा लूट रही थी.
मैंने उसे हाथ ऊपर करने को कहा, जैसे ही उसने अपने हाथ ऊपर किये, मैंने उसका कमीज निकाल दिया। जैसे ही मैंने उसका कमीज निकला, एक भीनी सी खुशबू आई। वो पूरी तैयारी के साथ आई थी, उसकी अंडर आर्म्स बिल्कुल साफ़ थी, लाल सूट के नीचे गोरे बदन पे लाल ही ब्रा एकदम कहर कहर ढाने रही थी।
मैंने उसे जोर से हग कर लिया वो सिसकारियां लेने लगी। वो भी मुझे कस के पकड़े हुए थी। मेरी शर्ट तो वो पहले ही खोल चुकी थी, उसके हाथ मेरी पीठ पर जोर जोर से चल रहे थे।
मैंने पीछे से उसकी ब्रा के हुक खोल दिए; वो कसमसा कर मुझ से चिपक गई।
कुछ मिनट तक हम यूँ ही एक दूसरे में खोये रहे। सब कुछ शान्त और खामोश था जैसे हम निर्वात में खड़े हों। मैंने उसके बालों में हाथ फिराना शुरू किया, वो फिर भी शांत बनी रही, ऐसा लग रहा था मानो वो उस पल का सुकून अपनी रूह तक महसूस कर रही हो।
मैंने उसे थोड़ा सा खुद से अलग किया और उसकी आँखों में झाँका, उसकी आँखें किसी नवजात की तरह मासूमियत से भरी थी। मैंने उसकी आँखों को चूम लिया। आँखों को चूमते चूमते मैं उसके गाल पर आ गया और देखते देखते हम एक दूसरे के होंठों में खो गए।
काफी देर तक हम एक दूसरे को पागलों की तरह किस करते रहे, कभी हम होंठों को चूमते तो कभी हमारी जुबान एक दूसरे से गुफ्तगू करती।
अब तक मैंने उसकी ब्रा को निकाल दिया था; हम दोनों का ऊपरी आधा शरीर बिल्कुल नग्न था। हम एक दूसरे को अपनी अपनी गर्मी का अहसास करा रहे थे। मैंने एक हाथ से उसके सर को पीछे से पकड़ा और उसकी गर्दन पर बेतहाशा चूमने लगा। उसकी सिसकारियों की रफ़्तार और आवाज दोनों बढ़ गई थी। दूसरे हाथ मैं उसके एक स्तन को मसल रहा था जिसे मैं शरारत में एप्पल कहता था।
धीरे से मैंने उसे टेबल पर लेटा दिया और उसके ऊपर आकर उसके होंठों को चूसने लगा। फिर धीरे धीरे उसकी थोड़ी, गर्दन, छाती और पेट को काफी देर तक चूमता रहा। वो सिसकारियां लेती हुई तड़पती रही।
अभी इस वक़्त ये सब याद करते हुए मुझे उसकी सिसकारियां साफ़ सुनाई पड़ रही हैं.
अब मैं उसके एपल्स पर आ गया था, उसका एक हाथ मेरे सर को सहला रहा था और एक हाथ मेरी कमर पर चल रहा था। उसके एपल्स खूब टाइट हो चुके थे और न मेरे हाथों में आ रहे थे और न मेरे मुंह में..
उसके गोरे गोरे स्तनों पर निप्पल ऐसे लग रहे थे जैसे खीर से भरे से भरे कटोरे के बीच में बादाम रख दिए हो।
मैं काफी देर तक उसके स्तन मसलता और चूसता रहा। कुछ मिनट बाद वो एक तड़प के साथ शांत हो गई। उसका एक बार स्खलन हो गया था। वो प्यार भरी आँखों से मुझे निहार रही थी.
क्या बताऊँ दोस्तो… वो अहसास याद करके आज भी मन में सिहरन सी दौड़ जाती है। मेरी जिंदगी का पहला सहवास इतना रुमानियत से भरा होगा… यह मैंने कभी सोचा नहीं था, वो पल मेरी जिंदगी के सब से खूबसूरत पलों में थे।
उसके बाद हमने पिज़्ज़ा मंगाया और पिज़्ज़ा खाने के बाद हम फिर से एक दूसरे में खो गए। ख़ामोशी से हम एक दूसरे का दर्द हल्का करते रहे और अपनी मंजिल तक पहुँच गए.
फिर हम एक दूसरे की बाहों में लेटे बात करते रहे। शाम होने पर वो घर चली गई, मैं भी घर आ कर सो गया।
शाम को मैंने उसे एक चुटकुला भेजा:
एक बार किसी के यहाँ जवान लड़के की मौत हो जाती हैं। उस की माँ विलाप करती हुई कहती है- हे भगवान मेरे बेटे ने तो अभी दुनिया भी नहीं देखी थी…
तो पड़ोस में रहने वाली एक भाभी कहती है- रो मत चाची, उसे दुनिया मैंने दिखा दी थी…
उसका रिप्लाई आया- आज तो फिर आप ने भी देख ली दुनिया!
दोस्तो, उसके बाद करीब छह महीने तक हम साथ रहे। हमने कई शामें दूसरे के साथ बिताई और एक बार तो रात भी, इस के बारे में फिर कभी लिखूंगा। उसकी एक सहेली को हमारे बारे में शक हो गया था लेकिन फिर हम मिलते रहे।
उस लड़की ने मजाक मजाक में हमें छेड़ना भी शुरू कर दिया था लेकिन उसे या मुझे इस बात से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता था। फिर उसके एग्जाम हो गए और आगे की पढ़ाई के लिए उसने दूसरे शहर में एडमिशन ले लिया।
फिर हमारी बातें तो हुई लेकिन मिलना नहीं हो पाया।
फिर काम के सिलसिले में मुझे पंजाब जाना पड़ा और जिंदगी की जद्दोजहद में व्यस्त होने की वजह से हमारी बातें होना भी बंद हो गई.
करीब 18 महीने बाद मैं वापस हिसार आया और वापस अपने काम गया। तब से ढूंढ रहा हूँ ऐसी कोई लड़की जिसे मैं अपने दिल का हाल कह सकूं और उस के दिल को पढ़ सकूं।
आपको मेरी कहानी अच्छी लगी या नहीं?
मुझे आपके कमेंट्स का इन्तजार रहेगा। तब तक के लिए हँसते रहिये, मुस्कुराते रहिये।
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