मुंबई जाकर मैं बन गई रंडी- 2
(New Girl Paid Sex Story)
न्यू गर्ल पेड सेक्स स्टोरी में पैसे के लिए अपनी सहेली के माध्यम से अपनी जवानी बेचने का सौदा करके मैं एक अमीर आदमी के फार्महाउस में पहुँच गयी. मैंने पहली बार सचमुच का लंड देखा.
नमस्कार दोस्तो,
मैं सोनम वर्मा अपनी कहानी के अगले भाग में आप सभी का स्वागत करती हूं।
अभी तक आपने कहानी के पहले भाग
मेरे कौमार्य का सौदा
में पढ़ा कि किस तरह मोनिषा अपने एक छोटे से गाँव से अपनी सहेली के साथ मुंबई पहुंच गई और किस तरह अपनी गरीबी को दूर करने के लिए उसने हाई प्रोफाइल कॉल गर्ल बनने का रास्ता चुना।
अब चलते हैं न्यू गर्ल पेड सेक्स स्टोरी में आगे … और जानते हैं कि कॉल गर्ल बनने के बाद उसकी पहली चुदाई कैसी रही और आगे उसके साथ क्या क्या हुआ।
नमस्कार दोस्तो,
मैं मोनिषा!
मोना के फ्लैट से अशोक मुझे अपनी कार से लेकर चल दिया।
करीब डेढ़ घंटे चलने के बाद हम लोग मुंबई शहर से बाहर निकल गए थे।
इस दौरान मेरे और अशोक के बीच ज्यादा कुछ बात नहीं हुई, बस वह मुझे समझाता जा रहा था कि वह मुझे जिसके पास लेकर जा रहा है, वह बहुत अमीर आदमी है और मुझे उसे हर तरह से खुश करना है।
मुंबई शहर से बाहर आकर हम लोग हाइवे छोड़कर एक छोटी सड़क पर आगे बढ़ रहे थे और फिर एक बड़े से गेट के सामने उसने गाड़ी रोक दी।
गेट कीपर ने गेट खोला और कार अंदर चली गई।
अंदर जाकर जब मैं कार से उतरी तो वो एक फार्महाउस लग रहा था।
हम लोग अंदर गए और वहाँ के नौकर ने हमें सोफे पर बैठाया।
कुछ देर बैठने के बाद अंदर से एक आदमी बाहर आया जिसने हाफ लोवर और टीशर्ट पहनी हुई थी।
उसकी उम्र करीब 50 से 55 के बीच की थी।
दिखने में वह बिल्कुल काला था और किसी मद्रासी आदमी की तरह लग रहा था।
उसने आकर अशोक से बात करनी शुरू की और उसकी भाषा से साफ हो गया कि वह सच में मद्रासी ही है।
उस फार्महाउस का मालिक वही था और मुझे उसके साथ ही 3 दिन रहना था।
वह अशोक से बात कर रहा था लेकिन बड़ी गंदी नजर से मुझे देख रहा था।
उसकी नजर बार बार मेरी नंगी जांघों पर जा रही थी।
वह ऊपर से नीचे तक मुझे बड़ी गंदी नजर से देख रहा था।
उसके सामने मैं बिल्कुल बच्ची थी क्योंकि उम्र में तो वैसे ही वो मुझसे दुगने से भी बड़ा था क्योंकि उस वक्त मैं 19 साल की थी और इसके साथ साथ शरीर में भी वह मुझसे दुगने से भी ज्यादा था।
उस समय मेरा वजन 47 किलो था और उसके शरीर के हिसाब से उसका वजन 100 किलो के आसपास रहा होगा।
मेरी धड़कन काफी तेजी से चल रही थी और मेरे मन में तरह तरह के ख्याल आ रहे थे।
मैं सेक्स के बारे में सब जानती थी लेकिन कभी किया नहीं था.
और पहली ही बार इस तरह के आदमी के साथ सेक्स करना पड़ेगा, ऐसा मैंने कभी सोचा नहीं था।
पता नहीं आज यह मेरा क्या हाल करने वाला था।
कुछ देर बात करने के बाद अशोक मुझे कोने में अलग ले गया और मुझे बोला- मैं अब जा रहा हूँ. अब तुमको 3 दिन यहीं रहना है। कोई शिकायत नहीं मिलनी चाहिए और तुम्हें यहीं सारे पैसे मिल जायेंगे। यह बहुत बड़े आदमी है, इनको खुश रखोगी तो आगे भी तुमको पैसे कमाने का मौका मिलता रहेगा।
इतना बोलकर अशोक चला गया।
अब वहाँ पर मैं और वो मद्रासी आदमी ही रह गए थे।
वह मेरे पास आया और हाथ मिलाते हुए मुझे बोला- मेरा नाम अय्यर (बदला हुआ नाम) है।
इतना कहकर वह मुझे चलने के लिए बोला और मैं उसके पीछे चल पड़ी।
सीढ़ियों से ऊपर जाते हुए हम दोनों एक कमरे में गए जो उस का बेडरूम था।
काफी बड़ा और आलीशान बेडरूम था। बहुत बड़ा पलंग और उसमें हाई क्वालिटी का गद्दा बिछा हुआ था।
उसने मुझे कहा- तुम यहीं आराम करो, मैं अपना काम निपटाने के बाद आता हूं।
उसने कमरे का दरवाजा बंद किया और चला गया।
मैं इधर उधर देखते हुए खिड़की से बाहर देखने लगी।
वो खिड़की फार्महाउस के पीछे का नजारा दिखा रही थी जहाँ पर नीचे एक छोटा सा स्विमिंग पूल था और बाग बगीचे थे।
कुछ देर बाद कमरे का दरवाजा खुला और एक अधेड़ उम्र की औरत खाना लेकर अंदर आई।
उसने मेज पर खाना रखा और मेरे तरफ देखती हुई बोली- आपका खाना रखा हुआ है।
इसके बाद बोली- तुम्हारी उम्र कितनी है?
मैं बोली- 19 साल!
इस पर उसने कहा- इतनी कम उम्र में ये सब करने आ गई. तुम जानती हो न साहब तुमसे कितने बड़े हैं।
उसकी बातों का मैंने कोई जवाब नहीं दिया और वह यह बोलती हुई चली गयी- हमें क्या … हम तो नौकर हैं।
उसके जाने के बाद मैंने थोड़ा बहुत खाना खाया क्योंकि मुझे खाने की बिल्कुल इच्छा नहीं हो रही थी।
मन में अजीब सी हलचल मची हुई थी और दिल की धड़कन जोर जोर से चल रही थी।
कमरे में बैठे बैठे मुझे काफी समय बीत चुका था.
रात 10 बजे के बाद दरवाजे के खुलने की आवाज आई तो मेरी नजर तुरंत ही दरवाजे पर गई।
अय्यर दरवाजा बंद करते हुए मेरी तरफ ही आ रहे थे.
उनकी चाल से ही समझ में आ रहा था कि उन्होंने शराब पी हुई थी।
मैं उन्हें पास आता हुआ देख बिस्तर से उठकर खड़ी हो गई।
अय्यर मेरे पास आये और मेरे कंधे पर हाथ रखते हुए बोले- जबसे तुम्हारी फ़ोटो देखी है, कसम से मन नहीं मान रहा था. तुमको देखते ही मैं समझ गया था कि तुम कोई बाजारू लड़की नहीं हो बल्कि एक पारिवारिक लड़की हो। ऊपर से तुम्हारी यह खूबसूरती और तुम्हारा यह मचलता हुआ फिगर का मैं दीवाना हो गया हूँ। तुम्हें पाने के लिए मैंने एक लाख रुपये दिए हैं लेकिन अगर तुम 2 लाख रुपये भी मांगती तो मैं दे देता। तुम जैसी लड़की वो भी कुँवारी बहुत कम ही मिलती है। तुम किसी तरह की कोई चिंता मत करना, मेरे साथ तुम्हें कोई दिक्कत नहीं होगी।
इतना कहते हुए अय्यर ने मेरे हाथों को पकड़ा और मुझे अपने सीने से लगाते हुए बोले- तुमको देखते हुए अब रहा नहीं जा रहा है. मेरी जान, आज तो तुमको खा जाने का मन कर रहा है।
इतना कहते हुए उन्होंने मेरे चेहरे को अपने दोनों हाथों में लिया और अपनी जीभ बाहर निकालकर मेरे होंठों को चाटने लगे।
वे मेरे होंठ को ऐसे चाट रहे थे जैसे कोई कुत्ता मलाई चाट रहा हो।
उसके बाद उन्होंने मेरे होंठों को अपने मुँह में भर लिया और बुरी तरह से चूमने लगे।
इस दौरान उनका एक हाथ मेरी पीठ को सहलाते हुए मेरी गांड को सहलाने लगा और दूसरा हाथ मेरे गले से होते हुए मेरे सीने पर आ गया और मेरे एक दूध को मसलने लगा।
मेरे लिए ये सब पहली बार हो रहा था क्योंकि मेरी जिंदगी में पहली बार किसी मर्द ने मुझे इस तरह से छुआ था।
वे जोर जोर से मेरे दूध दबा रहे थे जिसमें से मुझे काफी दर्द हो रहा था।
कुछ ही समय में उन्होंने मेरे ऊपर के कपड़े निकाल फेके और मैं बस ब्रा पेंटी में ही रह गई थी।
अब वे ब्रा के अंदर हाथ डालकर मेरे दूध दबाने लगे और मेरे होंठों को लगातार चूसे जा रहे थे।
काफी देर तक मेरे होठों और दूध को मसलने के बाद उन्होंने मुझे बिस्तर पर धक्का दिया और मैं बिस्तर पर जा गिरी।
अब उन्होंने मेरे सामने एक एक करते हुए अपने सारे कपड़े निकाल दिए और पूरी तरह से नंगे हो गए।
मेरी नजर उनके लंड पर गई जो कि बेहद काला और बेहद ही मोटा था।
उनके लंड की लंबाई कम से कम 8 इंच रही होगी।
इससे पहले मैंने मोबाइल में वीडियो में ही लंड देखे थे.
आज पहली बार किसी का लंड सामने देख रही थी।
उस लंड का सुपारा इतना बड़ा था कि उसे देखकर मेरे मन में आया कि ‘हे भगवान, इतना मोटा लंड मेरी छोटी सी चूत में कैसे जाएगा?’
मैं ये सब सोच हो रही थी कि इतने में अय्यर मेरे ऊपर आ गए और एक झटके में मेरी ब्रा पेंटी निकाल दी।
अब मैं भी पूरी तरह से नंगी हो चुकी थी और शर्म के मारे अपने हाथों से अपनी चूत को छुपा रही थी।
अब अय्यर मेरे दोनों दूध पर टूट पड़े और एक एक करते हुए मेरे दोनों दूध को चूसने लगे और बुरी तरह से मसलने लगे।
वे मेरे दूध को इतनी बुरी तरह से मसल रहे थे जिससे मुझे काफी तकलीफ हो रही थी और मैं बुरी तरह से ‘आआह आआह उउई उउई’ कर रही थी।
उनका गर्म गर्म लंड मेरी जांघों को सहला रहा था और उसमें से गाढ़ा पानी मेरी जांघ पर लग रहा था।
काफी देर तक अय्यर ने मेरे वक्ष को मसला जिससे मेरे गोरे गोरे दूध बिल्कुल लाल पड़ गए थे।
उसके बाद अय्यर नीचे की तरफ जाने लगे और मेरी कमर नाभि को चूमते हुए मेरी चूत तक जा पहुँचे।
उन्होंने मेरे दोनों पैरों को पकड़ा और एक झटके में मेरे पैरों को फैला दिया।
मेरी गुलाबी रंग की छोटी सी चूत फैलकर उनके सामने आ गई।
मेरी चूत को देखते ही वो बोले- वाह मेरी जान … बिल्कुल सीलपैक पुद्दी … आज दिल के सारे अरमान पूरे कर लूंगा। बड़े दिन बाद किसी की सील तोड़ने का मौका मिल रहा है।
इतना कहते हुए उन्होंने अपना चेहरा मेरी चूत में झुका दिया और मेरी चूत की महक को नाक में लेते हुए बोले- कुँवारी चूत की महक ही अलग होती है. मजा आ गया यार आज तो!
उन्होंने अपनी जीभ बाहर निकाली और चूत के ऊपर चलाने लगे।
फिर उन्होंने अपनी उंगलियों से चूत को फैलाया और अंदर तक चूत को चाटने लगे।
उनके इस तरह से चाटने से मैं मदहोश होने लगी और मुझे भी मजा आने लगा।
मेरा पूरा बदन अकड़ने लगा और मुँह से आआह आआह ऊऊऊह ऊऊऊह की आवाज निकलने लगी।
मैंने पलंग की चादर को हाथों से जोर से जकड़ लिया और मेरी कमर अपने आप ही हवा में उठने लगी।
अब मेरे चूतड़ हवा में उठ गए थे जिन्हें अय्यर ने दोनों हाथों से थाम लिया।
अय्यर बड़े प्यार से चूत को मलाई की तरह चाट रहे थे और मैं बस ‘सीईई ईई सीई ईईई’ की आवाजें निकाल रही थी।
ऐसा लग रहा था जैसे आज अय्यर अपना पूरा मुंह ही मेरी चूत में डाल देंगे।
अय्यर काफी देर तक मेरी चूत को चाटते रहे और फिर वो अपनी टांगें फैलाकर मेरे दूध के ऊपर आकर बैठ गए।
अब उनका लंड बिल्कुल मेरे मुंह के सामने था।
उनका बड़ा सा सुपारा जिसमे से गाढ़ा गाढ़ा पानी टपक रहा था बिल्कुल मेरे लबों के पास था।
उनके लंड से बड़ी अजीब सी मदहोश कर देने वाली गंध आ रही थी।
अब अय्यर ने लंड को हाथ से पकड़कर मेरे होंठों पर चलाना शुरू कर दिया।
लंड का सुपारा मेरे होठों के बीच में चल रहा था और उसमें से निकल रहा पानी मेरे होंठों को गीला कर रहा था।
कुछ देर तक ऐसे ही लंड को होंठों पर चलाने के बाद अय्यर ने लंड को मेरे मुंह के अंदर डाल दिया।
मुझे काफी गंदा लग रहा था लेकिन मैं कर भी क्या सकती थी।
अय्यर अपनी कमर को हिलाते हुए अपने लंड को मुँह में अंदर बाहर करने लगे।
उनका लंड इतना बड़ा था कि मेरे गले के नीचे तक चला जा रहा था।
धीरे धीरे उन्होंने अपनी रफ्तार तेज कर दी और वो मेरे मुंह को ही चोदने लगे थे।
अय्यर ने दोनों हाथ से मेरे सर को पकड़ा और मेरे सर को आगे पीछे करने लगे।
करीब 10 मिनट तक उन्होंने ऐसे ही मेरे मुंह को चोदा औऱ फिर एक झटके के साथ रुक गए और लंड को मेरे मुंह के अंतिम छोर तक पेल दिए।
उनके लंड से गर्म गर्म उनका वीर्य मेरे मुंह में भरने लगा।
ना चाहते हुए भी मुझे उनका पूरा वीर्य गटकना पड़ गया क्योंकि मुँह में लंड होने के कारण मैं वीर्य को बाहर नहीं कर सक रही थी।
उसके बाद फिर अय्यर ने लंड को आगे पीछे करते हुए वीर्य की एक एक बूंद मुझे पिला दी।
इसके बाद वे मेरे ऊपर से उठे और बगल में लेट कर मुझसे बोले- जाओ बाथरूम में जाकर साफ कर लो।
मैं उठी और बेडरूम के लिए बाथरूम में चली गई।
बाथरूम जाकर मैंने अपने मुँह को अच्छे से साफ किया, अपने बिखरे हुए बालों को ठीक किया और वापस कमरे में आ गई।
आगे क्या हुआ, किस तरह से मेरी पहली चुदाई हुई और 3 दिन में मेरे साथ क्या क्या हुआ, ये सब जानने के लिए न्यू गर्ल पेड सेक्स स्टोरी का अगला भाग जरूर पढ़ें।
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न्यू गर्ल पेड सेक्स स्टोरी का अगला भाग: मुंबई जाकर मैं बन गई रंडी- 3
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