स्नेहल के कुंवारे बदन की सैर -5

(Snehal Ke Kunvare Badan Ki Sair-5)

ऋतु राज 2015-10-06 Comments

This story is part of a series:

उसने कहा- अभी मैं बहुत थक चुकी हूँ, अब हमें थोड़ा आराम करना चाहिए।

मैंने कहा- चलो तुम्हारी थकान मिटा देते हैं!
और उसे चूमकर अपनी गोदी में उठाकर मैं उसे बाथरूम में ले गया।

वहाँ उसे टब पे बिठाकर मैंने पहले तो पानी से उसके पूरे बदन को साफ कर दिया और फिर वहीं पर उसकी गर्दन को चूमने लगा।
तो उसने भी मुझे गाल पर, ठुड्डी पर, होठों पर बेतहाशा चूमना शुरू किया।
उसको भी मुझे साथ देता देख मैंने उसे वहाँ से उठाकर शावर के नीचे लाकर खड़ा कर दिया और शावर को चालू कर दिया।

पानी बदन पर गिरते ही एकदम से वो मुझसे लिपट गई फिर हमने एक दूसरे को अच्छे से नहलाया।
नहलाते वक्त हमने साबुन का झाग बनाकर एक दूसरे के गुप्तांगों पर लगाया और भी बहुत सारा मजा आया।

फिर उसने मेरे लौड़े को पकड़ कर कहा- तुमने तो सच में मेरी सारी थकान ही निकाल दी।
उसका मतलब साफ था कि वो फिर से चुदने के लिए तैयार थी।
तो मैंने उसे टब के सहारे खड़ा करके इस बार उसके पीछे से चूत में अपना हथियार डाल दिया।

उसकी चूत बहुत टाइट थी इसलिए थोड़ा दर्द उसे हुआ लेकिन उसने बाद में बताया कि पहले से ज्यादा मजा उसे इसी सेक्स के दौरान आया।
मैंने पीछे से उसकी चूत में अपना लौड़ा डाल कर उसके दोनों सन्तरों को अपने हथेलियों में लेकर मसलने लगा, जोर जोर के झटके खाते ही उसका पूरा का पूरा बदन हिल जाता, जिसे देख कर मेरा लौड़ा और भी तन्ना जाता।

उसकी चूत बहुत टाइट होने की वजह से मैं ज्यादा देर खुद को रोक नहीं पाऊँगा, ऐसा लगने लगा। तभी उसे भी अपने साथ ही स्खलित करने के लिए मैंने उसके दाने को जोर जोर से रगड़ना चालू कर दिया और कुछ झटकों के बाद ही उसके अंदर एक तूफान उठा, जिसकी गर्माहट की वजह से मैं भी उसके अंदर ही झड़ गया।

फिर थोड़ी देर हम वैसे ही उसी हालत में रहे और फिर हमने एक और बार हल्का सा शावर ले लिया और बाद में हमने एक दूसरे के बदन से छेड़छाड़ करते हुए तौलिये से ठीक तरह से शरीर को पोंछ कर हमने एक दूसरे को साफ किया और बाथरूम से बाहर निकलने के बाद मेरी नजर घड़ी पर पड़ी तो रात के 2 बज रहे थे।

फिर हम दोनों बेड पर लेटकर बातें करने लगे।
सबसे पहले उसने मुझे उसके बर्थ डे को इस तरह का बहुत ही स्पेशल बर्थ डे बनाने के लिए थैंक्स कहकर एक स्ट्रोंग हग करके होठों पर एक किस दे दिया।
फिर मैंने उससे पूछा- जब पहली चुदाई के बाद तुमने खून देखा तो तुम्हें कैसा लगा?
तो उसने कहा- मैंने पढ़ा भी था और अपनी कुछ सहेलियों से सुना भी था कि पहली बार जब कोई लिंग योनि के अंदर जाता है तो योनि से खून निकलता है। तो इसमें कोई ज्यादा हैरानी वाली बात नहीं थी।
फिर बात को आगे बढ़ाते हुए उसने कहा- मैंने आज तुम्हें एक लड़की की सबसे अनमोल चीज दी है, अब से मैं सिर्फ और सिर्फ तुम्हारी हूँ, मुझे कभी छोड़ कर मत जाना।

‘हाँ, मैं तुम्हें कभी छोड़कर नहीं जाऊँगा लेकिन एक बात सच सच बताना, अगर मैं तुम्हें आज के बदले पहले ही प्रोपोज करता तो तुम्हारा जवाब क्या होता?

तो उसने कहा- तुम्हें ना कहने के लिए न तो मेरे पास कल कोई बहाना था और नहीं आज है, तुम्हें और तुम्हारे इस अंदाज को देखकर तो सारी लड़कियों की नियत ख़राब होती होगी। और मैं बहुत खुशनसीब हूँ जो तुम मुझे मिले।
और उसने मुझे चूमना चालू कर दिया।
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मेरा लंड भी फटे जा रहा था तो मैंने भी देर ना करते हुए उसकी कमर के नीचे दो तकिये लगा दिए और उसे कहा- अब तुम अपने हाथों से मेरे लंड को अपनी चूत के द्वार पर सेट करो।
तो उसने पहले लौड़ा हाथ में लेकर उसे ठीक तरह से सहलाकर अपनी योनि से घिसकर फिर ठीक तरह से सेट करके मुझे आँखों से झटका लगाने का इशारा किया और एक जोरदार झटके के साथ फिर धक्कमपेल चुदाई का दौर शुरू हुआ।
इस चुदाई के दौरान मैंने उससे पूछा- तुम्हें किस तरह का सेक्स करना अच्छा लगता है?

उसने कहा- तुम्हें जो अच्छा लगता है, वही मुझे भी अच्छा लगता है।
तो मैंने उसे कहा- आज के दिन प्यार से कर रहा हूँ, बाद में तुम्हें बहुत दर्द दूँगा मैं!
उसने कहा- तुम्हारा दिया हुआ दर्द भी मुझे मीठा लगता है। और आज से मैं तुम्हारी हूँ, तुम्हें मेरे साथ जो करना है, वो तुम कर सकते हो।

मैंने उसे चूम कर अपने धक्कों की गति बढ़ा दी, अब तो वो और भी सेक्सी आवाजें निकाल रही थी जिन्हें सुन कर मैं और भी उत्तेजित हो जाता।
थोड़ी देर के बाद मैंने उसे अपने उपर ले लिया और अब वो ऊपर नीचे होकर अपनी चूत खुद चुदवा रही थी।

उस रात हमने और एक बार सेक्स का मजा लिया।
और मेरी प्यारी स्नेहल को सोते वक्त मैंने गर्म पानी से उसकी चूत की सिकाई की जिसकी वजह से सुबह उठ कर वह चल सकी। हालाँकि वो तब भी लंगड़ा कर चल रही थी।

उसे सुबह नाश्ता करा के मैं उसके रूम पर छोड़ कर वापस अपने रूम में आकर कल की प्यारी सी यादों को याद करते करते मुझे कब नींद लगी, पता ही नहीं चला और मैं सो गया।
उस दिन के बाद भी हमने बहुत सारे मजे किये वो सब अगली कहानियों में…
आपको मेरी कहानी कैसी लगी जरूर बताइयेगा, आप अपनी प्रतिक्रिया मुझे यहाँ भेज सकते हैं…
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