बाजू वाली लौंडिया की सीलतोड़ चुदाई

(Next Door Girl Sex Kahani)

नेक्स्ट डोर गर्ल सेक्स कहानी में मैंने कुंवारी लड़की की बुर चोदी अपने ही घर में! उसे मैंने कैसे पटाया और फिर चूत मरवाने के लिए कैसे राजी किया? पढ़ कर मजा लें.

फ्रेंडस, मेरा नाम मुहम्मद शाहिद अली है, ये नाम बदला हुआ है.
मैं उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव का रहने वाला हूँ.

यह नेक्स्ट डोर गर्ल सेक्स कहानी मेरी पड़ोसन लड़की साफिया के साथ मेरी चुदाई की कहानी है.
वो मुझसे चुदने के बाद हमेशा सेक्स के लिए तैयार रहती थी.
ये उसी की कामुक जिंदगी पर आधारित है.

वर्तमान समय में साफिया की किसी और से शादी हो चुकी है और उसका एक लड़का भी है लेकिन वो अभी भी मुझसे बातें करती है.
शायद वो मुझे और मेरे लंड को अभी तक नहीं भूली है.

यह कहानी मेरी ऐसी गर्लफ्रेंड की है जो हमेशा अपनी चूत में लंड लेने को उतावली रहती थी, फिर चाहे वो किसी का लंड ही क्यों ना हो.

पहले मैं आपसे उसका परिचय करा देता हूँ.
साफिया की हाइट 5 फुट 3 इंच है. वो 34-28-36 के ग़ज़ब के फिगर की मालकिन है.
वो कपड़े तो ऐसे पहनती है कि उसे देखते ही किसी भी बंदे का लंड खड़ा हो जाए.

वो बहुत ही गहरे गले वाले कपड़े और अधिकांशत: बैकलैस कपड़े ही पहनती थी.
उसे देख कर ऐसा लगता था मानो उसके कपड़े उसको छुपा कम और दिखा ज्यादा रहे हों.

हम लोग अपने गांव से 5 किलोमीटर दूर के शहर में पढ़ने जाते थे.
वो कंप्यूटर की क्लास ज्वाइन करने जाती थी और मैं एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी के लिए एक कोचिंग क्लास में जाता था.

हम दोनों कई बार टेंपो से साथ आते जाते थे.
शुरू में मैं उससे ज्यादा बात नहीं कर पाता था.
शायद घर के बाहर वो भी किसी से बात नहीं करती थी इसलिए भी मेरी उससे बात करने की हिम्मत नहीं होती थी.

एक बार जब हम लोग साथ टेंपो से आ रहे थे तो धोखे से मेरा पैर उसके पैर से लग गया.
वो कुछ नहीं बोली, ना ही उसने अपना पैर हटाया.
उल्टे वो मुस्करा दी.

गांव आते ही हम लोग उतर कर पैदल चल दिए.
मेरी हिम्मत थोड़ी बढ़ चुकी थी तो मैंने उससे उसका फोन नंबर मांग लिया.
उसने भी बिना देर किए अपना नंबर मुझे बता दिया.

हमारी फोन पर बात शुरू हो गई थी.
कुछ ही दिन बाद मैं उससे सब तरह से बात करने लगा था.

फ़िर एक दिन उसने मुझसे मिलने की बात कही.
मैंने हामी भर दी तो उसने मुझे अपनी छत पर बुलाया.

मैं शाम को उसकी छत पर गया, वहां वो अकेली थी.
मैंने पूछा- क्यों बुलाया?

उसने मुझे देखा और एकदम से गले से लगा लिया.
मैंने भी उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और जोर जोर से चूसने लगा.

अपना एक हाथ मैंने उसके मम्मों पर रखा और दूसरा उसकी मोटी सी गांड पर रख दिया.
फिर दोनों हाथों से एक साथ उसे जोरों से दबाया.

साफिया आह आह करने लगी और हम दोनों ही बहुत उत्तेजित हो गए.
कुछ देर यूं ही मामला चलता रहा.

अब उसने मेरी जींस के ऊपर से ही मेरे लंड पर हाथ फिराया.
मेरा 6 इंच का कटा हुआ लंड पूरी तरह से खड़ा हुआ था.
उसने जींस में हाथ डालकर मेरे लंड को पकड़ लिया.

मैंने भी कुर्ते के अन्दर हाथ डाला और उसके मम्मों को छुआ.
मुझे बहुत ही अच्छा लगा क्योंकि मैंने पहली बार किसी जवान लड़की के दूध छुए थे.

मुझे उसके दूध बड़े ही मस्त लगे तो मैंने अपना पूरा हाथ उसके एक दूध पर जमा दिया और उसके निप्पल को अंगूठे से छुआ.
उसका निप्पल पूरी तरह से खड़ा था.

वो मुझे रोकने लगी.
मुझसे उत्तेजना के मारे रुका नहीं जा रहा था.
मैंने उससे कहा- करने दो यार मजा आ रहा है.

उसने मना कर दिया और बोली- अभी नहीं, फिर कभी. मेरा ये फर्स्ट टाइम है और यहां छत पर खुले में कोई देख लेगा.
मैंने कहा- तो इसका क्या करूं, यह तो खड़ा है.

उसने जल्दी जल्दी हाथ चला कर मेरा पानी निकाल दिया.
मैं भी उसे किस करके अपने घर आ गया.

जैसे ही मैं घर आया, वो फोन पर बोली- पूरा हो जाता तो मजा आ जाता यार … मेरा भी बहुत मन था.
मैंने कहा- तुमने ही तो मना किया.
वो बोली- कोई बात नहीं, फिर सही. अब तो मिलना होता रहेगा.

दोस्तो, यह साफिया के साथ मेरी पहली मुलाक़ात थी.
अब मैं बहुत ही परेशान रहने लगा था.
मुझे उसकी चूत देखनी थी.

एक दिन मैंने उससे कहा भी कि छेद दिखा दो.
मगर उसने मना कर दिया.

वो बोली- यह कभी नहीं होगा क्योंकि उसे मैं अपने शौहर के लिए ही अनटच रहने दूंगी. अगर प्यार करना है, तो केवल यही ऊपर ऊपर वाला प्यार कर लो, नहीं तो रहने दो.
मैंने उसे बहुत समझाया मगर वो कहां मानने वाली थी.

फिर आखिर वो दिन आ ही गया, जब मैंने उस नेक्स्ट डोर गर्ल की चूत देख ही ली.
हुआ यूं उस दिन रात के 11 बज रहे थे और हम लोग फोन पर बात कर रहे थे.

मैंने सेक्स चैट से उसे बहुत उत्तेजित कर दिया था.

मैंने पूछा- कहां हो अभी?
वो बोली- छत पर.
मैंने कहा- मैं आ रहा हूँ.
वो भी मान गई.

मैं उसकी छत पर गया.
उधर वो अकेली थी.

मैं जाते ही उसे किस करने लगा.
साफिया भी मेरा साथ दे रही थी.

फिर वो मेरी तरफ पीठ करके खड़ी हो गई और उसने मेरे दोनों हाथ अपने दोनों बूब्स पर रख दिए.

वो बोली- लो मेरे दूध जोर जोर से दबाओ, आज इन्हें पूरा निचोड़ दो.
मैंने भी उसके बूब्स बहुत जोर जोर से दबाए.

मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया था और उसकी गांड में चुभ रहा था.
उसको जब महसूस हुआ तो उसने भी पीछे हाथ लाकर मेरे लंड को पकड़ लिया.

मैं एक हाथ उसके पेट पर सहलाते हुए उसकी लैगी के अन्दर चूत पर ले जाने लगा तो उसने रोक दिया.

वो बोली- यहां के लिए मना किया था न मैंने!
मैंने कहा- यार ,मैंने आज तक रियल में नहीं देखी है, प्लीज सिर्फ दिखा दो, मैं करूंगा कुछ नहीं.

मेरे ज्यादा कहने पर वो मान गई.
फिर वो बोली- मगर यहां नहीं, कोई देख लेगा. नीचे चलो मेरे परली तरफ वाले घर में चलो. उधर कोई नहीं है.

मैंने उसके साथ उसके दूसरे घर में गया.
मैंने उसकी तरफ वासना से देखा.

उसने कहा- तुम खुद ही उतारो.
मैंने उसकी लैगी उतारी, वो लाल रंग की पैंटी पहनी थी.

मैंने पैंटी के ऊपर से चूत को सहलाया.
चूत पर हाथ लगते ही उसने एक आह भरी, फिर मेरा हाथ हटाकर बोली- अब देखो, कुछ करना नहीं ओके!
मुझे दूर हटाकर खुद ही अपनी पैंटी उतार दी और बोली- देखो.

उसकी चूत पर हल्के हल्के बाल थे.

मैंने कहा- प्लीज एक बार छूकर देख लेने दो.
वो मान गई.

मैंने चूत को छुआ.
फिर उठ कर उसको किस करने लगा.
मेरा एक हाथ उसकी चूत पर, दूसरा उसके बूब्स पर था.

वो बहुत उत्तेजित हो गई.
मैं भी मौक़े का फायदा उठा कर नीचे आकर उसकी चूत चाटने लगा.

साफिया की चूत बहुत गीली हो गई थी और नमकीन पानी निकल रहा था.
मेरा जी घबराया तो मैंने अपनी जीभ हटा ली.

मैंने उससे कहा- अब तुम भी मेरा चूस लो … और वो अपने घुटने पर बैठकर मेरा लंड चूसने लगी.

जब मुझसे बर्दाश्त से बाहर हो गया तो मैंने कहा- अब सब कुछ हो जाने दो प्लीज.
उसने फिर से मना किया लेकिन उसके ऊपर वासना सवार थी तो वो ठीक से मना नहीं कर सकी.

मैंने भी उसे वहीं पर लिटा दिया, उधर नीचे एक बोरी थी.
वो बोरी पर चूत उठाकर लेट गई थी.

मैंने उसकी चूत पर अपना लंड लगा दिया. चूत खुली सी थी तो लंड का सुपारा जरा से दाब में अन्दर चला गया.

जैसे ही थोड़ा सा लंड अन्दर गया, तो वो दर्द से ऊपर को सरक गई और उसके मुँह से चीख निकल गई.
मुझे भी उसकी कसी हुई चूत में लंड पेलने से थोड़ा दर्द हो रहा था.
उसने मुझे मना कर दिया.

वो बोली- आह मत करो, मुझे दर्द हो रहा है.
वो रोने लगी तो मैंने कहा- फिर मैं अपने इस खड़े लंड का क्या करूं!
उसने कहा- तुम पहले इसे बाहर निकालो प्लीज़.

मैंने लंड बाहर निकाल लिया. वो उठ कर बैठ गई और अपने हाथ से लंड पकड़ कर हिलाने लगी.

मैंने कहा- मुँह में ले लो.
वो मुँह से चूसने लगी.

वो भले ही चूत में लंड को मजा न दे सकी हो, मगर मुँह में मस्त चूस रही थी.
कुछ मिनट तक उसने मस्ती से लंड चूसा और मैं भी उसका सर पकड़ कर मुख चोदन का मजा लेने लगा.

मेरी मादक आवाजें निकलने लगीं और लंड फूलने लगा.
अब मेरा निकलने को था तो वो समझ गई और अपने मुँह को हटाने लगी पर मैंने उसका मुँह कसकर पकड़ लिया और उसके मुँह में ही अपना सारा माल निकाल दिया.

वो भी पी तो गई मगर उसको उल्टी हो गई.

कुछ देर बाद मैं वहां से चला आया.
मैंने घर आकर उसको कॉल किया मगर उसने नहीं उठाया, वो शायद मुँह में वीर्य डाल देने से नाराज थी.

फिर मैं सो गया … अगले दिन मैंने उसे मैसेज किया.
उसका जवाब नहीं आया.
मैंने कुछ नहीं किया बस सोचने लगा कि जब उसने लंड चूस ही लिया तो साली चुदेगी भी पक्के में!

मैंने भी साफिया को नजरअंदाज करना शुरू कर दिया.

अब जब हम दोनों पढ़ने जाते तो मैं उससे नहीं बोलता था.
वो भी शुरू में मुझे नजरअंदाज कर रही थी.

शायद वो सोच रही थी कि मैं ही उससे बोलूंगा, मगर मैं नहीं बोला.

फिर चार दिन बाद उसका मैसेज आया- बड़ी अकड़ दिखा रहे हो.
मैंने तब भी कुछ नहीं कहा.

उसने फिर से मैसेज किया ‘क्या हुआ?’
मैंने कहा- कुछ नहीं हुआ. मैं अब तुमसे कोई उम्मीद नहीं रखता हूँ.
वो बोली- उम्मीद न सही … मगर दोस्ती तो कायम रख सकते हो?
मैंने कहा- हां जैसे बहुत सारे दोस्त होते हैं, वैसे ही मैं तुम्हें अपना दोस्त मान सकता हूँ.

फिर हम दोनों में बातचीत शुरू हो गई.

उस दिन उसने कहा- मुझे मुँह में बहुत खराब लगा था.
मैंने कहा- तो मत लेती मुँह में … चूत में क्या खराबी थी?

वो हंस गई और बोली- चलो आज करते हैं.
मैंने कहा- ठीक है. पर आज नहीं कल.

वो बोली- आज में क्या खराबी है?
मैंने कहा- कल मेरे घर के लोग शादी में बाहर जा रहे हैं. घर में मैं ही रहूँगा.
वो बोली- तो?

मैंने कहा- तुम छत से मेरे कमरे में आ जाना.
वो खुश हो गई.

दूसरे दिन वो रात में ग्यारह बजे के बाद मेरे कमरे में आ गई.
मैंने उसे अपनी बांहों में ले लिया और वो भी मुझसे ऐसे चिपक गई, जैसे मैं उसका नाराज शौहर होऊं.

जल्द ही हम दोनों नंगे हो गए. वो मेरे लंड को खुद से चूसने लगी और मैंने भी उसकी चूत चाटी.

बीस मिनट बाद वो बोली- अब देर मत करो.
मैंने कहा- दर्द होगा.
वो बोली- होने दो.

मैंने कहा- तुम चिल्लाओगी.
वो बोली- मेरे मुँह कर कपड़ा बांध दो और तुम मेरे दर्द की परवाह मत करना.

मैंने उसे चुदाई की पोजीशन में लिटाया और लंड चूत पर सैट करके धक्का दे दिया.

वो चीखती उससे पहले मैंने अपने मुँह का ढक्कन उसके मुँह पर लगा दिया.
वो छटपटा रही थी. मगर मैं किसी कसाई की तरह उसे पेलने लगा.

कोई एक मिनट की मशक्कत के बाद मेरा पूरा लंड उसकी चूत को फाड़ चुका था. खून निकल रहा था. मगर मेरे ऊपर चुदाई का भूत सवार था.

मेरे लंड ने चूत में जगह बना ली और आगे पीछे होने लगा. कुछ ही देर में वो ठीक हो गई और मेरा साथ देने लगी.

उसने कहा- अन्दर मत छोड़ना.
मैंने कहा- ठीक है.

दस मिनट की ताबड़तोड़ चूत चुदाई के बाद मैंने लंड बाहर खींचा और उसके पेट पर रस छोड़ दिया.

साफिया हांफ रही थी और मुस्कुरा रही थी.
मैंने भी उसे मुस्कुरा कर देखा और लंड को उसके पेट पर घिसने लगा.

दोस्तो, उस रात मैंने उसे तीन बार चोदा. इसके बाद तो समझो वो मेरे लंड पर फ़िदा हो गई थी. उसकी चूत की आग को मैंने ही भड़काया था.

एक बार लंड चूत में लेने के बाद साफिया कामुक होती चली गई और कब उसने दूसरे लंड से चुदना शुरू कर दिया, मुझे मालूम ही चल सका.

मैंने भी उसे सैंकड़ों बार चोदा होगा.

आपको मेरी नेक्स्ट डोर गर्ल सेक्स कहानी पढ़ कर कैसा लगा, अपने अनुभव मुझे मेल करना न भूलें.
आगे फिर मुलाक़ात होगी.
[email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top