जीवन की पहली चुत चुदाई पंजाबी भाभी संग

(Punjabi Bhabhi Sex Kahani)

मन्नू यादव 2021-11-04 Comments

पंजाबी भाभी सेक्स कहानी मेरे घर में किराये पर रहने वाली लेडी के साथ मेरी पहली चुदाई की है. मैं उनके कमरे में आता जाता रहता था. बात कैसे बढ़ी?

नमस्कार दोस्तो, यह मेरे जीवन की सच्ची घटना है जो पड़ोस की भाभी की चूत चुदाई की कहानी के रूप में पेश है.

यह चुदाई मेरे जीवन में पहली बार हुए सेक्स की गर्म कहानी है.

चूंकि मैं पहली बार कहानी लिख रहा हूँ तो गलती हो जाना लाजिमी है. आप गलतियों को नजरअंदाज कर सेक्स कहानी का मजा लें.

दोस्तो, मेरा नाम जय यादव है, उम्र 20 साल है और दिल्ली का रहने वाला हूँ.

मैं दिखने में भी अच्छा खासा हूँ. हाइट 5 फुट 11 इंच की है और एथेलेटिक बॉडी है.
लड़कियों को पसंद आने वाला मेरा मोटा लंड 7 इंच का है जो किसी की भी चुत को फाड़ सकता है.

ये सेक्स कहानी 2017 की है. जब हमारे नीचे वाले फ्लोर में एक पंजाबी कपल शिफ्ट हुआ था. वो हमारे यहां किराये पर रह रहे थे.

उनमें से आदमी का नाम संजय था और औरत का नाम कविता था.
मैं उन्हें भइया और भाभी ही कहता था.

भैया का प्लास्टिक से रिलेटेड कुछ बिज़नेस था, तो उस चक्कर में वो अक्सर घर से बाहर टूर्स पर जाते थे.
महीने में उनके 2-3 टूर लग जाते थे और वो भी उन्हें हर बार लगभग हफ्ते भर के लिए जाना होता था.

भाभी का एक साल का एक छोटा बच्चा था.
बाद में पता चला कि भैया भाभी से 8 साल बड़े थे और उनकी बड़ी दीदी के पति थे.
भाभी की बड़ी दीदी के मरने के बाद उनसे भाभी की शादी करा दी गई थी क्योंकि उनके 2 बच्चों को संभालने वाला कोई नहीं था.

फिर दो साल बाद भाभी का खुद का बच्चा हो गया था.
पहली पत्नी के दोनों बच्चे अभी 11 और 8 साल के थे.
वो देहरादून बोर्डिंग स्कूल में पढ़ते थे और वहीं हॉस्टल में रहते थे.

वो पंजाबी भाभी अपने छोटे बच्चे के साथ यहां अपने पति के साथ रहती थीं.

उनकी उम्र 33 साल की थी. उन्होंने अपने आपको काफी मेन्टेन कर रखा था.
वो रेगुलर योगा करती थीं और अप्सरा सी लगती थीं.

भाभी के 36 इंच के चुचे, मटकती हुई 38 की गांड और 30 की कमर ऐसी लगती थी कि किसी को भी पागल कर दे.
जो भी एक बार भाभी को नजर भरके देख ले, तो वो अपने होश खो दे.

भाभी हमारे घर आकर मेरी मम्मी से बहुत बातें करती थीं और मेरी भी उनसे अच्छी-खासी बातचीत होती थी.

मैं उस वक़्त 12 वीं क्लास में था. वो मुझे कैमिस्ट्री में हेल्प कर देती थीं.

इस तरह से कुछ ही दिनों में भाभी मेरी काफी अच्छी दोस्त बन गई थीं.
मैं उनसे अपनी गर्लफ्रैंड के बारे में भी शेयर करता था.

वो मुझसे काफी फ्रैंक थीं और हम दोनों एक दूसरे की तारीफ करते रहते थे और फ़्लर्ट करते रहते थे.

हम दोनों ही एक साथ वर्कआउट करते थे और दिखने में काफी अच्छे दिखते थे.

मैं कोई न कोई बहाना बना के पंजाबी भाभी के घर में जाता रहता था और उन्हें तिरछी कामुक नज़रों से देखता रहता था.
ये बात भाभी भी भांप चुकी थीं.

एक दिन जब मैं उनके ड्राइंग रूम में बैठा था और उनके साथ बातें कर रहा था तो तभी उनका बेबी रोने लगा और वो उसे चुप कराने बेडरूम में चली गईं.

कुछ देर बाद मैंने चुपके से देखा कि वो ब्लाउज खोलकर अपने एक चुचे से उसे दूध पिला रही थीं और उनका बेबी भाभी के निप्पल चूसता हुए साफ दिख रहा था.

मैं उस मस्त सीन को देखता ही रह गया.

भाभी के लाइट ब्राऊन रंग के निप्पल और 36 इंच के भरे हुए बूब देख कर मेरा ईमान डोल गया.

कुछ देर बाद मैं वापस आ गया. मैंने भाभी के दूध याद करके मुठ मारी और खुद को ठंडा कर लिया.

अब मेरे मन में भाभी को चोदने का विचार तो आ गया था.
मगर मैं कोई भी स्टेप नहीं उठा पा रहा था क्योंकि मुझको डर लगा रहता था कि अगर मैंने कुछ किया तो रायता न फ़ैल जाए.

चूंकि अब तक मुझको लग रहा था कि भाभी ने मेरी तरफ देख कुछ भी ऐसा नहीं किया था जिससे मुझे उनके मन में अपने लिए कुछ दिखाई दे.
मैंने यदि अपनी तरफ से कुछ किया और भाभी को पसंद नहीं आया तो हो सकता था कि वो मेरी मम्मी को बोल दें.

मैं बस भाभी की मदमस्त जवानी को देख कर लंड सहलाता रहता था.

एक दिन मैं उनके बच्चे के साथ खेल रहा था.
भाभी बोलीं- मैं नहा कर आती हूँ, तब तक तू यहीं बेबी को खिलाता रहा.

उस दिन भइया अपने दोस्त के साथ कहीं गए थे.

भाभी नहाने चली गईं और मैं उन्हें जाता हुआ देखता रहा.

मैंने ध्यान किया कि आज भाभी ने बाथरूम के दरवाजे में कुंडी नहीं लगाई थी, बस यूं ही अटका कर लगा दिया.
कुंडी न लगी होने के कारण बाथरूम का दरवाजा बहुत थोड़ा सा खुला हुआ था और यदि मैं कोशिश करता तो अन्दर का नजारा दिख सकता था.

मैं भी हवस का मारा था. मैंने अभी तक कभी सेक्स किया नहीं था. मेरा लंड मुझे उकसाने लगा और मैं बाथरूम के दरवाजे के नजदीक चला गया.

उनको शायद पता था कि मैं आऊंगा.
मैं अन्दर झांकने लगा और उन्हें पूरी नंगी देखने लगा.

मैंने जैसे ही भाभी को नंगी देखा, तो लगा कि मैं कहीं किसी और दुनिया में पहुंच गया हूँ.
उनके गोरे रंग के चूतड़ और बड़े बड़े चुचे देख कर मैंने अपना लंड पैंट से निकाल लिया और उन्हें देख कर मुठ मारने लगा.

भाभी बाथटब के किनारे पर बैठी हुई थीं और अपनी टांगें फैला कर क्लीन शेव चूत में उंगली करने में लगी थीं.

तभी अचानक से मेरा हाथ जोर से मुठ मारते हुए गेट से जा लगा, जिससे उन्हें आवाज चली गई.
पर उन्होंने जानबूझ कर अनदेखा कर दिया.

मुझे लगा कि उन्हें पता नहीं चला, तो मैंने मुठ मारना चालू रखा.

इतने में भाभी के घर की बेल बजी और मैंने झट से लौड़ा पैंट में कर लिया.

मैंने जाकर देखा तो मेरी बहन आ गई थी.
मेरी छोटी बहन आई हुई थी.

जब मैं भाभी के घर आता था तो वो अक्सर बेबी के साथ खेलने आ जाती थी.

फिर जब भाभी नहा कर बाहर निकलीं तो मैं पेशाब करने के बहाने से बाथरूम में घुस गया.

मैंने देखा कि उन्होंने बाथरूम में दो शीशे लगाए हुए थे. दोनों मिरर बिल्कुल आमने सामने लगे थे, जिससे बाहर का नजारा साफ दिख जाता था कि गेट पर कौन खड़ा है.

अब मेरी धड़कनें बढ़ गईं कि भाभी को सब पता चल गया होगा कि मैंने क्या किया है.

पर ये भी था कि उन्होंने देखने के बाद भी कुछ नहीं बोला था, तो मेरे लिए ये ग्रीन सिग्नल जैसा था.

पर मुझको एकदम पक्का होना चाहिए था कि भाभी को मुझसे चुदवाना है.

उस दिन मैं बाथरूम में मुठ मारके बाहर निकला और भाभी से कोई बात किए बिना चुपचाप अपने घर आ गया.

दो दिन बाद मेरे घरवाले शॉपिंग के लिए मॉल गए थे.

मेरे घर में मेरे अलावा कोई नहीं था.
उस समय मैं अपने रूम में था और दरवाजा थोड़ा बंद करके लंड हिला रहा था.

हमारे यहां पर पीने के पानी के लिए शाम को 5 बजे के करीब भाभी का आना होता था.
जेट पम्प की मोटर का स्विच बॉक्स लॉक रहता था और उसकी चाभी मेरे घर में रहती थी.

उस दिन मेरे घर पर कोई नहीं था और न ही भाभी के घर पर कोई था.
भैया टूर पर गए हुए थे.

चूंकि मेरी फ्लोर का मेनगेट हमेशा हल्का खुला रहता था.
मां से मिलने भाभी बिना घंटी बजाए अन्दर आ जाती थीं.

मुझे मालूम था कि पानी के लिए भाभी को आना ही पड़ेगा.
मैं उनके आने का इंतज़ार करने लगा.

जैसे ही उनके सीढ़ी चढ़ने की आवाज़ आई तो मुझे समझ आ गया कि ये भाभी के आने की आवाज है.
मुझे उनके चढ़ने का ढंग मालूम था.

मैं अपना मुँह रूम के दरवाज़े की साइड में करके पोर्न चालू करके लंड की मुठ मारने लगा.

इतने में भाभी आईं और चाभी उठा कर घर में देखने लगीं.
जब उन्हें कोई नहीं दिखा तो उन्होंने मेरे रूम में मुझे देखा.

अपने प्लान के मुताबिक मैं मुठ मार रहा था और वो भाभी ने देख लिया.

भाभी मेरे कमरे के गेट के पीछे खड़े होकर मेरे मोटे लंड को देखने लगीं.

मैंने हल्की सी आंख खोल कर देखा कि भाभी ने अपना एक हाथ अपनी सलवार के अन्दर डाल दिया था.
मैं समझ गया कि मामला दोनों तरफ गर्म है.

मुझे ये सही मौका लगा, मैंने एकदम से उन्हें देख कर लंड मुठियाते हुए बोला- भाभी, आप यह क्या कर रही हो?
तभी कविता भाभी अपने आप को संभाल कर बोलीं- और तू ये क्या कर रहा है … तेरी मम्मी को बताना पड़ेगा!

मैं उसी हालत में लोअर नीचे घुटनों तक किए हुए उनके पास आ गया और मैंने उनको पकड़ कर कहा- मैं भी वही कर रहा हूँ, जो आप उस दिन बाथरूम में नहाते वक्त कर रही थीं.
वो मुझसे खुद को छुड़ा कर बोलने लगीं- ये सब ठीक नहीं है.

मैं भी जानता था कि ये उनका नाटक है. मैं उन्हें किस करने लगा.

उन्होंने कुछ नहीं बोला बल्कि कुछ देर में खुद ही मुझे किस करने लगीं और मेरे लौड़े को सहलाने लगीं.

मैं भी उनके मम्मे चूसने लगा.

मैंने पूछा- मुन्ना कहां है?
भाभी बोलीं- उसकी टेंशन न ले, वो सो गया है. मैं रूम के बाहर से कुंडी मार कर आई हूं.

इतना सुनते ही मैंने उन्हें कमरे में लाकर बिस्तर पर बिठाया और उनके मुँह में लौड़ा दे दिया.

भाभी ने भी मेरे लंड को गप से अन्दर भर लिया और लंड चूसने लगीं.

उफ्फ क्या लंड चूसती हैं यार वो … मैं तो समझो जन्नत में पहुंच गया था.
पूरा लंड गले तक लेकर गोटे सहलाने की अदा से तो लगा कि भाभी कोई पोर्न ऐक्ट्रेस हैं.

अभी कुछ ही देर लंड चुसवा पाया था कि नीचे कार के हॉर्न की आवाज़ आ गई.

मैंने कपड़े ठीक किए और भाभी से अलग हो गया.
भाभी अपने फ्लोर पर चली गईं.

कुछ ही देर में मम्मी ने अलमारी से कुछ सामान निकाला और मेरे कमरे में आकर बोलीं कि मुझे चाचा के घर जाना पड़ेगा. उधर चाची को अस्पताल ले जा रहे हैं.

मेरी चाची प्रेगनेंट थीं तो उनका स्वास्थ्य कुछ गड़बड़ हो गया था.

मैंने बोला- मेरी सुबह कोचिंग है. तो मैं नहीं जा पाऊंगा.
मम्मी ने कहा- चल मेरे साथ नीचे.

तो मम्मी नीचे भाभी वाले फ्लोर पर जाकर उनसे बोलीं- कविता, आज रात इसको खाना खिला देना, हम लोगों को जरूरी काम से जाना है और हम सब कल ही आ पाएंगे.
भाभी ने खुशी दबाते हुए कहा- ठीक है आंटी जी.

अब चूंकि भैया तो टूर पर थे, वो परसों वापस आने वाले थे तो आज रात पंजाबी भाभी की चुदाई पक्की थी.

मुझे उस समय अपने दोस्त के साथ कहीं जाना था तो वो भी आ गया था.

मैं भाभी को बोल कर गया- अभी नहाने जाओगी तो जंगल साफ़ कर लेना. आज आपका देवर आपको छोड़ेगा नहीं.
उन्होंने आंख दबाते हुए कहा- मेरा कोई इरादा भी नहीं है अपने देवर से छूटने का … आ जाओ सब साफ़ सफाई मिलेगी.

मैं समझ गया कि आज सफाचट चुत चोदने को मिलेगी.

फिर शाम में भाभी ने नीली रंग की फ्रॉक वाली नाईट ड्रेस पहनी थी जोकि उनकी जांघों तक ही आ रही थी.
भाभी ने बेबी को सुला दिया था.

वो मेरे लिए खाना लेकर आई ही थीं कि मैंने उन्हें खींच कर उनके चूतड़ पकड़ लिए.

इतने में भाभी कहने लगीं- पहले खाना खा लो जनाब और एनर्जी भर लो बॉडी में … आज सारा रस निचोड़ लूंगी. मैं भी बहुत दिनों की भूखी हूँ.

मैंने खाना खाते हुए पूछा- भाभी आप भूखी क्यों हैं … भैया आपके साथ सेक्स नहीं करते हैं क्या?
भाभी बोलीं- करते तो हैं … पर वो मेरी भूख नहीं मिटा पाते. अन्दर डाला और जल्दी ही डिस्चार्ज हो जाते हैं. ना ही उन्हें ढंग से कुछ करना आता है.

मैंने जल्दी से खाना खत्म किया और बेडरूम में चल दिया.
भाभी मेरे आगे चल रही थीं.

अन्दर जाते ही रूम लॉक किया और मैं उनको खड़े होकर ही किस करने लगा.
उन्होंने मेरे लंड को लोअर से बाहर निकाला और उसे सहलाने लगीं.

भाभी ने मेरे कपड़े उतार दिए और मैंने उनके!
उन्होंने अन्दर कुछ नहीं पहना था.

इतने में वो घुटनों पर बैठ कर मेरे लंड को चूसने लगीं और मैं भी लंड चुसवाने के मज़े लेने लगा.

मैं भाभी का सर पकड़ कर उनके मुँह को चोद रहा था.
फिर मैं लंड को मम्मों के बीच में डालकर आगे पीछे करने लगा.

कुछ देर बाद मैंने उनको किस करते हुए गोद में उठाया और बेड पर लेटा दिया, उनके हाथ बांध दिए और आंखों पर कपड़ा बांध के ब्लाइंड फ़ोल्ड कर दिया.

अब वो मेरी सिर्फ सांसें ही महसूस कर सकती थीं.
मैं उनके पूरे बदन को चूमने लगा, पीठ पर मसाज देने लगा.

मैं वर्जिन था पर मुझे ओरल सेक्स आता था.
मैंने अपनी गर्लफ्रेंड के साथ बहुत बार किया था.

मैं भाभी के चुचों पर काटने के निशान छोड़ने लगा और भाभी सिसकारियां लेती हुई कहने लगीं- उफ्फ्फ … ईस्स … आह चूस ले इन्हें …. आह खाली कर दे इन्हें … ये अब तेरे ही हैं जय … आज मेरी प्यास बुझा दे …

कुछ देर बाद मैंने भाभी की टांगें फैलाईं और चिकनी चमेली बनी चुत को चाटना शुरू कर दिया.

उतने में भाभी की सिसकारियों की आवाज तेज़ हो गई- आह जय हां … ऐसे ही चाट … आंह बहुत परेशान किया है इस निगोड़ी ने … आह … ऊऊह … चाट और जोर से चाट … सारा पानी निकाल दे … इस निगोड़ी चुत ने बहुत तकलीफ दी है … आज इसका भोसड़ा बना दे.

मैंने उनकी चुत के पंखुड़ियों को पकड़ कर दांत से धीरे धीरे काटना चालू किया. वो पागल सी हो गईं. फिर उनका बदन अकड़ना शुरू हो गया.

उनके झड़ने से ठीक पहले मैंने चुत चाटनी बन्द कर दी. इस चक्कर में वो झड़ नहीं पाईं.
ये मैंने 2-3 बार किया क्योंकि मुझे उन्हें तड़पाने में मजा आ रहा था.

फिर मैंने उनके हाथ खोल दिए और उन्होंने उसी समय मेरे बाल पकड़े और मेरे सिर को चुत पर लगा दिया.

मैं भाभी की चुत चाटने लगा. कुछ पल में ही भाभी झड़ गई और मैं उनका पूरा नमकीन अमृत पी गया.

इस बार मैंने चुत चाटनी नहीं छोड़ी.
जब वो दुबारा गर्म हुईं तो उनसे रुका न गया.

भाभी बोलीं- अब बस भी कर मेरी जान … जल्दी से डाल दे अपना लंड मेरी चुत में … आंह और कितना तड़पाएगा … फ़क मी जय … फ़क मी!

मैं भी उनके ऊपर आ गया. उनकी गांड के नीचे तकिया लगाया और चुत में लंड सैट कर दिया. लंड से उनकी चुत पर चांटे मारने लगा.

झड़ने के बाद भाभी की चुत पूरी गीली थी, तो फछ-फछ की आवाज़ आ रही थी.

तभी भाभी ने चुत के मुँह पर मेरा लंड रखा और मैंने जोर से धक्का लगा दिया.

इस वजह से मेरा लंड उस गीली चुत में फिसलता हुआ आराम से अन्दर चला गया.
उधर भाभी की चुत थोड़ी टाइट थी तो उनकी दर्द के कारण आवाज़ निकल गई- आह … आह आराम से जान … तेरी ही हूँ … कहीं भागी नहीं जा रही हूँ. धीरे धीरे करके डाल … तेरा बड़ा और मोटा भी है तो एडजस्ट करने में टाइम लगेगा … आह … आह …’

मैं तो लंड पेलते ही मानो जन्नत में पहुंच गया था.
भाभी की चुत मेरे लंड को अन्दर खींच रही थी मतलब सिकोड़ रही थी.

मैं भी जोश में आकर उन्हें जोर जोर से चोदने लगा और 5 मिनट में ही झड़ गया.

उन्होंने बोला- क्या ये पहली बार था तेरा?
मैंने कहा- हां.

उन्होंने मुस्कुरा कर कहा- कोई बात नहीं … अब तुझे चोदना सिखाती हूँ.

भाभी ने मुझे लेटाया और मेरे लंड को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगीं.
जब वो फिर से खड़ा हो गया तो पहले मेरे चेहरे पर बैठ कर भाभी ने अपनी चुत चटवाई.

वैसे भी मुझे चुत चाटने में बहुत मज़ा आता है, तो मैं भाभी की चुत चाटने लगा.

उसके बाद भाभी मेरे लंड पर अपनी चुत सैट करके बैठ गईं.
अगले ही पल मेरा पूरा लौड़ा भाभी की चुत में घुस गया था.

मैं तो मानो जन्नत में पहुंच गया था. मैं उनके चूचे चूस रहा था और उनके चूतड़ों पर जोर-जोर से चमाट मार रहा था.

फिर मैंने भी नीचे से जोर से धक्के लगाना चालू किए.
भाभी की आवाजें निकलने लगीं- हां मेरी जान … ऐसे ही मार मेरी चुत … आह … आह … तेरा लंड बहुत मोटा और रॉड जैसा है … आंह मेरी जान निकाल रहा है … आह जय और जोर से चोद मुझे …’

कुछ देर बाद मैंने भाभी को डॉगी स्टाइल में खड़ा किया और पीछे से उनकी चुत चोदने लगा. इस पोजीशन में मेरा लंड उनके बच्चेदानी को छू रहा था और वो मदहोश होने लगी थीं.

भाभी कहने लगीं- आंह जय आराम से कर … दर्द हो रहा है.

पर मैं कहां मानने वाला था. मैंने अपनी स्पीड और बढ़ा दी और चाटें मार मार भाभी की गांड लाल कर दी.

फिर मैंने उनको लिटाया और उनके ऊपर आकर मिशनरी में चोदने लगा.
उन्होंने मेरे पीठ पर नाखून गड़ा दिए क्योंकि मेरा लंड उनके बच्चेदानी को लग रहा था.

अब भाभी झड़ चुकी थीं और पूरे कमरे में फछ फछ की आवाज़ें आने लगी थीं.

भाभी- फ़क मी जय … फ़क मी और जोर से चोद … और जोर से … आह भोसड़ा बना दे मेरी चुत का आज आह … चोद जय चोद अपनी प्यारी भाभी को … आह … उउ ऊऊह … मैं फिर से गई.

उनका बदन अकड़ने लगा था. अब मेरा भी होने वाला था.
मैंने उनसे कहा- मैं भी आने वाला हूँ.
उन्होंने कहा- आज इसी चुत में अपना पानी डाल दे.

मैं जोर जोर से अपनी पूरी ताकत लगा कर चुत में धक्के लगाने लगा.

भाभी और जोर से सिसकारियां लेने लगीं- आंह कम बेबी … कम इन माय पुसी … चोद इस निगोड़ी चुत को …. आह!

भाभी अकड़ने लगीं और तीसरी बार झड़ गईं.
मैं भी 20 मिनट से लगातार चोदता हुआ जब झड़ने को हुआ था तो उन्होंने मुझे कसके पकड़ लिया और पूरी गांड उठा कर मेरे लंड को अन्दर समा लिया.

मैं उनकी चुत में झड़ गया और उनके बगल में लेट गया.

भाभी मुझको किस करती हुई बोलीं- ये मेरा अब तक का बेस्ट सेक्स था. तेरे भैया कभी इतना नहीं टिकते, ना ही चुत चाटते हैं. आज से मैं तेरी हूँ, जब मन आए … तब चोद लेना.

मैं भाभी का एक दूध चूसने लगा.
मीठे दूध की धार मेरे मुँह में ताकत देने लगी.

फिर भाभी मेरे सर पर हाथ फेरती हुई और दूध पिलाती हुई बोलीं- मैं तुम्हें पसंद करती थी इसलिए मैंने तुझे दूध पिलाते हुए दिखाया था … पर तू फट्टू था.

ये कहकर भाभी हंसने लगीं.
मैं भी हंसने लगा.

भाभी बोलीं- मैं तभी समझ गई थी कि मुझको ही चांस लेना पड़ेगा. तभी बाथरूम में जानबूझ कर गेट खोलकर अपनी चुत में उंगली की थी और तुझे दिखाई थी. जब तू मुठ मारने लगा था, तब मैं तेरा मोटा और बड़ा लौड़ा देख कर पागल हो गई थी.
मैंने कहा- आप जैसी को नंगी देख कर कोई कैसे न मुठ मारे.

भाभी ने मुझे अपना दूसरा दूध पिलाना शुरू कर दिया था.

फिर हम दोनों ने उस रात 4 बार सेक्स किया.
मैंने अब हर बार उनके मुँह में ही वीर्य छोड़ा.
उस रात मैंने भाभी की चुत को चोद कर सुजा दिया था.

चुदाई के बाद हम दोनों नंगे ही लिपट कर सो गए.

यह मेरी पहली चुदाई की कहानी थी पंजाबी भाभी के साथ!
आपको कैसी लगी, ज़रूर बताना.
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