मस्त लड़की की सील तोड़ी

हैलो फ्रेंड्स, मैं अन्तर्वासना का बहुत ही बड़ा फैन हूँ और मैं हर रोज इसकी कहानियाँ पढ़ता हूँ और मुठ मारता हूँ.
जब मैंने इस की कहानियाँ पढ़ीं तो मैंने भी सोचा क्यों न मैं भी अपनी कहानी शेयर करूँ, यह मेरी पहली कहानी है !

मैं अपने बारे में बताता हूँ. मैं 5 फीट 9 इंच और औसत शरीर का लड़का हूँ. मेरा नाम आर्यन है और मैं बी.ए. का स्टूडेंट हूँ. यह घटना पिछले वर्ष की है जब मैं 20 साल का था और मैं पढ़ाई के लिए अपनी दीदी के घर में रहता था.

मैं बता दूँ कि मेरी दीदी की शादी हरियाणा में हुई है, उसके घर में 5 लोग रहते हैं. दीदी की एक ननद है, जिसका नाम प्रिया है. वो दिखने में बहुत ही मस्त है वो एकदम गोरी और स्मार्ट है और वो तब 12वीं की छात्रा थी. मैं अपनी स्टडी के लिए अपनी दीदी के घर पर ही रहता था. मेरी हमेशा से ही चुदाई में बहुत अधिक ही रूचि थी और हमेशा ही सेक्स की कहानियों की किताब पढ़ता था और मुठ मारता रहता था.

जब से मैंने दीदी की ननद को देखा तो मैं उसे चोदने की सोचता पर बहुत डरता था क्योंकि प्रिया केवल 18 साल की थी, पर दिखने मैं वो किसी मॉडल से कम नहीं लगती थी.

एक दिन की बात है प्रिया अपने कमरे में थी, मैंने उससे आवाज़ लगाई तो उसने कोई जबाव नहीं दिया. मैं उसके कमरे में चला गया तो देखा कमरा अन्दर से बंद था. मैंने की-होल से झाँका तो देखा कि वो एकदम न्यूड यानि पूरी नंगी थी. शायद वो अपने कपड़े बदल रही थी. मैं उसे नंगा देख कर पागल हो गया, क्योंकि मैंने जिन्दगी में पहली बार किसी लड़की को बिना कपड़ों के देखा था.

क्या मम्मे थे उसके ! एकदम दूध की तरह गोरे और बहुत ही बड़े-बड़े और उसकी चूत एकदम साफ दिख रही थी. मैं तो देख कर एकदम पागल ही हो गया. मैं जल्दी से बाथरूम भागा और मुठ्ठी मारने लगा. उसके बाद तो मेरी उसे चोदने की ललक और बढ़ गई.
मैं हमेशा ही उससे मज़ाक करता रहता था, पर उसके शरीर को कभी छुआ नहीं था.

एक दिन की बात है मैं उसके कमरे में गया, वो अपनी स्टडी कर रही थी.
मैंने बोला- क्या तुम मेरा सर दबा सकती हो? बहुत दर्द कर रहा है.
तो उसने पहले सोचा फिर कहा- ओके..
फिर मैं बेड पर लेट गया और वो मेरा सर दबाने लगी.

कुछ देर के बाद मैंने उसको बोला- मैं तुमसे एक बात कहना चाहता हूँ.
तो उसने कहा- ठीक है बताईए..
‘तुम गुस्सा तो नहीं होगी?’
उसने कहा- नहीं..
मैंने उसका हाथ पकड़ कर बोला- मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ.
तो वो चुप हो गई, मैंने पूछा- क्या हुआ?
तो उसने बोला- प्यार तो मैं भी आपसे करती हूँ, पर मुझे बहुत डर लगता है कि अगर घर में किसी को पता चला तो बहुत मार पड़ेगी.
मैंने कहा- हम किसी को नहीं बताएँगे और ऐसा कोई काम नहीं करेंगे जिससे किसी को पता चलेगा.
तो उसने कहा- यह ठीक है.

उसके बाद यूँ ही प्यार का सिलसिला चलता रहा, पर इससे ज़्यादा कुछ नहीं हुआ. उसी दरमियान हमारे इम्तिहान नज़दीक आ गए, तो हम दोनों ने फ़ैसला किया कि क्यों ना साथ में ही स्टडी की जाए.

इसके लिए मैंने अपनी दीदी को बताया- हम लोग देर रात एक साथ एक कमरे में स्टडी करेंगे.
तो दीदी ने कहा- ठीक है, पर सोने के समय अपने-अपने कमरे में चले जाओगे.
मैंने कहा- ठीक है.

अगली रात से हम लोग साथ में स्टडी करने लगे और घर में बाकी लोगों के सोने का इंतजार करने लगे. जैसे ही सभी लोग सो गए हमने पढ़ाई बन्द की और बात करने लगे. वो बहुत खुश थी. मैंने बात करते करते उसे किस कर लिया. उसने मुँह घुमा लिया और मना करने लगी.

तो मैंने कहा- क्या मैं तुम्हें किस नहीं कर सकता?
उसने कहा- यह ज़रूरी है क्या?
मैंने कहा- हाँ.. मुझे कैसे विश्वास होगा कि तुम भी मुझसे प्यार करती हो?
तो उसने कहा- ठीक है.

इसी तरह रोज का सिलसिला चलता रहा, पर इससे ज्यादा कुछ करने की हिम्मत ना हुई. एक रात वो स्टडी करते-करते सो गई और मैं जागा हुआ था. मैं भी धीरे से उसके बगल में लेट गया. कुछ देर के बाद मैंने उसके गालों को सहलाना शुरू कर दिया. वो थोड़ा सा हिली और फिर सो गई. फिर मैंने उसको किस किया और बांहों में भर लिया. फिर धीरे से मैंने एक हाथ उसके मम्मे पर रख दिए और धीरे-धीरे दबाने लगा. वो नींद में थी, फिर मैंने थोड़ा और कस के दबाया, तो वो जाग गई और उठ कर बैठ गई और बोली- आप यह क्या कर रहे थे?
तो मैंने कहा- प्यार कर रहा हूँ.

वो गुस्सा हो गई और बोली- यह ग़लत बात है, मैं आपसे बात नहीं करूँगी.
मैंने कहा- प्लीज़ गुस्सा मत हो.. मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ.
तो उसने कहा- प्यार में ये सब तो ठीक नहीं है.
मैंने कहा- आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो, सो प्लीज़ !

उसने मना कर दिया. मैंने उससे ‘सॉरी’ बोला और जाकर अपने कमरे में सो गया. उसके बाद मैंने उससे बात करना बंद कर दिया.
उसने भी दो दिन तक बात नहीं कि उसके बाद वो एक दिन मेरे रूम में आई और बोली- आप मुझसे गुस्सा हो क्या?
मैंने कुछ नहीं बोला, तो वो मेरे पास आई और मेरे माथे पर चूम लिया, तो मैंने अपना मुँह घुमा लिया.

वो बोली- क्या बात है?
मैं कुछ नहीं बोला.
फिर उसने कहा- मैं भी आपसे बहुत प्यार करती हूँ, पर ये सब मुझे अच्छा नहीं लगता.
तो मैंने बोला- क्या तुम मुझे एक बार चुम्बन करने नहीं दे सकती.
तो वो चुप हो गई, फिर कुछ देर के बाद बोली- ठीक है लेकिन आप मुझे सिर्फ़ छुओगे और कुछ नहीं करोगे.
मैंने कहा- ठीक है.
और मैं खुश हो गया और उसे चुम्मी करने लगा.

फिर वो मेरे से दूर हो गई और बोली- अभी नहीं रात में, जब सब सो जाएँगे तब !
मैंने कहा- ठीक है.

और रात होने का इंतज़ार करने लगा, जब रात में वो मेरे रूम में स्टडी करने आई और कुछ देर बाद जब घर में सब लोग सो गए तो मैंने अपनी स्टडी स्टॉप की और उसे चूमना शुरू कर दिया. मैं पागलों की तरह उससे चुम्बन करने लगा और उसके होंठों को चूसने लगा और धीरे से मैंने अपना एक हाथ उसके मम्मे पे रख दिया और उसे मसकने लगा. मेरा लण्ड तो एकदम से खड़ा हो गया. मैं बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गया और ज़ोर-ज़ोर से उसके मम्मों को मसलने लगा.
तो वो चिल्लाई- दर्द हो रहा है !

मैंने कुछ नहीं सुना और ज़ोर-ज़ोर से उसके स्तनों को मसलता रहा और उसे चूमता रहा. फिर वो भी धीरे-धीरे उत्तेजित हो गई और मेरा साथ देने लगी. मैंने उसकी टी-शर्ट को उतार दिया. उसके बाद तो मैं पागल हो गया.
क्या मस्त मम्मे थे.. उसके !

वो गुलाबी रंग की ब्रा पहनी हुए थी. मैं ऊपर से ही उससे कस कर दबाने लगा और चूसने लगा. मैंने उसकी ब्रा को कस कर खींचा और ब्रा का हुक तोड़ दिया. उसके दोनों कबूतर उछल कर बाहर की हवा में उड़ने लगे. मैं तो बाबला सा ही हो गया. उसके गोरे-गोरे मम्मे और पिंक चूचुक.. ओह मैं तो पागलों की तरह उसके मम्मों पर टूट पड़ा और चूसने लगा. वो भी पूरी तरह गरम हो चुकी थी और ‘आहें’ भर रही थी.

मैंने करीब 10 मिनट तक उसके मम्मे को चूसा, फिर एक हाथ उसकी चूत पर रख दिया और धीरे-धीरे सहलाने लगा. वो भी पागलों की तरह ‘आहें’ भर रही थी और पूरी तरह गर्म और वासना युक्त हो चुकी थी. फिर मैंने उसके स्कर्ट के बटनों को खोल कर अलग कर दिया. मैंने देखा कि वो काले रंग की पेंटी पहने हुई थी. जैसे ही मैंने उसकी चूत पर हाथ रखा, तो मुझे गीलापन महसूस हुआ. उसकी पेंटी पूरी तरह भीग चुकी थी और वो पागलों की तरह उत्तेजनावश हरकतें कर रही थी. फिर मैंने एक ही झटके में उसकी पेंटी को अलग कर दिया.

क्या चूत थी.. उसकी.. पूरी क्लीन शेव ! फूली हुई.. एकदम लाल-गुलाबी !
मैं तो पागल ही हो गया और उसके चूत को मसलने लगा. वो लगातार ‘आहें’ भर रही थी. फिर मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया.
तो उसने कहा- ये आप क्या कर रहे हो?
मैं कहा- मस्ती कर रहा हूँ, तुम्हें भी मजा आएगा.

फिर मैंने 5 मिनट तक उसकी चूत को चाटा.. बाप क्या मस्त गदीली चूत थी उसकी!
फिर मैं खड़ा हो गया और अपने कपड़े भी उतार दिए.
वो मेरा लण्ड देख कर डर गई और बोली- इतना बड़ा!
मैंने उससे कहा- इसे अपने हाथ में लो.
पर उसने मना कर दिया, फिर मैंने उसकी चूत में उंगली डाली तो वो एकदम टाइट थी, जैसे ही मेरी उंगली अन्दर घुसी वो उछल पड़ी और बोली- दर्द हो रहा है.
मैंने बोला- चुप रहो कुछ नहीं होगा.

फिर मैंने अपना लण्ड उसकी चूत पर लगाया और दबाब डाला तो लौड़ा उसमें घुस ही नहीं रहा था. फिर मैंने थोड़ा सी क्रीम अपने लण्ड पे लगाई और फिर उसकी चूत पर भी लगाई. फिर मैंने अपने लण्ड को चूत पर रख के हल्का सा धक्का दिया.
तो वो चिल्ला उठी और रोने लगी- बहुत दर्द हो रहा है प्लीज़ मुझे छोड़ दो.
मैंने बोला- कुछ नहीं होगा जानेमन, अभी तुम्हें भी बहुत मजा आएगा.

और फिर मैं उसे किस करने लगा और कुछ देर के बाद एक जोरदार धक्का लगाया और मेरा लण्ड आधा उसकी चूत में चला गया और उसकी चूत से खून निकलने लगा.
वो चिल्ला रही थी- ‘प्लीज़ छोड़ दो. ! मैं मर जाऊँगी.

मैंने उसके मुँह पर अपने मुँह को लगाया और ज़ोर-ज़ोर से किस करने लगा ताकि उसके मुँह से आवाज़ नहीं निकले. फिर कस कर एक धक्का दिया और मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत में समा गया. वो दर्द से छटपटा रही थी. मैं कुछ देर के लिए उसी तरह शान्त रहा और उसे चूमता रहा.

कुछ देर बाद जब वो शांत हुई, तो मैंने धीरे-धीरे शॉट लगाने शुरू कर दिए और उसके मम्मे को सहलाता रहा. उसे अब भी दर्द हो रहा था, पर उससे अब मजा व आ रहा था. कुछ देर के बाद वो भी मेरा साथ देने लगी. मैंने फिर अपनी रफ़्तार बढ़ा दी और वो भी अपने चूतड़ों को हिलाने लगी और मादक सीत्कार करने लगी.
फिर मैंने पूछा- मजा आ रहा है?
तो उसने कहा- हाँ.
करीब 10 मिनट की चुदाई के बाद उसने मुझे कस कर पकड़ लिया और बोली- और ज़ोर से करो नो !
मैंने फिर अपनी रफ़्तार और बढ़ा दी और करीब 5 मिनट के बाद झड़ने वाला था.
मैंने कहा- मैं झड़ने वाला हूँ.
तो उसने बोला- मैं भी अब होने ही वाली हूँ.

और कुछ देर के बाद शांत हो गई, वो झड़ चुकी थी. मैं भी झड़ने वाला था, तो मैंने अपना लण्ड बाहर निकाला और उसके पेट पर सारा माल गिरा दिया, वो बहुत खुश दिख रही थी.
तो मैंने पूछा- कैसा लग रहा है?
उसने बोला- बहुत मजा आया.
पर जैसे ही वो बेड से उठी और बेड पर ढेर सारा खून देख कर डर गई.
‘हय, अब क्या होगा. !’

वो ठीक से खड़ी भी नहीं हो पा रही थी.
मैंने कहा- मैं तुम्हें तुम्हारे रूम तक छोड़ देता हूँ और तुम सुबह देर तक सोती रहना. अगर तुम्हारा दर्द ठीक नहीं हुआ, तो और कोई पूछे तो बता देना कि तबीयत खराब है. फिर मैं तुम्हें कल दर्द की दवा ला कर दे दूँगा, तुम ठीक हो जाओगी.
फिर मैंने उससे सहारा देकर उसे उसके कमरे में ले गया. वो ठीक से चल नहीं पा रही थी और उसे बेड पर लिटा दिया और उसके माथे पर किस किया और उससे ‘गुड-नाईट’ बोलकर अपने कमरे में आकर सो गया.

दोस्तो, कैसे लगी मेरी सच्ची कहानी ! प्लीज़ रिप्लाई ज़रूर करना.
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