कच्ची कली गुलाब की
(Kacchi Kali Gulab Ki)
हेलो दोस्तो, यह कहानी बिल्कुल काल्पनिक है और सिर्फ़ आपके मनोरंजन के लिए है। तो मजा लीजिए !
मेरा नाम सौरभ शर्मा, उमर 43 साल, शादीशुदा, दो बच्चों का बाप, बीवी टॉप क्लास, सब बढ़िया किसी चीज़ की ज़िंदगी से शिकायत नहीं, मतलब सब बहुत टनाटन चल रहा था, जब एक दिन एक घटना घटी।
हुआ यूँ कि अपनी आदत के मुताबिक मैं रात का खाना खाकर अपने घर की छत पर सैर कर रहा था। अनायास ही पड़ोसियों के घर में नज़र गई, मैंने उनकी खिड़की में से देखा कि पड़ोसी वर्मा जी की बेटी कमलांगी बेड पर लेटी अपने मोबाइल में कुछ देख रही थी।
अक्सर बच्चे मोबाइल पर गाने सुनते या वीडियो देखते रहते हैं इसलिए मैंने कोई गौर नहीं किया और अपनी सैर करता रहा। कमलांगी वर्मा उर्फ कामा एक 19 साल की दुबली पतली, सीधी सी लड़की, जिसके बदन पे चमड़ी ना के बराबर, हड्डियों का ढाँचा, सांवला रंग, छोटा सा कद, बहुत ही साधारण नयन नक़्श, मतलब मर्द की निगाह से देखो तो किसी काम की नहीं ! तो दोस्तो दो तीन चक्कर मारने के बाद मेरी निगाह जब दोबारा कामा पर पड़ी तो वो अब भी अपने मोबाइल में कुछ देख रही थी पर उसका सीधा हाथ उसकी जीन्स में था।
मैं एकदम चौंका और रुक कर देखने लगा। शायद वो कोई नंगी वीडियो देख रही थी। मैंने महसूस किया कि उसके हाथ की हरकत उसकी जीन्स में तेज़ हो चली थी।
औरत औरत ही होती है, जब चाहे मर्द का ईमान बिगाड़ दे, जो लड़की अक्सर हमारे घर मेरे बच्चों के साथ खेलने आ जाती थी, जो मुझे अंकल और मैं उसको बेटा कह के बुलाता था, और मेरे हिसाब से जिसमें कोई भी सेक्स अपील नहीं थी, वो एकदम से मुझे सेक्सी लगने लगी, मेरी दिलचस्पी उसमें जाग उठी। मेरे देखते देखते उसने 5-6 मिनट अपनी जीन्स में हाथ चलना जारी रखी और बाद में अकड़ गई, मैं समझ गया कि साली ने हाथ से कर के पानी छुड़वा लिया।
खैर वो खल्लास हो कर उठ कर चली गई, मेरा भी सैर में मन ना लगा, रात को सोने से पहले कामा का गुस्सा अपनी पत्नी पर उतारा, पर अब बड़े बड़े बूब्स नहीं मुझे छोटे छोटे मम्मे चाहिए थे, एक नन्ही सी चूत मेरे दिमाग़ में घूम रही थी पर यह तो संभव नहीं था, भला एक 19 साल की लड़की एक 43 साल के आदमी के साथ कैसे सेट हो सकती है।
खैर ऐसे सी समय बीतता रहा, कुछ दिनों बाद मैंने रात को सैर करते करते फिर वही दृश्य देखा, इस बार कामा की टीशर्ट भी ऊपर उठी हुई थी और उसके नींबू जैसे छोटे से नन्हे से उरोज को भी देखा, बाइ गॉड, मेरा तो देख कर लंड ही तन गया, वो हाथ से अपनी कोमल से नन्ही सी चूत का दाना मसल रही थी, मैं भी बर्दाश्त ना कर सका और लंड निकाल कर मुठ मारने लगा, उधर उसका छुटा, इधर मेरा भी झड़ गया।
पर अब मेरे बस से बाहर हो गया था, मेरा मन कामा को चोना चाहता था किसी भी क़ीमत पर !
अब जब भी कामा हमारे घर आती, मैं उसे प्यार करने के बहाने उसको छूकर देखता, एक दो बार अपनी गोद में भी उसे बिताया, बहाने से उसके गुप्त अंगों को छूने की कोशिश करता, एक बार उसके गाल की चुम्मी भी ली, उसे खुश करने के लिए उसकी पसंद की चीज़ें लाकर उसे देता, पर इस सबसे भी कोई बात नहीं बन रही थी, वो सिर्फ़ इसे एक अंकल का प्यार समझ रही थी।
ऐसे ही दो-तीन महीने बीत गये, मैं अक्सर उसे हाथ से अपनी चूत कुरेदते देखता और मैंने करीब करीब कामा को पूरी नंगी देख लिया था, वो हर दूसरे-तीसरे दिन हाथ से करती और मैं उसे देखता।
फिर एक दिन जब कामा हमारे घर आई तो मैंने हिम्मत करके उससे पूछ ही लिया- कामा रात को तुम मोबाइल पर क्या देखती हो?
तो वो बोली- कुछ भी नहीं, बस गाने वग़ैरह देखती हूँ।
“अच्छा? यह तो मैं भी देखता हूँ, पर अपनी जीन्स में तो हाथ नहीं डालता?”
“??? जी, मैं समझी नहीं, आप क्या कह रहे हैं?”
“कामा, मैं तुम्हे पिछले तीन महीने से देख रहा हूँ, रात को छत पर सैर करते करते मैं तुम्हें सब कुछ करते हुए देखता हूँ।”
वो शरमा गई और जाने लगी, तो मैंने आगे बढ़ कर उसका हाथ पकड़ लिया, तो वो बोली- अंकल मुझे जाने दो, मुझे घर जाना है !
“एक शर्त पर ! अगर अपने मोबाइल वाले गाने मुझे भी दिखाओगी !”
“नहीं, उसमें कुछ नहीं है !”
“कोई बात नहीं, जो भी है, दिखा देना !’
मगर वो हाथ छुड़वा कर भाग गई और अब वो रात को हस्तमैथुन भी नहीं करती थी और उसके बाद मैंने उसे कभी नहीं देखा। कुछ दिन बाद वो हमारे घर आई तो मैंने फिर उसे याद दिलाया- मुझे तुम्हारा मोबाइल देखना है !
मेरे बार बार कहने पर भी उसने मुझे अपना मोबाइल नहीं दिखाया।
फिर एक दिन मैंने बातों बातों में उससे उसकी फ़ेसबुक आईडी पूछी और एक लड़की के नाम से फेक आईडी बना कर उससे दोस्ती की, और धीरे धीरे कुछ ही दिनों में दोस्ती बढ़ा कर यह पता कर लिया कि उसका कोई बॉयफ़्रेंड नहीं है तो अपने भाई से उसकी फ्रेंडशिप करवाने का झूठा झांसा दिया और बातों बातों में उससे खुल कर सेक्सी बातें करनी शुरू की।
वो भी खूब मज़े ले ले कर मुझे एक लड़की समझ कर अपने मन की भड़ास निकालती। तब मुझे पता चला कि वो चुदने के लिए कितनी बेताब है। बातों बातों में उसने मुझे यह भी बताया कि उसके एक पड़ोसी अंकल (जो मैं ही था) ने उसे मोबाइल पे नंगी वीडियो देख कर हाथ से करते अक्सर देखा है।
तो मैंने उसे कहा- तू उसी अंकल से सेक्स कर ले !
तो वो बोली- अरे यार वो बहुत बड़े हैं, उनसे कैसे कर सकती हूँ?
तो मैंने कहा- कोशिश करके देख, शायद मान जाएँ और अगर मान गये तो तुझे भी सेक्स करने का स्वाद मिल जाएगा।
तो वो बोली- कहीं गुस्सा तो नहीं होंगे, लगते तो मुझे ठर्की हैं !
तो मैंने कहा- अगर उनकी फ़ेसबुक आईडी है तो मुझे दे, मैं पूछ कर बता दूँगी।
दरअसल मैं तो अपने लिए ही ज़मीन तैयार कर रहा था।
अगले दिन जब वो हमारे घर आई तो उसकी नज़रें ही बदली बदली सी थी। मैंने बहाने से उसे अपने पास बुलाया और फिर से बात शुरू की- अरे कामा, तुम्हें एक काम कहा था, वो भी तुमने नहीं किया?
“अरे अंकल, मोबाइल में क्या है, कुछ नहीं और आप तो शादीशुदा हो, आप देख कर क्या करोगे?”
“अरे तू नहीं समझेगी, अब तो देखने में ज़्यादा मज़ा आता है, मेरे कंप्यूटर में भी बहुत कुछ है, अगर मेरे पास ना हुआ तो कॉपी कर लूँगा, अगर तुम्हें कुछ चाहिए तो तुम ले जाना !”
उसने स्माइल दी और कुछ सोच कर बोली- ओ.के. यह लो, देख लो और अपनी फ़ेसबुक आईडी भी देना !
मैंने कहा- ओ के, ले लो पर मोबाइल अभी नहीं देखूँगा, कल आना, तुम्हारी आंटी बाहर जाएगी, तब तुम्हें बुलाऊँगा।
अगले दिन सुबह मेरी बीवी पेरेंट्स टीचर मीटिंग में बच्चों के स्कूल चली गई, मैंने जान बूझ कर ऑफ़िस से छुट्टी ले ली, बीवी के जाने के बाद मैंने फ़ेसबुक पर चैटिंग शुरू की तो देखा कि कामा ऑनलाइन है, तो मैंने उसे तुरन्त ही मेरे घर आने को कहा।
जब कामा मेरे घर आई तो उस वक़्त मैंने टीशर्ट और लोअर पहना था। मैं कामा को अपने बेडरूम में ले गया, वहाँ कंप्यूटर चालू किया और बहुत सारी पॉर्न क्लिप्स उसे दिखाई, पहले तो वो कुछ शरमा रही थी पर बाद में वो भी मजा लेने लगी।
4-5 क्लिप्स देखने के बाद मेरा तो लंड अकड़ गया और मैंने कहा- कामा, देख मेरा तो लंड अकड़ गया !
उसने देखा तो शरमा गई, मैंने कहा- कामा, लंड देखगी?
पर वो कुछ नहीं बोली तो मैंने लोअर नीचे सरका दिया और अपना तना हुआ लंड बाहर निकल कर उसे दिखाया। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
वो मेरे लंड को बिना पालक झपकाए देख रही थी, मैंने उसका हाथ पकड़ा और उसे अपना लंड पकड़ा दिया। वो तो जैसे सुन्न सी हो गई थी, मैंने उसके दोनो हाथों में अपना लंड पकड़ा कर अपना लंड आगे पीछे चलाने लगा। जब उसकी तरफ से कोई विरोध नहीं पाया तो मैंने कहा- कामा, मेरे लंड की चुम्मी लो प्लीज़ !
तो उसने बड़े हल्के से मेरे लंड के सुपारे पर किस किया, उसके नर्म होठों का स्पर्श मेरे लंड में बिजली के करेंट जैसा लगा।
“कामा, जानेमन, मेरे लंड को चूसेगी?”
उसने हाँ में सिर हिलाया और धीरे से मेरे लंड का सुपारा अपने मुंह में ले लिया, तो मैंने भी हाथ बढ़ा कर उसके छोटे छोटे बूब्स उसकी टीशर्ट के ऊपर से दबा कर देखे, सच में उसके बूब्स बस नींबू के आकार के ही थे, गोल और नर्म !
फिर मैंने कामा को अपनी गोद में बिठाया और उसके होंठ चूमे, फिर नीचे वाला होंठ अपने होंठों में लेकर चूसा, तो कामा के मुंह से हल्की सी सिसकारी निकल गई। मैं समझ गया कि उसे मज़ा आ रहा था, आख़िर मैं भी 19 साल से शादीशुदा था, औरत को तड़पाना अच्छी तरह से जानता था।
“कामा, अपनी टीशर्ट ऊपर उठाओ, मैं तुम्हारे बूब्स चूसना चाहता हूँ !”
उसने टीशर्ट तो नहीं उठाई, पर जब मैंने उठाई तो उसने इन्कार भी नहीं किया। आज पहली बार एक कची कली के मासूम दो स्तन मेरे हाथों में थे। मैंने उन्हें जी भर कर दबाया, मसला, चूमा, चाटा और चूसा। इतना चूसा कि उनके निप्पल खड़े हो गये।
कंप्यूटर पर एक बाद एक पॉर्न क्लिप चल रही थी, हम दोनों पूरी तरह से गर्म थे, मैंने कहा- कामा डियर, अपनी जीन्स उतारो !
तो वो बोली- नहीं अंकल, सेक्स नहीं करेंगे, आपका बहुत बड़ा है, मुझे बहुत दर्द होगा।
मैंने कहा- नहीं जान, सेक्स नहीं करेंगे पर ओरल सेक्स तो कर सकते हैं ! कामा, मैं तुम्हारी छोटी सी चूत चाटना चाहता हूँ, प्लीज़, मेरा बड़ा है, जब तक तुम नहीं कहोगी, हम सेक्स नहीं करेंगे, ओके ! मेरा विश्वास करो !
तो उसने अपनी जीन्स का बटन खोला, बाकी ज़िप खोल कर उसकी जीन्स मैंने नीचे उतार दी।
उफ्फ़ ! क्या नाज़ुक सी छोटी सी चूत, जिस पर रेशम जैसे बाल आ रहे थे।
मैं बिस्तर पे लेट गया- कामा जानेमन, प्लीज़ अपनी चूत मेरे मुँह पर रख दे यार !
उसने ऐसा ही किया तो मैंने अपनी जीभ से उसकी चूत चाटना शुरू कर दिया, वो तो तड़प उठी, मैंने भी जोश में उसकी चूत के अंदर तक अपनी जीभ डालने की कोशिश की और उसकी चूत का दाना मुंह में लेकर चूसा और उसकी छोटी सी गांड और चूतड़ भी चाट गया। उसकी चूत पानी से सरोबार थी, वो बिना कहे मेरा लंड चूस रही थी, मैं मज़े ले लेकर उसकी चूत चाट रहा था और क्योंकि उसकी चूत मेरे मुँह पर थी तो उसकी चूत का रस मेरे मुँह में टपक रहा था।
वो उछल रही थी तड़प रही थी और मैं चाटता गया, फिर तभी वो झनझना उठी, मेरे लंड को उसने अपने दांतों से काट खाया, उसका बदन अकड़ गया, और उसके मुंह से उम्म उम्म की आवाज़ें निकलने लगी, वो झड़ चुकी थी पर मैं उसकी चूत चाटता रहा जब तक कि उसने खुद मुझे मना नहीं कर दिया।
पर मेरा नहीं हुआ था, तो मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और अंदर डालना चाहा, पर कुँवारी कली दर्द से बिलबिला उठी। मैंने भी समझा कि मेरा लंड इसके लिए ज़्यादा बड़ा है इसलिए मैंने उसे मेरी मूठ मारने को कहा।
उसने मेरी मूठ मारनी शुरू की, 2-3 मिनट बाद मैंने अपना गर्म गर्म माल उसकी छोटी छोटी चूचियों और पेट पे छुड़वाया।
अहह ! क्या आनन्द था ! मैंने अपना थोड़ा सा माल उसको चटवा भी दिया, जिसका स्वाद उसे बुरा नहीं लगा। फिर मैंने अपने कंप्यूटर से ढेर सारी पॉर्न क्लिप्स उसके मोबाइल में भर दी।
अब तो हम अक्सर मौक़ा मिलते ही यह सब करने लगे पर अभी तक उसको मैं चोद नहीं पाया था। पर अब वो बिना झिझके मेरे साथ सारी अश्लील हरकतें कर लेती, मैं भी इसका मजा लेता था।
फिर मैंने उसे कहा- अब ऐसा करते हैं, तुम खुद कोशिश करना मेरा लंड अपनी चूत में लेने की ! मैं अपना लंड खड़ा करके नीचे लेट जाता और वो ऊपर बैठ के मेरा लंड अपनी चूत में लेने की करती।
चाहे इस काम में 2 महीने लग गये क्योंकि मौक़ा कम ही लगता था, पर 4-5 बार कोशिश करके मेरा पूरा लंड वो अपनी चूत में लेने लगी।
फिर एक दिन मौक़ा मिला और मैंने उसे अपने स्टाइल से जी भर के चोदा, पहले उसकी चूत चाट कर उसका पानी छुडवाया और उसके बाद चोद चोद कर दोबारा फिर उसका पानी छुड़वाया, उसके लिए सेक्स का यह पहला संपूर्ण अनुभव था, इसलिए वो तो जैसे निहाल हुई पड़ी थी, उसने मुझसे कहा- अंकल, मैं चाहती हूँ कि आप सारी उमर मुझसे ऐसे ही सेक्स करो, करोगे?
“हाँ मेरी जान, कामा मेरी जान, जब से तुम मेरी ज़िंदगी में आई हो, मुझे तुम्हारी आंटी अच्छी नहीं लगती, उसके खरबूज़े जैसे बड़े बड़े बूब्स नहीं, मुझे तुम्हारे नींबू जैसे छोटे छोटे बूब्स चाहिए, मुझे बड़ी सी चूत नहीं तुम्हारी छोटी सी चुनिया चाहिए, चाहे मैं तुम्हारी आंटी के हर सुराख को चोद चुका हूँ, पर अब वो ढीली पड़ चुकी है, तुम्हारी चूत एकदम कसी है, जो मज़ा एक कुंवारे बदन में है, वो दो बच्चों की माँ के बदन में कहाँ ! मैं सारी उमर तुझे चोदना चाहता हूँ, बस तुम मुझसे प्यार करती रहना, कोई बॉयफ़्रेंड मत पाल लेना !”
“ओ.के. तो मैं सारी उमर के लिए आपकी ! आई लव यू, डियर शर्मा अंकल !”
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