मेरी शुरुआत -2

(Meri Shuruaat-2)

अर्चना जैन 2011-10-21 Comments

This story is part of a series:

रात में दोनों चाचाओं ने मुझे चोदा और सुबह 8 बजे श्वेता ने हम तीनों को जगाया।
श्वेता ने राधेश्याम और मोहन से पूछा- नया माल कैसा लगा?
तो वो दोनों बोले- बहुत बढ़िया है।

शायद उसे नहीं पता था कि ये दोनों मेरे चाचा है। दोनों ने 1 लाख मेरे हाथ में रख दिए और वादा किया कि वो किसी को भी इसके बारे में नहीं बताएँगे और चले गए। श्वेता ने मुझे मेरे दस हजार रुपए दिए। उसके बाद मुस्कान ने मुझे भी घर छोड़ दिया।
इस तरह से मेरे हाथ में पैसे आ गए।

अगले दिन जब मैं अखबार पढ़ रही थी तो एक खबर देखकर मैं चकित रह गई क्योंकि वो खबर ही ऐसी थी। उस खबर के अनुसार श्वेता और उसका पति महेश कॉलगर्ल्स का रैकेट चलाने के कारण पकड़े गए हैं और पुलिस ने उनके साथ दो कॉलगर्ल्स मुस्कान और नगमा को भी पकड़ा था।

मैं डर गई क्योंकि श्वेता के मोबाइल में मेरा नंबर भी था और उसके कुछ ग्राहकों का भी। इसलिए मैंने सबसे पहले अपने चाचाओं को फोन मिलाया तो वो बोले- हमें पता है और डरने की कोई जरूरत नहीं ! और अगर कुछ हुआ भी तो वो बैठे हैं।

उनकी यह बात सुनकर मेरी जान में जान आई और यह समझ में आया कि यह काम खतरनाक हो सकता था। इसलिए मैंने उसी वक्त इस काम से तौबा कर ली।

मगर फिर कुछ दिनों के बाद मुझे पैसों की जरूरत होने लगी तो मैंने अपने चाचा से मांगना उचित समझा। मैंने अपने छोटे चाचा राधेश्याम को फोन मिलाया तो उन्होंने कहा- मैं पैसे देने के लिए तैयार हूँ पर इसके बदले मेरे साथ सेक्स करना पड़ेगा।

मैंने सोचा कि मैं पहले भी उनसे चुद चुकी हूँ और इसमें डर भी नहीं होगा, इसलिए मैंने हाँ कह दी।

अगले दिन ही मैं उनके ऑफिस पहुँच गई, मगर उस वक्त वो मीटिंग में थे। काफी देर तक भी जब मीटिंग खत्म नहीं हुई तो मैंने उनको फोन मिलाया, मेरा नंबर देखकर वो तुरंत ही बाहर आ गए और मुझे अपने केबिन में आने को कहा।

मैं उनके पीछे-पीछे चल दी, उनके केबिन में पहले से कोई आदमी बैठा हुआ था।

जैसे ही मैं अंदर केबिन में दाखिल हुई, चाचा ने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया और मुझे कुर्सी पर बैठने के लिए बोला।

जो आदमी पहले से मौजूद था वो भारतीय नहीं था इसलिए मैंने हिंदी में ही चाचा से पूछा- यह कौन है?

तो वो बोले कि ये उनका क्लाइंट है और अफ़्रीकन है और उसका नाम क्रिस है।

इसके बाद क्रिस मुझे घूर-घूर कर देखने लगा तो मैंने चाचा से पूछा- यह मुझे घूर-घूर कर क्यूँ देख रहा है?

तो राधेश्याम ने बताया कि क्रिस उनका क्लाइंट है और वो सेक्स के लिए एक इंडियन लड़की कि मांग कर रहा था इसलिए मैंने तुम्हें यहाँ बुलाया है।

मैं हैरान थी क्यूंकि मेरा चाचा अपनी डील के लिए मेरा इस्तमाल करना चाहता था, तो मैंने पूछा- इससे मुझे क्या फायदा होगा?

तो राधेश्याम बोला- इसके बदले में मैं तुम्हें 5 लाख दूँगा और तुम्हें कभी भी पैसों के लिए ये सब नहीं करना पड़ेगा।

मैं पहले भी सेक्स कर चुकी थी और दुबारा करने में मुझे कोई परेशानी नहीं थी इसलिए मैंने हाँ कह दी।

इसके बाद मैं क्रिस से बात करने लग गई, वो बोला- मैं और मेरा दोस्त मार्क तुम्हें चोदना चाहते हैं।

मैं भी काफी रोमांचित थी क्योंकि मैंने सुना था कि अफ़्रीकन लड़कों का लंड काफी लंबा होता है और उनमें काफी एनर्जी होती है, मगर मुझे पता था कि काफी दर्द भी होगा।

फिर मैंने चाचा से पूछा- मैं ही क्यूँ?

तो वो बोले कि वो नहीं चाहते कि कोई उन्हें ब्लैकमेल करे। इसके बाद क्रिस मेरी तारीफ़ करने लगा, मैं भी उसको खुश करने के लिए एक रंडी की तरह उसकी गोद में बैठ गई। वो मुझे देखकर इतना उत्सुक हो गया कि उत्सुकता के कारण मुझे चूमने लगा। मैं भी काफी दिनों से नहीं चुदी थी और मैं भी काफी दिनों से प्यासी थी इसलिए मैं भी साथ देने लगी।

कुछ देर चूमने के बाद क्रिस हट गया, मगर मेरी उत्सुकता इतनी ज्यादा थी मैंने उसकी ज़िप खोली और उसका लंड बाहर निकाला। उसका लंड करीब 9-10 इंच लंबा था और अपने होंठों से उसके लंड का सुपारा साफ़ कर दिया और उसको चाटने लगी जिसके कारण क्रिस भी जोश में आते हुए जोर-जोर से मेरा मुँह चोदने लगा। काफी देर तक मेरा मुँह चोदने के बावजूद उसका पानी नहीं छुटा।

मगर ऑफिस होने के कारण हमने ज्यादा देर तक ये करना उचित नहीं समझा।

मैं एक पूरी रंडी बन चुकी थी और किसी से भी चुदने में अब मुझे कोई परेशानी नहीं थी इसलिए मैंने खुद ही क्रिस को अपना नंबर दे दिया।

क्रिस ने दो दिन बाद मिलने का वादा किये और वहाँ से चला गया। मैंने भी एडवांस के तौर पर चाचा से 1 लाख ले लिए और वहाँ से चल दी।

दो दिन कैसे गुजर गए, पता ही नहीं चला और दो दिनों के बाद शनिवार को चाचा सुबह-सुबह ही हमारे घर आ गए।

चूँकि उस दिन मेरी छुट्टी थी और अगले दिन रविवार होने के कारण भी छुट्टी थी। मैं जानती थी कि चाचा यहाँ क्यूँ आये हैं फिर भी मैं चाचा और पापा की बातें सुनने बैठ गई।

चाचा बोले- आज घर पर कोई नहीं है और मुझे बाहर का खाना खाने की आदत नहीं है इसलिए अगर आज अर्चना को मेरे घर भेज दे तो मुझे भी बाहर खाना नहीं खाना पड़ेगा।

पापा ने इस निवेदन को सहर्ष स्वीकार कर लिया क्योंकि उन्हें पता नहीं था कि चाचा के दिल में क्या चल रहा है।

पापा ने चाचा को सुबह के नाश्ते के लिए आग्रह किया तो चाचा भी नाश्ते के लिए हमारे साथ बैठ गए। मुझे दोपहर के 2 बजे चाचा के साथ जाना था इसलिए मैं अपने कमरे में चली गई। करीब सुबह के 11 बजे चाचा मेरे कमरे में आये, उस वक्त मैं अपने बिस्तर पर लेटी हुई थी और मैंने रजाई ओढ़ी हुई थी। चाचा ने अंदर गुस्ते ही कमरे की कुण्डी लगा दी, इसके बाद राधेश्याम चाचा सीधा आकर मेरी रजाई में घुस गए और मुझे एक सिगरेट ऑफर की, मगर घर वालों के डर से मैंने मना कर दिया।

कुछ देर तक चाचा मुझसे इधर-उधर की बातें करते रहे और एकाएक उन्होंने मेरे पावों को अपने पावों में जकड़ लिया चूँकि वो एक अधेड़ उम्र के आदमी थे इसलिए मुझे अपने आपको आजाद करने में कोई परेशानी नहीं हुई और मैं उठ खड़ी हुई।

तो राधेश्याम बोला- साली कुतिया, उस दिन तो बड़ा गांड उठा उठा कर अपनी चूत बजवा रही थी, आज क्या हुआ?

तो मैंने कहा- उस दिन मुझे पैसों की जरूरत थी और आज मेरे पास पैसों की कोई कमी नहीं है।
इस बात को सुनकर राधेश्याम झेंप गया और उठ खड़ा हुआ और बोला- तेरे चलने का समय हो गया है, हमारे क्लाइंट को खुश कर देगी तो हमें भी फायदा होगा और तुझे भी।

तो मैंने कहा- अभी तो टाइम है !
तो राधेश्याम बोला- रास्ते में तेरे लिए कुछ सामान खरीदना है।

क्योंकि चाचा गुडगाँव में रहते थे इसलिए मैंने साथ एक जोड़ी कपड़े और रख लिए। हम करीब 5 बजे गुडगाँव पहुँच गए जबकि क्रिस और मार्क 8 बजे आने वाले थे इसलिए मैं राधेश्याम के साथ पास के मॉल की तरफ चल दी, वहाँ से हमने 4 बीयर की बोतल खरीदी और कुछ खाने को भी लिया, इसके बाद हम दोंनो घर आ गए क्योंकि शाम के लगभग 7 बज चुके थे।

मैं तैयार होने के लिए चाचा के कमरे में चल दी, चाचा ने अपनी बेटी यानी कि मेरी कजिन वाणी की कुछ सेक्सी सी नाइटी दिखाई जिसमें में एक नीले रंग की नाइटी मुझे पसंद आई।

कुछ ही देर में क्रिस और मार्क भी आ पहुँचे, जैसे ही वो दोनों अंदर घुसे चाचा कमरे में से बाहर निकल गए और कमरे का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया।

वो दोनों आकर बेड पर बैठ गए, मैंने बीयर की बोतल खोली और उन दोनों के लिए ग्लास बनाये और अपने ग्लास लेकर मैं भी बिस्तर पर उन दोनों के बीच बैठ गई।

चूँकि नाइटी बिल्कुल झीनी सी थी और मैंने अंदर कुछ भी नहीं पहन रखा था इसलिए मेरे नितंब साफ़ दिखाई दे रहे थे।

इसके बाद मार्क बिस्तर से खड़ा होकर एक तरफ जाकर खड़ा हो गया और अपनी पेंट की ज़िप खोलकर अपना शेषनाग बाहर निकाल लिया उसका लंड कहीं भी क्रिस के लंड से छोटा नहीं था, वो मेरी तरफ लंड दिखाते हुए उसको चूसने का इशारा करने लगा मगर मैं उसके सामने एक शरीफ इंडियन लड़की होने का नाटक करने लगी।

मार्क मेरी तरफ बढ़ा और मुझे बेड से खींच लिया, मुझे बालों से खींचते हुए मुझे कमरे के एक तरफ ले गया और मेरे मुँह में अपना लंड घुसा दिया। उसका लंड इतना बड़ा था कि मेरे मुँह में समां नहीं पा रहा था।

क्रिस ने पीछे से मुझ पर हमला बोल दिया और उस नाइटी को खींच कर फाड़ दिया और मेरी गांड चाटने लगा।

मैं अपने 36D चुचों के साथ उन दोनों अफ्रिकन वहशियों के सामने नंगी पड़ी थी, इसके बाद दोनों ने अपने सारे कपड़े उतार फेंके। क्रिस ने थोड़ी देर तक मेरी गांड चाटी और हट गया मगर फिर मार्क मेरी गांड चाटने लगा, ऐसा लग रहा था कि उनको मेरी चूत से ज्यादा मेरी गांड चाहिए थी।

मैंने आज तक कभी गांड नहीं मरवाई थी और मैं यह भी अच्छी तरह से जानती थी कि गांड मरवाते समय बहुत दर्द होता है और वो इतने इतने बड़े और मोटे लंड देखकर तो मेरी गांड और चूत दोनों वैसे ही फट चुकी थी।

इसके बाद क्रिस ने मुझे दीवार से सटा दिया और मुझ पर चुम्बनों की बरसात कर दी, और मार्क नीचे मेरी चूत चाटने में वयस्त था, क्रिस साथ ही साथ मेरे चुचूकों को भी निचोड़ रहा था, उसने अपना वहशीपना इस कदर दिखाया कि मेरे चुचों से खून निकलने लगा। मार्क के चाटने की वजह से मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया, शायद यही वो दोनों चाहते थे। इसके बाद उन दोनों ने मुझे ऐसे उठाया जैसे मैं

कोई सामान हूँ और बिस्तर पर पटक दिया।

मार्क मेरे ऊपर चढ़ गया और अपना लंड मेरी चूत पर रखकर एक जोर का शोट लगाया। शोट इतना तेज था कि मेरी चीख निकल गई और मेरे मुँह से उस वक्त सिर्फ गालियाँ निकल रही थी। और मार्क भी मुझे इंग्लिश में बिच यानि कि कुतिया बोल रहा था। मार्क का लंड इतना बड़ा था कि मेरी चूत में पूरा समां ही नहीं पा रहा था फिर भी वो अपना लंड घुसाने की नाकाम कोशिश कर रहा था।

कुछ ही देर में मुझे महसूस हुआ कि लंड पूरा अंदर घुस चुका है काफी देर तक मार्क मुझे चोदता रहा, मैं कई बार झर चुकी थी मगर मार्क अभी तक नहीं झड़ा था। क्रिस ने अपना लंड मेरे एक हाथ में पकड़ा दिया और मूठ मारने को कहा। मैं बड़ी जोर जोर से क्रिस के लंड की मूठी मारने लगी। मार्क जब झड़ने वाला था, मार्क और क्रिस दोनों ने अपना लंड मेरे मुँह की तरफ कर दिया और मेरा मुँह खोलने को बोला और अपना पूरा लेस मेरे मुँह में उड़ेल दिया।

क्रिस ने अपना लंड चाटकर साफ़ करवाया मगर मार्क ने मुझे घोड़ी बनने को कहा और अपना लंड मेरे मुँह की तरफ लाया और मुझे चाटकर साफ़ करने को कहा। क्रिस पीछे से मेरे चूतडों पर हल्की-हल्की चपत लगाने लगा और अपना मुँह मेरे दोनों चूतड़ों के बीच घुसा दिया। गांड चाटने की वजह से मैं सिहर गई क्रिस ने लंड निकाल कर गांड के एक कोने पर रखा और हल्के-हल्के झटके लेने लगा।

इसी बीच उसने एक इतना जोर से झटका मारा कि मैं लगभग बेहोशी की हालत में चली गई और मार्क का लंड जो मेरे मुँह में था मैंने अपने दांतों से काट लिया जिसकी वजह से मार्क चिल्ला उठा और अपना लंड मेरे मुँह से बाहर निकल लिया।

इसके बाद मार्क उठा और मेरे गालों पर चांटा मारा, मैं जानती थी कि वो ग्राहक हैं इसलिए मैं मार्क का लंड पकड़कर अपने मुँह में लिया जिससे उसका गुस्सा शांत हुआ, क्रिस पीछे से बराबर मेरी गांड फाड़ रहा था। इसके बाद दोनों ने बारी-बारी से मेरी गांड मारी।

पूरी रात दोनों मेरे सारे छेदों को चोदते रहे, रात को ना जाने कितने बजे मेरी चुदाई का प्रोग्राम बंद हुआ और हम सोये।

सुबह करीब 10 बजे जब मैं उठी तो मैंने मार्क और क्रिस को भी जगाया मुझे बड़ी जोर से सुसु लग रही थी इसलिए मैं सीधा बाथरूम में घुस गई और बैठकर मूतने लगी।

मेरे पीछे-पीछे वो दोनों भी आ गए और अपना लंड मेरी तरफ बढ़ा दिया और अपना-अपना लंड चूसने को बोला। मैंने भी लोलीपोप की तरह उन दोनों का लंड चूस दिया। इसके बाद हम तीनों साथ नहाए इस बीच दोनों ने कई बार मुझे चोदा।

बाथरूम से बाहर आकर क्रिस ने राधेश्याम को फोन किया तो राधेश्याम ने दरवाजा खोला हम तीनों उस समय नंगे ही थे।

मैं अपने कपड़े लेने के लिए दूसरे कमरे में चली गई और कपड़े पहनकर उस कमरे में वापिस आ गई। मार्क और क्रिस, राधेश्याम से बात कर रहे थे। जब मैंने उन तीनों की बात सुनी तो मेरे नीचे से जमीन निकल गई क्योंकि उनकी बातों से मुझे पता चला कि राधेश्याम पहले ही अपनी बेटी यानी मेरी कजिन वाणी को पहले ही इन दोनों से चुदवा चुका था और मेरी चाची भी इस काम में शामिल थी।

थोड़ी देर में राधेश्याम मार्क और क्रिस को एअरपोर्ट छोड़ कर घर आ गए और हम दोनों बैठकर बातें करने लगे। मैंने राधेश्याम से कहा कि आप अपनी बेटी को किसी और से कैसे चुदवा सकते हैं तो राधेश्याम हंसने लगा।

मुझे उसके हंसने का कारण समझ नहीं आया तो मैंने पूछा- आप हंस क्यूँ रहे हैं?
इस पर राधेश्याम बोला- क्या तुम जानती हो कि तुम्हारे पापा को पता है तुम यहाँ पर मार्क और क्रिस से चुदने आई हो?
यह बात सुनकर मैं हंसने लगी और बोली- ऐसा नहीं हो सकता, मेरे पापा मुझसे बहुत प्यार करते हैं और वो मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकते।

फिर उन्होंने मेरे पापा को फोन किया और उन्हें गुड़गाँव बुलाया और कहा- क्रिस, मार्क और अर्चना चले गए हैं और मैं उनसे मिलना चाहता हूँ।
तो मैंने उनसे पूछा- आपने झूठ क्यों बोला?

तो उन्होंने कहा कि तुम्हें पता होना चाहिए कि तुम्हारे पापा भी एक डील के लिए तुम्हें चुदवा सकते हैं।

लगभग 2 घंटे के बाद पापा राधेश्याम के घर आ गए और मैं छिप कर उन दोनों की बातें सुनने लगी। उन दोनों की बातें सुनकर मुझे पता चला कि राधेश्याम सच कह रहा था और पापा भी इस सब में मिले हुए हैं। ये सब सुनकर मुझे बहुत गुस्सा आया और मैं एकदम से पापा के सामने आ गई और मुझे देखकर पापा को सब समझ आ गया और वो बगले झाँकने लगे।

कुछ देर के लिए कमरे में सन्नाटा छा गया कोई भी कुछ नहीं बोला, कुछ देर के बाद मेरे पापा घनश्याम खड़े हुए और मुझे लेकर दूसरे कमरे में आ गए और मुझे समझाने की कोशिश करने लगे, वो बोले- हमारे परिवार की हालत बहुत खराब है और हमें पैसों की सख्त जरुरत थी।

मेरे दिमाग में सिर्फ एक बात घूम रही थी कि मेरे पापा ने पैसों के लिए मुझे चुदवाया, इसलिए मैंने पापा की बात को अनसुना कर दिया और चाचा के घर से अपने घर के लिए चल दी।

घर पहुँचकर मैं सीधा अपने कमरे में घुस गई और दरवाजा अंदर से बंद कर लिया और अपने बिस्तर पर आकर बैठ गई, थोड़ी ही देर में किसी का मेसेज आया मैंने फोन उठाकर देखा तो बैंक का मेसेज था, किसी ने मेरे अकाउंट में 5 लाख जमा कराये थे।

तो मेरे दिमाग में ख्याल आया, शायद जो हुआ वो इतना गलत नहीं हुआ, हमारे परिवार की हालत भी इस डील के बाद ठीक हो जायेगी क्योंकि वो बहुत बड़ी डील थी और मुझे भी पैसे मिल गए।

इसलिए मैंने पापा को कॉल किया और पापा से माफ़ी मांगी, पापा ने भी मुझसे माफ़ी मांगी। यह कहानी आप अन्तर्वासना.कॉम पर पढ़ रहे हैं।

ये सब होने के बाद मुझे पैसे कमाने और अपनी चूत चुदवाने की लत सी लग गई थी और मुझे किसी का डर भी नहीं था क्योंकि पापा सब जानने के बावजूद कुछ नहीं कर सकते थे।

कुछ दिनों तक तो सब कुछ साधारण रहा मगर मेरी चूत की खुजली ने मुझे शांत बैठने नहीं दिया, अब मैं जानती थी कि मेरी कजिन वाणी भी एक कॉलगर्ल है इसलिये मैंने वाणी को कॉल किया और उसे मिलने के लिए बुलाया।

वाणी मुझसे मिलने के लिए मेरे घर पर आ गई और हम दोनों मेरे कमरे में बैठकर बातें करने लगी। कुछ देर तक तो मैं उससे इधर-उधर की बातें करती रही लेकिन जल्दी ही मैंने मुद्दे की बात छेड़ दी और बोली- तुम एक बार में कितने कमा लेती हो?

पहले वो चौंकी लेकिन जब मैंने उसे बताया कि मैं सब कुछ जानती हूँ और मेरे चाचा और पापा ने मुझे कैसे क्रिस और मार्क से चुदवाने के लिए राजी किया तो वो मुझसे पूरी तरह खुल गई।

मैंने उससे पूछा कि वो कबसे ये काम कर रही है, तो वो बोली कि वो पिछले 3 साल से ये काम कर रही है। वाणी वैसे मुझसे 1 साल छोटी है लेकिन वो भी कॉलेज में है हम दोनों ही थर्ड इयर में हैं।

उसने यह भी बताया कि पहले वो एक सेक्स रेकेट का हिस्सा थी मगर पुलिस के डर के कारण उसने वो काम छोड़ दिया, अब उसके कुछ परमानेंट ग्राहक और अगर कोई नया ग्राहक जुड़ता है उन्हीं के रेफरेंस से जुड़ता है।
इसके बाद मैंने उससे पूछा कि तुम कितना लेती हो?
तो उसने बताया कि वो 10000 रूपए पर घंटा के हिसाब से लेती है !

ये सुनकर मैंने उससे आग्रह किया कि मैं भी उसके नेटवर्क का हिस्सा बनना चाहती हूँ तो उसने हाँ बोल दी।

पूरे दो सालों तक हम दोनों बहनें अलग-अलग लंडों से चुदती रही और वो भी अपने-अपने पापा की रजामंदी से। उसके बाद हम दोनों के लिए एक ही घर से रिश्ता आया और हम दोनों की शादी हो गई। आज मैं वाणी की जेठानी और वो मेरी देवरानी है, हमारा परिवार बहुत अमीर है और पति भी काफी ख्याल रखते हैं मगर जब भी हमें मौका मिलता है हम दोनों बाहर चुदाती हैं, मेरी दो ननदें और एक देवर भी है। हम दोनों ने अपनी ननदों और देवर को कैसे मनाया और इन दो सालों में क्या-क्या हुआ, यह मैं अगली कहानी में लिखूंगी, यह थी मेरे सेक्स जीवन की शुरुआत की कहानी।

मैं उम्मीद करती हूँ आप लोग इसे जरूर सराहेंगे आपको मेरी कहानी कैसी लगी, मेरी इमेल आई डी पे मेल करके जरूर बताइए।
[email protected]

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