मेरा गुप्त जीवन-98

(Mera Gupt Jeewan-98 Lucy aur Reni Ki Chut Chudai)

यश देव 2015-11-09 Comments

This story is part of a series:

लूसी और रेनू की सील तुड़वाई की तैयारी

अगले दिन जस्सी और जेनी मुझको कॉलेज की कैंटीन में मिल गई, उनके साथ दो वेल ड्रेस्ड लड़कियाँ थी जिनकी आयु शायद 18-19 वर्ष लग रही थी।
जेनी ने अपनी रूममेट से मिलवाया जिसका नाम लूसी था और दिखने में काफी सुंदर और स्मार्ट थी।
फिर जस्सी ने अपनी सहेली से मिलवाया जिसका नाम रेनू था वो भी काफी सुंदर और स्मार्ट थी।
दोनों का शरीर काफी भरा हुआ था और खिलता हुआ रंग रूप था।

मैंने कहा- तुमने दोनों को समझा दिया है कि क्या करना होता है और उन दोनों का पक्का इरादा है यह काम करवाने का? आप दोनों अच्छी तरह से सोच समझ लें क्योंकि एक बार तीर निकल गया तो वापस आना सम्भव नहीं है।
दोनों ने शर्माते हुए हाँ में सर हिला दिया।
मैंने सबके लिए कोक मंगवाया और कोक पीते हुए मैंने नोट किया कि दोनों ही मुझको चोर आँखों से देख रही थी जैसे कि नई नवेली दुल्हन अक्सर अपने होने वाले पति को देखती है।

क्यूंकि लंच ब्रेक के बाद मेरा कोई पीरियड नहीं था और जेनी और जस्सी की भी कोई क्लास नहीं थी सो हमने तय किया कि हम सब घर के लिए चल पड़ते हैं, वहीं बैठ कर कम्मो के सामने सब बातें होंगी।
हम सब दो रिक्शा में चल पड़े और दस मिन्ट में मेरी कोठी पहुँच गए।

चौकीदार राम लाल ने हम सबका स्वागत किया और हम सब अंदर बैठक में जा कर बैठ गए।
जल्दी ही कम्मो भी आ गई, बड़े प्यार से सब लड़कियों से मिली खासतौर से नई लड़कियों से!

कम्मो के साथ मैं रसोई घर में गया और पारो से पूछा कि इन दो नए मेहमानों के लिए खाना पूरा हो जायेगा?
पारो ने मुड़ कर मेरी तरफ देखा और बड़े प्यार से कहा- छोटे मालिक आप चिंता ना किया कीजिये, मैंने काफी खाना बनाया हुआ है, आपकी पसंदीदा कलमी कवाब भी है और पनीर मसाला भी है, आप फ़िक्र न करें।
मैं भी चलते चलते उसके मोटे और उभरे हुए चूतड़ों पर हाथ फेरना नहीं भूला।

बैठक में कम्मो रानी अपने काम में जुटी हुई थी, वो उन लकड़ियों से सब कुछ जानने की चेष्टा कर रही थी।
फिर वो उन दोनों लड़कियों को लेकर मेरे कमरे में चली गई और मैं और जस्सी और जेनी वहीं बैठ कर उन दोनों की वापसी का इंतज़ार करने लगे।

सबसे पहले जस्सी उठ कर आई और मेरी गोद में बैठ गई और जेनी भी उसकी देखा देखी आई और अपने मम्मे मेरे बाज़ू से रगड़ने लगी और जस्सी मेरे लौड़े को पैंट के अंदर ही पकड़ने की कोशिश करने लगी।

मेरा भी एक हाथ जस्सी की गर्दन में था और उसके लबों को चूमने की कोशिश कर रहा था और दूसरे से मैं जेनी के मोटे और उभरे हुए चूतड़ों को मसल रहा था।
मेरा लौड़ा भी पैंट से आज़ादी मांग रहा था लेकिन मजबूरी थी अभी समय नही आया था कि लंड लाल को आज़ाद किया जाए।

इन दोनों जवान और खूबसूरत छोकरियों को मैं अब काफी चाहने लगा था, उसका कारण था उन दोनों के शरीर की सुंदर बनावट जिस में आकर्षण था उनके सख्त और मोटे मुम्मे और और गोल उभरे हुए नितम्ब।

इतने में कम्मो दोनों नई लड़कियों को लेकर बैठक में आ गई और कहने लगी- दोनों ही अभी कुंवारी हैं और दोनों की सील ज़्यादा सख्त नहीं है। मैंने इनको पूरी बात समझा दी और बता दिया कि पहले छोटे मालिक उनके सामने जेनी और जस्सी के साथ करके दिखायेंगे उसके बाद वो फैसल लें कि यह काम उनको करवाना है या नहीं।
चारों लड़कियों ने हाँ में सर हिला दिया।

कम्मो बोली- छोटे मालिक पहले जेनी के साथ बिस्तर पर लेट कर पूरा शो इनको दिखायेंगे और फिर जस्सी के साथ घोड़ी बन कर प्रदर्शन करेंगे। तो फिर चलें बैडरूम में?

आगे चलते हुए कम्मो ने मुझको धीरे से कहा- लूसी तो ठीक है लेकिन वो रेनू काफी दर्द को बर्दाश्त नहीं कर पाएगी शायद… तो पहले आप लूसी की सील तोड़ना और फिर बाद में रेनू की। ठीक है न?
मैंने मज़ाक के मूड में कहा- जैसे मालकिन कहेगी वैसे ही तो करना पड़ेगा ना!

कमरे में आकर कम्मो ने कहा कि सब मिल कर एक दूसरे के कपड़े उतार दें।
चारो लड़कियाँ एक दूसरे के कपड़े उतारने लगी, जैसे जेनी रेनू के कपड़े उतार रही थी और जस्सी लूसी के कपड़े उतार रही थी और फिर दोनों नई लड़कियों ने जस्सी और जेनी के कपड़े उतारने लगी।

अब सब लड़कियाँ निर्वस्त्र हो चुकी थी, केवल मैं और कम्मो ही कपड़ों में थे तो जस्सी ने पूछा- आप दोनों का क्या इरादा है?
मैं बोला- पहले हेडमिस्ट्रेस के कपड़े उतारो, फिर मेरी बारी आखिर में!

जब सब लड़कियाँ कपड़े उतारने रही थी तो मैं उनके निर्वस्त्र होने का नज़ारा देख रहा था और उनकी ख़ूबसूरती में इतना मगन हो गया कि मैं यह भूल गया कि मुझको भी अपने कपड़े उतारने हैं।
वो तो मेरा ध्यान उस समय भंग हुआ जब जेनी आकर मेरे कपड़े उतारने लगी। लेकिन वो काम शुरू करती, उससे पहले ही मैंने उसको एक गर्म चुम्मी उसके लबों पर की और साथ ही कस कर एक जफ्फी भी मारी और उसके मोटे मम्मों को अपनी छाती में क्रश कर दिया।
अब जेनी धीरे धीरे मुझको निर्वस्त्र कर रही थी जैसे ही उसने मेरी शर्ट उतारी तो वो बहुत ही आर्टिस्ट ढंग से सबके सामने झुकी जैसे सर्कस का रिंग मास्टर जब शेर से कोई करतब करवाता है तो दर्शकों की तालियों में झुक कर उनकी प्रशंसा को कबूल करता है।
वैसे ही जेनी झुकी और सब लड़कियों ने ज़ोर से तालियाँ बजाई।
और फिर उसने मेरी पैंट पर हाथ डाला और बेल्ट खोली, उसको अलग करके बटनों को खोला और मेरी पैंट को नीचे किया और जब सब के सामने मेरे टेंट नुमा अंडरवियर का नज़ारा पेश किया तो सबने ज़ोर की तालियाँ बजाई और एक बार फिर जेनी ने तालियों का अभिवादन झुक कर किया।

मैं और कम्मो इस नए ढंग के चीरहरण का नज़ारा बड़े ही आनन्द से देख रहे थे।

जब उसने मेरे अंडरवियर पर हाथ डाला तो सब लड़कियों की नज़र मेरे अंडरवियर में बने हुए टेंट पर टिक गई थी।
जेनी जो बैठ कर मेरा अंडरवियर उतार रही थी यह भूल गई थी कि मेरा लौड़ा कभी कभी बड़ी ज़ोर की किक मारता है, जैसे ही उसने मेरा अंडरवियर नीचे किया, जंगली घोड़ा बाहर निकल कर ज़ोर से जेनी के मुंह पर लगा और जेनी एकदम घबरा कर पीछे की तरफ गिर गई और अगर मैं उसको समय पर न पकड़ लेता तो उसका सर फर्श पर लगता।

यह देख कर सब लड़कियाँ ज़ोर से हंस पड़ी लेकिन मेरे सीरियस मूड को देख कर वो जल्दी ही चुप हो गई।
मैंने जेनी का हाथ पकड़ा और उसको उठाया और पूछा- जानम कहीं लगी तो नहीं?

जेनी बोली- थैंक्स सोमू, तुमने वक्त पर पकड़ लिया, नहीं तो मुझको ज़रूर चोट लगती।
मैं बोला- जेनी डार्लिंग, तुम ज़रा भी मत घबराओ, मैं हूँ न।
और यह कह कर मैंने उसके लबों पर एक चुम्मी दे दी और कस के अपने आलिंगन में ले लिया। मेरा लौड़ा तब जेनी की चूत के ऊपर मंडरा रहा था और फ़ौरन उसकी चूत के अंदर जाने के लिए बेकरार हो रहा था।

फिर मैं जेनी को लेकर अपने बेड पर पहुँचा और मैंने उसको अपनी बाँहों में उठा कर बेड पर लिटा दिया और अपने मुंह को उसकी काले बालों से ढकी चूत में डाल दिया।

उधर जस्सी लूसी के पीछे खड़ी हो गई और कम्मो ने रेनू को अपनी बाँहों में भर लिया और दोनों उन को चूमने चाटने में लग गई।

अब मैं भी जेनी के मुम्मों को चूस रहा था और साथ ही एक उंगली से उसकी चूत में उसकी भग को मसल रहा था। जब मैंने उसकी चूत में ऊँगली से फील किया तो वो बहुत गीली हो चुकी थी, मैंने कम्मो की तरफ देखा तो उसने इशारा किया कि चुदाई शुरू कर दी जाए।

मैंने जेनी के लबों पर एक गीली और गरम चुम्मी की और फिर अपना लंड जेनी की चूत पर रख दिया और उसको धीरे धीरे जेनी की चूत में डालना शुरू किया और एक बार पूरा अंदर डाल कर फिर धीरे से निकाला और यही क्रम दोहराया 5 -6 बार और फिर आहिस्ता से चुदाई की स्पीड तेज़ करने लगा।

जेनी की टांगें अब मेरी कमर को घेर कर मुझको और उकसा रही थी, मैंने धक्कों की स्पीड बहुत तेज़ कर दी और जेनी की कमर भी उठ उठ कर मेरे लंड का जवाब दे रही थी।
अब मैं जेनी की चूत की सुकड़न महसूस करने लगा और अपनी धक्कों की स्पीड अपनी चरम सीमा पर पहुँचा दी और तभी जेनी की चूत से एक ज़ोरदार फव्वारा छूटा और मेरी टांगों को भिगोता हुआ चादर पर गिर गया और उसकी टांगों ने मुझको अपनी गिरफ्त में कस लिया।

थोड़ी देर में वो ढीली पड़ गई और मैंने उसकी टांगों में से उठने से पहले उसके लबों पर बहुत ही गर्म चुम्मा जड़ दिया।
अब मैं जेनी के ऊपर से उठ गया और मेरे गीले लौड़े को नई लड़कियाँ बड़े ध्यान से देख रही थी।

जेनी की जगह अब जस्सी ने ले ली थी, वो घोड़ी बन कर बेड पर बैठी थी, मैं बेड पर चढ़ने की सोच ही रहा था कि लूसी जल्दी से आई और बैठ कर मेरे लंड को अपने मुंह में डाल लिया और गटागट उसको चूसने लगी।
कम्मो उसकी तरफ बढ़ ही रही थी कि मैंने हाथ के इशारे से उसको मना कर दिया और लूसी को अपने गीले लंड को चूसने दिया।
थोड़ी देर में वो अपनी गलती समझ गई और मेरे पास से उठ कर रेनू के साथ खड़ी हो गई।

मैं बेड पर चढ़ कर जस्सी की चूत का निशाना बनाने लगा और फिर मैंने अपना लहलहाता लंड जस्सी की चूत में डाल दिया, एक हाथ से उसके हसीन मम्मे को मसलने लगा।

जस्सी की चूत भी बहुत ज़्यादा गीली हो चुकी थी, जैसे ही लंड उस में गया, उसके मुंह से एक जोर की हाय निकल गई और लंड को पूरा अंदर तक घुसेड़ने के बाद मैंने आराम से उसको चोदना शुरू किया।
कभी धीरे कभी तेज़ वाला क्रम जारी रखते हुए मैंने लूसी और रेनू को देखा तो दोनों के हाथ अपनी अपनी बालधारी चूतों में घुसे हुए थे और वो धीरे से मेरे धक्कों को मैच करते हुए अपनी उंगली चला रही थी।

मैंने कम्मो की तरफ देखा और आँखों से इशारा किया कि वो उन दोनों को रोके वर्ना उनको छुटाने में मुश्किल आएगी।
कम्मो ने दोनों के हाथ उनकी चूतों से अलग किये और उनको जस्सी की घोड़ी बनी चुदाई को देखने के लिए प्रेरित किया।

कहानी जारी रहेगी।
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